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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, May 25, 2013

मीरा पांडेय को जान की धमकी, बिना सुरक्षा इंतजाम फिर पंचायत चुनाव निलंबित होने के आसार

मीरा पांडेय को जान की धमकी, बिना सुरक्षा इंतजाम फिर पंचायत चुनाव निलंबित होने के आसार


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


आगामी 31 मई को एक बाद फिर वाममोर्चा कानून तोड़ो आंदोलन करेगा। पंचायत चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। लेकिन सुरक्षा इंतजाम की गारंटी दे पाने में राज्य सरकार अभी नाकाम है। इसी बीच राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडेय ने गृह मंत्रालय और राज्यपाल से शिकायत की है कि उन्हें तीन तीन बार जान की धमकी मिली है। ऐसे पत्रों की प्रतिलिपि भी उन्होंने नत्थी कर दी है। जब राज्य के चुनाव आयुक्त ही सुरक्षित नहीं है तो निरपेक्ष चुनाव की संभावना और मतदान के दौरान शांति की आशा कैसे की जा सकती है? वाममोर्चा चेयरमैन व माकपा के राज्य सचिव विमान बोस ने राज्य सरकार से पंचायत चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रिक परिवेश कायम करने का आह्वान किया है।विमान की इस टिप्पणी से राज्य के पंचायत चुनाव के अशांत होने की आशंका ही पुष्ट हुई है। उन्होंने यह जाहिर किया कि फिलहाल राज्य में लोकतांत्रिक माहौल को लेकर वे आश्वस्त नहीं है।


राज्य चुनाव आयोग अदालती निर्देशों का पालन कर रही है, ऐसा मीरा पांडेय ने बार बार कहा है। राज्य सरकार ने अबब फैसला किया है कि सुरक्षा बलों का इंतजाम न होने की वजह से हर बूथ पर जवानों को तैनात करने के बजाय वह मतदान केंद्र पर ही सुरक्षा इंतजाम करने का आवेदन करेगा। हाईकोर्ट का इस पर क्या रुख होगा कहना मुश्किल है, लेकिन इस पर राज्य चुनाव आयोग को सख्त आपत्ति है।इस विवाद का निपटारा नहीं हुआ तो पंचायत चुनाव फिर निलंबित हो जाने की आशंका है।​

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​फिर अधिसूचना जारी होने के बाद पूरी चुनाव प्रक्रिया पर आयोग का वर्चस्व होगा। अब भले ही मनमानी करें सरकार, लेकिन चुनाव प्रक्रिया सुरु हो जाने पर अंतिम फैसला आयोग का ही होगा। तब वह धारा १३७ के तहत अपने विशेषाधिकार का भी इस्तेमाल कर सकता है। चुनाव प्रक्रिया शुरु होने के ​​बाद आयोग सुरक्षा इंतजाम के मद्देनजर मतदान स्थगित भी कर सकता है। अपने अधिकारों के प्रति सजग आयोग ने इसीलिए अधिसूचना जारी करने पर सहमति तो दे दी है, लेकिन पंचायत चुनाव विवाद अभी जस का तस है।


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव तीन चरण में कराने के राज्य सरकार के प्रस्तावित फार्मूले पर सहमति जता दी और कहा कि चुनावों की अधिसूचना इस हफ्ते जारी की जाएगी।


राज्य निर्वाचन आयुक्त मीरा पांडेय से जब पूछा गया कि क्या आयोग राज्य सरकार के फार्मूला पर सहमत हो गया है तो उन्होंने कहा कि फिलहाल हां। हम इस हफ्ते अधिसूचना जारी कर देंगे। पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने हुगली जिले के सिंगूर में एक सभा में कहा कि अगले कुछ दिन में चुनाव कार्यक्रम पता चल जाएगा।


उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे और हम अन्य राज्यों से पर्याप्त पुलिस बल की मदद हासिल कर सकेंगे। इससे पहले राज्य सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं करने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा था कि एसईसी ने 18 मई को सर्वदलीय बैठक में सात दिन के भीतर अधिसूचना जारी करने का वायदा किया था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया।


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