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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Tuesday, December 30, 2014

जरा न्यू इयर पर दारू सारू बैन कर द्यावो तो सब हिंदु जु क्रिश्चियनुं न्यू इयर मनांदन वु बि बजरंग दलक सदस्य ह्वे जाल।

            न्यू इयर पार्टी कख मनौण : एक घंघतोळ , कशमश , प्रश्न 

                      चबोड़्या पार्टीबाज : भीष्म कुकरेती 

भारत मा जथगा बि त्यौहार छन सब अधिकतर न्यू इयर संबंधित छन। क्रिश्चियनुं क्रिसमस या नया साल तैं हिंदु  बि मनौन्दन त वांक पैथर हिंदुंउंक सेक्युलर मानसिकता नी च अपितु खदबद , मौज -मजा अर दारु सारू च।  जरा न्यू इयर पर दारू सारू बैन कर द्यावो तो सब हिंदु जु क्रिश्चियनुं न्यू इयर मनांदन वु बि बजरंग दलक सदस्य ह्वे जाल। 
जब तलक मि लखनपाल (मर्फी , नोविनो ) मा छौ तब तलक मि तैं न्यू इयर मनाणो क्वी समस्या नि छे। लखनपाल मा कम्पनी स्टाफ का वास्ता न्यू इयर मनाणो इंतजाम करदी छे अर खर्च -पाणि कम्पनी ही दींदि छे।  मैनेजर हूणों कारण होटलौ इंतजाम कु निर्णय मा मी बि भागीदार हूंद छौ या बात आज तक मेरी घरवळि बि माणदि। 
लखनपाल  छुड़णो परांत न्यू इयर अपण खर्चा पर इ मनाण पोड़द अर हर साल न्यू इयर कै तरां से , कखम अर कैक दगड मनाये जावो की हमेशा घंघतोळ रौंद।  ये साल बि न्यू इयर मनाणो घंघतोळ च।  मीम तौळक कुछ विकल्प छन -
                                                   टैरेस पार्टी 
असल मा या निम्न कोटि की पार्टी हूंद। यीं तैं बिल्डिंग पार्टी बि बुल्दन।  बच्चा लोग अपण मनोरजनपूर्ण कार्यकर्म करणा रौँदन   अर पियक्क्ड़ छत मा दारु -सारू  घटकांदन अर मटन -मच्छी चटकांदन।  सोसाइटी  सोसल स्टेटस का हिसाब से छत या टैरेस पार्टी का इंतजाम हूंद। मि तैं पंजाबी या सिंध्युं दगड़ टैरेस पार्टी मा मजा आंद , सिंधी अर पंजाब्यूं जनान्युं खासियत हूंद कि पींद दैं बकबास करद हजबैंड तैं इ जनानी डांटद नि छन। गढ़वळि जनानी जब तलक अपण कजै तैं आँख नि दिखाली वा गढ़वळि जनानी नि ह्वे सकद। हाँ टैरेस पार्टी मा बोतल अर गिलास अपण अपण हूंद।  चखना सँजैत ह्वे सकद च। 

                                     डच या बोतल पार्टी 
 या पार्टी हूंद तो छत मा इ च किन्तु लोग दारु अर चखना अपर अपर ड्यारन लांदन अर सब चीजुं तैं मेज मा दगड़ी धर दींदन अर फिर जैं बोतल की दारु पीणाइ पींदा जावो।  इन पार्टी मा कॉकटेल ह्वे जांद तो दुसर दिन हैंगओवर कु खतरा हमेशा रौंद। 

                                    गार्डन पार्टी 
गार्डन पार्टी मुंबई मा नि हूंदन किलैकि अब व्यक्तिगत गार्ड्नु जमानु नी च।  दिल्ली -देहरादून मा गार्डन छन किन्तु ठंड ज्यादा हूण से उख गार्डन पार्टी कु रिवाज अधिक नी च।  उत्तर भारत मा ये बगत गार्डन पार्टी से दुसर दिन जुकमौ भी सद्यनी रौंद।  मीन दक्षिण भारत या महाराष्ट्र का शहरूं मा गार्डन पार्टीक मजा लियुं च। 

                                           होटल पार्टी 
जब मि सन 1974 तक देहरादून मा छौ तब तलक होटल वाळु तैं बि नि पता छौ बल न्यू इयर बि हूंद।  बस दून क्लब की सजौट से पता चलद छौ कि न्यू इयर जन क्वी चीज हूंद।  अब तो जु होटल दारु सर्व नि करदन वू होटल बि पैल दिसंबर से विज्ञापन करण मिसे जांद कि इकतीस दिसंबर की रात न्यू इयर च।  अपण अपण औकात का हिसाब से होटलुं मा लोग न्यू इयर मणानंदन।  क्वार्टर सिस्टम का पांच सौ रुपया से लेकि पांच लाख रुपया प्रति ग्राहक वाळ होटल मुंबई ना बल्कण मा सारा भारत मा छन। जु क्लबुं सदस्य छन वु क्लब मा न्यू इयर मनांदन। देहरादून से मसूरी जांद दैं रस्ता मा इन ढाबा छन जु चखणा दींदन अर तुम उखम दारु पे सकदा। 

                                  दूसरौ पीठ मा सत्तु छुळण याने फ्रेंड पार्टी 
कुछ लोग भाग्यशाली छन जौं तैं दोस्त न्यू इयर पार्टी मनाणो अपण ड्यार बुलांदन।    

                                  कार पार्टी 

जु देहरादून जन जगौं मा रौंदन वूं तैं पता च कि कार पार्टी क्या हूंद। अधिकतर  बीबी का डरायां कार पार्टी मनांदन।  बस अपण या दोस्तुं कार मा दारु , गिलास , सोडा अर चखणा  इंतजाम कारो अर कार मा न्यू इयर मनाओ।  मुंबई मा जुहू , चौपाटी , गेट वे ऑफ इंडिया का पास लोग कार मा दारु पीन्दन अर बारा बजी करीब समुद्रौ छाल पर चली जांदन। 

                          किचन माँ घुटकी लगाण 
 जब अळगाक  विकल्प बंद ह्वे जावन तो एक या द्वी क्वार्टर लावो और घरम ही घुटकी लगावो।  यदि घरवळि पिपरण्या हो तो घरवळि पिपराण सुणदा जावो अर घरवळि पिपरण्या नि ह्वावु त प्याज खावो।  दारु   दगड पिपराण चएंदी च। 
  उन यदि बीस  साल पैल मि ये लेख तैं गढ़वळि मा लिखुद त बि संपादक जीन यु लेख नि छपण छौ कि समाज मा बुराई नि फैलांण अर आज बि कै बि संपादकन यु लेख नि छपण कि लेख मा नया कुछ नी च तो किलै लेख छपे जाव। 

26/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India 

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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