Total Pageviews

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Monday, April 10, 2017

यह विचारधारा है रंगभेद की,जो पूरे सत्ता वर्ग शोषक तबके की विचारधारा है और इसलिए उसी वर्ग की राजनीति से इसका प्रतिरोध असंभव है।इस विचार धारा को कोई एक संगठन या एक राजनीतिक दल नहीं हैं,बल्कि तमाम सत्ता संगठन, प्रतिष्ठान, राजनीतिक दल, माध्यम और विधायें इस विध्वंसक नस्ली सफाये की विचारधारा के धारक वाहक हैं। पलाश विश्वास


यह विचारधारा है रंगभेद की,जो पूरे सत्ता वर्ग शोषक तबके की विचारधारा है और इसलिए उसी वर्ग की राजनीति से इसका प्रतिरोध असंभव है।इस विचार धारा को कोई एक संगठन या एक राजनीतिक दल नहीं हैं,बल्कि तमाम सत्ता संगठन, प्रतिष्ठान, राजनीतिक दल, माध्यम और विधायें इस विध्वंसक नस्ली सफाये की विचारधारा के धारक वाहक हैं।

पलाश विश्वास

वीडियोःTwelfth Night!शुद्धतावादियों के प्रतिरोध में शेक्सपीअर ने भी अभिव्यक्ति का जोखिम उठाया था!

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/1676982458996823/?l=2690360164973874239


आज अभी बंगाल के मशहूर चिंतक विचारक प्रबीर गंगोपाध्याय की अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक जनसंख्यार राजनीति,फिलहाल किछु तथ्य  ओ जिज्ञासा (जनसंख्या की राजनीति (फिलहाल कुछ तथ्य और सवालात) का अनुवाद खुरु कर रहा हूं।

आज सुबह प्रबीर बाबू से लंबी बातचीत हुई है।यह पुस्तक जनसंख्या के सफाये के वैश्विक रंगभेदी वर्चस्ववादी फासिस्ट विचारधारा और उसकी पृष्ठभूमि और भारतीय परिदृश्य को समझने में सहायक होगी।

समसामयिक ज्वलंत सवालों को संबोधित करते रहने की प्रतिबद्धता के कारण बीच बीच में जरुरी मुद्दों पर लेखन रुक रुक कर जारी रहेगा और अनुवाद बाधित होता रहेगा।फिर भी कोशिश रहेगी की इस बेहद जरुरी किताब का अनुवाद बीस दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाये।

भारत की मौजूदा राजनीति और वित्तीय प्रबंधन,नीति निर्धारण को समझने के लिए बेहद जरुरी इस पुस्तक के प्रकाशन,प्रसारण में आपर सबकी मदद की जरुरत होगी।हम बीच बीच में कुछ जरुरी अंश भी शेयर करते रहेंगे।

हमारे देश में वर्ण व्यवस्था जाति व्यवस्था होने के बावजूद शुद्धतावादी रंगभेदी नस्ली जनसंख्या सफाये का कार्यक्रम बुनियादी तौर पर सत्तावर्ग तक सीमित रहा है,लेकिन उपनिवेश बनने के बाद ब्रियिश हुकूमत के दौरान मजहबी सियासत की जो नींव पड़ी,वह अब सुनामी में तब्दील है और जनसंख्या सफाये के इस कार्यक्रम में बहुसंक्य जनता को पैदल सेना ग्लोबल आर्डर ने बना दिया है।

संसदीय राजनीति के रंग बिरंग समीकरणसे इसका प्रतिरोध असंभव है और इस जायनी विश्वव्यवस्था का स्थानीय प्रतिरोध भी असंभव है।

इसके लिए शुद्धतावाद के साम्राज्यवादी विचार धारा को समझना जरुरी है।

राम के नाम के साथ बारहंवी सदी में इंग्लैंड में आर्कबिशप बैकेट के हत्यारे कट्टर शुद्धतावादेियों की विरासत जुड़ी हुई हैं।हमने इस सिलिसले में भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रार्थना सभा में गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गो़डसे की विचारधारा और टीएस इलियट के मर्डर इन द कैथेड्रल का विजुअल विश्लेषण का वीडियो फेसबुक पर जारी कर दिया है।

महारानी एलिजाबेथ के स्वर्णकाल में इस शुद्धतावादियों ने इंग्लैंड में भारी अराजकता फैला दी थी और उनके आक्रामक आंदोलन के कारण लंदन के सारे थियेटर बंद कर दिये गये थे।

महान कवि नाटककार शेक्सपीअर ने शुद्धतावादियों पर करारा प्रहार करते हुए टुवेल्थ नाइट लिखा था,इस पर कल हमने एक वीडियो जारी किया है।

गौरतलब है कि रानी एलिजाबेथ के समय से इन शुद्धतावादी अपराधकर्मियों के बहिस्कार और निस्कासन का अभियान इंग्लैंड में चलता रहा है और ये शुद्धतावादी अपराधी अमेरिका भागकर वहां रंगभेदी साम्राज्य का निर्माण करते रहे हैं,जिसकी परिणति अमेरिकी ट्रंप साम्राज्यवाद है।

भारत में नस्ली नरसंहार की मजहबी सियासत को समझने के लिए बारहवीं सदी से इंग्लैंड में शुद्धतावादियों का उपद्रव और ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारतीय नस्ली वर्चस्व की राजनीति को ब्रिटिश हुकूमत का खुल्ला संरक्षण और बदले में उन तत्वों का भारतीय जनता के स्वतंत्रता संग्राम में पंचम वाहिनी बनकर साम्राज्यवादियों का साथ देकर देश का विभाजन करके सत्ता हस्तांतरण के बाद 1947 से अबतक भारत को नस्ली रंगभेदी धर्मराष्ट्र बना देने में कामयाबी की निरंतरता है और फिर फिर भारत विभाजन ,फिर फिर हिंसा,घृणा और कत्लेआम की निरंतरता है।

यह विचारधारा है रंगभेद की,जो पूरे सत्तावर्ग शोषक तबके की विचारधारा है और इसलिए उसी वर्ग की राजनीति से इसका प्रतिरोध असंभव है।

इस विचार धारा को कोई एक संगठन या एक राजनीतिक दल नहीं हैं,बल्कि तमाम सत्ता संगठन, प्रतिष्ठान, राजनीतिक दल, माध्यम और विधायें इस विध्वंसक नस्ली सफाये की विचारधारा के धारक वाहक हैं।

अभिव्यक्ति का स्पेस सिकुड़ते जाने की वजह से मीडिया या साहित्य में इस विधंव्सक विचारधारा के प्रतिरोध की गुंजाइश नहीं के बराबर हैं।

इसलिए हम उपलब्ध तकनीक के सीमित ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए आपको सीधे संबोधित करने का प्रयत्न कर रहे हैं।

चूंकि अब अनुवाद ही मेरी आजीविका और दिनचर्या है,इसलिए लिखना पहले की तरह संभव नहीं है।जल्दबाजी में जो लिखा होगा,उसमें बी वर्तनी व्याकरण की भारी गड़बड़ी रह सकती है,जिन्हें सुधारने की मोहलत नहीं मिलेगी।

वीडियो संपादित करने की तकनीक भी हमारी दक्षता नहीं है।

फिर भी मुझे उम्मीद है कि करीब पांच दशकों से क्रिएटिव एक्टिविज्म की वजह से देशभर में मुझे जानने वाले लोग अगर मेरा कहा लिखा गौर से पढ़ेंगे,सुनेंगे,तो यह हमारी उपलब्थि होगी और शायद जनता के एक छोटे से हिस्से से संवाद कर सकें।

लिखने के बजाय अब थोड़ा बहुत वक्त मिलने पर मैं फेसबुक पर लाइव रहूंगा।इसके अलावा पहले से रिकार्ड किये गये वीडियो जारी करता रहूंगा।

आपसे निवेदन हैं कि ये वीडियो आप तक पहंचें तो उन्हें अपने नेटवर्क में शेयर जरुर करें,अगर आप उसे प्रासंगिक और जरुरी समझें।

-- 
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Tweeter

Blog Archive

Welcome Friends

Election 2008

MoneyControl Watch List

Google Finance Market Summary

Einstein Quote of the Day

Phone Arena

Computor

News Reel

Cricket

CNN

Google News

Al Jazeera

BBC

France 24

Market News

NASA

National Geographic

Wild Life

NBC

Sky TV