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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Friday, April 8, 2016

बंगाल हारे तो दांव पर देश,सो भूतों का नाच दिनदहाड़े जंगल महल में सौ फीसद मतदान का रिकार्ड चुनावों में आरोप लगते रहे हैं लेकिन केंद्र में जब तक संग बिरादरी है,तब तक दीदी सुरक्षित है और बंगाल के लिहाज से भाजपा काहौवा खड़ा करना भी मुसलमान वोटों की असुरक्षा को जनादेश में तब्दील करने का कायदा कानून है।इसलिए दीदी संघ परिवार को खुल्ला मैदान छोड़कर वाम लोकतांत्रिक गठबंधन के खिलाप खुद को लामबंद करके संघपरिवार के एजंडे को ही आगे बढ़ाने का काम कर रही है। दीदी ना हारे,इसके लिए केंद्रीय वाहिनी को तृणूल के भूतों की फौज का छाता बना दिया गया है।जिस जंगल महल के पहले चरण के मतदान में माकपा प्रत्याशी की पिटाई हो गयी और मीडिया कर्मी से लेकर भाजपा और माकपा के वोटर तक धुन डाले गये वहां शत प्रतिशत वोट का रिकार्ड कायम हुआ है। एक्सेकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

बंगाल हारे तो दांव पर देश,सो भूतों का नाच दिनदहाड़े

जंगल महल में सौ फीसद मतदान का रिकार्ड

चुनावों में आरोप लगते रहे हैं लेकिन केंद्र में जब तक संग बिरादरी है,तब तक दीदी सुरक्षित है और बंगाल के लिहाज से भाजपा काहौवा खड़ा करना भी मुसलमान वोटों की असुरक्षा को जनादेश में तब्दील करने का कायदा कानून है।इसलिए दीदी संघ परिवार को खुल्ला मैदान छोड़कर वाम लोकतांत्रिक गठबंधन के खिलाप खुद को लामबंद करके संघपरिवार के एजंडे को ही आगे बढ़ाने का काम कर रही है।


दीदी ना हारे,इसके लिए केंद्रीय वाहिनी को तृणूल के भूतों की फौज का छाता बना दिया गया है।जिस जंगल महल के पहले चरण के मतदान में माकपा प्रत्याशी की पिटाई हो गयी और मीडिया कर्मी से लेकर भाजपा और माकपा के वोटर तक धुन डाले गये वहां शत प्रतिशत वोट का रिकार्ड कायम हुआ है।

एक्सेकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप

चुनाव आयोग ने 81 पीसद से मतदान का जो 84 फीसद संशोधित आंकड़ा जारी किया है,उसने बंगाल में दिनदहाड़े भूतों के नाच समां बांध दिया है।


बिनपुर विधानसभा क्षेत्र के 18 नंबर लालजला विद्यालय में सौ फीसद वोट पड़े तो शालबनी के 82नंबर कियामाछा बूथ पर निनानब्वे फीसद वोट दर्ज किये गये।शालबनी के ही 14 नंबर हातिमशानु बूथ में 97 फीसद मतादान हुआ।


पहले चरण के मतदान के दौरान वोटरों.मीडिया कर्मियों से और यहां तक कि वहां के माकपा प्रत्याशी से इसी शालबनी में मारपीट सबसे ज्यादा हुई और केंद्रीय वाहिनी तमाबीन बनी रही।वहीं मतदान शत प्रतिशत है तो चुनाव आयोग और केंद्रीय वाहिनी की भूमिका आप खुद समझ लें।


वैसे भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने बंगाल में मतदान के अगले चरणों में वोटरों से शत प्रतिशत मतदान करने की अपील जंगल महल में कथित शांतिपूर्ण मतदान के बाद मतदान 81 फीसद होने की घोषणा के साथ कर दी है।


इस लिहाज से चुनाव आयोग को बाकी बंगाल में इसी तरह शत प्रतिशत मतदान होने पर गड़बड़ी कुछ नजर नहीं आने वाली है।


बहरहाल,मेदिनीपुर के 108 नंबर बूथपर 98.48 प्रतिशत,तालडांगरा विधानसभा क्षेत्र के 84 नंबर बूथ पर 96 प्रतिशत और बांदोवान के पाटापहाड़ी प्राथमिक विद्यालय बूथ पर 94-78 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा बना है।


यही सिलसिला अगले चरणों में जारी रहा तो दीदी की सत्ता बहाल रहने में कोई ज्यादा दिक्कत होनी नहीं चाहिए।ऐेसे में सारा का सारा चुनाव किसी प्रहसन से कम नहीं होगा।

इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीन में खराबी की शिकायत के आधार पर मेदिनीपुर व रानीबाग विधानसभा क्षेत्रों के दो बूथों पर पुनर्मतदान कराने की घोषणा की है। मेदिनीपुर 237 विधान सभा क्षेत्र संख्या के विवेकानंद शिक्षा निकेतन  240 नंबर बूथ  व 249 रानीबाग विधानसभा केंद्र के रानीबाग उच्च बालिका विद्यालय के230 नंबर बूथ पर 11 अप्रैल को फिर से मतदान कराया जायेगा।


शालबनी में पुनर्मतदान शिकायतों के बावजूद नहीं कराया जा रहा है।

बहरहाल संवाददाताओं को मतदान के प्रतिशत में गड़बड़ी की शिकायत के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी अमित ज्योति भट्टाचार्य ने बताया कि वह आकड़े मतदान केंद्र से मिली जानकारी के आधार पर ही अपलोड किये जाते हैं।

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी मानस भुंइया ने खड़गपुर के एएसपी अभिषेक गुप्ता पर नारायण गढ़ व सबंग के थाना प्रभारी को शासक दल के पक्ष में मतदान करवाने के लिए दबाव देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एसपी भारती घोष के इशारे पर इस कार्य को उन्होंने अंजाम दिया है।


कोलकाता के आस पास के राजनीतिक कार्यकर्ता हस्तक्षेप से लगातार संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं।


हमने उन्हें साफ कर दिया है कि हम सच ही लिखेंगे।


उनका सच भी हम साझा करेंगे।

यह जनसुनवाई का मंच है और हम किसी के पक्ष में नहीं हैं सच के सिवाय।


बहरहाल बंगाल में संघ परिवार का दांव बहुत बड़ा हो गया है।गुपचुप गठजोड़ का किस्सा खुला होते न होते दीदी और ममता की ओर से लुकाछिपी की होड़ मची है।


मोदी ने दीदी को बंगाल के चुनाव प्रचार अभियान में सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया है।जबकि केंद्र सरकार नारद स्टिंग के वीडियो का सच जानने की कोई पहल भी नहीं कर रही है।


मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मौत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि कोलकाता में हुआ फ्लाईओवर हादसा 'दैविक संदेश' है कि लोग बंगाल को तृणमूल कांग्रेस से बचाएं। यह एक्ट ऑफ गॉड नहीं एक्ट ऑफ फ्रॉड है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्लाईओवर गिर गया, यदि गणमान्य लोग वहां जाते तो क्या करते। वे कुछ लोगों को बचाने का प्रयास करते और बचाव अभियान में सहायता करते। लेकिन दीदी (ममता बनर्जी) ने क्या किया?


मोदी ने दीदी पर हमले के लिए इसी नारद स्टिंग के आरोपों को ही दोहराया है।यह सरासर गलत है क्योंकि वे प्रधानमंत्री हैं और किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोपों को दोहराने से पहले सच को जांच लेना उनकी जिम्मेदारी बनती है।




प. बंगाल में दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार करने अलीपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ममता जब दिल्ली आती हैं, तो सोनिया गांधी से जरूर मिलती हैं, लेकिन उनकी मीटिंग में आने से कतराती हैं। मोदी ने तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामदलों के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने दीदी पर सोनिया गांधी से मिले होने का आरोप लगाया। मेरी मीटिंग में नहीं आती हैं दीदी... -मोदी ने कहा, ''मेरी मीटिंग में दीदी नहीं आती हैं, लेकिन जब भी दिल्ली आती हैं सोनिया जी से आशीर्वाद जरूर लेती हैं''। - ''अगर आपको केंद्र सरकार से कोई शिकायत है तो हमें भी बताइए। लेकिन नहीं कुछ भी हो मीटिंग में नहीं जाएंगी।''


अपने भाषण के दौरान मोदी राज्य सरकार पर जमकर बरसे। ममता दीदी पर करारा हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा की उन्हें राज्य की जनता की चिंता नहीं हैं। कहा कि यह सरकार मां, माटी और मानुष को लेकर बनी थी लेकिन अब ये मनी मतलब पैसे पर केंद्रीत हो गए हैं। नरेंद्र मोदी ने इस दौरान लेफ्ट पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा की 2011 में लोगों ने ममता बनर्जी को बड़ी उम्मीदों के साथ राज्य की कमान सौंपी थी मगर ममता दीदी ने लेफ्ट के ही काम को आगे बढ़ाने का काम किया।


मोदी ने ममता और वाममोर्चा पर आरोप लगाया कि ममता और वाममोर्चा की दिलचस्पी बंगाल के कल्याण या भविष्य में नहीं है। उन्होंने लोगों से तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए वोट देने और राज्य में विकास के लिए भाजपा को मौका देने की अपील की। पश्चिम बंगाल के गौरवमयी इतिहास को याद करते हुए मोदी ने कहा, स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस, वाम मोर्चा और अब दीदी (ममता) सभी ने बंगाल की बर्बादी की तस्वीर पेश की। चाहे वाम हो या दीदी हो, ये दोनों आपके भविष्य को सुरक्षित नहीं कर सकते हैं।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि वह रिश्वत के साथ तालमेल कर रहीं हैं और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस 'आतंक, मौत तथा भ्रष्टाचार' का पर्याय बन गई है। उन्होंने कांग्रेस पर भी राजनीतिक फायदे के लिए राज्य में 'वामपंथियों के पैरों में गिरने' का आरोप लगाया। मोदी ने आसनसोल में एक चुनावी सभा में कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ टीवी पर नारद का स्टिंग ऑपरेशन दिखाया गया। यह बड़ा स्कैंडल था लेकिन क्या दीदी ने उनके खिलाफ कोई कदम उठाया या उन्हें पार्टी से निकाला?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में भ्रष्टाचार और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर बंगाल में भाजपा की सरकार बनी तो बांग्लादेश से लगातार आ रहे घुसपैठियों को बंगाल छोड़ना ही होगा क्योंकि रोजगार के हकदार यहां के युवा हैं।


पीएम ने कहा बंगाल में मां, माटी, मानुष की जगह मौत ने ली. अलीपुरद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता सरकार पर जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा कि पिछले चुनाव में हम सुनते थे मां, माटी और मानुष और पिछले पांच सालों में लोगों को सिर्फ मौत, मौत और मौत ही सुनाई दी। नारदा स्टिंग ऑपरेशन का जिक्र छेड़ते हुए पीएम ने लोगों से कहा कि नारदा याद है ना, जो लोग मां, माटी, मानुष की बात करते थे वो मनी ले रहे थे।


जो आरोप मोदी दीदी के खिलाफ लगाये हैं,उन्हें बहरहाल वैधता मिल गयी है उनके राजकाज का मुखिया होने की वजह से।


अब केंद्रीय सरकार और केंद्रीय एजंसियों की जवाबदेही बनती है कि इन आरोपों का सचजनता के सामने जल्द से जल्द उजागर करें।दीदी को ऐसा कहना चाहिए था।लेकिन वे जबाव में भाजपा को तो दंगाबाज सरकार कह रही है लेकिन केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कह रही है जौसा उनने पिछले लोकसभा चुनावों में कहा था।


दूसरी ओर मोदी के इस बार के चुनाव अभियान में धर्मोन्माद और कट्टर हिदुत्व के बजाय दीदी और उनकी सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे खास अहम है।


जाहिर है कि पिछले लोकसभा चुनावों के अनुभवों के मद्देनजर और मनुस्मृति की ओर से दुर्गा के आवाहन के फेल हो जाने के मद्देनजर संघ परिवार को मालूम हो गया है कि बंगाल में कमसकम फौरन धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण असंभव है।


इसके उलट दीदी मुसलिम बहुल क्षेत्रों में भाजपा को दंगाबाज कह जरुर रही हैं लेकिन उनके हमले के निशाने पर वाम और कांग्रेस हैं।


जाहिर है कि निशाना कहीं है और वार कहीं कर रहे हैं मोदी।दीदी के किलाफ न बोलने पर संघपरिवार मैदान से बाहर है और बंगाल के सभी सीचों पर जमानत जब्त हो जाने की हालत में केरल तमिलनाडु और पुडुचेरी में सिफर के साथ असम में भी शिकस्त की पूंजी लेकर हिंदुत्व का एजंडा बाकी राज्यों के चुनाव में संघ परिवार को कहीं का नहीं छोड़ेगा।


इसलिए मजबूरी का नाम बाबासाहेब अंबेडकर है।


जाति उन्मूलन के बाबासाहेब के मिशन के खिलाफ रंगभेदी वर्चस्व बनायेरखने और आरक्षण को खत्म करने के हर इंतजाम के बावजूद जैसे बाबासाहेब को ईश्वर बनाने पर तुला है संघपिरवार ,ठीक वैसे ही बंगाल से खाली हाथ लौटना ना पड़े इसके लिए दीदी को जिताने की गरज और एजंडे के बावजूद संघ परिवार के सिपाहसालारों को झख मारकर दीदी के खिलाफ हमलावर रवैया अपनाना पड़ रहा है।

दीदी भली भांति जानती है कि उनका रक्षा कवच संघ परिवार है और दोनों का साझा दुश्मन वाम लोकतांत्रिक गठबंधन है,जिसके बंगाल के नतीजे के बाद वायरल हो जाने का अंदेशा है।


चुनावों में आरोप लगते रहे हैं लेकिन केंद्र में जब तक संग बिरादरी है,तब तक दीदी सुरक्षित है और बंगाल के लिहाज से भाजपा काहौवा खड़ा करना भी मुसलमान वोटों की असुरक्षा को जनादेश में तब्दील करने का कायदा कानून है।


इसलिए दीदी संघ परिवार को खुल्ला मैदान छोड़कर वाम लोकतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ खुद को लामबंद करके संघ परिवार के एजंडे को ही आगे बढ़ाने का काम कर रही है।


जाहिर है कि दीदी ना हारे,इसके लिए केंद्रीय वाहिनी को तृणूल के भूतों की फौज का छाता बना दिया गया है।जिस जंगल महल के पहले चरण के मतदान में माकपा प्रत्याशी की पिटाई हो गयी और मीडिया कर्मी से लेकर भाजपा और माकपा के वोटर तक धुन डाले गये वहां शत प्रतिशत वोट का रिकार्ड कायम हुआ है।


इसी बीच  मुख्यमंत्री व भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार ममता बनर्जी ने शुक्रवार को अलीपुर स्थित  ट्रेजरी कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष सुब्रत बक्शी, तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष व सांसद मुकुल राय व अन्य उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि सुश्री बनर्जी दूसरी बार भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रतिद्वंद्विता कर रही हैं।


गौरतलब है कि भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की दीपा दासमुंशी व सुभाष चंद्र बोस के परपौत्र चंद्र बोस प्रतिद्वंद्विता कर रहे हैं। इस अवसर पर तृणमूल समर्थकों की भारी भीड़ थी तथा वे मां, माटी, मानुष व ममता बनर्जी जिंदावाद के नारे लगा रहे थे। शुक्रवार को ही कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्र से शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम, बेहला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार व राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, रासबिहारी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार व विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भी नामांकन पत्र जमा दिया।


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