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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Thursday, July 10, 2014

बजट 2014: कितना बचेगा आपका टैक्स

बजट 2014: कितना बचेगा आपका टैक्स


सिगरेट महंगी, टीवी सस्ताः जानिए, मोदी के पहले बजट से आपको क्‍या मिला
प्रकाशित Thu, जुलाई 10, 2014 पर 20:24  |  स्रोत : CNBC-Awaaz

मोदी सरकार के पहले बजट से सभी बड़ी उम्मीदें लगाएं बैठे थे, ऐसे में सरकार ने आम आदमी को टैक्स छूट के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। बजट 2014 में जहां टैक्स छूट 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री कर दी गई है, वहीं 80 सी के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को भी बढ़ा दिया है।


वहीं अलग-अलग योजनाओं में 80 सी के तहत अब 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा। हालांकि टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। वित्त मंत्री के इन चंद कदमों से क्या वाकई बचत करने वालों के अच्छे दिन आ गए, टैक्स छूट में दी गई ये रियायत कितनी बड़ी है, इन मुद्दों पर लेंगे एक्सपर्ट्स की राय।


मोदी सरकार के पहले बजट में आम आदमी को राहत देने की कोशिश की गई है। अब 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर नहीं लगेगा। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) के लिए आयकर छूट सीमा 3 लाख रुपये की गई है। आयकर छूट की सीमा बढ़ने से टैक्स बोझ में 5000 रुपये की कमी आएगी। 

सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी है। साथ ही होमलोन के ब्याज पर बड़ी छूट भी दी है। अब 1.5 लाख रुपये के बजाए 2 लाख रुपये तक के होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। पीपीएफ में निवेश की सीमा बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई है।


फाइनेंशियल प्लानर अर्णव पंड्या का कहना है कि फाइनेंशियल प्लानिंग के नजरिए से देखा जाएं तो इन छोटे छूट से कोई ज्यादा बदलाव आने की उम्मीद नहीं है। आम जनता पर महंगाई का इतना बोझ पड़ता है कि वो बचत नहीं कर पाते हैं। अतिरिक्त बचत करना आम जनता के लिए मुश्किल होता जा रहा है।


80 सी लिमिट को पूरा करने के लिए जरूरी नहीं कि लोग ज्यादा बचत कर पाएंगे। क्योंकि अब भी महंगाई बहुत ज्यादा है और लोगों के लिए बचत करना मुश्किल है। दूसरी तरफ ब्याज दरें भी काफी ज्यादा है। पीपीपएफ में निवेश की सीमा 1 लाख रुपये बढ़ाकर से 1.5 लाख रुपये कर दी गई है। लिहाजा जिनका लंबी अवधि के लिए निवेश करने का नजरिया हो और लंबी अवधि का फायदा उठाना हो तो पीपीएफ अच्छा विकल्प होगा। फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से आपको अपनी बचत का एलोकेशन करना चाहिए।


टैक्स गुरु सुभाष लखोटिया के मुताबिक आयकर पर टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़कर 2.5 लाख रुपये हुई, 80सी के निवेश पर छूट 1 लाख रुपये से 1.5 लाख रुपये हो गई और होमलोन ब्याज पर छूट 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई है जिससे सभी वर्ग के करदाताओं को फायदा देगा। जिन लोगों की इनकम 30 फीसदी से ज्यादा के स्लैब में आती है उनके लिए करीब 30-35,000 रुपये की टैक्स की बचत होगी। इन सबको देखते हुए अच्छे दिन आने की आशा तो पूरी हो गई है लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कोई भी अतिरिक्त फायदा नहीं हुआ है।


वित्त मंत्री चाहते तो आम आदमी को और राहत दे सकते थे। टैक्स में कमी, विदेशों से भारत के पैसों को लाना, ब्लैक मनी, टैक्स चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कड़े कदम उठाएं जाते तो ज्यादा फायदेमंद हो सकता था।


अब होम लोन, सेविंग्‍स के साथ 6 लाख रु. तक की इनकम होगी टैक्‍स फ्री

  • होम लोन के ब्‍याज पर कर छूट बढ़ी
इस बजट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज की अदायगी पर टैक्स से छूट की अधिकतम सीमा दो लाख रुपए की गई। इस प्रावधान से लोगों को कर बचाने में मदद मिलेगी। पहले यह सीमा 1.5 लाख रुपए थी। 
  • सेक्शन 80 सी के तहत विभिन्‍न बचत पर भी बढ़ी छूट की सीमा
इस बजट में पीपीएफ में निवेश की अधिकतम सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ा कर डेढ़ लाख रुपए कर दिया गया है। अब इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए की बचत पर कर छूट मिलेगी। इसकी वजह से लोग और अधिक बचत कर सकेंगे। इस सेक्शन के तहत ईएलएसएस, एनएससी, यूलिप, ईपीएफ, पीपीएफ, जीपीएफ, एनपीएस आदि में बचत को शामिल किया जाता है। इसका मतलब यह है कि लोग इन विकल्पों में अधिक बचत कर सकेंगे। पहले सेक्शन 80 सी के तहत छूट की सीमा एक लाख रुपए होगी।
 
छह लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
 
अगर किसी व्यक्ति की आमदनी छह लाख रुपए है और वह ऊपर बताई गई तीनों रियायतों का पूरा इस्तेमाल करता है, तो उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
 
बजट से कितना बचेगा आपका टैक्स 
 
अगर आपकी सालाना आमदनी तीन लाख रुपए है-
 
 पूर्व स्थिति अब क्या होगा
टैक्सेबल इनकम
एक लाख रुपए50,000 रुपए
टैक्स 10,000 रुपए5,000 रुपए
सेस 300 रुपए150 रुपए
कुल टैक्स 10,300 रुपए5,150 रुपए
 
अगर आपकी सालाना आमदनी छह लाख रुपए है-
 
 पूर्व स्थिति अब क्या होगा
टैक्सेबल इनकमचार लाख रुपए 3.50 लाख रुपए
टैक्स
50,000 रुपए45,000 रुपए
सेस 1500 रुपए1350 रुपए
कुल टैक्स 51,500 रुपए46,350 रुपए
अगर आपकी सालाना आमदनी 11 लाख रुपए है-
 
  पूर्व स्थितिअब क्या होगा
टैक्सेबल इनकम 9 लाख रुपए8.5 लाख रुपए
टैक्स 1.6 लाख रुपए1.55 लाख रुपए
सेस 4,800 रुपए4,650 रुपए
कुल टैक्स 1,64,800 रुपए1,59,650 रुपए
 
यानि आप देख सकते हैं कि बजट की नई रियायतों से हर टैक्स स्लैब में आने वाले टैक्सपेयर को 5,150 रुपए की बचत होगी।
 
ये हैं आयकर के नए स्लैब
 
आय टैक्‍स दर 
Upto Rs.2,50,000 Nil
Rs. 2,50,001 to Rs. 5,00,000 10%
Rs. 5,00,001 to Rs. 10,00,00020%
Above Rs. 10,00,000  30%
 
सीनियर सिटीजन: 60 वर्ष से अ‍धिक 
 
Upto Rs.3,00,000 Nil
Rs. 3,00,001 to Rs. 5,00,000 10%
Rs. 5,00,001 to Rs.10,00,00020%
Above Rs. 10,00,000  30%
 
 
सीनियर सिटीजन - 80 वर्ष से अधिक 
Upto Rs. 5,00,000  Nil
Rs. 5,00,001 to Rs. 10,00,00020%
Above Rs. 10,00,000 30%
 

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