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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, February 22, 2014

दाम तो गैस के बढ़ेंगे ही,अब मिलेगी भी नहीं,रसोई का दूसरा इंताम जरुर कर लें।

दाम तो गैस के बढ़ेंगे ही,अब मिलेगी भी नहीं,रसोई का दूसरा इंताम जरुर कर लें।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


दाम तो गैस के बढ़ेंगे ही,अब मिलेगी भी नहीं,रसोई का दूसरा इंताम जरुर कर लें।25 परवरी को रसोई गैस हड़ताल का साझा आह्वान किया है आल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यटर्स फेडरेशन और फेडरेशन आफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स आफ इंडिया ने।बंगाल में इस हड़ताल की पूरी तैयारी है।गैस वितरक तेल कंपनियों की ओर से गैस अनुशासन जारी करने के खिलाफ यह हड़ताल कर रहे हैं।


रसोई गैस के रहते अब शायद रोसोी गैस में आग जलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।गैस आग बनकर झुलसाती रहेगी,ऐसा पुख्ता इंतजाम है।आपके बवाल के बावजूद पहली अप्रैस से गैस की कीमतों में होने वाला दोगुणा इजाफा रुक नहीं रहा है। न तेलमंत्री के खिलाफ जाती हुई दिल्ली सरकार के एफआईआर का कोई असर होने जा रहा है। तेलमंत्री मोइली ने साफ कर दिया है कि गैस की कीमतें तो बढ़कर रहेंगी।


सब्सिडी खत्म करने का कार्यक्रम किस अंजाम तक पहुंचेगा,इसे साक्षात देखने और झेलने से पहले लोकसभा चुनाव है और उसके बाद नई सरकार की ओर से लोकलुभावन तमाम बंदोबस्त खत्म करने वाला बजट भी। लेकिन विनियंत्रित रसोई गैस नंदन निलेकणि के आधार पद त्यागकर संसदीय राजनीति में छलांगने और नकद सब्लिडी के लिए आधार लिंक की अनिवार्यता खत्म होने के बावजूद आम उपभोक्ता को कोई राहत नहीं देने वाली है।



शायद रसोई संकट से निजात पाने के लिए आम लोगों की रोजमर्रे की नर्क जिंदगी के बहाने फास्ट फूड,रेडीमेड जंक फूड और होमडेलीवरी का कारोबार बढ़े और कुछ बेरोजगार युवाों को बेरोजगारी के आलम में रोजगार की नई दिशा भी मिले।


लेकिन अप्रैल आने से पहले आधार संकट निपट जाने के बावजूद गैस का संकट फरवरी में ही कोहराम मचाने वाली है।


आगामी 25 फरवरी से गैस वितरकों ने रसोई गैस हड़ताल का ऐलान कर दिया है।


इसी महीने की 25 तारीख के बाद रसोई गैस की आपूर्ति में बाधा पहुंच सकती है। सरकार की हालिया नीतियों से परेशान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरों ने अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। पेट्रोलियम मंत्रालय अपनी तरफ से इन्हें मनाने की कोशिश कर रहा है। यह दीगर है कि इनकी अधिकांश मांगों को मौजूदा ही नहीं, कोई भी सरकार स्वीकार नहीं कर सकती। एलपीजी वितरक एजेंसियों की प्रमुख मांग यह है कि देश में रसोई गैस सिलेंडरों की एक ही कीमत होनी चाहिए। सब्सिडी व गैर-सब्सिडी का चक्कर खत्म किया जाना चाहिए।

ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन के महासचिव चंद्र प्रकाश का कहना है, देश की सभी 1,3500 एलपीजी एजेंसियां काम करना बंद कर देंगी। न बुकिंग की जाएगी और न ही पहले से बुक सिलेंडरों की आपूर्ति की जाएगी। सरकार ने एक ही सिलेंडर की तीन तरह की कीमतें तय कर रखी हैं। घरेलू उपयोग के लिए सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 400 से 450 रुपये के बीच है। घरेलू उपयोग के लिए गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 1,240 से 1,275 रुपये के बीच है। कॉमर्शियल इस्तेमाल वाले सिलेंडर की कीमत 1,850 से 1,900 रुपये के बीच है। इससे न सिर्फ वितरक एजेंसियों, बल्कि ग्राहकों के बीच काफी भ्रम है। आए दिन गैस डिस्ट्रीब्यूटरों को ग्राहकों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। मार पीट होती है। कालाबाजारी भी होती है। इसे खत्म करने का एक ही तरीका है कि देश में एलपीजी सिलेंडरों की कीमत एक ही हो।



इसी बीच भूतहा बुकिंग से बारह सब्सि़डी सिलिंडर की जिन्हें जरुरत ही नहीं पड़ती,उनके गैस सिलिंडर बंगाल भर मे इधर उधर हो रहे हैं।


वितरकों की मिलीभगत से कारिंदों की चांदी है।


अब समस्या है कि पहले ही बुकिंग हो जाने की वजह से नये सिरे से तत्काल बुकिंग होगी नहीं।हुई भी तो गैस मिलेगी नहीं।


वैकलपिक बंदोबस्त फिर बिजली के रेगुलेटेड चूल्हा इंडक्शन है। लेकिन बिजली भी सस्ती हो नही रही है।


गौरतलब है कि सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उपभोक्ता अब बिना आधार खाते के एलपीजी सिलेंडर खरीद सकते हैं और इसके बारे में एक सप्ताह के भीतर आदेश जारी कर दिया जाएगा।जाहिर है कि सरकार इस मांग को स्वीकार नहीं कर सकती, क्योंकि इसका मतलब हुआ कि या तो सब्सिडी को पूरी तरह से हटा दिया जाए या फिर सभी को सब्सिडी दी जाए। खास तौर पर तब जब चुनाव सर पर है और सरकार ने आधार कार्ड के जरिये एलपीजी सब्सिडी देने की योजना इसलिए स्थगित की है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सब्सिडी दी जाए। एलपीजी वितरकों की दूसरी मांग है कि उन्हें ऐसे सिलेंडर दिए जाएं जिनके साथ छेड़खानी करना संभव नहीं हो। इनका कहना है कि इसकी आड़ में निगरानी निरीक्षक काफी परेशान करते हैं। यह भी फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि पांच वर्ष पहले सरकार ने इस बारे में दो प्रस्तावों पर विचार किया था, लेकिन अमल के नाम पर कुछ नहीं हुआ। एजेंसियों की एक अन्य मांग है कि बाजार में खुले आम बिकने वाले तीन किलो और पांच किलो के छोटे सिलेंडरों पर रोक लगाई जाए। इन्होंने जल्द से जल्द नई गैस एजेंसियों को खोलने की भी मांग की है।


लोकसभा में सौगत राय के पूरक प्रश्न के उत्तर में पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने एलपीजी को आधार कार्ड से अलग करने पर स्थिति स्पष्ट करते हए कहा कि एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण से संबंधित सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा।


मंत्री ने कहा कि जहां तक सीधे नकद अंतरण (डीबीटी) का सवाल है, कैबिनेट ने आधार खाते को एलपीजी सिलेंडर जाने से अलग करने का निर्णय किया है। अब सब्सिडी आधारित एलपीजी सिलेंडर बिना आधार के ही मिल सकेगा।


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