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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Wednesday, June 24, 2015

आपातकाल की बरसी पर


आपातकाल की बरसी पर , उसकी भयावहता को लेकर खूब लिखा जा रहा है , जो सही भी है , लेकिन इससे जुड़ा एक प्रसंग मैं शेयर करने जा रहा हूँ , जो मैंने इमरजेंसी के 15 वर्ष बाद जयपुर में अपनी अखबार की नौकरी के दौरान सुना था । 
घोर आपातकाल की घटा के बीच जयपुर शहर के पाश बाजार में एक सिख युवक क्रॉकरी की दूकान चलाता था । पुलिस के रुआब से बचने को वह युथ कोंग्रेस में भर्ती हो गया । उस वक़्त शहर में पुलिस का सबसे बड़ा अफसर एक डी एस पी होता था । उसने पहले युवा नेता की दूकान और फिर घर पर आना जाना स्टार्ट किया । दोनों एक दूसरे की मैत्री से खुश थे । हम पियाला बन गए । डिप्टी की निगाह युवा नेता कम दूकान दार की अनिद्य सुंदरी बीबी पर पड़ी । एक दिन दोनों जब रात के 12 बजे नेता निवास पर मद्य पान निरत थे और नेत्याण जी चकना सर्व कर रही थीं तो डिप्टी ने नेता को कहा की जा मेरी जीप लेजा और कहीं से अच्छी नमकीन ले आ । दोनों को मुंह मांगी मुराद मिल गयी । नेता को रात्रि में पुलिस जीप में बैठ कर रुआब गांठने का अवसर मिला तो डिप्टी को उसकी बीबी पर हाथ साफ़ करने का ।
बहरहाल नेता जी जब 1 घण्टे बाद लौटे तो बीबी बदहवास रो रही थी । डिप्टी तुरन्त दफा हो गया । बीबी ने आपबीती सुनाई । नेता के पास प्रधान मंत्री भवन का नम्बर था । उसने लाइटनिंग काल बुक कर नम्बर मिलाया । नशे में था ही । ऑपरेटर को डांट बताई । अगले क्षण फोन पर प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी थीं । नेता पत्नी ने रो रो कर हाल बताया । प्रधान मंत्री ने उसे ढाढस बंधा कर एड्रेस पूछा ।
भोर से पूर्व मुख्य मंत्री नेता निवास पर थे और उनके साथ पूरे पुलिस अमले के साथ जकड़ा हुआ डिप्टी भी । नेता पत्नी की वार्ता फिर फोन पर प्रधान मंत्री से करायी गयी की मुलजिम अरेस्ट हो गया ।
मैं इमरजेंसी का घोर विरोधी रहा हु। आज भी हूँ , पर क्या आज भी ऐसे प्रधामन्त्री होते हैं ? ऐ , क्या बोलती तू ।

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