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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, May 19, 2012

तीस हजारी सोना के बिना मुश्किल है जीना​

तीस हजारी सोना के बिना मुश्किल है जीना​

​​मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

​सोना का भाव उछाला लेकर  बढ़ रहा है पर हमारी सांस्कृतिक विरासत ऐसी है कि सोना के बिना गरीब से गरीब आदमी का जीना मुश्किल​ ​ है।सोना भारतीय समाज का एक अंतरंग हिस्सा है।यह देश में बचत और सपंत्ति का आधार है। सोने को एक बेहद सुरक्षित निवेश मानते हुए लोगों ने इसकी ऊँची कीमतों को भी स्वीकार कर लिया है।घर में अमन चैन के लिए सोना बेहद जरूरी है तो बेटी की विदाई के लिए भी  सोना अनिवार्य है। आदिवासी समाज में सोना के प्रति ऐसी दीवानगी नहीं है और सोने के बिना वहां स्त्रियां कही ज्यादा स्वतंत्र है। भ्रूण हत्या की ओर सत्यमेव जयते के जरिये ध्यान जा रहा है, पर इस क्रूरता के​ ​ पीछे भी दहेज का दानव है, जिसे सबसे पहले तौल तौलकर खांटी सोना चाहिए। उन समाजों में कन्या भ्रूम हत्या की वारदातें बल्कि कम​ ​ है जहां अंतरजातीय विवाह पर हो हल्ला नहीं होता और दहेज के कारण शादियां नहीं रुकतीं।

उदारीकरण-वैश्वीकरण के दौर में भारत में सोने की खरीद और सोने के आयात, दोनों में बेतहाशा वृद्धि हुई है और अब वह सरकार के गले की हड्डी बन गई है।सोना आम आदमी के उपभोग की वस्तु नहीं है, लेकिन स्वर्ण कारोबारियों के आन्दोलन के साथ अब तमाम राजनीतिक दल भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। इससे लगने लगा है कि सोना भी अपना असर दिखाता है। पिछले एक दशक में सोने की कीमतों ने आम आदमी का भरोसा और मजबूत किया था। निवेश के साथ ही सोना विनिमय के लिहाज से भी सहज था। सोने को गिरवी रखना भी आसान था, किन्तु अब हालत बदल रहे हैं। सोने का रसूख करारोपण के कारण घटता तो नहीं किन्तु आम आदमी की पहुंच से दूर जरूर हो सकता है।बहरहाल,  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी और घरेलू स्तर पर रूपये में हो रहे अवमूल्यन से शनिवार को सोना 29475 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। 155 रुपये के इस इजाफे के बाद अब सोना तेजी से 30 हजारी बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। दिलचस्प है कि शुक्रवार को भी सोने में 710 रुपये की उछाल दर्ज की गई थी। वहीं चांदी भी 1200 रुपये प्रति किलो तक तेज हो गई थी। ऐसे में पिछले 3 दिनों में सोने के भाव में करीब 1100 रुपये का इजाफा हो गया है। सोने-चांदी पर निवेशक लट्टू हो गए हैं। विदेशी बाजारों में मजबूती के बीच शनिवार को लगातार तीसरे सत्र में उन्होंने इन कीमती धातुओं में लिवाली की।यूरोप में बिगड़े आर्थिक हालातों के चलते निवेशकों के बीच कीमती धातुओं की मांग बढ़ गई है। निवेशक सोने-चांदी को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हैं। न्यूयॉर्क में सोना 1.1 प्रतिशत की बढ़त लेकर 1591.90 डॉलर प्रति औंस बोला गया। चांदी भी 2.5 प्रतिशत भड़ककर 28.71 डॉलर प्रति औंस हो गई। इसका असर घरेलू बाजार की कारोबारी धारणा पर भी पड़ा।दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना चांदी में तीन दिन की गिरावट थम गयी और भाव तेजी के साथ बंद हुए।सोना भारतीय समाज में ऐश्वर्य का प्रतीक है, लोग सोने को अपनी शान से जोड़कर देखते हैं। पिछले एक साल से जहां सारे एसेटट्स धूल चाट रहे थे, ऐसे समय सोने का भाव बुलंदियों पर था।  

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में जोरदार तेजी आई है। नायमैक्स पर कच्चे तेल में करीब 2 फीसदी का उछाल आया है, वहीं भाव 105 डॉलर प्रकि बैरल के ऊपर जा पहुंचे हैं। पिछले सप्ताह घरेलू बाजार में कच्चा तेल करीब 1 फीसदी की बढ़त के साथ 5,187 रुपये पर बंद हुआ था।। ईरान से पेट्रोल आयात घटाने के अमेरिकी दबाव के बीच भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से तेल आयात बढ़ाने की संभावना पर चर्चा की है। यहां संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद नाहन के साथ बातचीत के बाद विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात हमेशा से ही भारत का भरोसेमंद पेट्रोलियम सप्लायर रहा है।

इस बीच मिस्टर परफेक्शनिस्ट यानी आमिर खान के शो सत्यमेव जयते ने विज्ञापन की दरों केमामले में टेलीविजन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।बॉलीवुड स्टार आमिर खान का टीवी शो 'सत्यमेव जयते' संवेदनशील सामाजिक मुद्दों को उठाए जाने के कारण काफी लोकप्रिय हो रहा है। ऑनलाइन गूगल सर्चेज पर कराए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि इस शो की लोकप्रियता आमिर से कहीं ज्यादा है।सूत्रों के मुताबिक इस शो के दौरान दस सेकेंड के विज्ञापन के लिए विज्ञापनदाताओं से चार से पांच लाख रुपये वसूले जा रहे हैं। जबकि छोटे पर्दे के सबसे लोकप्रिय गेम शो कौन बनेगा करोड़पति [केबीसी] सीजन 5 के दौरान यह महज ढाई से तीन लाख रुपये देने पड़ते थे।सत्यमेव जयते के शीर्षक अधिकार एयरटेल ने जहां 18 करोड़ रुपये में खरीदे हैं वहीं केबीसी के लिए कैडबरी ने 16 करोड़ रुपये खर्चे थे। टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट के मुताबिक आमिर का शो दर्शक बटोरने में भी किसी से पीछे नहीं है। शो के पहले एपिसोड को नौ करोड़ लोगों ने देखा। शो को सबसे अधिक करीब 4.1 रेटिंग मिली है। जबकि महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किए गए शो केबीसी-5 को 3.5 रेटिंग मिली थी।हालांकि रेटिंग के मामले में आमिर के शो ने बिग बी को मात दे दी है, लेकिन यह बात भी गौर करने लायक है कि केबीसी का प्रसारण सिर्फ एक चैनल सोनी पर किया गया। वहीं सत्यमेव जयते का दूरदर्शन और स्टार प्लस नेटवर्क पर किया गया। माना जाता है कि प्राइम टाइम रात आठ से 11 बजे तक में सबसे ज्यादा दर्शक जुटते हैं पर सच्चाई यह है कि इस समय अवधि में दर्शक बंटते भी उतने ही ज्यादा है। विज्ञापन आते ही चैनल बदल जाता है,लेकिन सत्यमेव जयते के प्रसारण समय के साथ ऐसा नहीं है। इस दौरान दर्शकों का टीवी कार्यक्रम की ओर ज्यादा रुझान नहीं होता है। ऐसे में दर्शक मिलना लाजमी है।

'सत्यमेव जयते' की पहली कड़ी छह मई को स्टार प्लस पर प्रसरित हुई थी। उस समय तक लोगों को पता नहीं चल पाया था कि इस शो की अवधारणा क्या है। लेकिन आमिर द्वारा प्रस्तुत इस कार्यक्रम में अब कन्या भ्रूणहत्या, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर पीड़ितों से सीधी बात सुनने में दर्शक काफी दिलचस्पी लेने लगे हैं।गूगल इंडिया के अनुसार, देश में इंटरनेट का उपयोग करने के आदी लोग इस शो के लिए अधिक से अधिक तथ्यों की तलाश कर रहे हैं। लोगों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए इसकी तुलना 'ऑनलाइन हिट्स फॉर आमिर खान' से की जा रही है।गूगल के जरिये ज्वलंत मुद्दों के बारे में तथ्यों की तलाश करने वालों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि 'सत्यमेव जयते' की लोकप्रियता 'आमिर खान' से कहीं अधिक है।

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सरकार से कहा है कि टैक्स बचत वाली राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना को म्यूचुअल फंड के जरिए पेश किया जाना चाहिए। शेयर बाजार में सीधे निवेश करने के जोखिम को कम रखने के लिए सेबी ने यह सुझाव दिया है।सेबी अध्यक्ष यू.के. सिन्हा ने शनिवार को कहा कि उसने इस संबंध में वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव सौंपा है। उन्होंने कहा, 'सेबी का मानना है कि शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने वालों को पूरी जानकारी नहीं होती है इसलिए उन्हें बाजार में संस्थागत निवेश के जरिये प्रवेश करना चाहिए।' उन्होंने सवालिया लहजे में कहा ''क्या यह सही होगा कि जानकारी नहीं रखने वाले निवेशक को सीधे इक्विटी बाजार में जाने देना चाहिए अथवा उसे म्यूचुअल फंड के जरिए बाजार में लाना चाहिए।'वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस साल के बजट में शेयरों में निवेश को बढ़ावा देते हुए राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये से कम आय वाले निवेशकों द्वारा शेयरों में 50,000 रुपये तक का निवेश करने पर इनकम टैक्स में 50 प्रतिशत कटौती की सुविधा होगी। योजना के तहत तीन साल की समयबंदी रखी गई है।

दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) रुपए में आ रही रिकार्ड गिरावट को रोकने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखेगा। आर.बी.आई. के उप गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने आज कोलकाता में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि केन्द्रीय बैंक रुपए में आ रही कमजोरी को थामने के लिए गत कुछ माह से लगातार प्रशासनिक उपाय करता आ रहा है और आगे भी ये कोशिशें जारी रखेगा। यूरो जोन में गहराता कर्ज संकट भी इसके लिए मुसीबत बना हुआ है।

केंद्र सरकार ने सोने और चांदी के टैरिफ वैल्यू में कमी की है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) द्वारा 16 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार सोने की टैरिफ वैल्यू 507 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी की टैरिफ वैल्यू 920 डॉलर प्रति किलो होगी। आयातकों को इसी वैल्यू पर आयात शुल्क देना होगा।अभी तक सोने की टैरिफ वैल्यू 541 डॉलर प्रति दस ग्राम और चांदी की वैल्यू 1,011 डॉलर प्रति किलो थी। दूसरी ओर, पीतल स्क्रैप के टैरिफ वैल्यू में इस दौरान बढ़ोतरी की गई है जबकि पोस्तदाना के टैरिफ वैल्यू को पूर्व स्तर पर ही रखा गया है।पीतल स्क्रैप का टैरिफ वैल्यू 4,298 डॉलर से बढ़कर 4,362 प्रति टन (सभी श्रेणियों) के आधार पर लागू होगा। इसके अलावा पोस्तदाना पर टैरिफ वैल्यू 3,680 डॉलर प्रति टन के पूर्वस्तर पर रहेगा। अधिसूचना के अनुसार क्रूड पाम तेल, आरबीडी पाम तेल, अन्य पाम तेल, क्रूड पामोलीन, आरबीडी पामोलीन, अन्य पामोलीन और क्रूड सोयाबीन तेल के टैरिफ वैल्यू में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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