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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Wednesday, September 28, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/9/27
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


जम्मूःपुलिस भर्ती लिस्ट पर लटकी तलवार

Posted: 26 Sep 2011 01:27 AM PDT

फरवरी महीने में हुई पुलिस भर्ती के रिजल्ट पर पूरी तरह से संदेह की तलवार लटकी हुई है। इस भर्ती में अभी तक उम्मीदवारों में 13 के कागजात फर्जी पाए गए हैं। पुलिस ने रविवार को फर्जी कागजात इस्तेमाल करने वाले एक और उम्मीदवार के खिलाफ पक्का डंगा थाने में एफआईआर नंबर 154 के तहत मामला दर्ज किया।
इस फर्जीवाड़े में अभी तक 13 उम्मीदवारों के नाम बाहर आ चुके हैं। आरोपी उम्मीदवारों के खिलाफ पक्का डंगा थाने में अलग-अलग एफआईआर नंबर 92, 107 तथा 154 नंबर में मामले दर्ज हैं। 13 उम्मीदवारों के कागजात फर्जी निकलने के बाद पुलिस ने अन्य उम्मीदवारों के कागजातों से बारीकी से जांच शुरू कर दी है। इसलिए अभी तक भर्ती का रिजल्ट नहीं निकल पाया है।
पुलिस मुख्यालय सभी प्रत्याशियों के कागजात की बारीकी से जांच करने में जुट गया है। इसके बाद ही इस भर्ती का रिजल्ट जारी होने की संभावना है।


हजारों देकर बनाए फर्जी कागजात
फर्जी कागजात जमा करवाने के अभी तक ३ मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें 13 उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। 24 फरवरी 2011 को हुई पुलिस भर्ती में हजारों युवाओं ने भाग लिया था। भर्ती प्रक्रिया के अंतिम दौर में पहुंचे उम्मीदवारों ने कागजात जमा करवाए थे। पुलिस ने जब कागजातों की जांच की तो उनमें 13 के कागजात फर्जी पाए गए हैं। पक्का डंगा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 92 में ४ तथा एफआईआर नंबर 107 में ८ उम्मीदवारों के शैक्षणिक सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए थे। मामले दर्ज करने के बाद पुलिस ने जब आरोपी प्रत्याशियों से पूछताछ की तो उन्होंने कई संस्थानों के नाम बताए थे जहां से हजारों रुपए देकर फर्जी कागजात बनाए थे(गोविंद चौहान,दैनिक भास्कर,जम्मू,26.9.11)।

जमशेदपुरःटिनप्लेट में कर्मचारियों को 18.25 प्रतिशत बोनस

Posted: 26 Sep 2011 01:25 AM PDT

टिनप्लेट कंपनी के कर्मचारियों को 18.25 प्रतिशत बोनस मिलेगा। इसमें 16.80 प्रतिशत बोनस और 1.45 प्रतिशत एक्सग्रेसिया शामिल है। रविवार को कंपनी प्रबंधन और वर्कर्स यूनियन के बीच समझौता हुआ। कर्मचारियों को न्यूनतम 11,980 रुपए और अधिकतम 34,760 रुपए मिलेंगे। कंपनी के कुल 1200 कर्मचारियों के बीच 2.65 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की जाएगी। राशि मंगलवार तक बैंक खाते में चली जाएगी।

क्या रहा बोनस फार्मूला
कंपनी और यूनियन के समझौते के अनुसार बोनस उत्पादन, प्राइम वाइल्ड (गुणवत्तापूर्ण उत्पादन) और लाभ के फार्मूले पर आधारित है। उत्पादन के लिए 8 प्वाइंट, वाइल्ड के लिए 2 और लाभ पर 10 प्वाइंट मिलता है। वर्ष 2010-2011 में कंपनी को 50 प्रतिशत से भी कम लाभ हुआ था। उत्पादन में भी 90 प्रतिशत की कमी आई थी। इस आधार पर बोनस बहुत कम बन रहा था। फिर भी कर्मचारियों को पुराने आधार पर इस वर्ष बोनस दिया गया है।



इन्होंने किए हस्ताक्षर
समझौता पत्र पर प्रबंधन की ओर से एमडी तरुण डांगा, निदेशक स्वास्थ्य सेवा डा. सीडी सिंह, रमेश बी अय्यर, जेम्स डेविस, एस वेंकटरमन, हरजीत सिंह, मुबारक हुसैन, देव आनंद सिन्हा, सैवियो रिबेलो और यूनियन की ओर से अध्यक्ष राकेश्वर पांडे, राजा सिंह, परविंदर सिंह, डीके सिंह, एसडी त्रिपाठी, काशीनाथ, बी झा, मनोज कुमार सिंह, एसएस राजू, अबरे आलम ने हस्ताक्षर किए।

जुस्को में बोनस आज-कल में
जमशेदपुर। शहर की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी जुस्को में सोमवार से मंगलवार तक बोनस समझौता होने की उम्मीद है। जुस्को प्रबंधन और यूनियन के बीच बोनस पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सहमति नहीं बन पाई है। जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडे भी कंपनी के एमडी मनीष शर्मा से वार्ता कर चुके हैं। रविवार को भी दोनों पक्षों में वार्ता होनी थी, लेकिन एमडी के कोलकाता जाने से वार्ता नहीं हुई। सोमवार को वार्ता की उम्मीद है। बोनस पर पेंच की वजह फार्मूला है। फार्मूला में कंपनी का लाभ, टर्नओवर, परफारमेंस, सेफ्टी, टाटा बिजनेस मैनेजमेंट सर्वे, वाटर लॉस और पावर लॉस को शामिल किया गया है। इसके अनुसार प्रबंधन 17 प्रतिशत बोनस देने को तैयार है, जबकि यूनियन पिछली वर्ष की तरह 19.5 प्रतिशत बोनस की मांग कर रहा है(दैनिक भास्कर,जमशेदपुर,26.9.11)।

सीबीएसई : अब कम्प्यूटर पर जांची जाएंगी उत्तर-पुस्तिकाएं

Posted: 26 Sep 2011 01:17 AM PDT

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) बहुत जल्द कम्प्यूटर पर उत्तरपुस्तिकाओं को जांचने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। बोर्ड की ओर से 'ऑन स्क्रीन मार्किंग नामक इस योजना का श्रीगणेश 2012 की 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं से हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली सहित तीन से चार शहरों को इस नए प्रयोग में शामिल करने की तैयारी है।सीबीएसई के परीक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस योजना का उद्देश्य उत्तरपुस्तिकाओं की डिजिटल स्टोरेज, पुन: मूल्यांकन के इच्छुक छात्रों को संतुष्ट करना और हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से आए उस आदेश का पालन करना है, जिसके तहत सूचना अधिकार कानून के तहत परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों को उत्तरपुस्तिकाएं दिखाना जरूरी हो गया है। इस योजना को लागू करने की दिशा में प्रयासरत बोर्ड अधिकारियों के अनुसार मैन्युअल की बजाय कम्प्यूटर के माध्यम से उत्तरपुस्तिकाएं जांचने पर न सिर्फ मार्किग प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी बल्कि परिणाम जारी करने की प्रक्रिया भी तीव्र होगी। बोर्ड की तैयारी के तहत वर्ष 2012 में बारहवीं के लिए होने वाली वार्षिक परीक्षा के तहत ह्यूमैनिटीज व साइंस स्ट्रीम के कुछ पेपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं को इसी सिस्टम के तहत जांचा जाएगा और परिणाम जारी किए जाएंगे।यदि प्रयोग कारगर रहा तो बोर्ड इसके विस्तार की दिशा में आगे बढ़ेगा। सीबीएसई की इस योजना के तहत बैंगलौर स्थित एक कम्पनी के साथ पायलट प्रोजेक्ट भी किया जा चुका है, जिसके तहत साफ हुआ है कि इस व्यवस्था से न सिर्फ मूल्यांकन में गलतियां कम होंगी बल्कि पुन: मूल्यांकन भी आसान होगा। मौजूदा प्रक्रिया के तहत उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के लिए एक केन्द्र बनाया जाता है, जहां 20-50 तक शिक्षकों को उत्तरपुस्तिकाएं जांचने का काम करना होता है।बंडलों में उत्तरपुस्तिकाएं सेंटरों पर पहुंचती हैं और कई बार शिक्षकों के न पहुंचने की सूरत में मूल्यांकन में अन्य शिक्षक द्वारा गड़बड़ी की गुंजाइश बढ़ जाती है। जबकि नई व्यवस्था में ऐसी गलती की संभावना नहीं होगी(दैनिक भास्कर,दिल्ली,26.9.11)।

डीयू में गणित के शिक्षक पढ़ा रहे कंप्यूटर

Posted: 26 Sep 2011 12:50 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में नई नियुक्ति न हो पाने से गणित के शिक्षकों को कंप्यूटर पढ़ाना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा खामियाजा छात्रों को हो रहा है। यही नहीं कंप्यूटर का इंफ्रास्ट्रक्चर कई कॉलेजों में अभी बेहतर अवस्था में नहीं है इसलिए कॉलेजों ने ऑनलाइन फॉर्म शुरू करने की व्यवस्था को भी ठुकरा दिया था।

जाकिर हुसैन कॉलेज के प्राचार्य अस्लम परवेज का कहना है कि कॉलेजों में कंप्यूटर का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह बेहतर नहीं है। कॉलेज में कंप्यूटर पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या भी अधिक नहीं है जिस वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गणित के शिक्षकों को कंप्यूटर पढ़ाना पढ़ रहा है। विश्वविद्यालय को हमने इस बात की गुजारिश की है वह शिक्षकों की व्यवस्था करें ताकि छात्रों को कंप्यूटर का बेहतर ज्ञान उपलब्ध कराया जा सकें।साउथ कैंपस के एक कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि इस बार कॉलेजों में संख्या से अधिक छात्रों की भर्ती हो गई है जिसकी वजह से परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में हमारी प्राथमिकता इतने छात्रों को बेहतर पढ़ाई उपलब्ध कराना है। वहीं कंप्यूटर इंफ्रास्ट्रक्चर के हालत कॉलेज में सही नहीं है। कॉलेज में शिक्षकों की कमी नहीं है(हिंदुस्तान,दिल्ली,25.9.11)।

जेएनयू की लाइब्रेरी ऑनलाइन

Posted: 26 Sep 2011 12:49 AM PDT

1826 से पहले की दुर्लभ पुस्तकों को सहेजने के लिहाज से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय इन पुस्तकों को डिजिटलाइज कर रहा है। जेएनयू में 1826 के पहले की करीब दस हजार पुस्तकें है। चूंकि ये पुस्तकें दुर्लभ है ऐसे में इन्हें संभालने की दृष्टि से ये कदम उठाया गया है। इंटरनेट के द्वारा फैकल्टी और छात्र दोनों इसे एक्सेस कर सकेंगे। इन पुस्तकों में विदेशी लेखकों की किताबें, सामाजिक, राजनीतिक विज्ञान और अन्य विषयों की उस दौर की मशहूर किताबें मौजूद है। इसके अलावा नौ हजार दुर्लभ माइक्रोफिल्म भी लाइब्रेरी में मौजूद है और विश्वविद्यालय प्रशासन इन्हें डिजिटलाइज करने की योजना करने का मन बना रहा है
लाइब्रेरी में मौजूद कुछ पुस्तकों में लियो टाल्सटॉय की वार एंड पीस, मैक्सिम गोर्की की द लोअर डेफ्थ, एलेक्जेंडर पुस्किन की यूजीन वनगिन और थॉमस रॉबर्ट मालथस का एन ऐसे ऑन प्रिंसिपल ऑफ पॉपुलेशन और अन्य पुस्तकें शामिल है। इसके अलावा विक्टर ह्ययूगो, जेम्स फेनीमोर, मैक्स प्लांक और जॉर्ज बर्नाड शॉ और अन्य के कलेक्शन इस ऑनलाइन लाइब्रेरी में मौजूद होगी(हिंदुस्तान,दिल्ली,25.9.11)

डीयू की दो दशकों की पीएचडी होगी ऑनलाइन

Posted: 26 Sep 2011 12:47 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय दो दशकों की पीएचडी ऑनलाइन करेगा। ऑनलाइन करने का मकसद छात्रों को अधिक से अधिक संसाधनों को उपलब्ध कराना है। इससे डीयू में पढ़ाई करने वाला कोई भी छात्र आंतरिक नेटवर्क के द्वारा इन किताबों को ऑनलाइन एक्सेस कर सकेगा। यही नहीं कई दुर्लभ किताबों को भी छात्र ऑनलाइन एक्सेस कर सकेंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय बीस सालों में छात्रों द्वारा जमा की गई 8300 पीएचडी को ऑनलाइन करेगा। दिल्ली विवि द्वारा इसे डिजिटलाइज्ड करने के लिए 28 लाख रुपए का फंड दिया गया था। दूसरे और तीसरे चरण में अन्य पीएचडी को भी डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। इसमें आजादी से पहले के दशक की पीएचडी ऑनलाइन की जाएगी। केंद्रीय लाइब्रेरी कॉपीराइट किताबों को भी डिजिटाइज्ड कर रहा है। यही नहीं विभिन्न विषयों की कई दुर्लभ किताबें भी डिजिटलाइज्ड की जाएगी जो कि छात्रों के लिए काफी फायदेमंद होगी।
(हिंदु्स्तान,दिल्ली,25.9.11)।

उत्तराखंड में विकल्पधारियों को रिलीव कर नई भर्ती के निर्देश

Posted: 26 Sep 2011 12:40 AM PDT

राज्य गठन के दस साल बाद भी यूपी के विकल्पधारियों को रिलीव न किए जाने पर मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने गहरी नाराजगी जतायी है। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने विभागीय सचिवों व विभागाध्यक्षों को यूपी के विकल्पधारियों के स्थान पर नई भर्ती कर उन्हें तत्काल रिलीव करने के निर्देश दिए हैं।

शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने विकल्पधारियों के कार्यमुक्त किये जाने की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में यह बात समाने आई कि यूपी से उत्तराखंड के लिए आवंटित कार्मिकों की संख्या अधिक है। जबकि, उत्तराखंड से यूपी जाने के लिए विकल्पधारियों की संख्या कम है।
यूपी से अब तक यहां 4832 कर्मी आ चुके हैं। जबकि, उत्तराखंड से 830 कर्मी अभी यूपी जाने हैं। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि 10 सालों के बाद भी जो कार्मिक यूपी से नहीं आए, उनका इंतजार न किया जाय। उनकी जगह नई भर्ती की जाए। उन्होंने कहा कि सिपाहियों के लगभग 3000 पद यूपी ने उत्तराखंड को समर्पित कर दिए हैं। इन पदों पर भर्ती भी की जा रही है।


उन्होंने निर्देश दिए कि डाक्टर और कुछ तकनीकी पदों को छोड़कर अन्य कार्मिकों को कार्यमुक्त कर दिया जाए। साथ ही तकनीकी पदों पर भर्ती कर उन्हें भी कार्यमुक्त करने की व्यवस्था करें। जिन मामलों में उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश है, उनकी प्रभावी पैरवी की जाय। बीमारी के आधार पर न जाने वाले कार्मिकों का परीक्षण किया जाय। परस्पर स्थानान्तरण या पति-पत्नी के एक ही राज्य में होने की स्थिति में नियमानुसार निर्णय लिया जाय। 

विकल्पधारियों की स्थिति 
विभाग-संख्या 
पुलिस विभाग 309
मा.शिक्षा 166
चिकित्सा 135
कारागार 066
सीड्स 055
आयुष 21
वित्त 19
पेयजल 17
संस्कृति 12
सिंचाई 11
उच्च शिक्षा 8
रेशम -4
आरईएस 3
आवास 2
समाज कल्याण 2
बाल विकास 2
परिवहन 1
तकनीकी शिक्षा 1
खेल 1
कुल 830(हिंदु्स्तान,देहरादून,24.9.11)
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