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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Sunday, May 31, 2015

अतिक्रमण का बहाना बना कर उजाड़े वन गुर्ज्जर और बाढ़ पीड़ित . खुले आसमान के नीचे भयंकर लू में पड़े हैं छोटे . छोटे बच्चों के साथ . ’’ उजाड़ने के नाम पर पीड़ितों के जेवर, नकदी, बर्तन, आनाज, बिस्तर और कपड़े भी लूटे . सभी हैंडपंप भी उखाड़ कर ले गए , इस गरमी में बिना पानी के पड़े हैं पीड़ित . ’’ सरकारी स्कूल भी किया ध्वस्त . बाक़ी दिन इस झुलसती धूप में सरकारी अध्यापक ने खुले आसमान के नीचे चलाया स्कूल .

अखिल भारतीय किसान महासभा
कार्यालय . दीपक बोस भवन, कार रोड बिन्दुखत्ता, पो. लालकुआं, जिला नैनीताल, उत्तराखंड, मो.- 09410305930
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आम पोखरा रेंज के शिवनाथपुर में 21 मई को वन विभाग द्वारा उजाड़े  गए खत्तों की जांच रिपोर्ट -
'' अतिक्रमण का बहाना बना कर उजाड़े वन गुर्ज्जर और बाढ़ पीड़ित . खुले आसमान के नीचे भयंकर लू में पड़े हैं छोटे . छोटे बच्चों के साथ .
'' उजाड़ने के नाम पर पीड़ितों के जेवर, नकदी, बर्तन, आनाज, बिस्तर और कपड़े भी लूटे . सभी हैंडपंप भी उखाड़ कर ले गए , इस गरमी में बिना पानी के पड़े हैं पीड़ित .
'' सरकारी स्कूल भी किया ध्वस्त . बाक़ी दिन इस झुलसती धूप में सरकारी अध्यापक ने खुले आसमान के नीचे चलाया स्कूल .
'' डीएफओ राहुल सैकड़ों पुलिस, पीएसी, वनकर्मी के साथ ही लगभग 200 गुंडों . वन तस्करों को भी दर्जनों ट्रेक्टर ट्राली के साथ लेकर आए थे . पुलिस - पीएसी ने जनता को खदेड़ा और एसडीएम की मौजूदगी में डीएफओ के निर्देश पर गुंडों . वन तस्करों ने झोपड़ियाँ तोड़ लकड़ी और जनता का सामान लूट कर ट्रेक्टर ट्रालियों में भरा .  
 
हल्द्वानी -   21 मई को उत्तराखंड के रामनगर , जिला नैनीताल के आमपोखारा रेंज के शिवनाथपुर में वन विभाग द्वारा बल पूर्वक उजाड़े गए खत्तों की जांच के लिए 23 मई को अखिल भारतीय किसान महासभा की एक जांच ( तथ्यान्वेषी ) टीम ने क्षेत्र का दौरा किया और झुलसती धूप में खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों को लेकर पड़े पीड़ितों से मुलाकाल की . टीम में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा , वरिष्ठ किसान नेता कामरेड बहादुर सिंह जंगी , गुर्ज्जर नेता गुलाम नवी , मो. कासिम और मौलाना अतीक अहमद शामिल थे . टीम ने उजाड़े गए वन गुर्ज्जर परिवारों और बाढ़ पीड़ित अनुसूचित जाति के परिवारों के ध्वस्त हुए घरों को देखा और मौके पर लगभग 60 प्रत्यक्षदर्शी लोगों से मुलाक़ात कर घटना की जानकारी ली . टीम ने क्षेत्र में आतंक का माहौल बनाने के लिए जीप व मोटर साइकिलों से घूम रही वन विभाग की टीमों को भी बातचीत के लिए रोकने की कोशिश की मगर वे जांच टीम को देखते ही गाड़ियां दौड़ा कर भाग गए , बाद में जब पीड़ितों से मिलने के बाद जांच टीम वन अधिकारियों से मिलने सायं 4 बजे स्थानीय वन चैकी पर पर पहुंची तो वन चैकी पर ताला लगा था और सभी वन अधिकारी और कर्मचारी चैकी से गायब थे , हालांकि वन कर्मियों की मोटर साइकिलें चैकी पर ही खड़ी थी.
घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण करने व प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर जो तथ्य जांच टीम के सामने आये वे निम्न हैं दृ
1 . यहाँ पर लगभग पांच दशकों से ज्यादा समय से बसे वन गुर्ज्जरों के 19 परिवार हैं . जो अपने परम्परागत पेशे पशुपालन व खेती से अपना गुजारा करते आए हैं . ये गुर्ज्जर परिवार पहले मलानी रेंज में रहते थे , मगर सन् 1962 के करीब मलानी रेंज को कार्बेट पार्क में शामिल करने के बाद वन विभाग ने इन परिवारों को आम पोखरा रेंज के शिवनाथपुर में लाकर बसा दिया था . वहां से इनके साथ ही हटाए गए पहाड़ी परिवारों को रिन्गोड़ा में एक . एक एकड़ जमीन देकर बसाया गया था . ये परिवार तब से ही यहाँ बसे हैं . वन विभाग ने 21 मई को इनमें से मात्र मो. अली और बशीर नाम के दो परिवारों के घरों को कुछ दिनों की मौहलत के लिए छोड़ कर बाक़ी 17 परिवारों के सभी छप्परों को तोड़ दिया है . जिन वन गुर्ज्जर परिवारों के छप्परों को ध्वस्त कर उनके सामान की लूटपाट की गयी उनके नाम हैं दृ अली हुसेन , गुलान नवी , रोशनद्दीन , सद्दीक , मो. सफी पुत्र मो. आलम , फरीद , मो. सफी पुत्र मुन्ना , नूर अली , रहमान , मासूम अली , मो. याकूब , अहमद अली , लियाकत अली , वजीर अली , शमशेर अली , मो. उमर , अलीजान के परिवार .
2 . गुर्ज्जरों में एक और परिवार है जो पिछले 2 साल से खुद डीएफओ द्वारा इजाजत मिलने के बाद यहाँ बसा है . रहमान नाम के इस गुर्ज्जर परिवार ने जमीन नहीं जोती है और वह सिर्फ पशुचारक ही है . इसके छप्पर को भी तोड़ दिया गया है और उसमें आग भी लगा दी .
3 . अनुसूचित जाति की पीड़ित उमेदीदेवी ने बताया कि क्षेत्र में उजाड़े गए 37 परिवार अनुसूचित जाति के हैं . जो पहले शिवनाथपुर पुरानी बस्ती में पथरवा व कोसी नदी के बाँध के डूब क्षेत्र में सन् 1962 से बसे थे . पिछले वर्ष दिनांक 18 . 07 . 2014 को आई भयानक बाढ़ में इन परिवारों का सब कुछ बह गया था . जिला प्रशासन ने इन्हें तब 3 दिनों तक रा.पू.मा. विद्यालय शिवनाथपुर में रखा था . उसके बाद उपजिलाधिकारी ने इन्हें सुरक्षित ऊंचे स्थान पर बसने के लिए वर्तमान स्थान पर बसाया . यहाँ बसने के लिए खुद जिला प्रशासन ने इन्हें त्रिपाल , पोलीथीन , राशन व बर्तन भी दिए तथा नकद मुआवजा भी दिया . जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने सुरक्षित पुनर्वास होने तक इन्हें यहाँ बसने का आश्वासन दिया था . इन सभी बाढ़ पीड़ित अनुसूचित जाति के परिवारों की सूची स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य शासन तक सभी जगह पहले से मौजूद है .
4 . इनके अलावा वन अधिकारियों ने इन वन गुर्ज्जरों व अनुसूचित जाति के बाढ़ पीड़ितों की आड़ लेकर आर्थिक लालच में कुछ अन्य स्थानीय लोगों को कुछ समय पहले वहां बसाने का प्रयास किया था . इन्हीं लोगों ने बड़े पैमाने पर जंगल को नुकसान पहुंचाया .
5 . गुर्ज्जर खत्ते में चल रहे राजकीय प्राथमिक विद्यालय तुमड़िया खत्ता के छप्पर को भी तोड़ दिया गया और उसके सामान को भी तोड़फोड़ कर नस्ट कर दिया गया . इस विद्यालय का इसी साल उच्चीकरण भी हुआ है . विद्यालय के प्रभारी अध्यापक जगदीश चन्द्र ने छुट्टियों से पूर्व एक सप्ताह खुले आसमान और चिलचिलाती धूप में विद्यालय चलाया . इस विद्यालय में 55 बच्चे पढ़ते हैं .
6 . गुर्ज्जर खत्ते में बनी मश्जिद की छप्पर को भी तोड़ कर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया . डीएफओ ने वजीर अली , शमशेर अली , और रहमान की झोपड़ियों को अपने सामने आग के हवाले कर राख में तब्दील करा दिया .
7 . गुर्ज्जर खत्ते और अनुसूचित जाति की बस्ती से सभी हैण्ड पंपों को उखाड़कर लूट लिया गया . इस भीषण गरमी में लोग बिना पानी के तड़पने के लिए मजबूर किए गए हैं .
8 . खत्तों को उजाड़ने की कार्यवाही का विरोध करने या अपना सामान उठाने जाने वालों से पुलिस - पीएसी ने मारपीट की और उन्हें दूर खदेड़ दिया . इस कार्यवाही के दौरान किसी भी पीड़ित को उसके छप्पर के पास नहीं आने दिया गया .
9 . गुर्ज्जर खत्ते के पीड़ितों ने बताया की डीएफओ राहुल को जब उन्होंने कहा कि साहब हमारी झोपड़ी मत तोड़ो हम कहाँ जायेंगे ? तो डीएफओ राहुल ने कहा कि तुम्हें तुम्हारे पाकिस्तान पहुंचाऊंगा . ये जंगल मेरा है मैं यहाँ तुम्हें नहीं रहने दूँगा . गुलाम नवी , असरफ अली और अन्य ने बताया कि डीएफओ राहुल कह रहा था कि इन वन गुर्ज्जरों को यहाँ से खदेड़ कर ही रहूंगा .
10 . राज्य के एसटीएससी कमीशन की पूर्व सदस्य व देवीपुरा की पूर्व ग्राम प्रधान सरस्वती आजाद ने बताया कि वे स्वयं मौके पर उजाड़ने की कार्यवाही का विरोध करने पहुंची तो उनके साथ भी पुलिस ने अभद्रता की . उन्होंने कहा डीएफओ अपने साथ पुलिस फ़ोर्स के साथ ही लगभग 200 गुंडों व वन तस्करों की फ़ौज भी लाया था .
 
10 . पीड़ित आसरा खातून बताया कि उसके हार , बुँदे , कंगन , नाक का फूल , बिच्छू , पायल , तांवे व पीतल के बर्तन सब लूट ले गए . पीड़ित जसपाल ने बताया कि 28 मई को बेटी की शादी है . आधे तोले सोने का कनफूल बहू के लिए बनाया था और शादी का सामान इकठ्ठा किया था बिस्तर , राशन , बर्तन , कपड़े , चारपाई , ड्रम सब लूट ले गए . यही नहीं लकवे से पीड़ित उनके पिता को भी खुली धूप में बाहर पटक गए .
11 . अहमद अली ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को तो वन विभाग ने नोटिस दिया था पर गुर्ज्जरों को कोई नोटिस नहीं दिया गया .
12 . पीड़ित अनुसूचित जाति की कमलादेवी , वैजन्तीदेवी , भागुली देवी , लीलावती देवी , बचुली देवी , कमला , देबुली देवी ,  खष्टी देवी , दीवानचंद आदि ने बताया कि उनका सारा सामान जिसमें कपड़े , बिस्तर , राशन , चारपाई , बर्तन आदि थे डीएफओ के निर्देश पर उठा ले गए . लगभग 20 ट्रेक्टर ट्रालियों में लदा झोपड़ियों की लकड़ी और घर का सामान कहाँ गया कुछ पता नहीं . 
13 - डीएफओ ने घटना का मोबाइल से फोटो व बीडियो बना रहे मो. उमर व अली जान का मोबाइल भी छीन लिया और उन्हें नहीं लौटाया . 
14 . लगभग दो दर्जन ट्रेक्टर ट्रालियों में लाद कर ले जाया गया झोपड़ियों की लकड़ी , लोगों का घरेलू सामान का पता करने जब हम स्थानीय वन चैकी पहुंचे तो वहाँ पर मात्र एक झोपड़ी में लगाने लायक लकड़ी भी नहीं पड़ी थी . इसके अलावा और कुछ भी सामान चैकी परिसर में नहीं था . जबकि जब्त सामान को वन चैकी में होना चाहिए था . 
 
                                       निष्कर्ष
1 . वन भूमि के अतिक्रमणकारी कह कर जिन वन गुर्ज्जरों व बाढ़ पीड़ित अनुसूचित जाति के 55 परिवारों को उजाड़ा गया वे अतिक्रमण कारी नहीं थे  . बल्कि पांच दशक पहले वन गुर्ज्जरों को वन विभाग ने तथा एक साल पहले बाढ़ पीड़ित अनुसूचित जाति के 37 परिवारों को खुद एसडीएम ने यहाँ लाकर पुनर्वासित किया था .
2 . बाढ पीड़ित अनुसूचित जाति के परिवारों को यहाँ लाकर बसाने वाले एसडीएम उन्हें अतिक्रमण कारी बताकर खुद उजाड़ने के अभियान में शामिल थे . लोगों द्वारा पूछने पर वे मौन साधे रहे . इससे जाहिर होता है कि इस कार्यवाही के लिए कहीं ऊपर से प्रत्यक्ष राजनीतिक दबाव था .
3 - डीएफओ राहुल द्वारा मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले वन गुर्ज्जरों को पाकिस्तान भेजने की बात कहना बताता है कि वे धार्मिक विद्वेष की भावना और साम्प्रदायिक मानसिकता से ग्रसित व्यक्ति हैं और इसी मानसिकता के चलते उन्होंने वन गुर्ज्जरों को निशाना बनाया .
4 . पीड़ित परिवारों के सामान की लूटपाट की घटना सुनियोजित थी जिसे अंजाम देने के लिए डीएफओ राहुल अपने साथ पुलिस पीएसी के अलावा गुंडों व वन तस्करों की फ़ौज लेकर आए थे
5 . इस कार्यवाही में दूरगामी राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए मुख्य रूप से वन गुर्ज्जरों को निशाना बनाया गया . वन गुर्ज्जरों पर हमले को जायज ठहराने के लिए बाढ़ पीड़ितों को भी निशाना बनाया गया .
 
मांग .
1 . साम्प्रदायिक भावना से काम करने वाले डीएफओ राहुल को तत्काल पद से हटाया जाय और गुंडों व वन तस्करों के साथ खुले संबंधों और वनाधिकार कानून 2006 के उलंघन के लिए उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय .
2 . वन गुर्ज्जरों व बाढ़ पीड़ित अनुसूचित जाती के 55 परिवारों की सभी टूटी झोपड़ियों को वन विभाग से तत्काल बनवाया जाय ,
3 - लोगों के लूटे गए सामान, जेवर व नगदी की वन विभाग से तत्काल भरपाई कराई जाय और डीएफओ  राहुल के साथ ही मौके पर मौजूद वन , प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ गुंडों . वन तस्करों का इस्तेमाल कर लूटपाट कराने का मुकदमा दर्ज किया जाय .
4 - जब तक वन गुर्ज्जरों व बाढ़ पीड़ितों का स्थाई पुनर्वास न हो जाय तब तक उन्हें वर्तमान जगह से न हटाया जाय .
 
दिनांक . 28-05-2015                                             पुरुषोत्तम शर्मा
                                                            राष्ट्रीय सचिव - अभाकिम
                                                               जांच टीम की ओर से

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