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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, September 25, 2010

अमेरिका से सावधान पुनश्च दस

हिमालय की तबाही की बुनियाद पर अमेरिकी भारत, यूंही मारे जाएंगे मूलनिवासी बहुजन

पलाश विश्वास
हमारा कॉलम : आखिर गिरदा रोज-रोज तो पैदा नहीं होते।

हमारा कॉलम : आखिर गिरदा रोज-रोज तो पैदा नहीं होते।

इस बार से 'नैनीताल समाचार' की प्रिंटलाईन में गिरीश तिवाड़ी 'गिरदा' का नाम नहीं छपेगा। 33 साल का रिश्ता एक झटके से खत्म हो गया। कितना बड़ा शून्य आ गया समाचार में ? हम न सिर्फ हतप्रभ और किंकर्तव्यविमूढ़ हैं, बल्कि पूरी तरह असहायता में डूबे हुए हैं। हाल के सालों में हालाँकि समाचार की [...]

बादल फटने से नहीं दफन हुए 18 बच्चे

उत्तराखण्ड के बागेश्वर जनपद के कपकोट तहसील में सरयू व रेवती नदियों के घाटियों में 18 अगस्त को मची तबाही में सुमगढ़ स्थित सरस्वती शिशु मन्दिर के 18 बच्चे जिन्दा दफन हो गये। देश भर में मीडिया ने यह प्रचारित किया कि बादल फटने से यह हादसा हुआ। यह बात बिल्कुल झूठ है। अब मारे [...]



Centre announces 8-point initiative for Kashmir as Advani urges Supreme Court to allow Ayodhya judgment!

Celebrations cut short, extra 1% EPF interest to be taxed!

Indian Holocaust My Father`s Life and Time - Four Hundred  Ninety Two

Palash Biswas

http://indianholocaustmyfatherslifeandtime.blogspot.com/

कश्मीर समस्या हल करने की दिशा में आज केन्द्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कश्मीर पैकेज की घोषणा की1सीसीएस की बैठक के बाद चिदम्बरम ने कहा, "जम्मू एवं कश्मीर गए प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।भारत सरकार ने कहा है कि वह कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा करेगी. शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वार्ताकारों का एक दल बनाया जाएगा. यह दल कश्मीर मुद्दे पर विभिन्न पक्षों से बातचीत करेगा ताकि वहां शांति स्थापित की जा सके.
                               
रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर सीसीएस की बैठक में चर्चा हुई और आठ प्रस्तावों पर सहमति बनी।"

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि भारत सरकार किसी प्रख्यात हस्ती की अध्यक्षता में वार्ताकारों के एक समूह को नियुक्त करेगी जो राजनीतिक पार्टियों, समूहों, विधार्थियों, नागरिक समाज के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करेगी।

चिदंबरम ने कहा कि 11 जून 2010 के बाद राज्य में हिंसा और अशांति के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपये की अनुदान राशि देने का प्रस्ताव है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र की आ॓र से यह सुझाव भी दिया जाएगा कि पथराव की घटना में गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए और राज्य सरकार से यह भी कहा जाएगा कि वह सुरक्षा बलों की फिर से तैनाती पर विचार करने के लिए एकीकृत कमान की बैठक तुरंत बुलाए।

साथ ही श्रीनगर में बंकरों की संख्या कम की जाएगी। इसके अलावा विकास के मुद्दों पर विचार के लिए दो टास्क फोर्स बनाये जायेंगे जो राज्य की जनता की जरूरतों की समीक्षा करेगी।


सत्ता का खेल देखिये।इस बीच, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखण्ड में बाढ़ की चपेट में आए लाखों लोगों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ)राहत सामग्री भेज रहा है। यूनिसेफ द्वारा भेजी जा रही राहत सामग्री में तिरपाल, चादरें, जल शुद्धिकरण के लिए गोलियां, मच्छरदानियां एवं अन्य वस्तुएं शामिल हैं। यूनिसेफ की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

कश्मीर, माओवादी हिंसा, अयोध्या विवाद और कामनकोरप्शन गेस्स की आड़ में आर्थिक सुधारो के बहाने जनसंहार की संस्कृति फल फूल रही है।

कश्मीर घाटी में श्रीनगर सहित अन्य शहरों में शनिवार दोपहर बाद चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में ढील दी गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "श्रीनगर शहर के ऊपरी हिस्सों में दोपहर 12 बजे के बाद कर्फ्यू में ढील दी गई। कानून और व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण रहने पर कर्फ्यू में ढील जारी रहेगी।" अधिकारी ने बताया कि पुराने शहर के क्षेत्रों में भी चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में ढील दी जाएगी।विगत कुछ दिनों में दूसरी बार अधिकारियों ने श्रीनगर के कुछ हिस्सों गंदेरबल और पुलवामा जिलों में कर्फ्यू में ढील देने की बुधवार को घोषणा की। वहीं, एक घायल युवक के यहाँ अस्पताल में दम तोड़ देने के बाद मौजूदा आंदोलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 104 हो गई। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर शहर के दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में अपराह्न तीन बजे के बाद से कर्फ्यू में अनिश्चितकालीन ढील होगी।कश्मीर घाटी में पिछले तीन महीने से हिंसा जारी है। यहां पिछले 104 दिनों की हिंसा में 103 लोगों की मौतें हो चुकी है। हालांकि बुधवार को भी हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जारी रहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक सज्जाद अहमद पंडित नाम के एक व्यक्ति की बुधवार सुबह मौत हो गई। वह बड़गाम जिले के शेखपोरा इलाके में 13 सितम्बर को सुरक्षा बलों के साथ झड़प में घायल हो गया था।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कहा कि वह यह नहीं समझ सके कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि मालिकाना हक पर फैसला क्यों टाल दिया जबकि पूरा देश दशकों से इस विवाद पर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा था। आडवाणी ने उच्चतम न्यायालय से यह भी अपील की कि 28 सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई के दौरान वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय को आगे बढ़ने दे ताकि उच्च न्यायालय फैसला सुना सके।

झारखण्ड के पश्चिम सिंहभूम जिले में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए। झारखण्ड पुलिस के प्रवक्ता आर.के. मलिक ने आईएएनएस को बताया, "सरंदा जंगल में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि तीन घायल हो गए। नक्सलियों ने जंगल में विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए कई धमाके किए।

हम शुरू से मानते रहे हैं कि तमाम विवाद हिमालय और मध्य, पूर्व एवम दक्षिण भारत को मुख्यधारा से काटकर आर्थिक विनाश के जरिये मूलनिवासियों के कत्लेआम का आयोजन है।

प्रकृति से बलात्कार और प्रकृति से जुड़े जनसमुदायों का सफाया पूंजीवादी साम्राज्यवादी अमरिकी भारत का पारमानविक फ्रीसेनसेक्स विकास है।

शेयर बाजारों में उछाला और पहाड़ों मैदानों में आपदाओं का कहर। आपदाओं के साथ साथ बढ़ती जाती विदेशी पूंज, घने होते विवाद। पिछले चार सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में भारी खरीदारी की है इसके चलते देश का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 11 प्रतिशत बढ़ा है। शुक्रवार को एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 29.73 करोड़ डॉलर की खरीदारी की जबकि इस साल एफआईआई ने अब तक 17.3 अरब डॉलर की खरीदारी की है। विदेशी निवेशकों की खरीदारी के चलते इस साल बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक करीब 15 प्रतिशत बढ़ा है।पिछले दो दिनों से सुस्ती दर्शा रहे शेयर बाजार ने शुक्रवार को एक बार फिर पूरी चुस्ती दिखाई। विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार में लगाई जा रही पूंजी का प्रवाह काफी बढ़ जाने से ही उसे अपनी पुरानी गति को काफी हद तक पाने में मदद मिली। बॉम्बे शेयर बाजार के सेंसेक्स ने भी इसका भरपूर लाभ उठाया। इसकी बदौलत सेंसेक्स 184.17 अंकों की खासी बढ़त के साथ 20000 के जादुई स्तर को फिर से पार करते हुए 20045.18 अंक पर बंद हुआ।

उत्तर बंगाल में सात हाथियों के मारे जाने पर पर्यावरणप्रेमी न जाने क्यों इतने हताश और हतप्रभ हैं। मनुष्य भी हिमालय और अन्यत्र ऐसे ही मारे जा रहे है।

विशेष सैन्य कानून. आपरेशन ग्रीन हंट, अनंत कर्फ्यू और सैनिक दमन से जिनका वास्ता नहीं है, वे कारपोरेट युद्ध के बहाने जनसंहार को राष्ट्र प्रेम और धर्म के बहाने जायज ठहराते हैं।

चिपको आंदोलन अब अकादमिक जरूर हो गया है, पर उसकी प्रासंगिकता खत्म नहीं हुई है। बाढ़. भूस्खलन और भूकंप तो पहाड़ों की नियति बन गयी है अंधाधुंध संपन्नता के अतिक्रमण के साथ साथ।

बड़े बांधों ने कोई नदी अनबंधी नहीं छोड़ी।

पहाड़ में हजारों के तादाद में जल बम विस्फोट के लिए स्थगित हैं। जल स्तंभों से साक्षात्कार समय उपस्थित है।

न बचेंगे जीव और न मनुष्य, इंतजामात ऐसे हैं।

साठ करोड़ लोगों को अनोखी पहचान देकर मूलनिवासियों की पहचान और नागरिकता की हत्या की जा रही है।

जल जंगल जमान से बेदखली जारी है। उड़ीसा तट पर चांदीपुर परीक्षण रेंज में पृथ्वी-2 प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण नाकाम रहा, रक्षा वैज्ञानिक इस असफलता का कारण निर्माणगत खामी मान रहे हैं. वहीं रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के मुख्य नियंत्रक और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रह्लाद का कहना है कि कई सफल परीक्षणों के बाद पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है, इसलिए इसके डिजाइन और प्रणाली पर संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है.

प्रतिरोध और जन आंदोलन के सीधे आतंक के विरुद्ध युद्ध या माओवाद उग्रवाद से जोड़कर देखा जाता है।

सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा शनिवार को लिए गए निर्णयों का स्वागत करते हुए जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य के कुछ इलाकों से सशस्त्र सेना विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाए जाने पर निर्णय लेने के लिए अगले सप्ताह एकीकृत कमांड की बैठक होगी।

अब्दुल्ला ने संवाददाताओं को बताया, "राज्य सरकार कोई एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहती। सेना भी अकेले एएफएसपीए पर कोई फैसला नहीं ले सकती।"

अब्दुल्ला ने कहा, "मैं कोई गैरजिम्मेदार मुख्यमंत्री नहीं हूं, जो कि एकतरफा फैसला लूं।"

सीसीएस की बैठक के बाद नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने घोषणा की कि कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए वार्ताकारों का एक समूह गठित किया जाएगा और हाल की पथराव की घटनाओं में गिरफ्तार किए गए युवकों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।

राज्य के कुछ जिलों से सशस्त्र सेना विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) को हटाए जाने के संबंध में चिदम्बरम ने कहा कि एएफएसपीए पर सबसे पहले राज्य के एकीकृत कमांड से सुझाव लिए जाएंगे। कमांड में सेना, सुरक्षा बल और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा मुख्यमंत्री व राज्य के गृह मंत्री शामिल हैं।

अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी से सशस्त्र सेना और सुरक्षा कर्मियों की उपस्थिति घटानी है। उन्होंने कहा कि स्कूल कॉलेज सोमवार से खुल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वार्ताकारों के बारे में केंद्र सरकार ने कुछ प्रारंभिक विचारों का आदान-प्रदान किया है।
सीसीएस का यह निर्णय 39 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के आकलन पर आधारित है, जिसने हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर का दौरा किया था।

मीडिया हकीकत छुपाने में अव्वल। 'दबंग' के सुपर हिट गाने 'मुन्नी बदनाम हुई' का असर लोगों पर ऐसा चढ़ा की झंडु बाम बनाने वाली कंपनी इमामी ने फिल्म के निर्माता अरबाज खान प्रोडक्शन से कारोबारी नजदीकियां बढ़ा ली है। कहा जा रहा है कि इमामी ने अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा को लेकर एक टीवी विज्ञापन तैयर किया है जिसमे झंडु बाम का जिक्र होगा। बताया जा रहा है कि इमामी ने गीत 'मुन्नी बदनाम हुई' के एक हिस्से को काटकर अपने नाम का विज्ञापन बनाया है।

अरबपतियों का राज है।

खुला बाजार है।

बाजार सार्वभौम आदमी की क्या औकात है।

गिरदा को गुजरे अभी कुछ ही दिन हुए है, पर लोक और लोकजीवन के खात्मे का जो व्यापक इंतजाम है, उसके खिलाफ हम लामबंद न हुए तो गिरदा जैसे शख्सियत को याद करने का क्या फायदा!

कश्मीर में पथराव करने वालों को रिहा किया जाएगा : सीसीएस

सीसीएस का यह निर्णय 39 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के आकलन पर आधारित है, जिसने हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर का दौरा किया था।

राज्य के कुछ जिलों से सशस्त्र सेना विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) को हटाए जाने की मांग पर हालांकि कोई घोषणा नहीं हुई है।

चिदम्बरम ने कहा कि एएफएसपीए पर सबसे पहले राज्य के यूनीफाइड कमांड से सुझाव लिए जाएंगे।

बहरहाल, सीसीएस द्वारा लिए गए कुछ अन्य निर्णय इस प्रकार हैं :

- राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती की समीक्षा की जाएगी।

- राज्य में बंकरों और अन्य सुरक्षा चौकियों की समीक्षा की जाएगी।

- हाल की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।

- राज्य में स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के नवीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

- राज्य में अधोसंरचना संबंधी परियोजनाओं के अध्ययन के लिए एक कार्य बल की नियुक्ति की जाएगी।

ज्ञात हो कि कश्मीर घाटी में 11 जून से शुरू हुए हिंसा के दुष्चक्र के बाद एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू एवं कश्मीर का दौरा किया। पिछले तीन महीनों के दौरान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने वाली भीड़ पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम 108 लोग मारे जा चुके हैं। मृतकों में अधिकांश युवक और किशोर शामिल हैं।

चिदम्बरम ने कहा कि सभी घोषणाएं कुछ दिनों में लागू कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन कदमों में जम्मू एवं कश्मीर की जनता के साथ-साथ अलगाववादियों की चिंताओं को भी शामिल किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।



एक हफ्ते के लिए टल गया अयोध्या पर फैसला
अयोध्या जमीन विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के लिए टाल दिया है, और इस मसले पर अगली सुनवाई अब 28 सितंबर को होगी। इस मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच जो फैसला सुनाने जा रही थी, वह अब इस सुनवाई के पूरा होने तक नहीं सुनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख तय की, जबकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने मामले पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।
दरअसल रमेशचंद्र त्रिपाठी ने अयोध्या मामले पर फ़ैसला टालने की अपील की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अर्जी के ठुकरा दिए जाने के बाद त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था।
दरअसल, लखनऊ बेंच द्वारा अयोध्या की जमीन पर मालिकाना हक के मामले में 24 सितंबर को फैसला सुनाया जाना तय था, लेकिन याचिकाकर्ता की दलील है कि एक बार फिर सभी पक्षों के बीच बातचीत के जरिये मसले का हल ढूंढने की कोशिश की जानी चाहिए। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि फैसले से देश में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से यह अपील भी की है कि फैसले को कम से कम कॉमनवेल्थ खेल खत्म होने तक टाल देना चाहिए।

आस्था के मामले अदालत में हल नहीं होते : ठाकरे

दशकों पुराने अयोध्या के मालिकाना हक विवाद की पृष्ठभूमि में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि आस्था और मान्यता के मामले किसी अदालत में नहीं निपटाए जा सकते।
पार्टी मुखपत्र 'सामना' में ठाकरे ने कहा कि अयोध्या मुद्दे में हिंदुओं की आस्था और मान्यता जुड़ी है। उन्होंने कहा, ''राजा राम अयोध्या में जन्में और यहां के राजा थे। क्या हम अपने ही देश में अपनी आस्था और मान्यता का दमन करेंगे। आस्था और मान्यता के मुद्दे किसी अदालत में हल नहीं होते।' उन्होंने अयोध्या फैसले पर शांति बनाए रखने की अपील का उपहास करते हुए कहा कि सरकार कश्मीर में ही हालात सामान्य नहीं कर पा रही।

अयोध्या पर फैसला टालने के निर्णय से आडवाणी आश्चर्यचकित

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कहा कि वह यह नहीं समझ सके कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि मालिकाना हक पर फैसला क्यों टाल दिया जबकि पूरा देश दशकों से इस विवाद पर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा था।
आडवाणी ने उच्चतम न्यायालय से यह भी अपील की कि 28 सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई के दौरान वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय को आगे बढ़ने दे ताकि उच्च न्यायालय फैसला सुना सके।
यहां के प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले को नहीं समझ सका।'' बीस वर्ष पहले आडवाणी ने आज ही के दिन अयोध्या के लिए रथ यात्रा निकाली थी।
आडवाणी ने कहा, ''मैं देश की न्यायिक प्रणाली का सम्मान करता हूं। लेकिन जब जनता अयोध्या पर अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है, जब मामले में शामिल पक्ष भी फैसला चाहते हैं, और जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी फैसला टालने की याचिका को खारिज कर दिया तो उच्चतम न्यायालय से यह फैसला आया है।'' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं से कहूंगा कि अदालतों का सम्मान करते हुए वे कुछ दिनों तक शांति बनाए रखें।''
भाजपा से निष्कासित नेता उमा भारती के साथ आए आडवाणी ने कहा, ''मैं उच्चतम न्यायालय से अपील करता हूं कि देश के लोग पिछले 50 वषरें से इस मामले में फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए मैं उच्चतम न्यायालय से अपील करता हूं कि वह 28 सितम्बर को मामले की सुनवाई करे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय को 29 सितम्बर को फैसला करने का समर्थन करे।'' 25 सितम्बर 1990 को सोमनाथ मंदिर से अयोध्या के लिए यात्रा निकालने के बाद वरिष्ठ नेता प्रति वर्ष मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।
यह पूछने पर कि क्या मंदिर मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस को फंसा रही है तो आडवाणी ने कहा, ''नहीं मैं नहीं :फंसा रहा हूं:। मैं चाहता हूं कि देश की सभी पार्टियां एवं समुदाय यह देखें कि लोगों की इच्छा है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि के पास मंदिर का निर्माण हो। अगर यह होता है तो हम चाहेंगे कि हर तबके के लोग इसके निर्माण में सहयोग करें।'' उन्होंने कहा, ''मैं चाहता हूं कि देश के लोग सोमनाथ और अयोध्या को एकता का प्रारूप बनाएं।''
उच्चतम न्यायालय ने वृहस्पतिवार को अयोध्या भूमि मालिकाना हक पर फैसला एक हफ्ते के लिए टाल दिया था और इस पर रोक लगाने की याचिका पर 28 सितम्बर को सुनवाई करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ''अपने राजनीतिक कॅरियर में मैंने एक चीज सीखी है और वह यह कि अगर आप लोगों को राजनीतिक या सामाजिक बदलाव के बारे में शिक्षित करना चाहते हैं तो यह धार्मिक भाषा में होना चाहिए। अगर लोगों को धार्मिक भाषा में राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक बदलाव की शिक्षा दी जाती है तो लोग इसे आसानी से ग्रहण कर लेंगे।'' राज्य के विकास के लिए गुजरात सरकार की प्रशंसा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी जहां भी सत्ता में रही वहां अच्छा प्रशासन देने का प्रयास किया। आडवाणी के साथ उनकी बेटी प्रतिभा और भाजपा के राज्य प्रभारी बलबीर पुंज भी थे। बाद में वह केशोड हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए।

जम्मू को नजर अंदाज करने पर भड़के छात्र

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के राज्य दौरे के बाद केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर को पैकेज दिए जाने व जम्मू को नजर अंदाज करने पर छात्र संगठन भड़क गए हैं। विशेषकर वह संगठन जिनके प्रतिनिधिमंडल ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अपने मुद्दे उठाए थे। नेशनल सेक्युलर फोरम के प्रधान विकास शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर को पैकेज देकर जम्मू के लोगों को नजरंदाज किया है। उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के समक्ष सेंट्रल यूनिवर्सिटी का स्थानीय वीसी नियुक्त करने, जम्मू विवि में स्कालरशिप बढ़ाने, बेरोजगारी समाप्त करने के लिए जम्मू के युवाओं को पैकेज देने का मामला उठाया था, लेकिन केंद्र का फैसला ठीक इसके विपरीत आया है।

वहीं जम्मू ज्वाइंट स्टूडेंट फेडरेशन के उपप्रधान प्रताप सिंह ने कहा कि अगर जम्मू की बात नहीं सुनी जानी थी तो फिर प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू का दौरा कर लोगों को गुमराह क्यों किया। कश्मीर के लिए एक सौ करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले पत्थरबाजों को रिहा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन इसे सहन नहीं करेंगे।

जम्मू यूनिवर्सिटी रिसर्च स्कालर एग्जीक्यूटिव एसोसिएशन के प्रधान राकेश चिब ने केंद्र की सुरक्षा मामलों की कमेटी के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू को पूरी तरह से नजरंदाज किया गया है। न तो जम्मू के लिए कोई पैकेज है और न ही विकास के लिए कोई पैसा। इसका मतलब यह है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू आकर लोगों को मूर्ख बनाया है।

भाजपा ने मनाया अंत्योदय दिवस

जनसंघ के पूर्व प्रधान पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस को प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 'अंत्योदय दिवस' के रूप में मनाया। इस मौके पर पार्टी की ओर से शनिवार को जम्मू डिवीजन में विभिन्न स्थानों पर 45 कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जम्मू के पक्का तालाब की दलित बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा विधायक दल के नेता प्रो. चमन लाल गुप्ता मुख्य अतिथि थे। प्रेम नगर में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी विधायक अशोक खजुरिया मुख्य अतिथि रहे।
पंडित उपाध्याय की जीवनी पर रोशनी डालते हुए प्रो. गुप्ता ने कहा कि बचपन में ही मां-बाप का साया सिर से उठ जाने के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और वर्ष 1935 में दसवीं तथा वर्ष 1937 में बारहवीं में गोल्ड मेडल हासिल किया। कानपुर यूनिवर्सिटी से बीए व बीटी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा भी उत्तीर्ण की, लेकिन नौकरी नहीं की। प्रो. गुप्ता ने कहा कि वर्ष 1951 में प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल होकर उन्होंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ के प्रधान बने। इसी तरह के कार्यक्रम नगरोटा, मढ़, रायपुर-दोमाना, आरएसपुरा, सुचेतगढ़, बनी, गोर्दी, चनैनी, मजालता, सुंदरबनी, राजौरी, सांबा, विजयपुर, किश्तवाड़, डोडा व रामबन में भी आयोजित हुए, जिनमें स्थानीय भाजपा नेताओं ने हिस्सा लिया।

आपदा ने 10 वर्ष पीछे धकेला राज्य का विकास: पंत

अल्मोड़ा: इसमें कोई दो राय नहीं कि बादल फटने, भूस्खलन व जमीन धंसने से सर्वाधिक जनहानि, सम्पत्ति हानि इस बार अल्मोड़ा के चारों ओर बसे ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है। इस विभीषिका को जिस धैर्य से अल्मोड़ा की जनता ने झेला है, यह अपने आप में बड़ी बात है। यह बात पेयजल, संसदीय कार्य व प्रभारी मंत्री प्रकाश पंत ने कही। श्री पंत सर्किट हाउस में पत्रकारों से क्षेत्र के निरीक्षण के बाद वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से प्रदेशभर में 106 गांवों को संवेदनशील चिह्नित किया गया है। इन स्थानों का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाएगा। 10 वर्षो में राज्य के विकास के लिए जो कार्य किए गए थे आपदा ने इस विकास को बहुत पीछे धकेल दिया है। स्थिति को सामान्य होने में अभी समय लगेगा। अतिवृष्टि से जनहानि, पशु हानि, कृषि योग्य भूमि, आवासीय भवनों को भारी नुकसान हुआ है। दैवीय आपदा में अहेतुक सहायता शीघ्र प्रभावितों को मिल सके, इसके लिए शासन ने स्वयं निर्णय लेकर आपदा घटित होने पर प्रभावितों को दी जाने वाली राशि में वृद्धि की है। यही नहीं मानकों में शिथिलीकरण के लिए आग्रह भी केन्द्र सरकार से किया है।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि दैवीय आपदा के कारण जो लोग प्रभावित हुए हैं उनको पुनस्र्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने आपदा से निबटने के लिए 118 करोड़ का बजट रखा है। अनुपूरक बजट में 25 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। शासन इस बात पर विशेष ध्यान दे रहा है जो भी भवनों का निर्माण हो उन्हें भूकंप रोधी तकनीक के आधार पर बनाया जाए। रेनवाटर हारवेस्टिंग टैंकों का निर्माण जरूरी होना चाहिए। शहरी क्षेत्रों में नगरपालिका को इस पर पैनी नजर रखनी होगी। इसके अतिरिक्त सड़कों में जहां कलमट बंद किए हैं उनको खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी।

मूलनिवासी संघ दिवस मनाया - मूलनिवासी ...

10 अगस्त 2010 ... भीनमाल& भारत मुक्ति मोर्चा बागोडा व भीनमाल की एक दिवसीय बैठक गोविंद जयपाल की अध्यक्षता में हुई। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया। ...
www.bhaskar.com/.../RAJ-OTH-750219-1243570.html - संचित प्रति

बामसेफ व राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ की ...

31 मई 2010 ... अंबेडकर समाज कल्याण छात्रावास बालोतरा में बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ जिला बाड़मेर की बैठक बामसेफ के प्रदेशाध्यक्ष कोजाराम हिंगड़ा व राष्ट्रीय मूल निवासी ...

www.bhaskar.com/.../RAJ-OTH-573978-1015663.html - संचित प्रति

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जमीनी हकीकत से दूर मूलनिवासी संगठन ...

27 अप्रैल 2010 ... जमीनी हकीकत से दूर मूलनिवासी संगठन। अंबेडकरवादी विचारधारा का इस्तेमाल सिर्फ सत्ता के लिए। अब सोशल इंजीनियरिंग जरिए मनुस्मृति तंत्र में एडजस्ट मायावती नरसंहार ...

palashkatha.mywebdunia.com/.../1272308580001.html - संचित प्रति

nandigramunited: मूलनिवासी मारे जा रहे हैं ...

1 अप्रैल 2010 ... मूलनिवासी मारे जा रहे हैं। मातृभूमि अनन्त बलात्कारों का शिकार। ... ब्रिटेन की संसद समानता कानून में संशोधन करना चाहती है जिसमें जाति आधारित भेदभाव को अवैध घोषित किया ...

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nandigramunited: जमीनी हकीकत से दूर ...

जमीनी हकीकत से दूर मूलनिवासी संगठन। अंबेडकरवादी विचारधारा का इस्तेमाल सिर्फ सत्ता के लिए। ... मूलनिवासी समुदायों की तकलीफों से किसी को कोई सरदॆद नहीं है। अंबेडकरवादी ही नहीं ...

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Foto Gadis Telanjang Bugil मूलनिवासी मारे जा रहे ...

Informasi artikel mengenai मूलनिवासी मारे जा रहे हैं। मातृभूमि ... from FotoGadisCantik.Com.

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गया में 'मूलनिवासी मेला' संपन्न « BAMCEF

29 मई 2007 ... भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर पर बामसेफ द्वारा आयोजित मूलनिवासी मेला में शामिल वक्ताओं ने जातिवाद को तोड़कर एक अलग पहचान बनाते हुये देश को मजबूत बनाने का आह्वान ...

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मूलनिवासी संघ ने डीएम को ज्ञापन ...

मूलनिवासी संघ ने डीएम को ज्ञापन सौंपा. Jun 29, 12:17 am. सहरसा। राष्ट्रीय मूल निवासी संघ ने अपने पूर्व घोषित राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत रविवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ...

in.jagran.yahoo.com/news/.../4_4_5582239.html - संचित प्रति

Sherpa World: News, Views, Buddhishm, Religion, Culture of ...

यह मूलनिवासी क्या है - मूलनिवासी क्यों कहते हैं - हम लोगों का साझा सत्रु कौन हैं - उसको हम ... हमलोग यहा"के मूलनिवासी हैं । प्राचीन समयमें भारत एक बहुत बडा अमृत वृक्ष था । ...

www.sherpaworld.com/show.php?at=1&sn... - संचित प्रति

राजसमन्द के समाचार (RAJSAMAND): राष्ट्रीय ...

29 मार्च 2009 ... राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत रविवार को स्थानीय जिला शाखा ने ... ज्ञापन देने गए प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ राजसमन्द के ...

rajsamand2009.blogspot.com/.../blog-post_29.html - संचित प्रति         


उत्तर भारत में बाढ़ के हालात में सुधार (राउंडअप)

That's Hindi - ‎2 घंटे पहले‎
इस बीच, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखण्ड में बाढ़ की चपेट में आए लाखों लोगों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ)राहत सामग्री भेज रहा है। यूनिसेफ द्वारा भेजी जा रही राहत सामग्री में तिरपाल, चादरें, जल शुद्धिकरण के लिए गोलियां, मच्छरदानियां एवं अन्य वस्तुएं शामिल हैं। यूनिसेफ की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ राहत ...
बिहार, उप्र और दिल्ली में नदियों के जलस्तर में कमी (लीड-2) That's Hindi
उत्तर भारत में बारिश थमने से हालात सुधरे (राउंडअप) That's Hindi
उप्र में नदियों के जलस्तर में कमी, हालात में सुधार That's Hindi
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प्रधानमंत्री ने निशंक से पूछा उत्तराखण्ड का हाल

That's Hindi - ‎14 घंटे पहले‎
प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने उत्तराखण्ड में बीते दिनों भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र के लोगों का हाल मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक से पूछा। उन्होंने प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यो के अलावा टिहरी बांध के बारे में भी फोन पर जानकारी ली। मुख्यमंत्री के नजदीकी एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का फोन दिन के लगभग 12.30 बजे आया था। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से राज्य में आई ...

उत्तराखण्ड में बाढ़ व भूस्खलन से मृतकों की संख्या 71 पहुंची

That's Hindi - ‎२१-०९-२०१०‎
राकेश कुमार ने जानकारी दी है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को मिलकार बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटना में मरने वालों की संख्या बढकर 67 हो गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रशद आपूर्ति एवं दुरदराज में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए चार हेलीकाप्टरों को कार्य पर लगाया है। वहीं हरिद्वार जिले में गंगा में बह कर आए तीन अज्ञात शव पुलिस को मिले हैं। जिले के वरिष्ठ पुलिस ...
उत्तराखण्ड में बाढ़ व भूस्खलन से मृतकों की संख्या 71 पहुंची आज की खबर
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जनादेश

जगमग्न हुए कई इलाके, उत्तराखण्ड में अब तक 63 मरे (राउंडअप)

That's Hindi - ‎२०-०९-२०१०‎
देहरादून में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने बताया कि टिहरी बांध में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। बाढ़ पूर्वानुमान निगरानी निदेशालय के अधिकारी बी. डी. रॉय ने आईएएनएस को बताया, "उत्तराखण्ड के टिहरी बांध में जलस्तर खतरे के निशान के 230 मीटर तक जा पुहंचा है। इसकी वजह से आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।" टिहरी बांध विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया, "अगर जलस्तर 235 मीटर तक पहुंच गया तो ...
टिहरी में जलस्तर बढ़ा, उत्तराखंड में 63 मरे खास खबर
टिहरी में जलस्तर बढ़ा, उत्तराखंड में बढा बाढ का खतरा खास खबर
देश के कई हिस्से में बारिश और बाढ़ से स्थिति गंभीर (लीड-1) That's Hindi
आज की खबर
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उत्तराखण्ड विधानसभा में बाढ़ पर चर्चा

That's Hindi - ‎२२-०९-२०१०‎
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने विधानसभा सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर राहत कार्यो और प्रबंधन के बारे में विचार विमर्श किया था। उन्होंने बैठक के बाद कहा था कि प्रदेश में अब तक 50000 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा का आकलन करने के बाद ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मदद की गुहार की गई है। मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य में आई बाढ़ से अब तक 21000 करोड़ रुपये का ...

उत्तराखण्ड में बारिश के कारण कई हिस्सों में फंसे पर्यटक

That's Hindi - ‎२३-०९-२०१०‎
स्थानीय प्रशासन के अलावा आईटीबीपी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लोग यातायात को सुचारू बनाने में जुटे हुए हैं। हरिद्वार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दावों के उलट प्रशासन का अभियान अब ढीला पड़ता दिख रहा है। बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि शुरू के चार पांच दिन पूरा प्रशासन लाव-लश्कर के साथ सक्रिय रहा लेकिन नेताओं के दौरे खत्म होने के बाद अब प्रशासन ने भी लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटी ...

मोटर बोट पलटने से 3 बच्चियों की मौत

That's Hindi - ‎14 घंटे पहले‎
प्रदेश में हो रही भारी बारिश और उत्तराखण्ड के कालागढ़, नंद सागर, भमगोड़ा बांध से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, रामगंगा, कोसी और मालन नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बिजनौर, अमरोहा, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, बुलंदशहर, सहारनपुर, बदायूं और फरु खाबाद जिलों में रामगंगा, मालन, कोसी और गंगा नदी लगातार उफान पर है, जिससे इन जिलों के निचले इलाकों के 500 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन जिलों में बाढ़ से करीब ...

बाढ़ पीड़ितों में बांट दें अनाज : गडकरी

आज की खबर - ‎1 घंटा पहले‎
इसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जो पूरी तरह उजड़ गए हैं और उन किसानों को जिनकी फसलें नष्ट हो गई हैं।" गडकरी ने कहा कि उत्तराखण्ड, पूर्वी बिहार और उत्तरी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति लगातार बदतर हो रही है और राज्य सरकारें अपने सीमित संसाधनों के जरिए इस कठिन परिस्थिति से उबरने के लिए संघर्ष कर रही हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि देश के कुछ इलाकों में खराब मानसून के ...
मेरी खबर.कोम

उत्तराखण्ड में मूसलाधार बारिश से स्थिति बदतर

खास खबर - ‎१८-०९-२०१०‎
देहरादून। उत्तराखण्ड में बीते चार दिनों से जारी मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य में बारिश और बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 20 लोग मारे गए हैं और 15 लापता हैं। हरिद्वार जिले में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बारिश की वजह से गंगा के आसपास के लगभग 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के काम में जुटा हुआ है। इसमें सेना से भी मदद मांगी गई है। ...
उत्तराखंड: बारिश व भूस्खलन में 63 की मौत जोश 18
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हिन्दुस्तान दैनिक

हरियाणा में बाढ़ की स्थिति में सुधार

That's Hindi - ‎२२-०९-२०१०‎
हथिनीकुंड बैराज के नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया,"बांध से यमुना में बुधवार को 103992 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कुल मिलाकर हालात काबू में हैं।" अधिकारी ने बताया, "मंगलवार को यमुना में अधिकतम 184000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।" शिवालिक की पहाड़ियों और उत्तराखण्ड के ऊपरी इलाकों में हो रही भारी बारिश के चलते यमुना नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है। इसके चलते राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। ...
दिल्ली के निचले इलाकों में यमुना का पानी घुसा हिन्दुस्तान दैनिक
उत्तर भारत में बाढ़ से लाखों प्रभावित (राउंडअप) That's Hindi
यमुना उफान पर, उत्तराखंड में बाढ़ का कहर Patrika.com
मेरी खबर.कोम
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सोनिया का बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए उदार पैकेज का आग्रह

That's Hindi - ‎२१-०९-२०१०‎
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी के साथ हवाई सर्वेक्षण से लौटने के तत्काल बाद गांधी ने प्रधानमंत्री को टेलीफोन किया। बयान में कहा गया है, "दिल्ली पहुंचने के तत्काल बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने फोन पर प्रधानमंत्री से बात की और सरकार से आग्रह किया है कि उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हुई तबाही का तत्काल आकलन किया जाए तथा राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से बाढ़ प्रभावित ...
मेरी खबर.कोम

उत्तरखण्ड में बाढ़ से त्राही-त्राही, प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगी सोनिया

खास खबर - ‎२०-०९-२०१०‎
देहरादून। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को उत्तराखण्ड के बाढ़ प्रभावित इलाकों के अलावा उन जगहों का भी दौरा करेंगी जहां हाल के दिनों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने सोनिया के राज्य का दौरा करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों और अन्य जगहों पर भी जाने का कार्यक्रम है। प्रशासन से मिली जानकारी के ...
उत्तराखंड : सोनिया ने लिया बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा Patrika.com
'बाढ़ पीड़ितों के लिए पैकेज जारी हो' SamayLive
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उत्तराखण्ड में बाढ़ का कहर, अब तक 175 की मौत

Patrika.com - ‎२०-०९-२०१०‎
उत्तराखण्ड में भारी वष्ााü होने के कारण हरिद्वार में गंगा नदी पर निर्मित भीम गोडा बैराज, रामगंगा नदी पर निर्मित कालागढ़ डैम, कोसी नदी पर निर्मित रामनगर बैराज में भारी मात्रा में रिकॉर्ड जल प्रवाहित हुआ है। इस बीच हथिनी कुंड बैराज से फिर छोड़े गए पानी के कारण यमुना उफान पर है। इससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने यमुना के किनारे पर बसे गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया है। लोगों से सर्तकता बरतने की अपील की गई ...
खास खबर

पश्चिमी उप्र में नदियां उफान पर, बाढ़ से बिग़डे हालात

खास खबर - ‎२०-०९-२०१०‎
लखनऊ। भारी बारिश और उत्तराखण्ड से पानी छो़डे जाने के कारण अब उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में भी बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। रामगंगा और कोसी के उफान से पश्चिम के सात जिलों के सैक़डों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ से स़डक यातायात बुरी तरह से प्रभावित है। बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, शाहजहांपुर, बरेली, फरूखाबाद और रामपुर में बाढ़ से बिग़डते हालात के मद्देनजर प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर राहत व बचाव ...
खास खबर

बाढ़ राहत के लिए एनडीआरएफ के 500 से अधिक कर्मी तैनात

खास खबर - ‎२०-०९-२०१०‎
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश व बिहार में राहत व बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा कार्य बल (एनडीआरएफ) के 500 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है। उत्तराखण्ड में राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ के छह दलों को भेजा गया है। 90 कर्मियों वाले तीन दल 20 नावों और अन्य उपकरणों के साथ हरिद्वार में तैनात किए गए हैं। इसी तरह 101 कर्मियों वाले तीन दलों को 25 नावों और अन्य बचाव उपकरणों के साथ ऋषिकेश में ...
हिन्‍दी लोक

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाढ़ का प्रकोप, राजमार्ग बंद

That's Hindi - ‎१९-०९-२०१०‎
बिजनौर में राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच)-74 व मुरादाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पानी में डूबने से सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। पिछले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 120 मिलीमाटर, बिजनौर में 100 मिलीमीटर, मेरठ में 42, बदांयू में 54 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। लगातार बारिश व उत्तराखण्ड राज्य की सीमा पर बने कालागढ़ बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण रामगंगा नदी उफान पर आ गई है। ...
पश्चिमी उप्र में बाढ़ से हालात गंभीर That's Hindi
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उत्तराखण्ड : पीड़ितों की मदद को आगे बढ़ा राजभवन

That's Hindi - ‎२०-०९-२०१०‎
राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति में राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने राज्य में भारी बारिश के कारण हो रहे भूस्खलन और बाढ़ की समस्या से जनजीवन प्रभावित होने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई घटनाओं में मारे गए लोगों के प्रति गहरा दुख व्यक्त करते हुए खास तौर पर नैनीताल, पौड़ी, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी की घटना पर शोक जताया है। उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि वह राज्यवासियों को आपदा से राहत प्रदान ...
आज की खबर

गडकरी ने निशंक से पूछा उत्तराखण्ड का हाल

आज की खबर - ‎२२-०९-२०१०‎
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल 'निशंक' से टेलीफोन पर राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में पूछा और आपदा प्रभावित लोगों के प्रति चिंता जताई। पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार गडकरी ने बाढ़ से हुई क्षति का जायजा लेने के लिए राज्य का दौरा करने की इच्छा जताई। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि उत्तराखण्ड सहित भाजपा शासित अन्य राज्यों को जरूरत के मुताबिक ...

दिल्ली, हरियाणा में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा

That's Hindi - ‎२०-०९-२०१०‎
इसकी वजह से किनारे के गांवों में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। हरियाणा सरकार ने करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जिलों में बाढ़ की ताजा चेतावनी जारी की है और उनके उपायुक्तों को ऐहतियाती कदम उठाने को कहा गया है। हथिनीकुंड बैराज से रविवार को यमुना में करीब सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस मौसम में इस बैराज से यमुना में छोड़े गए पानी की यह सर्वाधिक मात्रा है। शिवालिक पहाड़ियों और उत्तराखण्ड के ऊंचाई ...

पंजाब और हरियाणा में कई गांवों में बाढ़

That's Hindi - ‎१०-०९-२०१०‎
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से सतलुज, यमुना, मरक डा और तंगरी सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से बाढ़ का पानी आसपास के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है। यमुनानगर के उपायुक्त अशोक सांगवान ने बताया कि राज्य में यमुनानगर जिले के 60 से अधिक गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और पीड़ितो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ...

उत्तराखण्ड विधानसभा में 1835 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें मंजूर

आज की खबर - ‎२३-०९-२०१०‎
विपक्ष का हंगामा इसलिए था कि वह हाल ही में सरकार द्वारा निरस्त की गई जलविद्युत परियोजनाओं के निरस्तीकरण पर बहस चाहती थी। कांग्रेस द्वारा मांग की जा रही थी कि नियम 310 के तहत हाल ही में सरकार द्वारा निरस्त की गई जलविद्युत परियोजनाओं के निरस्तीकरण के कारणों पर विस्तार से चर्चा हो। इस पर अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। वहीं बसपा विधायक इसी नियम के तहत नानक सागर बांध पर बाढ़ के कारण उत्पन्न खतरे पर चर्चा चाह रहे थे। ...
खास खबर

निशंक ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

खास खबर - ‎२०-०९-२०१०‎
देहरादून। उत्तराखण्ड में आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हर मोर्चे पर डटा हुआ है। सोमवार को मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर आपदा से हुई क्षति का आकलन किया। निशंक ने हरिद्वार पहुंचकर हेलीकॉप्टर से जिले के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और प्रशासन से राहत कार्यो में और तेजी लाने का निर्देश दिया। हरिद्वार में मनसादेवी हिल, बाईपास, कनखल, रू़डकी और लक्सर ...

सोनिया गांधी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

That's Hindi - ‎२१-०९-२०१०‎
जहां उन्हें सेना के अधिकारियों ने राज्य में बादल फटने, बारिश और बाढ़ के से मची तबाही के बाद जारी राहत एवं बचाव कार्यो से अवगत कराया। इसके बाद गांधी रक्षा मंत्री के साथ हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई दौरे पर गईं। उन्होंने अल्मोड़ा और उत्तर प्रदेश के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। गांधी के दौरे के बाद उत्तराखण्ड की राज्यपाल मारगेट्र अल्वा ने भी हरिद्वार जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों ...

निशंक ने राष्ट्रवासियों से की सहायता की अपील

That's Hindi - ‎२२-०९-२०१०‎
राजधानी देहरादून सहित राष्ट्रीय अखबारों में मुख्यमंत्री की ओर से प्रकाशित इस आशय के विज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखण्ड में विगत दो माह से लगातार भारी वर्षा के कारण प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 167 से अधिक लोगों की मौत हुई है। राज्य में अतिवृष्टि, बादल फटने एवं भू-स्खलन तथा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। निशंक ने कहा है कि विगत 44 वर्षो के बाद ऐसी विभीषिका से राज्य को अपार जान-माल की ...

गंगा में छोड़ा गया सात लाख 28 हजार क्यूसेक पानी

याहू! जागरण - ‎१९-०९-२०१०‎
जिला प्रशासन ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है तथा बाढ़ चौकि यों को अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल हसनपुर व धनौरा क्षेत्र के लगभग 70 गांवों में उफनाई गंगा का पानी भरा हुआ है। उत्तराखण्ड में लगातार हो रही बारिश के चलते जेपीनगर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। आज गंगा में छोड़े गए पानी ने इस खतरे की घंटी बजा दी है। पहले से उफान पर चल रही गंगा ने खादर क्षेत्र के गांवों में कोहराम मचा रखा था। अभी तक तो जिला प्रशासन व स्थानीय लोग गंगा के ...

नहीं थम रहा बारिश का कहर

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎२१-०९-२०१०‎
राजधानी दिल्ली में यमुना समेत कई अन्य नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, बढ़ते जलस्तर के कारण कई क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तराखण्ड में भी अब तक बारिश का तांडव जारी है। विगत एक माह से चली आ रही इस बारिश ने कई सालों के रिकार्ड ध्वस्त कर दिये हैं और पहाड़ों में जनजीवन ठप कर दिया है। बारिश के कहर ने कई लोगों की जिंदगी लील ली। कई सड़कों का मुख्य मार्गो व शहरों से सम्पर्क टूट चुका। कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी बारिश, ...

बारिश और बाढ़ से 76 लोगों की मौत

SamayLive - ‎१२-०९-२०१०‎
इसके कारण यमुनानगर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, भिवानी और झज्जर जिले के तकरीबन 125 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यमुना के जलस्तर में हालांकि अब कमी आनी शुरू हो गई है। उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बारिश होने की वजह से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखण्ड में गढ़वाल मंडल में कई मार्गो सहित बद्रीनाथ-चमोली राजमार्ग बंद है। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर क्षेत्र में बादल फटने से न्यूगोल नाले में फिर से बाढ़ आ गई ...
खास खबर

उप्र में बाढ़ से सैक़डों एक़ड फसल बर्बाद, सैक़डों प्रभावित

खास खबर - ‎०२-०९-२०१०‎
प्रभावित इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवान नावाें और मोटरबोट के जरिए राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। बहराइच में बाढ़ से अब तक तकरीबन 100 गांवों के एक लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हंै। सैक़डों एक़ड फसलें बाढ़ में डूबकर नष्ट हो चुकी हैं। लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र के करीब 50 से अधिक गांव शारदा के उफान से जलमग्न हंै। उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छो़डे जाने और नेपाली नदियाें का जलस्तर बढ़ने से ...
घाघरा की बाढ़ में अब भी फंसे हैं हजारों खास खबर
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मेरी खबर.कोम

उत्तर प्रदेश में बाढ़ से कई गांव जलमगA

खास खबर - ‎३१-०८-२०१०‎
बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। उधर, बाराबंकी में एल्गिन-चरसरी तटबंध टूटने से हजाराें ग्रामीण प्रभावित हुए है। बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी (वित्त) देवेंद्र पांडे ने कि तटबंध टूटने से प्रभावित हुए आस-पास के गांवों के करीब 20000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होने कहा कि तटबंध में हो रहे कटान को रोकने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छो़डे जाने ...
उत्तर प्रदेश में रेवली-आदमपुर तटबंध के टूटने का खतरा खास खबर
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी खास खबर
उप्र में घाघरा उफान पर, लाखों प्रभावित खास खबर
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पंजाब और हरियाणा में कई गांवों में बाढ़

That's Hindi - ‎१०-०९-२०१०‎
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से सतलुज, यमुना, मरक डा और तंगरी सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से बाढ़ का पानी आसपास के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है। यमुनानगर के उपायुक्त अशोक सांगवान ने बताया कि राज्य में यमुनानगर जिले के 60 से अधिक गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और पीड़ितो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ...

उत्तराखण्ड विधानसभा में 1835 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें मंजूर

आज की खबर - ‎२३-०९-२०१०‎
विपक्ष का हंगामा इसलिए था कि वह हाल ही में सरकार द्वारा निरस्त की गई जलविद्युत परियोजनाओं के निरस्तीकरण पर बहस चाहती थी। कांग्रेस द्वारा मांग की जा रही थी कि नियम 310 के तहत हाल ही में सरकार द्वारा निरस्त की गई जलविद्युत परियोजनाओं के निरस्तीकरण के कारणों पर विस्तार से चर्चा हो। इस पर अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। वहीं बसपा विधायक इसी नियम के तहत नानक सागर बांध पर बाढ़ के कारण उत्पन्न खतरे पर चर्चा चाह रहे थे। ...
खास खबर

निशंक ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

खास खबर - ‎२०-०९-२०१०‎
देहरादून। उत्तराखण्ड में आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हर मोर्चे पर डटा हुआ है। सोमवार को मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर आपदा से हुई क्षति का आकलन किया। निशंक ने हरिद्वार पहुंचकर हेलीकॉप्टर से जिले के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और प्रशासन से राहत कार्यो में और तेजी लाने का निर्देश दिया। हरिद्वार में मनसादेवी हिल, बाईपास, कनखल, रू़डकी और लक्सर ...

सोनिया गांधी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

That's Hindi - ‎२१-०९-२०१०‎
जहां उन्हें सेना के अधिकारियों ने राज्य में बादल फटने, बारिश और बाढ़ के से मची तबाही के बाद जारी राहत एवं बचाव कार्यो से अवगत कराया। इसके बाद गांधी रक्षा मंत्री के साथ हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई दौरे पर गईं। उन्होंने अल्मोड़ा और उत्तर प्रदेश के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। गांधी के दौरे के बाद उत्तराखण्ड की राज्यपाल मारगेट्र अल्वा ने भी हरिद्वार जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों ...

निशंक ने राष्ट्रवासियों से की सहायता की अपील

That's Hindi - ‎२२-०९-२०१०‎
राजधानी देहरादून सहित राष्ट्रीय अखबारों में मुख्यमंत्री की ओर से प्रकाशित इस आशय के विज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखण्ड में विगत दो माह से लगातार भारी वर्षा के कारण प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 167 से अधिक लोगों की मौत हुई है। राज्य में अतिवृष्टि, बादल फटने एवं भू-स्खलन तथा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। निशंक ने कहा है कि विगत 44 वर्षो के बाद ऐसी विभीषिका से राज्य को अपार जान-माल की ...

गंगा में छोड़ा गया सात लाख 28 हजार क्यूसेक पानी

याहू! जागरण - ‎१९-०९-२०१०‎
जिला प्रशासन ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है तथा बाढ़ चौकि यों को अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल हसनपुर व धनौरा क्षेत्र के लगभग 70 गांवों में उफनाई गंगा का पानी भरा हुआ है। उत्तराखण्ड में लगातार हो रही बारिश के चलते जेपीनगर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। आज गंगा में छोड़े गए पानी ने इस खतरे की घंटी बजा दी है। पहले से उफान पर चल रही गंगा ने खादर क्षेत्र के गांवों में कोहराम मचा रखा था। अभी तक तो जिला प्रशासन व स्थानीय लोग गंगा के ...

नहीं थम रहा बारिश का कहर

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎२१-०९-२०१०‎
राजधानी दिल्ली में यमुना समेत कई अन्य नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, बढ़ते जलस्तर के कारण कई क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तराखण्ड में भी अब तक बारिश का तांडव जारी है। विगत एक माह से चली आ रही इस बारिश ने कई सालों के रिकार्ड ध्वस्त कर दिये हैं और पहाड़ों में जनजीवन ठप कर दिया है। बारिश के कहर ने कई लोगों की जिंदगी लील ली। कई सड़कों का मुख्य मार्गो व शहरों से सम्पर्क टूट चुका। कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी बारिश, ...

बारिश और बाढ़ से 76 लोगों की मौत

SamayLive - ‎१२-०९-२०१०‎
इसके कारण यमुनानगर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, भिवानी और झज्जर जिले के तकरीबन 125 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यमुना के जलस्तर में हालांकि अब कमी आनी शुरू हो गई है। उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बारिश होने की वजह से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखण्ड में गढ़वाल मंडल में कई मार्गो सहित बद्रीनाथ-चमोली राजमार्ग बंद है। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर क्षेत्र में बादल फटने से न्यूगोल नाले में फिर से बाढ़ आ गई ...
खास खबर

उप्र में बाढ़ से सैक़डों एक़ड फसल बर्बाद, सैक़डों प्रभावित

खास खबर - ‎०२-०९-२०१०‎
प्रभावित इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवान नावाें और मोटरबोट के जरिए राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। बहराइच में बाढ़ से अब तक तकरीबन 100 गांवों के एक लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हंै। सैक़डों एक़ड फसलें बाढ़ में डूबकर नष्ट हो चुकी हैं। लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र के करीब 50 से अधिक गांव शारदा के उफान से जलमग्न हंै। उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छो़डे जाने और नेपाली नदियाें का जलस्तर बढ़ने से ...
घाघरा की बाढ़ में अब भी फंसे हैं हजारों खास खबर
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मेरी खबर.कोम

उत्तर प्रदेश में बाढ़ से कई गांव जलमगA

खास खबर - ‎३१-०८-२०१०‎
बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। उधर, बाराबंकी में एल्गिन-चरसरी तटबंध टूटने से हजाराें ग्रामीण प्रभावित हुए है। बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी (वित्त) देवेंद्र पांडे ने कि तटबंध टूटने से प्रभावित हुए आस-पास के गांवों के करीब 20000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होने कहा कि तटबंध में हो रहे कटान को रोकने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छो़डे जाने ...
उत्तर प्रदेश में रेवली-आदमपुर तटबंध के टूटने का खतरा खास खबर
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी खास खबर
उप्र में घाघरा उफान पर, लाखों प्रभावित खास खबर
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पंजाब और हरियाणा में कई गांवों में बाढ़

That's Hindi - ‎१०-०९-२०१०‎
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से सतलुज, यमुना, मरक डा और तंगरी सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से बाढ़ का पानी आसपास के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है। यमुनानगर के उपायुक्त अशोक सांगवान ने बताया कि राज्य में यमुनानगर जिले के 60 से अधिक गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और पीड़ितो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ...

उत्तराखण्ड विधानसभा में 1835 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें मंजूर

आज की खबर - ‎२३-०९-२०१०‎
विपक्ष का हंगामा इसलिए था कि वह हाल ही में सरकार द्वारा निरस्त की गई जलविद्युत परियोजनाओं के निरस्तीकरण पर बहस चाहती थी। कांग्रेस द्वारा मांग की जा रही थी कि नियम 310 के तहत हाल ही में सरकार द्वारा निरस्त की गई जलविद्युत परियोजनाओं के निरस्तीकरण के कारणों पर विस्तार से चर्चा हो। इस पर अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। वहीं बसपा विधायक इसी नियम के तहत नानक सागर बांध पर बाढ़ के कारण उत्पन्न खतरे पर चर्चा चाह रहे थे। ...
खास खबर

निशंक ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

खास खबर - ‎२०-०९-२०१०‎
देहरादून। उत्तराखण्ड में आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हर मोर्चे पर डटा हुआ है। सोमवार को मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर आपदा से हुई क्षति का आकलन किया। निशंक ने हरिद्वार पहुंचकर हेलीकॉप्टर से जिले के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और प्रशासन से राहत कार्यो में और तेजी लाने का निर्देश दिया। हरिद्वार में मनसादेवी हिल, बाईपास, कनखल, रू़डकी और लक्सर ...

सोनिया गांधी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

That's Hindi - ‎२१-०९-२०१०‎
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गंगा में छोड़ा गया सात लाख 28 हजार क्यूसेक पानी

याहू! जागरण - ‎१९-०९-२०१०‎
जिला प्रशासन ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है तथा बाढ़ चौकि यों को अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल हसनपुर व धनौरा क्षेत्र के लगभग 70 गांवों में उफनाई गंगा का पानी भरा हुआ है। उत्तराखण्ड में लगातार हो रही बारिश के चलते जेपीनगर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। आज गंगा में छोड़े गए पानी ने इस खतरे की घंटी बजा दी है। पहले से उफान पर चल रही गंगा ने खादर क्षेत्र के गांवों में कोहराम मचा रखा था। अभी तक तो जिला प्रशासन व स्थानीय लोग गंगा के ...

नहीं थम रहा बारिश का कहर

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎२१-०९-२०१०‎
राजधानी दिल्ली में यमुना समेत कई अन्य नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, बढ़ते जलस्तर के कारण कई क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तराखण्ड में भी अब तक बारिश का तांडव जारी है। विगत एक माह से चली आ रही इस बारिश ने कई सालों के रिकार्ड ध्वस्त कर दिये हैं और पहाड़ों में जनजीवन ठप कर दिया है। बारिश के कहर ने कई लोगों की जिंदगी लील ली। कई सड़कों का मुख्य मार्गो व शहरों से सम्पर्क टूट चुका। कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी बारिश, ...

बारिश और बाढ़ से 76 लोगों की मौत

SamayLive - ‎१२-०९-२०१०‎
इसके कारण यमुनानगर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, भिवानी और झज्जर जिले के तकरीबन 125 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यमुना के जलस्तर में हालांकि अब कमी आनी शुरू हो गई है। उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बारिश होने की वजह से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखण्ड में गढ़वाल मंडल में कई मार्गो सहित बद्रीनाथ-चमोली राजमार्ग बंद है। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर क्षेत्र में बादल फटने से न्यूगोल नाले में फिर से बाढ़ आ गई ...
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उप्र में बाढ़ से सैक़डों एक़ड फसल बर्बाद, सैक़डों प्रभावित

खास खबर - ‎०२-०९-२०१०‎
प्रभावित इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवान नावाें और मोटरबोट के जरिए राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। बहराइच में बाढ़ से अब तक तकरीबन 100 गांवों के एक लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हंै। सैक़डों एक़ड फसलें बाढ़ में डूबकर नष्ट हो चुकी हैं। लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र के करीब 50 से अधिक गांव शारदा के उफान से जलमग्न हंै। उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छो़डे जाने और नेपाली नदियाें का जलस्तर बढ़ने से ...
घाघरा की बाढ़ में अब भी फंसे हैं हजारों खास खबर
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उत्तर प्रदेश में बाढ़ से कई गांव जलमगA

खास खबर - ‎३१-०८-२०१०‎
बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। उधर, बाराबंकी में एल्गिन-चरसरी तटबंध टूटने से हजाराें ग्रामीण प्रभावित हुए है। बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी (वित्त) देवेंद्र पांडे ने कि तटबंध टूटने से प्रभावित हुए आस-पास के गांवों के करीब 20000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होने कहा कि तटबंध में हो रहे कटान को रोकने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छो़डे जाने ...

उत्तर प्रदेश में रेवली-आदमपुर तटबंध के टूटने का खतरा खास खबर
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी खास खबर
उप्र में घाघरा उफान पर, लाखों प्रभावित खास खबर
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दरकते पहाड़ उफनती नदिया           
               
सिराज केसर

First Published:25-09-10 09:20 PM

               

Last Updated:25-09-10 09:21 PM

                        
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पिछले एक-डेढ़ साल में लेह में बादल का फटना, राजस्थान, बिहार और कर्नाटक और बुंदेलखंड के कुछ हिस्सों में और अब दिल्ली और उत्तराखंड में आई बाढ़ ने कागजों पर चलते बाढ़ नियंत्रण आयोगों और योजनाओं को डुबो दिया है। आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि बारिश की मात्र कम हुई है और वर्षा-काल भी कम हुआ है, लेकिन बाढ़ से तबाही के इलाकों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। जिन जगहों का नाम लेने पर ही सूखे की तस्वीर आखों के सामने तैर जाती है, अब वहां भी बाढ़ का मंजर दिखाई दे रहा है।
कुछ समय पहले तक जो इलाके सुखाड़ से सूखे जा रहे थे, अब बाढ़ में डूबे जा रहे हैं। कई सालों से सूखे बुंदेलखंड की केन नदी में जब बाढ़ की खबर देखी तो चौंक गया। पिछले वर्ष दस से ज्यादा राज्यों में सूखे का असर था। इन राज्यों ने अपने विभिन्न जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर केन्द्र सरकार से 72 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज मांगे थे। इस लिस्ट में कर्नाटक भी था।
कर्नाटक के उत्तरी हिस्से के कुछ जिलों के लिए भी केन्द्र सरकार से सूखा पैकेज मांगे गये थे, केन्द्र ने सुना या नहीं, पता नहीं, पर भगवान ने सुन लिया, बारिश शुरू हुई तो वे बाढ़ की चपेट में आ गए। कर्नाटक सरकार ने जिन जिलों को सूखा प्रभावित घोषित किया था, उन्हीं को बाढ़ प्रभावित घोषित कर केन्द्र सरकार से सूखे के बाद फिर बाढ़ राहत कार्य के लिए पैकेज मांगना पड़ा। मांगने वाले सूखे में भी पैकेज मांगते हैं और बाढ़ में भी।
एक अखबार ने बाढ़ की एक खबर लगाई कि दिल्ली को यमुना से बचाओ, पर मुझे लगता है कि यमुना को दिल्ली से बचाने की जरूरत है। दिल्ली अब यमुना में बस जाना चाहती है। लोगों के तरह-तरह के अधिकार हैं, पर यमुना का क्या अधिकार है, बहना उसका नैसर्गिक अधिकार है। पर गंगा-यमुना की लाई गयी मिट्टी में जन्मे लोग इनको पाटकर उस पर रिहायशी कालोनी, मॉल्स या कमर्शियल कॉम्प्लेक्स खड़े करना चाहते हैं।
शहरों में स्थित तालाब, झील जल-संचयन के सशक्त स्रोत और बाढ़ से बचाव के जरिए हुआ करते थे। पर योजनाकारों का अब जलागम क्षेत्रों को नंगा करके, ङीलों-तालाबों को पाटकर बांध बनाने की योजनाओं पर ज्यादा जोर है। नदियों के जलागम क्षेत्रों के जंगलों को काटकर नदियों में बाढ़ की भयावहता को बढ़ाया गया है।
मिट्टी और गाद की मात्रा लगातार नदियों में बढ़ी है और उससे भी खतरनाक लगभग देश की नदियों को बड़े शहरों की, बड़े उद्योगों की गंदगी और कचरा ढोने के काम में लगाया जाना। पन्द्रह सालों से चल रहा 1300 करोड़ रुपये का 'यमुना एक्शन प्लान', जो असफल रहा, उसका काम बिना पैसे के मात्र दो-तीन हफ्तों में यमुना ने कर दिखाया।
लेह में बादल फटने की जो घटना हुई, वह कहीं भी हो सकती है, बादल फटना, बादल बरसने की ही एक प्रक्रिया है। कोई बादल जिस तेजी से संघनित होता है, बारिश उतनी ही तेज होती है। बड़ी मात्रा की बारिश की बूदों को लिए हुए कोई बादल किसी भी कारण से एक बार में ही संघनित हो जाए तो बादल का सारा पानी एक साथ, एक जगह ही बरस जाता है, पर हम यदि पानी के रास्ते को साफ रखें तो तबाही को कम किया जा सकता है। पानी के रास्तों की तबाही के बाद ही जन-धन की तबाही होती है।
लोग बाढ़ के लिए दोषी अधिक वर्षा और नदी को बता रहे हैं। धरती के सभी चक्कर नियमों से आबद्ध हैं, पर जब हम इन चक्करों की इज्जत करना छोड़ देते हैं, तो हम पाते हैं कि कुछ घंटों की थोड़ी-सी भी ज्यादा बारिश हमारे 'विज्ञान और तकनीकी' अत्याधुनिक मॉडल शहरों में बाढ़ ला देती है। नदी-नालों, झील-तालाबों, गाड़-गधेरों, कुओं-बावड़ियों के बारे में हमारी योजनाकारों की समझ डूब चुकी है। बाढ़ से राहत, राहत-पैकेजों की बाढ़ से नहीं, समझ की बाड़ को ठीक करने से होगी।
(लेखक इंडिया वाटर पोर्टल के संपादक हैं)
उत्तराखंड
पानी से धारदार हथियार नहीं होता
रुड़की से लेकर जोशीमठ और रुद्रपुर से लेकर मुनस्यारी तक, दृश्य भले ही अलग-अलग हों, लोगों की मुसीबतें एक जैसी हैं। वर्षो की मेहनत से तैयार छत सिर से गायब है। उम्मीदों की फसल खेतों समेत बह गई। जीवन ठहर गया है। परेशान लोग चार-पांच दिन पैदल चल कर अपने ठिकानों तक पहुंच रहे हैं। बिजली, पानी है नहीं। घरों में रखा राशन भी कुछेक दिनों के लिए ही बचा है। दुकानें में बचा-खुचा राशन है पर कीमतें ऐसी हैं कि गरीब मन मसोस कर रह जा रहे हैं।
अल्मोड़ा में प्याज 160 और उत्तरकाशी में टमाटर 90 रुपए किलो तक बिका। नीचे मैदान में कमाने गए बेटों के मनीऑर्डर और ड्राफ्ट रास्ते में ही अटके पड़े हैं। आपदा की खबरें सुन कर मैदान से घर-परिवार की सुध लेने आ रहे लोग रास्तों में फंसे हुए हैं। घर पहुंचने तक उनकी जेब खाली हो जा रही है।
मौत और विनाश के आंकड़ों का शोर अब थम गया है। हफ्ते भर में बरसी रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने 171 लोगों की जान ली। आपदा का शिकार हुई 1230 में से केवल 416 सड़कें खुल पाई हैं। ज्यादातर तो महीनों बाद भी नहीं खुल पाएंगी। सरकारी आकलन अब तक केवल 510 घर जमींदोज होने की ही बात कह रहा है, पर इससे कहीं ज्यादा घर, जिन्हें आंशिक क्षतिग्रस्त बताया जा रहा है, रहने लायक नहीं रह गए हैं।
गांवों की बात क्या करें, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नई टिहरी, गोपेश्वर जैसे जिला मुख्यालयों में पीने का पानी भी नहीं है। भूस्खलन की भेंट चढ़ीं गांवों की 1522 से ज्यादा योजनाएं तो साल भर से पहले शायद ही दोबारा पानी दे पाएं। आंकड़ों का शोर थमने के बाद अब राहत का हल्ला है। चावल, आटा, दाल, सब्जियों के बजाय चीनी बांटने पर ज्यादा जोर है।
बुजुर्ग जब यह कहते थे कि, पानी से धारदार दूसरा कोई हथियार नहीं होता, तो विश्वास नहीं होता था। इस कहावत को इस बार उत्तराखण्ड ने साक्षात देख लिया। अपनी अभियांत्रिक तकनीक पर नाज करने वाले इंजीनियरों के बड़बोले दावे बारिश ने धो डाले हैं। कोटेश्वर बांध के तहस-नहस से लेकर सड़कों और पुलों को पानी ने जिस तरह चाटा है, निर्माण की मौजूदा तकनीक सवालों के घेरे में आ गई है।
मदद का सिस्टम कितना लाचार है, सबने देख लिया। सौ से ज्यादा गांवों को दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर देहरादून और दिल्ली के बीच घूमने वाले हतप्रभ हैं। इस बार की आपदा ने जो गांव बरबाद किए हैं, उनके नाम इस सूची में है ही नहीं। मदद के लिए दूसरों का मुंह ताकने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है।
इस बार की आपदा अंतिम नहीं है। अतीत में इससे कम या ज्यादा विनाश होता रहा है। आगे भी होगा। इसलिए इस विनाश से सबक सीखने की जरूरत है। हिमालय की पारिस्थितिकी के अनुरूप निर्माण तकनीक अपनाने के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा।
एक ऐसा माइक्रो लेवल अध्ययन भी करना ही होगा, जो लोगों को बता सके कि, यहां बसें और वहां नहीं। आपदाओं से चौकन्ना करने का सिस्टम विकसित करने में देर अब घातक होगी। बड़ी परियोजनाओं के पैरोकार भी इस विनाश पर जरूर नजर डालें। इस मुश्किल घड़ी में सब मिलकर सोचिए! और शेयर कीजिए। इसके बिना आपदाओं की मार से बचने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है।                                            
पूरन बिष्ट
दिल्ली
लोगों ने भी झेलीं मुसीबत
दिल्ली की भारी बारिश के अलावा हरियाणा में अतिवृष्टि का दंश भी दिल्ली को ही झेलना पड़ा। इसकी वजह यह रही कि हथिनीकुंड बैराज और ताजे वाला से रिकॉर्डतोड़ पानी इस बार छोड़ा गया। दोनों ही जगह से क्रमश:  3,00,000 और 7,44,507 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया। इस लाखों क्यूसेक पानी से उफनी यमुना के किनारे के करीब दर्जनों गांवों ने बाढ़ जैसी स्थिति का सामना किया।
बत्तीस साल बाद दिल्ली में 48 किमी तक बहने वाली यमुना ने बाढ़ का कहर बरपाया। इससे पहले यमुना ने 1978 में अपनी ताकत दिखाई थी और 207. 49 मीटर का स्तर टूकर तबाही मचाई थी, जबकि यमुना का डेंजर लेवल 204. 83 मीटर है। तब जानमाल का काफी नुकसान हुआ था। लगभग 50 लाख की फसल बर्बाद हुई थी और 17 लोगों की मौत हो गई थी।
इस बार बाहरी दिल्ली के बुराड़ी, जगतपुर, पल्ला, झिंगोला, संत नगर, मिलन विहार, इब्राहिमपुर, अलीपुर आदि गांवों का बुरा हाल हुआ है। मिलन विहार जैसी जगहों में बाढ़ का पानी जमीन के अंदर से रिसकर प्रवेश में प्रवेश कर गया। झड़ौदा पार्ट तीन, पल्ला, संत नगर के गोला फार्म रोड, हरिजन बस्ती में ऐसी स्थिति देखी है। जगतपुर गांव के मुख्य सड़क पर भी जलभराव की समस्या पैदा हो गई है।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को यमुना बाजार, रिंग रोड, मजानूं का टीला, ओखला, बुराडी, जहांगीरपुरी, बाटला हाउस तथा अन्य निचले स्थानों पर अधिक पंप लगाने के आदेश देने पड़े। इसके अलावा, नजफगढ़ नाला, जहांगीरपुरी नाला व यमुना नदी में गिरनेवाले सभी नालों के गेट बंद कर दिए गए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े। इससे कुछ निचले इलाकों में जीवन नारकीय हो गया।  
प्रदीप संगम
उत्तर प्रदेश
बाढ़ से नुकसान के मंजर
गंगा, यमुना, घाघरा और रामगंगा जैसी नदियां में उफान के कारण उत्तर प्रदेश के अनेक जिले कराह रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रूहेलखंड इलाका इससे विशेष तौर पर प्रभावित रहा। बीते सप्ताह शाम के वक्त एनएच 24 पर रामपुर मुरादाबाद के बीच पानी आ गया और यातायात रोक दिया गया। यह तबाही की रात थी। रामगंगा में भी अचानक उफान आ गया। शहर की सीमा से लगे करीब 150 गांव इसकी चपेट में आ गए। सेना मदद के लिए बुलाई गई तो रात में 13 लोग बचा लिए गए। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
बदायूं जिले की दातागंज तहसील भी सेना के हवाले कर दी गई। शाहजहांपुर की जलालाबाद तहसील में रामगंगा पुल के ऊपर से पानी चलने लगा। नैनीताल, दिल्ली, बदायूं, शाहजहांपुर से पूरी तरह शहर का सम्पर्क कट गया। सरकारी तैयारियों की पोल भी खुल गई।
बरेली आगरा मार्ग का हाल
करगैना गांव वाले अपने जानवरों को लेकर शहर आ गए। बाढ़ से निपटने की सरकारी तैयारी नाकाफी साबित हुई। 22 सितंबर की शाम रोजी रोटी की तलाश में तीन युवक बदायूं रोड से शहर में दाखिल हुए। करगैना गांव के पास बरेली आगरा मार्ग पर करीब तीन फिट पानी चल रहा था। अचानक एक युवक का पैर फिसला और वह गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने कुछ अन्य युवा उतरे और किसी तरह उसे किनारे पर ले आए। अब इंतजार सरकारी एंबुलेंस का था। अफसरों के फोन बड़ी देर में मिले। एंबुलेंस की जगह एक ऑटो आया, वह भी एक घंटे बाद। इतने में उस युवक अज्ञात युवक को जान से हाथ धोनी पड़ी।
मुसीबत अंगूरी गांव की
रामगंगा के पास अंगुरी गांव, छतों पर बैठे लोग तीन दिन से भूखे हैं। जानवरों को शहर की ओर हांक दिया था। प्रशासन की नाव का इंतजार है। तीन दिन से खाना नहीं मिला। बच्चे भीगा हुआ गेहूं चबा रहे हैं। जिन्दगी बचाने की जद्दोजहद और अपनी जड़ों से बिछड़ने की पीड़ा। अचानक एक हेलीकाप्टर गड़गड़ाया। भूख से बेहाल आंखों ने ऊपर ताका। शायद खाने को कुछ मिल जाए। यह कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी का दौरा था। उन्होंने दिल्ली जाकर बाढ़ पीड़ितों के दिल खोलकर खर्च करने को प्रधानमंत्री से कहा। दूसरे दिन मुख्यमंत्री मायावती ने भी हवाई दौरा किया। इसी गांव के भूपत राम किसी तरह तैरकर किनारे तक आ गए। बोले, जैसे पानी कम हुय जायगो, वैइसेई फिर शुरू कर दिंगे जिंदगी की लड़ाई।
कहर रूपपुर गांव में भी
रूपपुर गांव, सेना की टीम बाढ़ में फंसे 13 लोगों को निकाल लाई। तमाम लोग अब भी फंसे हैं। मंशाराम के झाले पर नाव पहुंची तो वह अपने बेटों की पत्नियों और पांच छोटे बच्चों को लेकर निकल आए। उनके बेटे नहीं आए। कुछ कोठरियों की छत पर चढ़े लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्हें बस इतना चाहिए कि कोई उनके परिवार की महिलाओं का निकालकर बाहर ले जाए। वह वहीं रहेंगे। अपनी छतों पर। यहां का अन्न खाया है। पैदा हुए हैं। मुसीबत में कैसे छोड़कर चले जाएं अपना गांव। गंगा मैया का जयकारा लगा रहे हैं। क्या खाएंगे? चूल्हा जलाने के लिए सूखी लकड़ी का एक टुकड़ा तक नहीं बचा। सैकड़ों जानवर पानी के तेज बहाव में चले गए।
बरेली से पंकज मिश्र
बिहार
बिहार में बाढ़ से बर्बादी का सिलसिला है अंतहीन
बिहार और बाढ़ का अजीब नाता बन चुका है। बिहार से प्रवाहित होने वाली विभिन्न नदियों की कुल लंबाई 4,414 किमी है। गंगा, गंडक, कोसी, दामोदर, सोन और स्वर्णलेखा आदि यहां की प्रमुख नदियां हैं। राज्य में इतनी नदियां होने का नतीजा यह है कि हर साल बिहार का कोई न कोई हिस्सा बाढ़ की मार झेलता है।
2008 में कोसी ने अपना रास्ता बदला और उत्तर-पूर्वी बिहार में भयानक तबाही मची। इस साल, गंडक अपने तटबंधों को तोड़कर पश्चिम-उत्तरी बिहार के लोगों को परेशान कर रही है। गंडक ने इस साल गोपालगंज के पास तटबंध तोड़ा है और गंडक की इस बाढ़ से गोपालगंज समेत सिवान और छपरा के निवासी परेशान हैं। वहीं, बारिश के मौसम में बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा हर साल अपने किनारे बसे लाखों लोगों को प्रभावित करती है।
वैसे तो बिहार में गंडक अब कुछ शांत होने लगी है, पर इससे लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। नदी का जलस्तर कम हो रहा है, तो तटबंधों पर कटाव बढ़ गया है। वहीं पटना जिले के दानापुर और उसके आस-पास बसे लोग गंगा के बढ़ते जलस्तर से परेशान हैं।
भागलपुर जिले के नवगछिया में गंगा के भीषण कटाव से नदी के बहाव को कम करने के लिए बनाया गया स्पर सात बह चुका है। नेपाल के कई क्षेत्रों हो रही बारिश से गंगा और कोसी उफान पर हैं। इन दोनों नदियों का जलस्तर लाल निशान के ऊपर है। वहीं बूढ़ी गंडक व बागमती नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। महानंदा भी उफनने लगी है, जबकि बागमती बेनीबाद (दरभंगा) में लाल निशान से 10 से.मी. बह रही है।
नदियों को तो जीवनदायिनी कहा जाता है, पर बिहार की नदियां अपनी इस ममतामयी रूप में शायद ही कभी नजर आती हैं। दरअसल, बाढ़, उससे जुड़े राहत कार्य, बाढ़ रोकने की कोशिश में नदियों को बांधने की जद्दोजहद आदि बिहार की अर्थव्यवस्था और राजनीति का अहम हिस्सा बन चुके हैं। अमूमन हर साल बाढ़ आती है और उसके बाद शुरू होता है, राहत पैकेज का दौर।
बाढ़ से उबरने के नाम पर आजादी के बाद से लेकर अब तक कई हजार करोड़ रुपए से खर्च हो चुके हैं। इन पैसों की मदद से आम लोगों को कितनी राहत मिल पाई, यह तो नहीं कहा जा सकता, पर इन पैसों और उनके बल पर चलाई जाने वाली योजनाओं का नतीजा यह है कि 1950 के दशक में जहां बिहार की 25 लाख हेक्टेयर जमीन हमेशा पानी में डूबी रहती थी, अब 68.8 लाख हेक्टेयर जमीन पर नदियों ने अपना प्रभुत्व फैला लिया है। हर साल उफनती नदियों का सामाना करने, बेघर होने, जान-माल का नुकसान सहने के अलावा आम लोगों के पास और कोई विकल्प नहीं है।
दरअसल, खोट नदियों में नहीं बल्कि बाढ़ को रोकने के लिए बनाई गई मूलभूत नीति में ही है। नीति निर्धारकों ने बिहार में बाढ़ की समस्या से निबटने के लिए बांध को इलाज मान लिया है। पर, समस्या यह है कि नदी को कभी बांध कर नहीं रखा जा सकता। नदी को बांधने की जितनी कोशिश की जाए, वह उतना ही ज्यादा विद्रोह करेगी।
बिहार में भी साल-दर-साल ऐसा ही हो रहा है। हर साल नए बांध बन रहे हैं और उसके साथ बाढ़ आने का खतरा भी बढ़ रहा है। सिर्फ उत्तर बिहार में 8.36 लाख हेक्टेयर जमीन पूरे साल पानी में डूबी रहती है। लगभग 80 लाख लोग बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। बाढ़ के कारण हर साल जान-माल का नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही हर साल लाखों हेक्टेयर खेती योग्य जमीन भी नदियों के जद में आ रही है।
रितेश कुमार
    http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/67-67-139290.html
       
                                         
बाढ़ की तबाही से उबरने में लगेंगे 8,000 करोड़ रुपये
10 Sep 2008, 0030 hrs IST,एजेंसियां

टना, नई दिल्लीः बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित लाखों लोगों के पुनर्वास और इ



न्फ्रास्ट्रक्चर को फिर से पटरी पर लाने के लिए मोटे अनुमान के अनुसार 7 से 8 हजार करोड़ रुपये की ज़रूरत होगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य सरकार राहत एवं बचाव का कार्य पूरा कर लेगी तो उसके बाद फसल डूबने और इन्फ्रास्ट्रक्चर ढहने से हुए नुकसान का वास्तविक आकलन शुरू किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री ने बिहार को 1 हजार करोड़ रुपये की तत्काल सहायता दी है, लेकिन बिहार को केंद्र से पिछले साल बाढ़ राहत एवं पुनर्वास पर खर्च किए गए 2165 करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं। मोदी ने कहा कि बाढ़ में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजनों को कुल ढाई लाख रुपये दिए जाएंगे। इनमें से राज्य सरकार एक लाख रुपये आपदा राहत कोष से देगी, 50 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से दिए जाएंगे, जबकि प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये दिए जाएंगे। गाय-बैलों व भैंसों के मारे जाने की एवज में प्रति मवेशी 10 हजार रुपये और भेड़-बकरियों के मारे जाने पर प्रति पशु 1 हजार रुपये की रकम दी जाएगी।


मुख्यमंत्नी नीतीश कुमार ने मंगलवार को सुपौल जिले के विभिन्न स्थानों पर राहत शिविरों का निरीक्षण किया। बाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रत्येक वर्ष उत्तर बिहार में आने वाली बाढ़ का स्थायी समाधान नेपाल सरकार के हाथ में है। इसके लिए नेपाल में हाई डैम बनाने की आवश्यकता है।


इस बीच राज्य में कोसी, बागमती, घाघरा, महानंदा और गंगा नदियों के जलस्तर में 6 से 24 सेंटीमीटर तक की गिरावट के संकेत हैं। कोसी नदी के बैराज में भी पानी का प्रवाह कम हुआ है। कोसी नदी में पानी 76,400 क्यूसेक से कम होकर 74,000 क्यूसेक हो गया है। सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया और पूणिर्या जिलों में जलस्तर में महत्वपूर्ण रूप से कमी आई है। सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्न में सोमवार रात एक नाव पलट जाने से 24 लोगों के डूबने की आशंका है।


जिले के छातापुर से करीब 30 लोगों को लेकर परियाही से आ रही नाव तिलाठी के पास अचानक पलट गई। उधर एक एनजीओ ने दावा किया है कि सबसे बुरी तरह प्रभावित सुपौल के बाढ़ प्रभावित पड़ोस के नेपाल पलायन कर रहे हैं। एनजीओ के अनुसार, बाढ़ के बाद जीवनयापन के उचित साधनों के अभाव में वे ऐसा करने को मजबूर हैं। इसके अनुसार करीब 40 हजार बाढ़ पीडि़त परिवारों ने खुले मैदानों और नदियों के किनारे शरण ले रखी है।

सर्दी में और भयावह होगी त्रासदी
10 Oct 2008, 0039 hrs IST,नवभारत टाइम्स



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वॉरियर्स बनाम साउथ ऑस्ट्रेलिया | वॉरियर्स ने साउथ ऑस्ट्रेलिया को 30 रनों से हराया | मैच का पूरा स्कोरकार्ड देखने के लिए क्लिक करें |

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सर्दी में और भयावह होगी त्रासदी

10 Oct 2008, 0039 hrs IST,नवभारत टाइम्स  

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कोसी बाढ़ क्षेत्र से लौटकर भारत डोगरा

कोसी की बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में चार दिनों तक बाढ़ पीड़ित गांववासियों से बातचीत



करने से स्पष्ट पता चला कि यहां की त्रासदी जल्दी समाप्त होने वाली नहीं है। तबाही बहुत बड़े पैमाने पर हुई है। खेतों से बालू हटाने या गड्ढे भरने में महीनों लग सकते हैं। शीत लहर का संकट तो शीघ्र ही आने वाला है। यहां सर्दी जल्दी आती है व ज्यादा मार करती है। लोगों के आवास उजड़ गए हैं व पुआल, कंबल, स्वेटर, कपडे़ सबकी कमी है।


प्रतापगंज में मिले किसानों की बात करें या सूखानगर की। सिमरहा के मेगा कैंप में शरण लिए लोगों की आपबीती सुनाएं या छोटे छोटे कैंपों के लोगों की। यह बार-बार सुनने को मिला कि जिंदगी बुरी तरह तबाह हो गई है और घोर अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है। पाट (जूट) व धान दोनों की फसलें नष्ट हो गईं। न नकदी मिली न अगले साल का भोजन बचा। केले के पेड़ भी नष्ट हो गए। बहुत से आवास गिर गए और कुछ अब पानी का स्तर कम होने के साथ गिर रहे हैं। कई स्थानों पर दूर-दूर तक जल जमाव फैला है व कुछ कह नहीं सकते यह कब हटेगा। फिर कीचड़ की समस्या है।


अब आगे क्या करें? गेहूं की फसल तो बालू के ढेर, गहरी खाइयों, दलदल-कीचड़ व जल जमाव के कारण उगाई नहीं जा सकेगी। कई गांववासी कहते हैं कि मार्च में तटबंध की मरम्मत होगी तभी उनके यहां से पानी हटेगा। वैसे जहां पानी हटा है वहां लोग वापस जा भी रहे हैं। पर आवास में दरारें, मरे हुए मवेशी और परिवार के लापता सदस्यों को ढूंढने जैसी कई गंभीर समस्याएं उनके सामने हैं। कई बस्तियां अब तक पानी से भरी हैं व लोग छाती तक पानी में लाठी टेककर घर पहुंच रहे हैं। पानी कुछ जगहों पर कम हुआ है तो वहां अब नाव नहीं चल सकने के कारण आवागमन और कठिन हो गया है। कीचड़ में चलना बहुत कठिन हो रहा है।


ध्यान रहे कि तटबंध टूटने के कारण यहां अचानक बाढ़ आई है। बहुत सालों से इन गांवों को बाढ़ से जूझने का कोई व्यावहारिक अनुभव नहीं रहा है। साफ पानी की व्यवस्था न होने के कारण अनेक गांवों में डायरिया का प्रकोप है। त्वचा रोग भी बहुत हैं व कुपोषण की समस्या गंभीर है। राहत शिविरों में पेट भर भोजन तो मिल रहा है, पर छोटी-बड़ी अनेक समस्याएं बनी हुई हैं। नैशनल हाइवे-57 पर हजारों बाढ़ पीड़ितों ने शरण ली हुई है। यहां ऑक्सफैम संस्था ने साफ पानी उपलब्ध करवाने का प्लांट भी लगवाया है। यहां के लोगों ने बताया कि भोजन व साफ पानी की उपलब्धि से वे संतुष्ट हैं, जबकि कुछ अन्य ने स्नानघर, बर्तनों व साफ पेयजल की कमी के बारे में कहा।


यहां शुरुआत से राहत के कामों में लगे कई अनुभवी कार्यकर्ताओं ने बताया कि बाढ़ में मृतकों की संख्या सरकारी आंकड़े से कई गुना अधिक है। बचाव कार्य के समय एक ही परिवार के सदस्यों को कभी-कभी अलग स्थानों पर छोड़ना पड़ा। इन परिवारों को आपस में जोड़ना बहुत जरूरी है। पशुओं की मृत्यु बहुत बड़ी संख्या में हुई है। बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। सर्दी के दिन इस दृष्टि से और भी खतरनाक हो सकते हैं। शीत लहर से पहले आवास, वस्त्र, स्वेटर, कंबल, दरी, पुआल, चिकित्सा आदि की सही व्यवस्था नहीं हुई तो बहुत गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।




भारत से 'पीपली लाइव' जाएगी ऑस्कर में
25 Sep 2010, 0410 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम

आमिर खान प्रॉडक्शन के बैनर तले बनी ' पीपली लाइव ' को 83वें ऑस्‍कर अवॉर्ड्स के

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लिए भारत की ओर से नॉमिनेट किया गया है। ' पीपली लाइव ' बेस्‍ट फॉरेन फिल्‍म कैटिगरी के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री होगी।


अब आमिर के सामने फिल्म को दुनिया भर की फिल्मों के सामने ' पीपली लाइव ' को बेस्ट फाइव के नॉमिनेशन तक पहुंचाने की होगी।


आम आदमी को केंद्र बनाकर बनाई गई इस फिल्म की डायरेक्टर अनुष्का रिजवी हैं। उन्होंने किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को संवदेशनील तरीके से फिल्माते हुए नेताओं और मीडिया की कार्यप्रणाली पर कटाक्ष किया है। बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में पीपली लाइव फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई थी और 31वें डर्बन इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में इसे बेस्ट फर्स्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड भी मिल चुका है।

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इससे पहले भारत की ओर से नॉमिनेट फिल्मों में से 'मदर इंडिया', 'सलाम बॉम्बे' और 'लगान' को ही ऑस्कर में फॉरेन लैंग्विज कैटिगरी की बेस्ट फाइव फिल्मों में नॉमिनेशन मिल पाया है। ये फिल्में भी आखिरी सफलता से बस एक कदम दूर रह गईं। इससे पहले आमिर की 'तारे जमीं पर' भी 2009 में ऑस्कर के लिए जा चुकी है, लेकिन वह अंतिम पांच में जगह नहीं बना पाई थी।

सुस्ताने के बाद सेंसेक्स फिर बना 20 हजारी

सरकारी और कंपनियों के बॉन्डों में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाए जाने से उत्साहित एफआईआई की खरीदारी बढ़ने से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज



( बीएसई ) में दो दिन की सुस्ती के बाद सेंसेक्स एक बार फिर 20,000 अंक के पार निकल गया।


पिछले दो दिन सेंसेक्स टूटा था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन 184.17 अंक चढ़कर 20,045.18 अंक पर बंद हुआ। जनवरी, 2008 के बाद 32 महीनों में सेंसेक्स का यह उच्चतम स्तर है।


उधर, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ( एनएसई ) का निफ्टी भी 58.75 अंक की बढ़त के साथ 6,018.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 6,029.10 अंक के दिन के उच्च स्तर को छू गया था।


अमेरिका में बेरोजगार भत्ते बढ़ने की रपटों से एशियाई बाजार कमजोर रहे, जिससे घरेलू शेयर बाजार की धारणा शुरुआत में कमजोर रही। हालांकि, जल्द ही सेंसेक्स नरमी से उबरते हुए 20,071.75 अंक के उच्च स्तर को छू गया। तेजी की अगुवाई एचयूएल, आईटीसी, भारती एयरटेल, ओएनजीसी, रीयल्टी और बैंकिंग शेयरों ने की।


अन्य एशियाई बाजारों में मिले-जुले रुख और यूरोपीय शेयर बाजारों के कमजोर खुलने के बावजूद स्थानीय बाजारों की धारणा मजबूत रही। विश्लेषकों के मुताबिक, सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्डों में एफआईआई निवेश सीमा पांच अरब डालर बढ़ाए जाने की गुरुवार की घोषणा से शुक्रवार को बाजार में निवेशकों की धारणा मजबूत रही।


तेजी दर्ज करने वाले शेयरों में आईटीसी 3.2 प्रतिशत मजबूत होकर 312.5 रुपये पर बंद हुआ। वहीं भारती एयरटेल में करीब तीन प्रतिशत और आरकॉम में 1.76 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। हालांकि आज की तेजी में आरआईएल ने भाग नहीं लिया और इसका शेयर 0.14 प्रतिशत की मामूली बढ़त लेकर 999.10 रुपये पर बंद हुआ।


आईसीआईसीआई बैंक 0.35 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 0.53 प्रतिशत और एसबीआई 0.14 प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ। अन्य कंपनियों में ओएनजीसी 1.24 प्रतिशत, मारुति 1.11 प्रतिशत, हीरो होंडा 0.95 प्रतिशत और डीएलएफ 0.66 प्रतिशत चढ़ा।


बीएसई सेंसेक्स में शामिल 30 में से 18 कंपनियों के शेयर बढ़त लेकर बंद हुए, जबकि 12 कंपनियों के शेयर भाव में गिरावट दर्ज की गई।
       

       

आज से श्रमिकों के लिए नई पेंशन योजना

       
       
       
       
       
                                         
   
           
Sep 25, 10:54 pm
           
                                                               
                               
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नई दिल्ली। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए देशव्यापी पेंशन योजना की शुरुआत रविवार को पश्चिम बंगाल से होगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इस योजना का शुभारंभ राज्य के मुर्शिदाबाद जिले से करेंगे। भारतीय जीवन बीमा निगम [एलआईसी] की इस स्कीम को स्वावलंबन योजना नाम दिया गया है।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक नई योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र लोगों की ओर से वर्ष 2010-11 में खोले गए नई पेंशन योजना [एनपीएस] के सभी खातों में अपनी ओर से तीन सालों तक सालाना एक हजार रुपये जमा करेगी। योजना के अंतर्गत योग्य व्यक्ति को कम से कम एक हजार रुपये प्रति वर्ष खुद जमा करने होंगे। जबकि इसके लिए अधिकतम वार्षिक सीमा 12 हजार रुपये रखी गई है। पिछले माह मंत्रिमंडलीय समिति ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए एक हजार रुपये प्रोत्साहन वाली वार्षिक पेंशन योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस साल अपने बजट भाषण में की थी।
       
       
बाढ़ का खतरा घटा, पर दूसरे खतरे शुरू
24 Sep 2010, 1050 hrs IST,नवभारत टाइम्स
प्रमुख संवाददाता॥ नई दिल्ली

राजधानी में यमुना अपना खतरनाक रूप दिखाकर अब शांत होने की ओर चल पड़ी है। बाढ़ की जैसी आशंका जताई जा रही थी, व



ैसा अब कुछ नजर नहीं आ रहा है, लेकिन यमुना की इस बाढ़ ने दूसरी आफत ला दी है। यमुना में आए पानी के कारण सीवर बैक फ्लो करने लगे हैं, जिससे कई कॉलोनियां बिना बाढ़ के ही जलमग्न हो गई हैं। लगातार बारिश भी इस परेशानी को बढ़ा रही है। फिलहाल, बाढ़ के कारण यमुना के ऊपर बने लोहे के पुल से रोड व रेल ट्रैफिक बंद है।


हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बुधवार रात 11 बजे अधिकतम 207.11 मीटर पर पहुंच गया। यह लेवल करीब 5 घंटे तक बना रहा। उसके बाद जलस्तर तेजी से कम होता चला गया। सेंट्रल वॉटर कमिशन का कहना है कि चूंकि बैराज से बहुत अधिक मात्रा में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, इसलिए गुरुवार शाम 6 बजे इसका लेवल 206.60 मीटर पर आ गया।


अनुमान है कि शुक्रवार शाम तक यह और घटकर 205.85 पर आ जाएगा। कमिशन के मुताबिक, वैसे बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है और गुरुवार को भी वहां से अधिकतम करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिस कारण यमुना आगामी दिनों में खतरे के निशान (204.83 मीटर) के आसपास ही रहेगी।


यमुना में आई इस बाढ़ के कारण निचले इलाकों में स्थिति खराब हो चुकी है। बाढ़ का पानी यमुना बाजार, मजनू का टीला, ओखला, बुराड़ी, जहांगीरपुरी व बटला हाउस के अलावा बदरपुर गांव, गढ़ी मांडू, उस्मानपुर गांव आदि इलाकों में अभी भी पसरा हुआ है।


प्रशासन का कहना है कि वहां से लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है, इसलिए बाढ़ के कारण गंभीर खतरे जैसी कोई बात नहीं है। लेकिन इस बाढ़ ने दूसरे खतरे पैदा कर दिए हैं। असल में यमुना में बहाव के कारण उसमें गिरने वाले नालों के गेट तो बंद कर दिए गए हैं, लेकिन नदी में गिरने वाली सीवरों की लाइन से पानी बैक फ्लो हो रहा है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।


कश्मीरी गेट बस अड्डे को तो इसी कारण बंद ही करना पड़ा है, तो रिंग रोड के पार ही बेला रोड के मंदिरों और रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। नॉर्थ दिल्ली स्थित मुखर्जी नगर, हकीकत नगर इलाके में सीवर के पानी के बैक फ्लो के कारण पानी लहरा रहा है।


यह परेशानी यमुना या उसके आसपास के इलाकों के अलावा अन्य इलाकों में भी पसर रही है। असल में राजधानी में लगातार बारिश हो रही है। पहले यह होता था कि बारिश होने के बाद पानी सीवरों में चला जाता था, लेकिन आजकल हो यह रहा है कि सीवर छोटे नालों से जुड़कर उन नालों तक पहुंचे हुए हैं, जिनका कनेक्शन यमुना से है। बड़े नाले पहले ही से ही लबालब हो रहे हैं, इसलिए इन कॉलोनियों में भी जलभराव हो रहा है। एमसीडी ने कई इलाकों में ऐसे पानी को निकालने के लिए पंप की व्यवस्था तो कर रखी है, लेकिन पंपों से निकला पानी दूसरे इलाकों में लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रहा है।
32 साल बाद यमुना में इतना पानी
23 Sep 2010, 1400 hrs IST,नवभारत टाइम्स

नई दिल्ली।। दिल्ली में युमना का जलस्तर गुरुवार सुबह कम होना शुरू हो गया, लेकिन जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ल

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गभग 2 मीटर ऊपर बना हुआ है। निचले इलाकों के लोगों की परेशानियां अब भी बनी हुई हैं।


सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बुधवार रात को युमना का जलस्तर 207.08 तक पहुंच गया था। यमुना का जलस्तर गुरुवार सुबह 206.91 मीटर रेकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान 204.83 मीटर से 2.08 मीटर ऊपर है।


एक अधिकारी ने बताया कि सुबह से ही हरियाणा की तरफ से पानी का ज्यादा प्रवाह नहीं देखा गया है। सुबह 6 बजे हथिनिकुंड बैराज से 3,03,169 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो शनिवार तक दिल्ली पहुंचेगा।


इससे पहले आज सुबह पिछले 32 साल में पहली बार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर बुधवार को 207 मीटर के ऊपर पहुंच गया था। यमुना में आए उफान के चलते शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। यमुना का पानी गुरुवार को भी खतरे के निशान से ऊपर, 206.92 मीटर पर बह रहा है।


लगातार बारिश होने की वजह से हरियाणा हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ रहा है, गुरुवार की सुबह भी हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया।


1978 में यमुना का लेवल 207.48 मीटर पर पहुंच गया था, जिसकी वजह से मॉडल टाउन समेत कुछ इलाके कई दिनों तक बाढ़ की गिरफ्त में रहे थे। दिल्ली सरकार के मुताबिक, यमुना के दोनों ओर बनाए गए मजबूत बांध अभी ठीक हैं, इसलिए खतरा कम है।


यमुना का यह लेवल 8 से 10 घंटे तक बना रह सकता है। दिल्ली के निचले इलाके इलाकों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर ऊपरी इलाकों में और बारिश नहीं हुई तो अब हथनीकुंड बैराज से इतना ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जाएगा। अभी निचले इलाकों जैसे सिविल लाइंस, मुखर्जी नगर, इंदिरा विहार, यमुना बाजार, मजनूं का टीला, यमुना से जुड़े बुराड़ी, जहांगीर पुरी, बटला हाउस के अलावा बदरपुर गांव, गढ़ी मांडू, उस्मानपुर गांव व आसपास पानी घुस गया है।


कवि की चुटकीः कालिंदी धारण किए रूप बहुत विकराल


यमुना से सटे कश्मीरी गेट बस अड्डे, निगम बोध श्मशान घाट, यमुना बाजार के रिहायशी इलाकों और रिंग रोड के कुछ हिस्सों की सीवर लाइनों का पानी बैक फ्लो की वजह से लौटने लगा है। इससे बसअड्डे, श्मशान घाट समेत इन सभी इलाकों में काफी पानी भर गया है। आशंका है कि अभी इन इलाकों में और पानी बढ़ेगा। रेल ब्रिज के बंद होने से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और शाहदरा के बीच रेल ट्रैफिक गुरुवार को भी बंद रहेगा।


प्रशासन ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की सलाह जारी की है।

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'पीपली लाइव' ऑस्कर के लिए नामित

दैनिक भास्कर - ‎14 घंटे पहले‎
नई दिल्ली. आमिर खान प्रोडक्शन की बहुचर्चित फिल्म 'पीपली लाइव' को अगले साल ऑस्कर अवार्ड के लिए नामित किया गया है। यह विदेशी फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि होगी। फिल्म की पटकथा में देश की व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष है। इसमें दिखाया गया है कि किसानों की खुदकुशी के प्रति मीडिया और राजनेता किस तरह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। ऑस्कर के लिए 27 फिल्मों में से 'पीपली लाइव' का चयन किया गया है। फिल्म की कहानी अनुष्का रिजवी ...

'पीपली लाइव' का आस्कर के लिए होगा नामांकन

That's Hindi - ‎14 घंटे पहले‎
मुंबई, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। आमिर खान निर्मित फिल्म 'पीपली लाइव' का भारत की ओर से आधिकारिक रूप से आस्कर में नामांकन किया जाएगा। यह जानकारी आमिर खान के कार्यालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी। 'पीपली लाइव' पूर्व पत्रकार अनुषा रिजवी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है। इसे सर्वेश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी के लिए चुना गया है। ज्ञात हो कि इस फिल्म में कोई बड़ा अभिनेता नहीं है। इस फिल्म में देश में हो रही किसानों की आत्महत्या, ...

ऑस्कर में "पीपली लाइव", आमिर की तीसरी फिल्म, किनसे होगा मुकाबला?

Tarakash - ‎13 घंटे पहले‎
आमिर खान प्रोडक्शन की बहुचर्चित फिल्म 'पीपली लाइव' अगले वर्ष ऑस्कर अवार्ड के लिए भारत की तरफ से मुकाबला करेगी. सरकार ने इस फिल्म को विदेशी फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर मान्य रखा है. बहुचर्चित फिल्म पीपली लाइव देश की शासन व्यवस्था और मीडिया पर पर तीखा कटाक्ष है. इसमें दिखाया गया है कि किसानों की खुदकुशी के प्रति मीडिया और राजनेता किस तरह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं. अनुषा रिज़वी की यह फिल्म मात्र 10 ...

ऑस्कर के लिए जाएगी "पीपली लाइव"

Patrika.com - ‎22 घंटे पहले‎
नई दिल्ली । लगान का भुवन ऑस्कर पुरस्कार नहीं दिला पाया लेकिन आमिर खान प्रॉडक्शन को नत्था की "पीपली लाइव" से बड़ी उम्मीदें हैं। "पीपली लाइव" भारत की ओर से आधिकारिक रूप में 83वें ऑस्कर पुरस्कार के लिए जाएगी। फिल्म को विदेशी फिल्म वर्ग में रखा गया है। पत्रकार से निर्देशक बनी अनुष्का रिजवी की पीपली में किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को संवेदनशील ढंग से उठाया गया है। वहीं राजनेता व मीडिया पर करारा कटाक्ष किया गया है। ...

ऑस्कर का दावा पेश करेगी पीपली लाइव

याहू! जागरण - ‎२४-०९-२०१०‎
नई दिल्ली। कर्ज में डूबे किसानों की समस्याओं का चित्रण करने वाली आमिर खान की चर्चित फिल्म 'पीपली लाइव' ऑस्कर पुरस्कार की होड़ में शामिल होगी। 'पीपली लाइव' वर्ष 2011 के ऑस्कर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत की आधिकारिक एंट्री होगी। यह तीसरा मौका है जब बतौर निर्माता आमिर खान की कोई फिल्म प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कारों में अपनी दावेदारी पेश करेगी। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया [एफएफआई] के महासचिव सुपर्ण ...

ऑस्कर के लिए भेजी जाएगी आमिर की 'पीपली लाइव'

दैनिक भास्कर - ‎२४-०९-२०१०‎
नई दिल्ली. आमिर खान की बनाई फिल्म 'पीपली लाइव' को ऑस्कर पुरस्कार के लिए भारत की ओर से नामांकित कराने का फैसला किया गया है। इसे बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री के तौर पर भेजा जाएगा। अनुषा रिजवी लिखित और निर्देशित पीपली को आमिर खान ने प्रोड्यूस किया है। किसानों की आत्महत्या के गंभीर मुद्दे पर बनी यह फिल्म मीडिया और राजनीति पर तीखा व्यंग्य है। पीपली लाइव इससे पहले सनडांस फिल्म फेस्टिवल में भी जा ...

ऑस्कर में पीपली लाइव

आज की खबर - ‎12 घंटे पहले‎
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान की फिल्म पीपली लाइव भारत की तरफ से ऑस्कर पुरस्कार के लिए भेजी जाएगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीपली लाइव वर्ष 2011 के ऑस्कर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत की आधिकारिक एंट्री होगी। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सुपर्ण सेन ने शुक्रवार को बताया कि ऑस्कर पुरस्कार की होड़ में पीपली लाइव को 27 फिल्मों के बीच से भारत की आधिकारिक एंट्री के लिए ...

ऑस्कर के लिए जाएगी आमिर की पीपली लाइव

IBN Khabar - ‎२४-०९-२०१०‎
मुंबई। आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म पीपली लाइव ऑस्कर पुरस्कारों के लिए भारत की ओर से विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में दावा पेश करेगी। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इसे ऑस्कर के लिए अधिकृत रूप से भेजने का फैसला किया है। फिल्म की निर्देशक अनुष्का रिजवी हैं जबकि रघुवीर यादव ने इसमें मुख्य किरदार निभाया है। फिल्म किसानों की दुर्दशा और उन्हें देखने के शहरी नजरिये पर आधारित है। छत्तीसगढ़ के एक गांव पीपली के नाम पर ...

पीपली लाइव ऑस्कर में जाएगी

डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎२४-०९-२०१०‎
दो बार मात खा चुके आमिर खान एक बार फिर ऑस्कर अवॉर्ड्स में जोर आजमाइश करते नजर आने वाले हैं. उनकी फिल्म पीपली लाइव इस बार ऑस्कर में भारत की तरफ से आधिकारिक एंट्री होगी. इस फिल्म की हर जगह चर्चा है. भारत में ग्रामीण और शहरी जीवन के बीच की बढ़ती खाई को दिखाती इस फिल्म को बेस्ट फॉरन फिल्म कैटिगरी में भेजा जाएगा. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सुपर्ण सेन ने बताया कि इस समारोह में भारतीय फिल्म का मुकाबला 27 देशों की फिल्मों से ...

पीपली लाइव जायेगी ऑस्कर

प्रभात खबर - ‎२४-०९-२०१०‎
नयी दिल्ली: आमिर खान की पीपली लाइव इस वर्ष ऑस्कर के लिए भारत का प्रतिनिधत्व करेगी. फिल्म भारत की ओर से बेस्ट फॉरेन फिल्म की श्रेणी में आधिकारिक एंट्री होगी. इससे पहले मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे और लगान को नामिनेशन मिल पाया है. बर्लिन फिल्म समारोह पीपली लाइव की स्पेशल स्क्रीनिंग की गयी थी. फिल्म को 31 डर्बन इंटरनेशनल फिल्म समारोह में बेस्ट फीचर फिल्म अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है.

पीपली लाइव होगी आस्कर में शामिल

देशबन्धु - ‎२४-०९-२०१०‎
चेन्नई ! अभिनेता निर्माता निर्देशक आमिर खान की हिन्दी फिल्म पीपली लाइव को 83 वें वार्षिक अकादमी अवार्ड्स .आस्कर. में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग के लिये भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया है ! जाने माने फिल्मकार के .एस. सेतुमाधवन की अध्यक्षता वाले 15 सदस्यीय निर्णयक मंडल ने पीपली लाइव को 27 दावेदार फिल्मों में से चुना1 श्री सेतुमाधवन ने आज शाम यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की ! पीपली लाइव के साथ ...

'पीपली लाइव' ऑस्कर में

Awaaz Karobar - ‎२४-०९-२०१०‎
फिल्म 'पीपली लाइव' ऑस्कर की रेस में आ गई है। आमिर खान की इस फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर में एंट्री के लिए चुना गया है। पीपली लाइव समाज पर एक व्यंग्य है जिसकी कहानी कर्ज के बोझ के तले दबे किसानों की जिंदगी पर आधारित है। इस कहानी में किसानों की दुर्दशा को दिखाया गया है। फिल्म को अनुशा रिज्वी ने डायरेक्ट किया है जो पहले पत्रकार रह चुकी हैं। पीपली लाइव को प्रधानमंत्री समेत कई सांसद देख चुके हैं। योजना आयोग में भी इस फिल्म को ...

मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूँ-कलमाड़ी

वेबदुनिया हिंदी - ‎27 मिनट पहले‎
चौतरफा आलोचनाओं से घिरे कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को शनिवार को पत्रकारों के कठिन सवालों का सामना करना पड़ा और उन्होंने खेलों से पहले उठ रहे विवादों के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी को स्वीकार किया। कलमाड़ी ने संवाददाता सम्मेलन में सवालों की बौछारों के बीच कहा कि मैं आयोजन समिति का अध्यक्ष हूँ। मैं जिम्मेदारी लेता हूँ। यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन काश स्टेडियम हमारे हवाले थोड़ा समय पहले कर ...

मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं : कलमाडी

प्रभात खबर - ‎1 घंटा पहले‎
नयी दिल्ली : चौतरफ़ा आलोचनाओं से घिरे राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी को शनिवार को पत्रकारों के कठिन सवालों का सामना करना पडा और उन्होंने खेलों से पहले उठ रहे विवादों के लिये अपनी नैतिक जिम्मेदारी को स्वीकार किया. कलमाडी ने संवाददाता सम्मेलन में सवालों की बौछारों के बीच कहा कि मैं आयोजन समिति का अध्यक्ष हूं. मैं जिम्मेदारी लेता हूं. यह कोई मुद्दा नहीं है. लेकिन काश स्टेडियम हमारे हवाले थोडा समय ...

्नराष्ट्रमंडल खेल : आखिरकार कलमाडी ने ली जिम्मेदारी (लीड-3)

That's Hindi - ‎2 घंटे पहले‎
कलमाडी ने हालांकि यह कहते हुए खुद का बचाव भी किया कि सरकारी एजेंसियों ने अधोसंरचना संबंधी कार्यो को समय पर पूरा नहीं किया। दूसरी ओर राष्ट्रमंडल खेल परिसंघ के अध्यक्ष माइक फेनेल ने कहा कि खेलों के इर्द-गिर्द पैदा हुए विवादों ने भारत की छवि को धूमिल किया है। लेकिन "उस दोष को हम सभी को मिल कर साझा करना है।" इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी एक बार फिर हस्तक्षेप किया है। पीएमओं ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा ...

ठेकेदार और बिल्डर हैं देरी के लिए जिम्मेदार: कलमाड़ी

नवभारत टाइम्स - ‎7 घंटे पहले‎
नई दिल्ली।। सुरेश कलमाड़ी ने गेम्स विलेज और वेन्यू की तैयारी में हुई देरी के लिए ठेकेदारों और बिल्डरों को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा गेम्स विलेज बनाने वाले बिल्डर ने हमें देरी से गेम्स विलेज सौंपा, जिस कारण उसकी साफ-सफाई और अन्य तैयारियों में देरी हो गई। यह बात उन्होंने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के साथ बातचीत के दौरान कही। इसके पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरेश कलमाड़ी ने गेम्स की तैयारियों में हुई ...

राष्ट्रमंडल खेल : कलमाड़ी ने ली जिम्मेदारी

That's Hindi - ‎8 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति (सीजीओसी) के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी ने तैयारियों को लेकर चल रही ऊहापोह की स्थिति के बीच सभी जिम्मेदारियां अपने ऊपर ले ली है। कलमाड़ी ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आयोजन समिति की भूमिका खेलों के आयोजन से जुड़ी है। मैं निर्माण कार्यो में शामिल नहीं हूं। निमार्ण कार्य मेरी जिम्मेदारी भी नहीं है। हां, सभी चीजों की समीक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। सीजीओसी के प्रमुख के तौर ...

'बारात देख तैयारियां जोरों पर, ये है भारत का कॉमनवेल्थ'

IBN Khabar - ‎5 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है। मिशन है देश की साख बचाने का। लेकिन गेम्स शुरू होने से 8 दिन पहले भी खेलगांव में काफी काम बचा है। कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइक फेनेल ने आईबीएन7 के साथ खास बातचीत में आयोजन समिति और सरकारी एजेंसियों पर उनकी चेतावनी न सुनने का आरोप लगाया। उधर फुटओवर ब्रिज गिरने के बाद हाथ खड़े कर चुकी दिल्ली सरकार के बुलावे पर भारतीय सेना ने जवाहरलाल नेहरू ...

कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 | 25.09.2010 कलमाड़ी बोले, मैं हूं जिम्मेदार

डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎8 घंटे पहले‎
कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों को लेकर काफी समय से हंगामा हो रहा है, लेकिन आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने पहली बार अपनी जिम्मेदारी मानी है. उन्होंने तैयारियां पूरा न होने की नैतिक जिम्मेदारी ली. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कलमाड़ी ने कहा, "मैं आयोजन समिति का अध्यक्ष हूं और मैं सारी जिम्मेदारी लेता हूं. हालांकि कोई मसला है नहीं लेकिन हमें सारी जगहें कुछ पहले मिल जातीं तो अच्छा रहता. ...

कॉमनवेल्थ के बॉस फेनेल खुश

वेबदुनिया हिंदी - ‎२४-०९-२०१०‎
दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए कई दिनों की घोर निराशा और आलोचनाओं के बाद शुक्रवार का दिन खुशियाँ लेकर आया। कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) के अध्यक्ष माइक फेनेल ने खेलगाँव का निरीक्षण कर वहाँ किए गए सुधारों पर संतोष जताया जबकि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स ने इन खेलों में अपने खिलाड़ियों को भेजने के लिए हरी झंडी दिखा दी। इंग्लैंड का पहला दल तो शुक्रवार को दिल्ली भी पहुँच गया। फेनेल ने खेलगाँव की ...

हुआ है सुधार, लेकिन गुंजाइश बाकी

याहू! जागरण - ‎9 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। खेल गांव पर सदस्य देशों की चिंताओं का निवारण करते हुए राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के प्रमुख माइक फेनेल ने शनिवार को माना कि हालात में सुधार तो हुआ है लेकिन अभी भी काफी गुंजाइश बाकी है। फेनेल ने खेल गांव का दौरा और टीमों के अभियान प्रमुखों और शुक्रवार को कैबिनेट सचिव से मुलाकात भी की। फेनेल ने दौरे के बाद कहा, 'हालात में पिछले तीन-चार दिन में काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी खेल गांव पूरी तरह तैयार नहीं है। ...

हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी: फेनेल

नवभारत टाइम्स - ‎12 घंटे पहले‎
नई दिल्ली।। कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के चेयरमैन माइक फेनेल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अभी जितने बड़े पैमाने पर काम हो रहा है, उसे पहले ही कर लिया जाना चाहिए था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब भी बहुत सारे काम करने के लिए बाकी हैं। फेनेल ने कहा है कि इसकी जिम्मेदारी हम सभी को लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ गेम्स की समस्या नहीं है, बल्कि कई ऐसी चीजें थीं जिनसे बचा जा सकता था। ...

किसी टीम ने नाम वापस नहीं लिया : कलमाड़ी

एनडीटीवी खबर - ‎२३-०९-२०१०‎
विवादों से घिरी दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने गुरुवार को कहा कि खेलगांव अब 7000 खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है और कोई देश इन खेलों से नाम वापिस नहीं ले रहा। कलमाड़ी ने कहा, ''हमें नहीं लगता कि अब कोई संजीदा शिकायतें हैं। हमारा मानना है कि कोई टीम खेलों से नाम वापिस लेने नहीं जा रही। मैंने आज ही सभी टीमों के अभियान प्रमुखों और मैनेजरों से बात की है जो काफी खुश ...

काफी काम हो चुका, कुछ और अभी बाकी : फेनेल

एनडीटीवी खबर - ‎13 घंटे पहले‎
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के प्रमुख माइक फेनेल ने कहा कि गेम्स की तैयारियों के सिलसिले में काफी हद तक काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब भी कुछ काम बाकी हैं। नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खेलगांव के हालात अब काफी सुधर चुके हैं और यहां खाने-पीने की बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं, उम्मीद है कि खिलाड़ियों को परेशानी नहीं आएगी। इससे पहले शुक्रवार को फेनेल ने खेलगांव का निरीक्षण किया और वहां कई ...

फेनेल ने कहा, खेलगांव में हुआ सुधार

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎२४-०९-२०१०‎
राष्ट्रमंडल खेल संघ के प्रमुख माइक फेनेल ने शुक्रवार को खेलगांव का दौरा करने के बाद कहा कि वहां पर 'अच्छी प्रगति' हुई है। गंदगी और साफ-सफाई को लेकर हुई आलोचना के बाद फेनेल ने खेलगांव का दौरा करने का निर्णय लिया था। खेलगांव में गंदगी को देखते कई देशों ने अपनी टीम की रवानगी टाल दी थी और कई खिलाड़ियों ने दिल्ली आने से इंकार दिया था। खेलगांव का दौरा करने के बाद फेनेल ने एक बयान में कहा, 'यह अच्छा है कि मैं दिल्ली में हूं, ...

फेनेल ने की कैबिनेट सचिव से मुलाकात

एनडीटीवी खबर - ‎२४-०९-२०१०‎
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष माइक फेनेल ने तीन से 14 अक्तूबर को होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर से मुलाकात की। ऐसा समझा जाता है कि कैबिनेट सचिवालय में एक घंटे तक चली बैठक में फेनेल ने खेलों में भाग लेने वाले विभिन्न देशों की सफाई और खेल गांव में रहने के हालातों संबंधित चिंताओं और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ...

राष्ट्रमंडल खेल : फेनेल ने की कैबिनेट सचिव से मुलाकात

That's Hindi - ‎२४-०९-२०१०‎
सूत्रों ने कहा कि फेनेल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात का समय न मिल पाने के बाद कैबिनेट सचिव से मुलाकात की। चंद्रशेखर के पास फिलहाल खेलों की तैयारी का पूरा प्रभार है। ज्ञात हो कि फेनेल ने आयोजन के सिलसिले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के लिए समय मांगा था। सूत्रों ने कहा कि फेनेल ने बाद में आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी और अन्य अधिकारियों के साथ खेल गांव का निरीक्षण किया।

कई देशों के प्रतिनिधि आज करेंगे खेलगांव का दौरा

एनडीटीवी खबर - ‎14 घंटे पहले‎
कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों के सिलसिले में दिल्ली सरकार के लिए शनिवार का दिन अहम रहेगा। खेलगांव को खिलाड़ियों के लिए पूरी तरह से तैयार करने के लिए शनिवार सुबह तक का वक्त दिल्ली सरकार के पास था। इसके बाद इसे सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर दिया जाएगा। हालांकि जो तथ्य और सबूत मिले हैं, उसके मुताबिक खेलगांव में काफी सुधार हुआ है। कॉमनवेल्थ फेडरेशन के मुखिया माइक फेनेल ने भी माना है कि खेलगांव में काफी सुधार हुआ है। ...

खेलगांव की हालत में अब काफी सुधार : फेनेल

एनडीटीवी खबर - ‎२४-०९-२०१०‎
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के प्रमुख माइक फेनल ने शुक्रवार को कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज का दौरा किया। उनके साथ गेम्स चेयरमैन सुरेश कलमाड़ी, सेक्रेटरी जनरल रणधीर सिंह और हूपर भी थे। दौरे के बाद उन्होंने कहा कि हालात में काफी सुधार हुआ है और तमाम आयोजक दिन-रात काम पूरा करने में जुटे हैं। पिछले 2−3 दिन से आयोजकों की हर स्तर पर काफी आलोचना हुई। कई खामियां सामने आईं। कई देशों ने शिकायत की कि गेम्स विलेज के हालात रहने लायक नहीं है। ...

फेनेल ने कहा, बहुत कुछ हुआ बहुत कुछ होना बाकी

IBN Khabar - ‎13 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के प्रमुख माइक फेनेल ने कहा कि खेलगांव में काफी काम हो चुका है लेकिन उन्होंने अभी वहां सफाई पर अपनी नाखुशी जताई। फेनेल ने उम्मीद जताई कि जिस गति से काम हो रहा है वह रफ्तार न सिर्फ खेल शुरू होने तक बल्कि उसके समाप्त होने तक बनी रहना चाहिए। बेसमेंट में मौजूद कुछ पानी को हटाने में परेशानी हो रही है वो उसे आज साफ कर देंगे। हम उन डेलिगेशन के संपर्क में हैं जो अभी आने हैं हमसे कई सवाल पूछे जा ...

फेनेल ने खेल गांव का जायजा लिया

डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎२४-०९-२०१०‎
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइकल फेनेल ने शुक्रवार को खेल गांव के निरीक्षण के बाद कहा कि हालात में काफी सुधार हुए हैं. आयोजक पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद पर काम पूरा नहीं कर पाए हैं और अब दौ़ड़ रहे हैं. फेनेल ने कहा, "दिल्ली में आना अच्छा लग रहा है. पिछली रात मेरे सीईओ माइक हूपर ने मुझे रिपोर्ट दी कि स्थिति बेहतरी की ओर है." फेनेल ने कॉमनवेल्थ खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी, महासचिव रणधीर सिंह और ...

खेल में लौटी ख़ुशी : विदेशी खिलाडियों का आना प्रारंभ

दैनिक भास्कर - ‎19 घंटे पहले‎
नई दिल्ली.कॉमनवेल्थ गेम्स के शुभचिंतकों के लिए शुक्रवार वाकई शुक्र मनाने का दिन रहा। पिछले कई दिनों से गलत कारणों से चर्चा में रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए आखिरकार कुछ अच्छी खबर आई। विवादों से घिरे कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजकों के चेहरे तब खिल गए, जब इंग्लैंड के 47 खिलाड़ियों-अधिकारियों का दल यहां पहुंच गया। इस बीच, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और केन्या ने भी इन खेलों के लिए अपने दल भेजने को हरी झंडी दे दी। ...

खेलगांव अब बेहतर

Patrika.com - ‎21 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष माइक फेनेल ने शुक्रवार को खेलगांव का निरीक्षण कर वहां किए गए सुधारों पर संतोष जताया। इस बीच खेलों में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैंड के 47 एथलीटों और अधिकारियों का पहला दल दिल्ली पहुंच गया। फेनेल ने खेलगांव के निरीक्षण के बाद एक बयान में कहा, दिल्ली आकर मुझे अच्छा लग रहा है। सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर ने खेलगांव में किए गए सुधारों के बारे में मुझे ...

फेनेल ने किया खेलगांव का मुआयना

Patrika.com - ‎२४-०९-२०१०‎
नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए बने खेलगांव पर उठ रहे सवालों के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइक फेनेल ने आज खेलगांव का निरीक्षण किया। सूत्रों के मुताबिक फेनेल खेल गांव से संतुष्ट हैं। फेनेल के साथ आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी, सीजीएफ के सीईओ माइक हूपर और दिल्ली के मेयर भी थे। इस बीच, हूपर ने कहा कि खेलगांव के हालात में काफी सुधार हुआ है। इससे पहले खेलगांव में बदइंतजामी और गंदगी पर न्यूजीलैंड और ...

पीएम ने कहा, बातें नहीं काम करो

Patrika.com - ‎19 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। राष्ट्रमण्डल खेलों की तैयारियों को लेकर भारत की बिगड़ती छवि से खफा प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को खेल मंत्री एमएस गिल व शहरी विकास मंत्री जयपाल रेaी को फटकार लगाई। प्रधानमंत्री ने खेलों की तैयारियों से जुड़ी एजेंसियों के बीच तालमेल न होने पर चिंता जताई। शुक्रवार को केबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री ने संदेश दिया कि अब बातें करने का नहीं बल्कि काम दिखाने का वक्त है। गिल ने जब तैयारियों का ब्योरा ...

खेलगांव को देख संतुष्ट हुए फेनेल

देशबन्धु - ‎२४-०९-२०१०‎
नयी दिल्ली। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए पूर्वी दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के नजदीक बनाए गए खेलगांव के बारे में पिछले कुछ दिनों से आ रही नकारात्मक खबरों के बीच राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष माइक फेनेल ने आज खेलगांव का निरीक्षण कर वहां किए गए सुधारों पर संतोष जताया। फेनेल ने यहां जारी एक बयान में कहा ' दिल्ली आकर मुझे अच्छा लग रहा है। सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर ने खेलगांव में किए गए ...

ओबामा की भारत यात्रा को लेकर भारत आशांवित

याहू! जागरण - ‎11 घंटे पहले‎
न्यूयार्क। विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा है कि भारत अपने देश में नवंबर में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की काफी महत्वपूर्ण यात्रा को लेकर आशांवित है और प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी इस दौरे को लेकर उत्साहित हैं। यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा में आए विश्व नेताओं को ओबामा की मेजबानी में दी गई दावत में कृष्णा ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि उनकी भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि प्रथम महिला ...

ओबामा की यात्रा का महत्व

याहू! जागरण - ‎35 मिनट पहले‎
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नवंबर में आगामी भारत यात्रा को मार्च 2006 में जार्ज बुश के भारत दौरे जैसा यादगार और ऐतिहासिक बनाने के लिए दोनों देशों की ओर से गहन प्रयास किए जा रहे हैं। बुश की वह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के मामले में नया प्रस्थान बिंदु बन गई थी, क्योंकि उसी के बाद भारत पर तीन दशक से जारी प्रतिबंधों को हटाने की शुरुआत हुई थी। द्विपक्षीय संबंधों के मामले में उस सफलता को दोहरा पाना आसान नहीं है। ...

भारत यात्रा को लेकर आशान्वित हैं ओबामा

वेबदुनिया हिंदी - ‎२४-०९-२०१०‎
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से कहा है कि वह नवंबर में अपनी पहली भारत यात्रा को लेकर काफी आशान्वित हैं। दोनों नेताओं ने गुरुवार को यहाँ नेचरल हिस्ट्री संग्रहालय में एक-दूसरे से भेंट की। संग्रहालय में ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने आए विश्व के नेताओं के लिए स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया था। सूत्रों के अनुसार ओबामा ने कृष्णा से कहा कि उन्हें नवंबर के प्रारंभ में होने ...

ओबामा को भी है भारत यात्रा का इंतजार

याहू! जागरण - ‎२४-०९-२०१०‎
न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पहली भारत यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित और आशान्वित हैं। यह बात उन्होंने खुद भारत के विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा से कही। ओबामा इस साल नवंबर में भारत आने वाले हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात यहां बृहस्पतिवार को नेचरल हिस्ट्री म्युजियम में हुई। जहां ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जुटे विश्व भर के नेताओं के स्वागत में भोज का आयोजन किया था। इस भोज में ओबामा ने कृष्णा से ...

भारत एक फ़लता-फ़ूलता लोकतंत्र : ओबामा

प्रभात खबर - ‎२३-०९-२०१०‎
संयुक्त राष्ट्र : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नवंबर में अपनी ऐतिहासिक भारत यात्रा से पहले भारत को फ़लता-फ़ूलता लोकतंत्र बताया जिसने उपनिवेशवाद को शांतिपूर्वक उखाड फ़ेंका. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में ओबामा ने दुनियाभर के नेताओं से कहा कि मैं भारत जाउंगा जिसने उपनिवेशवाद को शांतिपूर्वक उखाड फ़ेंका और जो एक अरब से ज्यादा आबादी के साथ फ़लते-फ़ूलते लोकतंत्र के रूप में स्थापित हुआ. ...

ओबामा की भारत यात्रा,मिशेल उत्साहित

SamayLive - ‎२३-०९-२०१०‎
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा को लेकर उनकी पत्नी मिशेल ओबामा काफी उत्साहित हैं। संयुक्त राष्ट्र की आमसभा की बैठक में आयोजित एक भोज के दौरान ओबामा ने भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा को इस संबंध में बताया। ओबामा ने कृष्णा से कहा कि वह भारत पहुंचने की तैयारियों में जुटे हैं तो वहीं मिशेल ने कहा कि वह इस यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इससे पहले भी ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र आमसभा में अपने भाषण के दौरान अपनी ...

गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति में सुधार, राहत कार्य जारी

That's Hindi - ‎२४-०९-२०१०‎
पटना, 24 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी के तटबंध टूटने के बाद आई बाढ़ में तेजी से सुधार हो रहा है। जिले के एक-दो गांवों को छोड़कर आसपास के सभी गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से घट रहा है। गोपालगंज में आई बाढ़ के बाद खोले गये राहत शिविरों में अभी भी करीब 6000 लोग पनाह लिये हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने शुक्रवार को बताया कि गंडक में पानी घट रहा है इस कारण बाढ़ प्रभावित इलाकों ...

बिहार में घट रहा है बाढ़ का पानी

याहू! जागरण - ‎२२-०९-२०१०‎
पटना। बिहार के गोपालगंज जिले में बाढ़ का पानी तेजी से कम हो रहा है और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 पर भी वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। पानी कम होने से लोगों को राहत मिली है। गोपालगंज जिले के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पिछले 12 घंटे के दौरान अत्यधिक प्रभावित इलाकों रूपनछाप, सेमरिया, सोनबरसा आदि गांवों में बाढ़ का पानी ढाई से तीन फुट तक कम हो गया है जिससे लोगों को कुछ राहत मिली है। कई गांवों के ग्रामीण अब अपने घरों की ...

गोपालगंज में उतरने लगा है बाढ़ का पानी

दैनिक भास्कर - ‎२२-०९-२०१०‎
पटना गोपालगंज में बाढ़ का पानी लगातार घटता जा रहा है। आपदा प्रबंध विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को गंडक नदी में पानी का अधिकतम डिस्चार्ज 1.60 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया है। इसके साथ ही गोपालगंज के बरौली प्रखंड के सिमरिया गांव के पास सारण तटबंध मरम्मत का काम तेज कर दिया गया है। और नदी का पानी का डिस्चार्ज कम होने के कारण गोपालगंज के बरौली, सिंधवालिया और बैकुंठपुर प्रखंड में मंगलवार को बढ़ता हुआ जलस्तर कम होने ...

नए इलाकों में भी फैला बाढ़ का पानी

दैनिक भास्कर - ‎२१-०९-२०१०‎
पटना गोपालगंज में गंडक नदी का पानी बरौली, बैंकुठपुर और सिंधवालिया के सैकड़ों गांवों में फैल गया है। इन तीनों प्रखंडों को रेड एलर्ट कर दिया गया है। बताया जाता है कि बरौली प्रखंड के मोहदीपुर पकड़ीया पंचायत के रूपनछाप और सेमरिया, सरफरा पंचायत की कांपकसहा, बतरदेह पंचायत के बतरदेह, कटहरीदी और चैनपुर नये इलाके है, जहां बाढ़ का पानी घुसा है। हालांकि यहां पानी का स्तर काफी कम है। इसके अलावा सोनवर्षा पंचायत के सोनवर्षा, आलापुर, ...

बिहार में जारी है गंडक का कहर (लीड-1)

That's Hindi - ‎२१-०९-२०१०‎
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक मंगलवार को वाल्मीकी नगर स्थित बैराज के समीप गंडक नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। कक्ष में तैनात कनिष्ठ अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि शाम को तीन बजे बैराज के समीप गंडक नदी में 1,75000 क्यूसेक पानी मापा गया जबकि 11 बजे 1,69400 क्यूसेक जल था। इसी तरह 10 बजे 1,75000 क्यूसेक तो सुबह छह बजे 1,66600 क्यूसेक पानी था। इधर, गोपालगंज में गंडक का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग 28 तथा बरौली-सीवान ...

बिहार में बाढ़ का कहर जारी (लीड-1)

That's Hindi - ‎२२-०९-२०१०‎
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बुधवार को वाल्मीकीनगर के बैराज से गंडक नदी के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की गई है। कक्ष में तैनात कनिष्ठ अभियंता मनोज कुमार ने बुधवार को बताया कि दो बजे दिन में बैराज से गंडक नदी का जल प्रवाह 1,83000 क्यूसेक था, जबकि 10 बजे यह 1,69400 क्यूसेक दर्ज किया गया था। इसी तरह आठ बजे बैराज के पास गंडक नदी में 1,63800 क्यूसेक पानी मापा गया था। गंडक में जलस्तर बढ़ने के कारण गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति और ...

गोपालगंज में बाढ़ से 60 गांव प्रभावित

That's Hindi - ‎२२-०९-२०१०‎
गोपालगंज जिले के एक अधिकारी के अनुसार बाढ़ से बरौली और सिधवलिया प्रखंड के करीब 60 गांव प्रभावित हुए हैं। गंडक नदी का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग-28 और बरौली-सीवान मार्ग के ऊपर आने से आवागमन ठप्प हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि अगले 24 घंटे में बाढ़ का पानी बैकुंठपुर प्रखंड में प्रवेश कर जाएगा। अधिकारियों के अनुसार बाढ़ की वजह से अब तक करीब 60 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। उधर, प्रशासन ने बरौली प्रखंड में राहत एवं बचाव कार्य ...

हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड में बाढ़ का कहर जारी

Patrika.com - ‎२२-०९-२०१०‎
लखनऊ/पटना/देहरादून। दिल्ली के अलावा देश के अन्य हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। बाढ़ से उत्तर प्रदेश और बिहार के भी कई इलाके बुरी तरह से प्रभावित हैं। इस आपदा की वजह से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी हैं जबकि लाखों को बेघर होना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश में भी नदियां उफान पर हैं। इससे पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में स्थिति और गंभीर हो सकती है। पश्चिमी उप्र के 500 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया ...

देश के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर

SamayLive - ‎२२-०९-२०१०‎
देश के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर जारी है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। यमुना का जलस्तर बढ़कर 207 मीटर पहुंच गया है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। निचले इलाकों में कई-कई फुट पानी भर जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है।दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार 12 बजे पुराने लोहे वाले पुल पर ...

बाढ़पीड़ितों को हरसंभव सहायता : नीतीश

SamayLive - ‎२०-०९-२०१०‎
गंडक नदी का नया तटबंध टूटने से बरौली, सिधवलिया, बैकुण्ठपुर की चौबीस पंचायतों के लगभग 125 गांवों में बाढ़ का पानी फैलने की सूचना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को हेलीकॉप्टर से दिन के 12 बजे जिला मुख्यालय पहुंचे तथा राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने जिले के वरीय अधिकारियों के साथ आपदा से निबटने के लिए विचार- विमर्श किया। मुख्यमंत्री मिन्ज स्टेडियम में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद आदर्श आचार संहिता का ...


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