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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, January 9, 2016

जन अधिकार यात्रा मo प्रo के किसानों, मजदूरों, मछुआरों, कारीगरों, बुद्धिजीवियों, जागो। विविध जन-संगठनों की प्रदेश यात्रा : देश प्रदेश, संविधान बचाने, जन अधिकार जताने।

जन अधिकार यात्रा

o प्रo के किसानों, मजदूरों, मछुआरों, कारीगरों, बुद्धिजीवियों, जागो।

विविध जन-संगठनों की प्रदेश यात्रा : देश प्रदेश, संविधान बचाने, जन अधिकार जताने।


11 से 19 जनवरी, 2016 : छिंदवाडा से इन्दौर तक

 

देश की हालत का अंदाजा लगाना है तो किसान-मजदूरों कीखेतिहरों की स्थिति जाँचिये। सभी संवेदनशील नागरिक यही कहेंगेंजो कि पिछले दस सालों में हुई किसानों की आत्महत्या की खबर से चिंतित ही नहींशर्मिंदा भी हैं। हमारे देश की 70 प्रतिशत जनता खेती पर निर्भर होते हुए भी न किसान की जान सुरक्षित हैन पूरी जनता ने भोजन सुरक्षा पाई है। यह स्थिति पैदा हुई हैकेवल गलत नीतियों के कारण जो कि खेतिहरों के,किसानी के विरोधी रही है और आज की सरकार से किसानों की वंचनाशोषण एवं लूट को बढ़ावा देती जा रही है। इस खेती प्रधान देश का खेती और खेतिहरदोनों संकट में हैजिन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है। इस देश के संविधान की पुकार हैआज़ादी आंदोलन के शहीदों की सौगंध है।

 

पिछले कुछ सालों से देश के विभिन्न राज्यों के किसानों नेवैसे ही मध्यप्रदेश केजो प्राकृतिक आपदा भुगती हैउससे हैरान हैं समूचा ग्रामीण क्षेत्र एवं छोटे-छोटे कस्बों के छोटे व्यापारीव्यवसायिक भीकिन्तु प्रदेश की सरकार ज़रा भी दुखी नहीं है। उसे नुकसान भरपाई अदा करने की इच्छा नहीं है। झूठ आश्वासनों और बयानों से किसानों की कर्जदारी दूर नहीं हो सकतीन ही उसके बाल बच्चों का पेट भरना या शिक्षा पाना संभव होता सकता है। उसपर बीमा योजना की मार और भू-अधिग्रहण का आतंक। विकास के नाम पर किसान की तथा देश प्रदेश की संपदाभूमिजल-नदी,खनिज.... लूटने की साजिश में शासन के साथ-साथ पूंजीपती भी शामिल हैं। देश के अडानीअंबानी तो हैं हीलेकिन विदेशों से आ रहे उद्योगपतियों को बुलावा देकर हमारे शासक ही तो हैं जो यहाँ की भूमिपानीश्रमशक्ति को दान करते जा रहे हैं। अंग्रेजों के साम्राज्यवादी शासन से भी अधिक विस्थापनप्राकृतिक विनाश और आर्थिक विषमता थोपी जा रही है। एक ओर गाँवों की हत्याकिसानों की आत्महत्या तो दूसरी ओर पलायन से शहरों में रोजी-रोटी ढूँढतेबसते जा रहे गरीबों की अमानवीय अवस्थाअसुरक्षितअसंगठित रखे गये श्रमिकों की दुर्दशा देखी नहीं जाती। यह सब गैर बराबरी बढ़ाने कीकंपनियों और मुट्ठीभरों को ही बख्शने की राजनीतिक साजिश के कारण हो रहा है।

 

कंपनियेां को 5 सालों में 35 लाख करोड़ रू की छूट देने वाले शासनकर्ता क्या किसानों को सब्सिडी तथा खेती उपज का सही दामसही समर्थन मूल्य नहीं दे सकते हैंश्रम का सही मूल्य और रोज़गार खत्म नहींनिर्माण करने वालाप्राकृतिक संपदा और मनुष्य शक्ति पर आधारित औद्योगिकरण नहीं ला सकते हैंबड़े शोषणकारी विनाशकारी उद्योगयोजनाओं के बदलेरोजी-रोटी-कपड़ा-मकान-शिक्षा-स्वास्थ्य हर नागरिक को देनेवाला विकास संभव हैबस आवाज उठानी होगीश्रमजीवी और बुद्धिजीवियों को गांव शहरों के हर नागरिकों को आंदोलन करना होगा।

 

जनता जाग तो रही है। हर जगह आक्रोश है। केन्द्र में बैठी मोदी सरकार जब कानून ही बदलकर चुनाव में निवेश करने वाले पूंजीपती उद्योगपतियों को मुँह मांगे हकछूटकार्यक्षेत्रदेश के संसाधन और मुनाफा देती जा रही है... तो आम जनता भी आक्रोशित ही नहींआंदोलित भी है। सरकार द्वारा विश्व व्यापार संगठन के मंच पर किया गया समझौता किसानों के लिए खतरा है।

 

विकास के बदले विस्थापन का हाहाकारनर्मदा घाटी के हर बांध मेंसीधी-रीवा के सिंगरौली क्षेत्र मेंछिंदवाड़ा-बैतुल-कटनी मेंवैसे ही शहर की झुग्गी झोपड़ियों में भी है। न केवल ग्रामोद्योग बल्कि अपनी मेहनत की कमाई करतेउसके लिये छोटी सी जगह मांगते फेरीवाले भी उजाडे जा रहे हैं। हर क्षेत्र में विदेशी पूंजी एफ.डी.आई. को लाने के बजाय हमें इस विस्थापन से हो रहे विकास का विकल्प खोजना है जो कि समता-न्याय-समाजवादी नीति और नियेाजन हो सकता है। लेकिन शासक तो कानून को ही बदलकर अन्याय थोप रहें हैंतो संघर्ष ही एक मात्र विकल्प रह गया है।

 

जातिधर्मया लिंग के आधार पर समाज को तोड़ने के साजिश की हकीकत भी अब खुलकर सामने आ गई है। हमारे अस्तित्व कीजीने की औरजीविका की समस्याओं को नजर अंदाज करकेअस्मिता को बढ़ावा देनेवालेदलितोंआदिवासियेांअल्पसंख्यको को कुचल रहे हैं। उनसे जतन की गई संस्कृतियांविविधताविशेषताएँभाषा-भूषा और खान-पान ही क्याउनके देव धर्मजीने की राह की अवमानना भी करते जा रहें हैं। ऐसे समय में बुद्धिजीवीकलाकार तथा साहित्यिकों ने भी आवाज उठायी हैपुरस्कार वापसी के माध्यम से अपना विरोध दर्शा रहे हैं।

 

तो आइयेजन-संगठनों की मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से होकर गुजरने वाली देश-प्रदेश बचाओ यात्रा में शामिल होइये। जनता की ताकत से ही खड़ा हो पाएगा जन-आंदोलन ।

·          'भूमि अधिकार आंदोलनजनतंत्र को बचाने के लिएइस यात्रा के माध्यम से सभी संगठनों को साथ लेकरजन-जन की समस्या पर आवाज उठाएगा 

·         किसानों की कर्जदारी और आत्महत्याओं के मामलों को सुलझानालूट पर रोक लगानाजैविक खेती को अपनाकर स्वावलंबी बनानासंघर्ष और निर्माण की दिशा को तय करना।

·         प्राकृतिक आपदा से नुकसान की भरपाई की मांग उठाना।

·         प्राकृतिक संसाधनों से जुड़कर औद्योगिकरण का विकल्प जनता के सामने रखना।

·         सही 'प्रजा-सत्ताकसंवैधानिक मूल्योंमानव अधिकारों की रक्षा की ओर बढ़ना।

·         राष्ट्रीय चेतना की नीव रखना।

·         विकास के नाम पर अजनतांत्रिकबिना पुनर्वासबगैर सहमतिजबरन भूमि अधिग्रहण व कार्पोरेट के मुनाफे के लिए समस्त क़ानून ताक पर रखकर किये जा रहे विस्थापन की खिलाफत करना।

·         किसानों की दुर्दशा के मामले में उनकी बढ़ती आत्महत्याएं और कर्ज बिल माफी में राज्य सरकार का पीछे हटने का विरोध करना।

 

मध्यप्रदेश के विविध जन-संगठनों के वरिष्ठ साथीकिसान-मजदूरोंमछुआरों के प्रतिनिधिऔर राष्ट्रीय स्तर के आंदोलनकारी साथ-साथ चलेगें। आपके क्षेत्र में पधारेगें.... आप से संवाद करेगें।

 

छिंदवाड़ा से निकलकर मुलताई, बैतूल, इटारसीकटनीजबलपुररीवासीधी, सिंगरोलीछतरपुर,ग्वालियरमुरेनारतलामबड़वानीइन्दौर तक चलेगीजनजागरण यात्रा। 

 

हर प्रगतिशील जन संगठन को ऐलान है कि वे बड़ी संख्या मेन सम्मिलित हो इस यात्रा को सफल बनाएँ।... इस मार्ग पर एक सशक्त राष्ट्रीय जन-आंदोलन खड़ा करने की ओर।

 

24 फरवरी को दिल्ली में जुटेंगें हमफिर एक बार...लेके रहेगे हमारा हर अधिकार ।

 

यात्रा की जानकारी के लिए नीचे दी गयी तालिका देखें। (विस्तृत समय सारिणी संलग्न है।)

 

दिनांक

स्थान

संपर्क व्यक्ति

फोन नंबर

11/01/2016

छिंदवाडा

आराधना भार्गव

09425146991

12/01/2016

बैतूल

डॉ सुनीलम

09425109770

12/01/2016

इटारसी

डॉ कश्मीर सिंह उप्पल

09425040457

13/01/2016

कटनी

ए. के. खान

09893972539

13/01/2016

जबलपुर

अरविन्द श्रीवास्तव

09826115611

14/01/2016

सीधी

उमेश तिवारी / सुंदर सिंह बाघेल

09630650570 / 09993872510

15/01/2016

सतना

संजय सिंह तोमर

09425172652

16/01/2016

मोरेना

अशोक तिवारी

09893214966

17/01/2016

ग्वालियर

अखिलेश यादव

09425113347

18/01/2016

बडवानी

मीरा जीमुकेश भदोरिया

09174181215 / 09826811982

19/01/2016

इंदौर

अशोक दुबे / चिन्मय जी / प्रमोद जी

09424577474 / 09893278855

09827021000

 

 

आपके विनीत

किसान संघर्ष समितिअखिल भारतीय किसान सभानर्मदा बचाओ आंदोलनअखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, मध्यप्रदेश आदिवासी एकता महासभाजन-आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम)समाजवादी समागमकिसान मंचवन-जन श्रमजीवी संगठनविंध्य जन-आंदोलन समर्थक समूह, जागृत आदिवासी दलित संगठन और अन्य जनसंगठन


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