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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Friday, November 13, 2015

No to ‪#‎Modi‬ at ‪#‎10DowningStreet‬ बाजारो खुश त कौन का उखाड़े सकै, त चालू आहे कत्लेआम,शांतता! के केसरिया सुनामी दरअसल एफोडीआई सुनामी बा। बाकी किस्सा एफडीआई! एफडीआई बाबा जय हो! इन्हीं आडवाणी ने तभै गोड़ धर लीन्है के बचावा उकर जो गोठ में पल रहा कल्कि अवतार ह।वहींच कल्कि अवतार टायटैनिक बाबा ह।बिरंची बाबा भी वहींच।दशावतार भयो।धर्मनाश खातिरे।भारतवर्ष भारततीर्थ विनाशे खातिरे दशावतार एफडीआई बाबा हो।जय हो। जनादेश देश बेचेक खातिर लाइसेंस बा। जो मरै सो मरै।जो जीवै सो मौज उड़ावै। जो केसरिया भयो।जी रौ सौ बरीस। बाकीर जनता फालतू ह। उकर इंतजाम खातिर दंगा फसाद चाक चौबंद। तनिको निंदा हो जाई तो जनता जनार्दन खुश। डालर जौन आवै रहै,उस पर छठ मइया की जै कि बिहारे नीतीश कुमार जनादेश के अननंतर पौंड मानसूनै बा। सत्ता तो मदहोश,बाजार डांवाडोल नइखे।मुहूर्त ठीकै बा।विपक्ष खुश हो जाई।अरबपति करोड़पति सगरे खुश। बाकीर जनता फालतू ह। के मुक्त बाजार आहे। उकर इंतजाम खातिरो दंगा फसाद चाक चौबंद। हमउ सगरे ससुरे बुरबक के लड़ैं जात पांत खातिर मरै सियासती मजहब मजहबी सियासत खातिर जी रौ जमींदारी,जी रौ रियासतो।वंश वर्चस्व जी र

No to ‪#‎Modi‬ at ‪#‎10DowningStreet‬

बाजारो खुश त कौन का उखाड़े सकै, त चालू आहे कत्लेआम,शांतता!


के केसरिया सुनामी दरअसल एफोडीआई सुनामी बा।

बाकी किस्सा एफडीआई!

एफडीआई बाबा जय हो!

इन्हीं आडवाणी ने तभै गोड़ धर लीन्है के बचावा उकर जो गोठ में पल रहा कल्कि अवतार ह।वहींच कल्कि अवतार टायटैनिक बाबा ह।बिरंची बाबा भी वहींच।दशावतार भयो।धर्मनाश खातिरे।भारतवर्ष भारततीर्थ विनाशे खातिरे दशावतार एफडीआई बाबा हो।जय हो।


जनादेश देश बेचेक खातिर लाइसेंस बा।

जो मरै सो मरै।जो जीवै सो मौज उड़ावै।

जो केसरिया भयो।जी रौ सौ बरीस।


बाकीर जनता फालतू ह।

उकर इंतजाम खातिर दंगा फसाद चाक चौबंद।


तनिको निंदा हो जाई तो जनता जनार्दन खुश।

डालर जौन आवै रहै,उस पर छठ मइया की जै कि बिहारे नीतीश कुमार जनादेश के अननंतर पौंड मानसूनै बा।

सत्ता तो मदहोश,बाजार डांवाडोल नइखे।मुहूर्त ठीकै बा।विपक्ष खुश हो जाई।अरबपति करोड़पति सगरे खुश।


बाकीर जनता फालतू ह।

के मुक्त बाजार आहे।

उकर इंतजाम खातिरो दंगा फसाद चाक चौबंद।

हमउ सगरे ससुरे बुरबक के लड़ैं जात पांत खातिर

मरै सियासती मजहब मजहबी सियासत खातिर

जी रौ जमींदारी,जी रौ रियासतो।वंश वर्चस्व जी रौ।

Knock! Knock!Knock!. नी करी दी हालो हमरी निलामी, नी करी दी हालो हमरो हलाल।

https://youtu.be/UiAP7vFfe-c


पलाश विश्वास

लंगटा जश्न का मौक है के ग्लोबल आर्डर गदगदाये हो के महारानी के दस्तखान पर चाय क्या,मुकम्मल दावत है के एफडीआई बिरंची बाबा के वैदिकी मंत्रोच्चार से करिश्मा हुई रहे के डालरजौन आवै रहै,उस पर छठ मइया की जै कि बिहारे नीतीश कुमार जनादेश के अननंतर पौंड मानसूनै बा।नाइन बिलियन पौंड हो।विकासेविकास।


डाउनिंग स्ट्रीट पर थोड़ बवाल रहे के दाढ़ी वूड़ी आउर पगड़ी वगड़ी पिन्हके सिखों के जख्म फिन उजागर हुई रहे तो भारत में जइसन लेखक पत्रकार फिल्मकार इतिहासकार समाजशास्त्री वगैरह वगैरह विकास और ग्रोथ को लंगड़ी मारे को चाहे,वइसन ही फिन रुश्दी की अगुवाई में बरतानिया मा दुईसौ लेखक उखक बयान असहिष्णुता के खिलापो जारी किये रहिस।बिहार को वक अप भी किये हो।


का बिगाड़ लिहिस।वखिंगघम पैलेस मा आरण्यक सभ्यता जइसन वैदिकी शांति रही आउर जरुरी बा के हिंदुस्तानी रेसिपी का जायका भी खूबै रहै।बाकी किस्सा एफडीआई।के मुक्त बाजार बा।


बाजार खुश।जनता उनता भुस्स।भेड़धंसान।


पांच साल मा जब जागै,तबहुं देखब।


असहिष्णुता आजादी बाद से जारी बा।

त खून खराबा भी तबहिन से जारी बा।

बिरंची बाबा का काहे को कोई दोष हो गुसाई।


तनिको निंदा हो जाई तो जनता जनार्दन खुश?


विरोधी आत्मा प्रसन्न भयो के जनता उनता जाये भाड़ो मा।


जनादेश देश बेचेक खातिर लाइसेंस बा।

जो मरै सो मरै।जो जीवै सो मौज उड़ावै।

जो केसरिया भयो।जी रौ सौ बरीस।


बाकीर जनता फालतू ह।

के मुक्त बाजार आहे।

उकर इंतजाम खातिरो दंगा फसाद चाक चौबंद।


तनिको निंदा हो जाई तो जनता जनार्दन खुश।

डालरजौन आवै रहै,उस पर छठ मइया की जै कि बिहारे नीतीश कुमार जनादेश के अननंतर पौंड मानसूनै बा।


सत्ता तो मदहोश,बाजार डांवाडोल नइखे।मुहूर्त ठीकै बा।

विपक्ष खुश हो जाई।अरबपति करोड़पति सगरे खुश।


बाकीर जनता फालतू ह।

उकर इंतजाम खातिरो दंगा फसाद चाक चौबंद।

के मुक्त बाजार आहे।





देश बेचेके खातिर ईमानदारी से मिलजुलकै धंधा अंधियारे का खूबै खूब बा।बाकी पादै बहुतै हो।उ मीडिया भी पादैपादसे गंधावै घनघोर के लंगटा जश्न हो।देश बेचेके खातिर राजनीति गोलबंद।जनता बंटी हो भौते भौत।ई हरिकथा अनंत।हरिबोल हरिबोल।हरिहरि बोल हरि।


जइसन दीदी मोदी एको बानी के दीदी बंगाल मा राज करिहैं कोई वामपंथी उंथी मैदानो मा नइखै।आउर मोदी राज बहालो बा दिल्ली मा,हारे चाहे के बिहार हारे के बंगाल आउर यूपी।दिल्ली तो हारै ही पहिले पहल तो केजरीवाल महिषासुर भयो,उकर वध चाहि ह।


दीदी का आर्डर हुई गवो परशांतो को घेर लिहिस,कोई माई क लाल हिलावैक हिम्मत करके देख लेवें के संसद मा विरोध दर्जकरावेक चाहि तो टीएमसी सांसद हल्ला उल्ला कत्तई ना करें,मंत्री मदना भी रिहा बाड़न।एकही केस के सांसद कुणाल जेल मा सड़ गइलन आउर खूबैखूब धार्मिक ध्रूवीकरण।मोदी जीतै तभी ना दीदी की भी जीत।मुसल्लो के डरावैक चाहि,वोट गोलबंदी खातिर बंगाल केसरिया बा।हरि बोल।नईकी शाखा ह के गीता भागवत प्रचार समिति आउरकहे यहींच वैदिकी सभ्यता।वेद नाही।


नौटंकी वखत सब एक हो जाई।के सुधार अश्वमेध जारी कहेक चाहि।कि अबाध कारपोरेट चंदा ,फारेन फंडिंग चाहि।


सगरा देश मांझा बाकीर किस्सा वहींच।क्षत्रप सारे गोलबंद।

सारे जमींदार, रियासतदार, मनसबदार, किलेदार, फौजदार,सूबेदार,जिलेदार,तहसीलदार,पटवारी गोलबंद।



हमउ सगरे ससुरे बुरबक के लड़ैं जात पांत खातिर

मरै सियासती मजहब मजहबी सियासत खातिर

जी रौ जमींदारी,जी रौ रियासतो।वंश वर्चस्व जी रौ।


भारी मारामारी केकर हिस्से कित्ता कित्ता पैकेज।

केकर हिस्से कित्ते कित्ते निउक्लिअर विध्वंस।


केकर हिस्से कित्ते कित्ते गैस चैंबर के जनता उनता जौण फालतू बा,उके मरवाकै चाहि।


भारी मारामारी स्मार्ट सिटिवा खातिर,स्ट्रटअप खातिर,एफडीआई खातिर।काहे को सारा दोष बिरंचा बाबा को गुसाई।संतन मा झगरा भारी।भौते मारामारी।पण मजहब सियासती एको बा।सियासती मजहब फिन खूनखराबा बा।देश बेचो एजंडा बा।बंडवारा बंटाधार।


बाजार खुश त कौन का उखाड़े सकै त चालू आहे कत्लेआम,शांतता


के केसरिया सुनामी दरअसल एफोडीआई सुनामी बा।


इन्हीं आडवाणी ने तभै गोड़ धर लीन्है एक बचावा उकर जो गोठ में पल रहा कल्कि अवतार ह।वहींच कल्कि अवतार टायटैनिक बाबा ह।बिरंची बाबा भी वहींच।दशावतार भयो।धर्मनाश खातिरे।भारतवर्ष भारततीर्थ विनाशे खातिरे दशावतार एफडीआई बाबा हो।जय हो।


अटलजी त राजधर्म निभाये को डटि रहिलन।


आडवाणी जी वहींच,जो दश के चप्पे चप्पे मा रमारथ हांके रहे हो।कारसेवा का कहै,मस्जिद तोड़े वखते भी वहींच मौजूदे रहे जेकर खातिर गोधरा आउर फिन गुजरात बदनाम हुई रहे बाकी गुजरात वायब्रैंटवा बा।


ओबामा बुझलन,धड़ाक से क्लीन चिटवी देई रहिस।

कैमरुन भी बुझलन बाड़न।


उ बीबीसी को काहे को खुजली ह के पूछ दिहिस के बिरंची बाबा विदेश दौरे पर काहे बरांबार।


काहे और,भारत विकासे खातिर,अडाणी खातिर,अंबानी खातिर मुक्त बाजर जो वसंतबहार ह,उमा फिर सेव काउ का अरबियन स्पिंगवा घनघोर,फिन टीपू की भी गोडसे की तलवार से गरदने उड़ा दिहिस के जउन ससुरा टीपू रहे अंग्रेजन को नाकों चने एइसन चबाये रहे के नेपोलियन हिटलर जइसन माई के लाल भी फेल।


ब्रिटिश राज की सेवा का ताजातरीन नमीना ई देखो कि आजादी की लड़ाई में गोडसे बाबा सबसे मोटा अबतारो रहे मोटाभाई कै,बाकी भगवान उगवान,साधु साध्वी,स्वयंसेवक कहीं कौनो बलिदान वलिदान किये नइखे।


त ब्रिटिश राजेर सबसे खतरनाक दुश्मन का मोरणोपरांत ई गति जो कर दिहिस,अंग्रेज ससुरे बाग बाग हुई रहे।


फिन हिंदुस्तान में बोल न फूट्ओ त का,खास लंदन मा सगरी दुनिया भई जौन गान्ही बाबा आउर गौतम बुधवा के नाम ले लिहिस।सात खून का,बाबरी विध्वंस माफ।


माफ गुजरातमध्ये कत्लेआम।

वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति।कर्नाटक मध्ये अबहुं हिंसा की बारी।गोमाता को शायद छोड़ दिहिस,टीपूके मारेके चाहि।


आडवाणी जो बोले ह,जो मार्गदर्शन ह,उ डैमेज कंट्रोल बा।

बूझत नइखे,बुड़बकै बाड़न सगरै।


आडवाणी के वरदहस्ते ई भस्मासुर ह त उको बचावै खातिर तनिको ड्राम कर दिहिस,त बगावत बुझल।

बगावत नइखै,नौटंकी बा।

बूझो के भामस मैदानो मा बा के उ भी एफडीआई विरोधे ह।

बूझो, के कौण बुरबाक बाड़न।


बूढ़ बाड़न,उनर का हउ चाहि का?


पेइड न्यूज घनघोर बा आउर मीडिया भी अबहुं एफडीआई भइल।केसरिया सुनामी सबसे बड़का एफोडीआई।


सो,एफडीआई बाबा की दावत मा बघिंग पैलेस मा कार्निवाल रहे के रैली उली का नजारा बिहारो रहि,जोर जायका फिन वहीं एजंडा हिंदुत्व का।मीडिया मीडिया किलै हौ लाखों गुल बहार।तोडो़ रे।


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