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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Thursday, March 1, 2012

अब क्या करेंगे रतन टाटा? नैनो की सूरत संवरी,मार्केटिंग की रणनीति और तौर तरीके बदल गये पर क्रेज अभी तक बनी नहीं!


अब क्या करेंगे रतन टाटा? नैनो की सूरत संवरी,मार्केटिंग की रणनीति और तौर तरीके बदल गये  पर क्रेज अभी तक बनी नहीं!

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास



अब क्या करेंगे रतन टाटा? उन्होंने कहा था कि नैनो की सूरत संवारी जाएगी। टाटा ने यह भी कहा था कि इसकी गरीब आदमी की कार वाली इमेज बदली जाएगी। 800 सीसी इंजन के साथ ही नैनो अल्ट्रा लो कॉस्ट सेगमेंट से निकलकर एंट्री लेवल सेगमेंट में दाखिल होगी। अभी इस सेगमेंट में ह्युंदै एऑन और मारुति ऑल्टो का दबदबा है। मौजूदा वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स का राजस्व 43 फीसदी बढ़कर 45,260 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वहीं वित्त वर्ष 2011 की तीसरी तिमाही में टाटा मोटर्स का राजस्व 31,685 करोड़ रुपये रहा था। तीसरी तिमाही में टाटा मोटर्स का मुनाफा 40.5 फीसदी बढ़कर 3,406 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स का मुनाफा 2,424 करोड़ रुपये रहा था।

रतन टाटा के लिए नैनो कार को सड़क पर उतारने के लिए जितने पापड़ बेलने पड़े, बाजार में उसकी मांग बनाये रखने के लिए वे कोई कसर बाकी नहीं ठोड़ना चाहते। उन्हीं के दिशा निरदेश के मुताबिक अब नैनो की सूरत भी संवर गयी। मार्केटिंग की रणनीति और तौर तरीके बदल गये हैं। पर लखटकिया तमगा छिन गया और जिस क्रेज की उम्मीद थी, वह अभी तक बनी नहीं है। बहरहाल  नैनो स्पोर्टी लुक और 800 सीसी इंजन वाले पावरफुल वैरिएंट के साथ आएगी।2009 में नैनो को लॉन्च करने के बाद इसकी बिक्री में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले। खराब डिस्ट्रीब्यूशन, वित्तीय विकल्पों की कमी और दूसरे कारणों की वजह से इसकी बिक्री में कमी देखने को मिली थी।

सिंगुर आंदोलन और ममता बनर्जी के उत्थान से नैनो की कहानी जुड़ी हुई है। जहां नैनो को अपेक्षाओं पर अभी खरा उतरना बाकी है वहीं टाटा मोटर्स को नैनो के साथ गुजरात खदेड़ने के बाद पूंजी निवेश के लिए ममता को दर दर भटकना पड़ रहा है। सिंगुर परियोजना खारिज हो जाने का खामियाजा तो​ ​ रतन टाटा और उनकी कंपनी को न जाने कब तक भुगतना पड़ेगा। टाटा मोटर्स भारत में व्यावसायिक वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इसका पुराना नाम टेल्को (टाटा इंजिनीयरिंग ऐंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड) था। यह टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों मे से एक है। पर नैनो का बाजार में कायदे से न जम पाने से रतन टाटा की उद्यमी दक्षता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। नैनो ने टाटा मोटर्स की रातो की नींद बेशक उडा दी हो, लेकिन लगता है कंपनी ने अभी भी इस कार को लेकर हार नही मानी है,रतन टाटा ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे और अब उनके तरकश से मार्केडिंग के क्या क्या नये तीर निकलते हैं, यह देखना अभी बाकी है। ब्रांड ​
​बतौर नैनो की कामयबी पर रतन टाटा और टाटा मोटर्स की साख जो दांव  पर लग गयी है।अभी तक नैनो को सस्ती और गरीबों की कार ही समझा जाता था लेकिन अब टाटा मोटर्स नैनो को दूसरी कार के मुकाबले में खड़ा करने की तैयारी कर रही है।

गौरतलब है कि रतन टाटा ने जनता की कार ' नैनो ' को पेश करते हुए आश्वासन दिया था कि इस कार की कीमत वादे के मुताबिक एक लाख रुपए ही होगी साथ ही यह सभी प्रकार के सुरक्षा और प्रदूषण स्तरों को पूरा करती है। पर शुरूआती जोश जल्दी ही काफूर हो गया और बाजार की चुनौतियां मुंह बांए खड़ी हैं। मालूम हो कि नैनो परियोजना पर  टाटा मोटर्स का निवेश जमीन विवाद में अभी तक फंसी हुई है और ममता बनर्जी रतन टाटा को कोई छूट देने के मूड में नहीं है।

खबर है कि  टाटा स्टील के संस्थापक जेएन टाटा की जयंती पर टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा व साइरस मिस्त्री टेल्को भी आएंगे। उनके स्वागत में जोरदार तैयारी चल रही है। टाटा मोटर्स व उसकी सहायक कंपनी टीएमएल ड्राइव लाइंस, टाटा कमिंस व टेल्कॉन में रंगरोगन और सजावट शुरू है। टाटा मोटर्स मुख्य गेट के निकट एक नया पार्क बनाया जा रहा है, जिसका उद्घाटन तीन मार्च को ही किया जाएगा।इस यात्रा के दोरान कंपनी का कायाकल्प करने के लिहाज से साइरस को रतन टाटा क्या टिप्स देते हैं, इस पर भी उद्योग की नजर लगी है और खुफिया हरकतें तेज हो गयी हैं। पहली बार साइरस मिस्त्री के दौरे को लेकर कंपनी प्रबंधन काफी उत्साहित बताया जाता है।आटो क्षेत्र की अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स अपनी नन्ही कार (नैनो) की बिक्री बढ़ाने के लिए पूरी ताकत के साथ नई रणनीति पर अमल कर रही है, नैनो के मंजिल तक न पहुंचने पर यह जुमला जरूर फालतू हो जायेगा। ठाटा मोटर्स के प्रबंधन के लिए अब यह सबसे बड़ी चुनौती है, इसका वे कैसे मुकाबला करेंगे और नतीजा क्या निकलते हैं, यह देखना जाहिर है खासा दिलचस्प होगा।

चूंकि लागत बढ़ जाने से बाजार में मांग बनाने लायक कीमत का विकल्प ममता ने छीन लिया। अब तरह तरह के रंग रोगन से दुल्हन की तरह सजाकर पेश की जा रही है नैनो। टाटा नैनो की मौजूदा रेंज 1.4 लाख से 2 लाख रुपए से कम तक है। नए वैरिएंट से कंपनी को वॉल्यूम बढ़ाने में मदद मिल सकती है। अभी एक महीने में 7,500 नैनो बिक रही हैं। इस वॉल्यूम पर कंपनी के लिए ब्रेक ईवेन तक पहुंचना मुश्किल है। पिछले साल के अंत में टाटा मोटर्स ने नए साल में नैनो का इंप्रूव्ड वर्जन लाने की घोषणा की थी। इसमें कुछ बदलाव भी किए गए। इनसे टाटा मोटर्स को सेल्स बढ़ाने में मदद मिली। दिसंबर 2011 में जहां नैनो की बिक्री 7,466 यूनिट थी। वहीं, जनवरी 2012 में यह बढ़कर 7,723 हो गई। नैनो में फिलहाल 624 सीसी का इंजन लगा है और इसकी कीमत 1.4 लाख से 2 रुपए के भीतर ही आती है लेकिन अब टाटा मोटर्स उन ग्राहकों पर निशाना साधने की तैयारी कर रही है जो एंट्री लेवल सेगमेंट में नई कार के लिए ढाई लाख रुपए तक खर्च करने की हैसियत रखते हैं। टाटा के इस कदम से नैनो की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है फिलहाल हर महीने 7,500 नैनो बिक रही है जो टाटा की उम्मीद से काफी कम है।

इससे पहले टाटा मोटर्स ने सभी नैनो कारों के स्टार्टर मोटर बदलने का एलान किया है। इसके तहत सभी ग्राहक अपनी नैनो कार के स्टार्टर मोटर को मुफ्त में बदलवा सकेंगे। यह मोटर 2012 की कारों में लगने वाला है। स्टार्टर मोटर से ही गाड़ी का इंजिन काम करना शुरू करता है। इस बदलाव से कार को स्टार्ट करना और सुविधाजनक हो जाएगा। कंपनी इस बदलाव पर 110 करोड़ रुपए खर्च करना होगा। दुनिया की इस सबसे सस्ती कार के कुछ पार्ट्स का कंपनी ने पहले भी बदलाव किया है। कंपनी ने आग लगने की खबरों के बीच कुछ पार्ट मुफ्त में बदले थे। भारत की सड़कों पर करीब डेढ़ लाख टाटा नैनो कारें हैं।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स ने कुल 2.31 लाख गाड़ियां बेची हैं। इस दौरान टाटा मोटर्स को 164 करोड़ रुपये का फॉरेक्स घाटा हुआ है। तीसरी तिमाही में जेएलआर की बिक्री 36.7 फीसदी बढ़कर 86,322 यूनिट रही है।

वित्त वर्ष 2012 की तीसरी तिमाही में जेएलआर की बिक्री 41 फीसदी बढ़कर 3.7 अरब पाउंड रही। तीसरी तिमाही में जेएलआर का मुनाफा सालाना आधार पर 28 करोड़ पाउंड से बढ़कर 44 करोड़ पाउंड हो गया है। जेएलआर का एबिटडा 62.8 फीसदी बढ़कर 75.2 करोड़ पाउंड हो गया है। टाटा मोटर्स का एबिटडा सालाना आधार पर 15.4 फीसदी से घटकर 14.8 फीसदी हो गया है।
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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