Total Pageviews

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Wednesday, April 20, 2016

नारदा स्टिंग का खुलता हुआ हिसाब बराबर कर देगा भूत बिरादरी और सिंडिकेट की वफादारी पर हार जीत का फैसला और इसीलिए पूरे बंगाल में हिंसा,तृणमूली हमले में माकपा कार्यकर्ता की मौत चुनाव नतीजे तमाम अनुमानों के विपरीत होंगे क्योंकि यह राजनीति का आईपीएल है,कहां कैसे गुल खिलेंगे और कौन सा विकेट गिर कर खेल खराब कर देगा,कहना मुश्किल है हिंसा चाहे जितनी हो,भूतों का नाच चाहे जितना हो,बंगाल में बड़ा धमाका होने वाला है एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

नारदा स्टिंग का खुलता हुआ हिसाब बराबर कर देगा

भूत बिरादरी और सिंडिकेट की वफादारी पर हार जीत का फैसला और इसीलिए पूरे बंगाल में हिंसा,तृणमूली हमले में माकपा कार्यकर्ता की मौत


चुनाव नतीजे तमाम अनुमानों के विपरीत होंगे क्योंकि यह राजनीति का आईपीएल है,कहां कैसे गुल खिलेंगे और कौन सा विकेट गिर कर खेल खराब कर देगा,कहना मुश्किल है

हिंसा चाहे जितनी हो,भूतों का नाच चाहे जितना हो,बंगाल में बड़ा धमाका होने वाला है

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप




Kagooje Bag's photo.

Kagooje Bag's photo.

Kagooje Bag's photo.

Kagooje Bag's photo.

पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में बुधवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक कार्यकर्ता को हमला कर घायल कर दिया। बाद में उसकी मौत हो गई।चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, हमले की यह घटना बुधवार को जिले के हारोवा नामक जगह पर हुई। इस सिलसिले में एक मुकदमा दर्ज किया गया है।


नारदा स्टिंग का खुलता हुआ हिसाब बराबर कर देगा,इसके आसार तेजी से बनते नजर आ रहे हैं और हिंसा चाहे जितनी हो,भूता का नाच चाहे जितना हो,बंगाल में बड़ा धमाका होने वाला है।चुनाव आयोग सख्ती बरत रहा है और संघ परिवार भी दीदी को हराने में लगा है,अगर यह सच है तो बंगाल में कुछ भी हो सकता है।


फिलवक्त वामदल और संघ परिवार दोनों तरफ से जमकर मोर्चाबंदी है तो चुनाव आयोग के दरबार में घंटी टनाटन बजने लगी है स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए।


बहरहाल  महत्वपूर्ण तीसरे चरण के मतदान से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के 75,000 जवानों सहित 1 लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबलों के करीब 75,000 जवानों वाली लगभग 700 कंपनियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। निर्देशों के मुताबिक मतदाताओं में विश्वास पैदा करने के लिए वे अपने इलाके में मार्च निकाल रहे हैं।


कोलकाता और बाकी बंगाल में लू के बीच तीसरे चरण के मतदान के बाद पूरे राज्य में भूतों का नाच शुरु हो गया है।


पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की चर्चा वैसे तो पूरे देश में है, लेकिन एक खास वजह से यह चुनाव चर्चा का कारण बना हुआ है, जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में भी काफी हो रही है। चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों के पास बेशुमार दौलत और उनके क्राइम रिकॉर्ड के कारण भी यह उम्मीदवार चर्चा का विषय बने हुए हैं।


वेस्ट बेंगाल इलेक्शन वॉच द्वारा हलफनामों का विश्लेषण किया गया, जिसके अनुसार, इस चरण में 418 प्रत्याशी मैदान में हैं और उनमें से 61 लोगों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रूपए से ज्यादा की बताई है। इन 61 में से 13 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके पास पांच करोड़ रूपए से से ज्यादा की संपत्ति है।

गौरतलब है कि  तीसरे और चौथे चरण में 107 प्रत्याशी करोड़पति हैं।भाजपा  के उम्मीदवार सबसे अमीर हैं, तो तीसरे चरण में ही तृणमूल कांग्रेस के 62 प्रत्याशियों में से 27 करोड़पति हैं।


जहां इस बार धनी उम्मीदवारों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हुआ है, वहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले तक शामिल हैं। इस मामले में सभी दल लगभग एक समान हैं।गौरतलब है कि 128 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। उम्मीदवारों के शपथ-पत्र से यह खुलासा हुआ है कि तीसरे चरण के 418 उम्मीदवारों में से 61 और चौथे चरण के 345 में से 46 करोड़पति या कई करोड़ के मालिक हैं।


'द वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच' ने सोमवार को कहा कि तीसरे चरण के 80 प्रत्याशी और चौथे चरण के 48 प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने की घोषणा की है। इनमें कई के खिलाफ हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर मामले भी लंबित हैं।


2011 के विधानसभा चुनावों के दौरान सत्ता पलट की दिशाएं साफ हो गयी थी क्योंकि बाजार की सारी ताकतों के सात वमविरोधी सारी शक्तियां और माओवादी एक तरफ थे तो दूसरी तरफ अंधाधुंध शहरीकरण और जमीन अधिग्रहण की जिद पर बहुमत के उन्माद में अंद कामरेढ थे।


अबकी दफा बाजार का रुख समझ में नहीं आ रहा है और न जनआक्रोश उबाल पर है।


यह सुरक्षित पिच पर आईपीएल मैच का जैसा मामला है और दीदी की टीम इसवक्त केकेआर की तरह मैच खेल रही है।


आखिरी ओवरों तक क्या क्या गुल खिलेंगे,मतदान के तीसरे चरण में भी कहना मुश्किल है।बीच के ओवर तो बेहद खतरनाक है।


विपक्ष की धुंआधार फील्डिंग की वजह से पावर प्ले में ही  रन रेट जीत के लिए काफी नहीं है और जंगल महल में भारी मतदान के बावजूद क्या हुआ है,किसी को मालूम नहीं है तो उत्तर बंगाल और बीरभूम में भी समीकरण सत्ता के खिलाफ है।


अब हर हाल में येन तेन प्रकारेण आखिरी ओवरों में दक्षिण बंगाल को फतह करना होगा तो दीदी के गढ़ खास कोलकाता में अग्निपरीक्षा है।अंपायर का रवैया भी सख्त नजर आ रहा है।


ऐसे हालात में लू के माहौल में जब मतदान में तापमान 42 से 45 डिग्री रहने का पूर्वाभास है और कालवैशाखी से किसी को राहत नहीं मिलना है,मौसम जितना दमघोंटू है उससे ज्यादा दमघोंटू है सत्ता के लिए रोज बदलता हुआ यह माहौल।


कमसकम पिछले चुनाव में अलोकप्रिय हो चुके वाम शासन का संगठन अटूट था और वामदलों को ऐसी बेमिसाल बगावत का समाना नहीं करना पड़ा था,जैसे सत्तादल का गहराता हुआ मूसल पर्व घमासान है।


वोटर अभी तक दीदी की सादगी और ईमानदारी और सड़क पर उतरने की उनकी हिम्मत और शैली से मत्रमुग्ध थी लेकिन चुनाव के तीसरे मतदान में दीदी के गढ़ कोलकाता में दीदी की वह छवि सद्दाम हुसैन की मूर्ति की तरह गिरती हुई नजर आ रही है।दीदी के निजी करिश्मे के सहारे सत्तादल का वजूद है,इसे समझने के लिए कोई राजनीतिक पांडित्य की जरुरत नहीं है।


सच यह है कि प्रबल जन समर्थन के बावजूद सत्तादल का संगठन कार्यकर्ताओं और नेताओं के संगठन के भरोसे नहीं है।यहां दीदी के अलावा किसी को कुछ बोलने की इजाजत किसी की नहीं है और मंत्री सांसद विधायक सारे के सारे दीदी के हुक्म के गुलाम हैं, जिन्हें दीदी जब चाहेंतब किनारे कर सकती हैं।उनके पास वाम दलों की क्या कहें,संघ परिवार का जैसा संगठन भी नहीं है।


चुनाव विशेषज्ञों और विश्लेषण वीरों की इस चुनाव में फजीहत तय है कि यह टुनाव किसी अपराध कथा के थ्रिलर से कम पेंचीदा नहीं है।


जन समर्थन की बजाय दीदी की जीत का सारा दारोमदार भूतों और सिंडिकेट पर निर्भर है और इसी वजह से चुनाव आयोग के एहतियाती बंदोबस्त के बावजूद आठ कंपनी केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद पूरे राज्य में भूतों का नाच चल रहा है और सिंडिकेट की ताकत दीदी के करिश्मे पर भारी पड़ने लगी है।

दीदी के तेवर अभी ढीले नहीं पड़े हैं।भाजपा , कांग्रेस और वाम मोर्चा के केंद्रीय नेताओं के शब्दवाणों से आहत तृणमूल प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 19 मई के बाद दिल्ली को बंगाल की ताकत का अहसास कराने की चेतावनी दी है। मंगलवार को हावड़ा जिले के जगतबल्लभपुर और सांकराइल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य की पिछली वाम मार्चा सरकार की कड़ी आलोचना की। बीजेपी नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर बदले की भावना और ब्लैकमेलिंग राजनीति करने का आरोप लगाया।


गौरतलब है कि दीदी और मुकुल राय के इकबालिया बयान के बाद आम जनता की भी शारदा और नारदामामले में रही सही असमंजस खत्म सी हो गयी है।अब केंद्र सरकार और केंद्रीय एजंसियों पर यह चुनाव निर्भर नहीं है।


भूत बिरादरी के सारे सिपाहसालार भी असहाय से नजर आ रहे हैं क्योंकि छप्पा वोट का भयंकर प्रतिरोध हो रहा है और भूतों के मुकाबले सड़क पर जनता का हुजूम उतरने लगा है।


अनुब्रत मंडल और मनिरुल इस्लमाम बीरभूम जिता नहीं पाये तो अब दक्षिण बंगाल के बाहुबलि इस मूसल पर्व में उनके हक में कितने वफादर हैं या दागियों और बागियों का साथ कितना देंगे,विपक्ष की चुनौती से भयंकर यह परिस्थिति है।


घबड़ाहट जितनी ज्यादा है,उसकी अभिव्यक्ति हर जिले से आ रही हिंसा की बैलगाम खबरें हैं।उत्तरी 24 परगना जिले में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 25 अप्रैल को मतदान होना है।

नादिया, बर्दवान और मुर्शिदाबाद जिलों से भी हिंसा की खबरें हैं। इन जिलों में गुरुवार को मतदान होना है।

बर्दवान में माकपा समर्थकों के साथ झड़प के बाद तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

नादिया जिले के शांतिपुर में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के एक प्रत्याशी पर हमला किया। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।


चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत सत्ता झोंक रही है तो भीतरघात की भी प्रबल संभावना है और वाम कांग्रेस गठबंधन के अलावा कोलकाता में मजबूत भाजपा का प्रतिरोध दिनोंदिन तेज होता जा रहा है।


जाहिर है कि खून खूब बह रहा है और खूनकी गर्माहट फिजां को संक्रमित भी खूब कर रही है।यह गर्मी हवाओं और पानियों तक पर अपना असर छोड़ रही है।


केंद्रीयबलों की मौजूदगी और चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद हिंसा का सिलसिला खूब जारी है और कानून और व्यवस्था का अता पता नहीं चल रहा है।


कोलकाता,कोलकाता से जुड़े उपनगरों,हुगली के उस पार हावडा़ जिले में,नदिया,वर्धमान से लेकर उत्तर बंगाल के पश्चिम दिनाजपुर से हिंसा और संघर्ष की खबरें लगातार आ रही हैं।ज्यादातर मामलों में आरोप सत्ता दल के भूत ब्रिगेड के खिलाफ हैं।

दक्षिण कोलकाता में भूतों की गतिविधियां तेज हो गयी हैं तो महानगर कोलकाता और उपनगरीय तमाम इलाके अतृप्त आत्माओं के हवाले हैं और शक की सुई तेज तेज घूम रही है कि कहां किसके खिलाप क्या साजिशें रची जा रही हैं।किसी पर भरोसा नहीं है।


कमार हट्टी से लड़ रहे हाल तक जेल से मंत्रीगिरि कर रहे मदन मित्र के इलाके में चुनावी हिंसा के सिलसिले में सत्तादल के काउंसिलर की गिरफ्तारी और रिहाई के बावजूद तनाव बना हुआ है और लोग वहां मंत्री को जिताने वालों की दबंगई से परेशां हैं।

वृहस्पति वार कोलकाता में जिन सात विधानसभा इलाकों में वोट पड़ने हैं,उनमें काशीपुर बेलगाछिया भी हैं।वहां तृणमूल नेता और उम्मीदवार स्वपन चक्रवर्ती के खिलाफ आरोप है कि वे वोटरों को डरा धमका रहे हैं।चक्रवर्ती ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है।

हावड़ा में माकपा पर हमला

दक्षिण हावड़ा में माकपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप है सत्तादल के किलाफ।आरोपहै कि मतदान से पहले वाम कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार अरिंदम बोस के समर्थन में इस्तहार बांटते वक्त खूब बवाल हुआ।माकापा का आरोप है कि अचानक माकपाइयों पर तृणमूल के बाहुबलियों ने हमला बोल दिया।हालांकि तृणमूल नेता मसूद आलम ने इस आरोप का खंडन किया है।

नदिया में भी माकपा पर हमला

21 को नदिया में वोट पड़ने हैं और उससे पहले ही माकपा पर हमले जारी हैं।चाकदह के मदनपुर अलाईपुर में माकपा कार्यक्रता प्रणय बसु के घर में घुसकर तोड़फोड़ करने का आरोप तृणूल के खिलाफ है।कहते हैं कि उनसे मारपीटभी की गयी।


तृणमूल ने इंकार किया है।

दक्षिम दिनाजपुर में भी हिंसा

मंगलवार को बालुरघाट के एक नंबर वार्ड में आरएसपी कार्यकर्ता के घर में आगजनी हुई।उसवक्त घर में कोई नहीं था।तृणमूल की सफाई है कि पार्टी की छवि खराब करने के लिए साजिश है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मंगलवार की शाम पांच बजे चुनावी शोर थम गया। गुरुवार को उत्तर कोलकाता की सात, मुर्शिदाबाद की 22, बर्धमान की 16 और नदिया की 17 विधानसभा सीटों पर सुबह सात से शाम छह बजे तक मतदान होगा। 1.37 करोड़ से अधिक मतदाता 34 महिलाओं सहित 418 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। आयोग ने मतदान की सारी तैयारी पूरी कर ली है और निष्पक्ष,निर्बाध व शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। खबर है कि केंद्रीय बलों की आठ सौ कंपनियां तैनात रहेंगी।




--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Tweeter

Blog Archive

Welcome Friends

Election 2008

MoneyControl Watch List

Google Finance Market Summary

Einstein Quote of the Day

Phone Arena

Computor

News Reel

Cricket

CNN

Google News

Al Jazeera

BBC

France 24

Market News

NASA

National Geographic

Wild Life

NBC

Sky TV