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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Friday, March 29, 2013

तृणमूल ने दहाड़ लगायी और मुलायम ने आपबीती सुनायी, इसी में व्यवस्था बदल जाने का ख्वाब देखते रहिये!

तृणमूल ने दहाड़ लगायी और मुलायम ने आपबीती सुनायी, इसी में व्यवस्था बदल जाने का ख्वाब देखते रहिये!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



नैतिकता और धर्म की दुहाई देने से नहीं अघाने वाले हिंदूराष्ट्र के लिए कारपोरेट समाम्राज्यवाद के घठबंधन में बहुजन समाज को पैदल सेना और वामपंथियों को सिपाहसलार बना लेने वाले संघ परिवार के प्रधानमंत्रित्व के सबसे बड़ दावेदार नरेंद्र मोदी अमेरिकी वरदहस्त के लिए इतने​​ लालायित हैं कि एक अमेरिकी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भारत दौरे के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से पैसे लिए गए थे। यात्रा के आयोजकों ने भारत यात्रा के लिए पैकेज का प्रस्ताव रखा था। इस विशुद्ध कारोबारी पर्यटन को मोदी मशीनरी की ओर से उनकी अनुपम विकासगाथा बतर्ज अमेरिका णें उनके हक में बनते  माहौल बतौर प्रचारित किया जा रहा है। संतों के आशीर्वाद धन्य मोदी गुजरात में जो कुछ कर चुके हैं, वहीं हिंदू राष्ट्र में निनानब्वे फीसद मरणासन्न जनगण का ​​आसन्न भविष्य है।  हिंदूराष्ट्र को मौजूदा संकट का सबसे बड़ा कारण नहीं मानने वालों के लिे खुशखबरी है कि तृणमूल ने दहाड़ लगायी और मुलायम ने आपबीती सुनायी, इसी में व्यवस्था बदल जाने काख्वाब देखते रहिये!मुलायम ने कहा है कि कांग्रेस पहले डराती है और फिर समर्थन जुगाड़ती है। हालांकि सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा मुखिया मुलायम ने फिलहाल समर्थन वापसी से इनकार किया, लेकिन उन्‍होंने कहा, `मैंने संप्रग सरकार का बुरे वक्त में साथ दिया लेकिन बदले में मेरे पीछे सीबीआई लगा दी गई। द्रमुक के साथ भी सरकार ने यही किया था। समर्थन के बदले कनिमोझी को जेल भेज दिया गया।` मुलायम सिंह ने ये भी कहा कि समर्थन सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए है। मैं किसी से नहीं डरता।शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रमुख न्यूज चैनलों को दिए साक्षात्कार में मुलायम ने कहा कि डीएमके के अध्यक्ष करुणानिधि ने कांग्रेस को समर्थन दिया तो उन्हीं के मंत्री और उनकी बेटी को फंसाकर जेल भेज दिया। कांग्रेस भरोसा करने लायक नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह है कि जो कांग्रेस का साथ देते हैं, उन्हीं को धोखा देते हैं। मुलायम ने कहा कि बुरे वक्त में सपा ने केंद्र की सरकार बचाई, नहीं बचाई होती तो ये संप्रग सत्ता में नहीं रह पाती। कयास तो यही लगाया जा रहा है कि कभी साझेदार रही तृणमूल और कांग्रेस ने भावी गठजोड़ के लिए क्या दरवाजा खोल रखा है। पंचायत चुनाव में ग्रामबांग्ला में आधार मजबूत करने के लिए कांग्रेस पर हमला करने के सिवाय वाम के मुकाबले खुद को एकमात्र विकल्प बनाये रखने के ​

​लिए दीदी की मजबूरी है, यह बात समझ में नहीं आती पर मुलायम सिंह को बार बार कठोरता का दौरा क्यों और कैसे आ रहा है, यह शोध ​

​का विषय है।


मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को केन्द्र की सत्ता से बाहर रखने के लिए ही सपा कांग्रेस को समर्थन दे रही है। सपा लोकसभा में मुद्दों के गुण दोष के आधार पर समर्थन या विरोध करती है। मुलायम ने कहा, `मैं जानता हूं कि अगर अभी मैंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया तो कांग्रेस इसको मुद्दा बना लेगी। हमें यह भी पता है कि केन्द्र सरकार घोटालों की सरकार है। बावजूद इसके वह कभी भी भाजपा का साथ नहीं देंगे।`


तृणमूल कांग्रेस ने डीएमके के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तुरंत इस्तीफा मांगा।तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मनमोहन सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई है। वह संसद में नंबरों के खेल का इस्तेमाल कर सत्ता में बने रह सकते हैं, लेकिन पिछले साल तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापस लेने और अब डीएमके के समर्थन वापस लेने पर यह अल्पमत सरकार बन गई है।'उन्होंने कहा, 'इस सरकार को सत्ता में एक पल भी बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हम चाहते हैं कि यह सरकार तुरंत गिरे।'


गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका से आए प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई मुलाकात पर विवाद खड़ा होता नजर आ रहा है।शिकागो के समाचार पत्र `हाई इंडिया` की रिपोर्ट के मुताबिक आयोजकों ने भारत दौरे में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति 3,000 डॉलर से लेकर 16,000 डॉलर तक की राशि रखी थी। अमेरिका से आया यह प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को नरेंद्र मोदी से यहां मुलाकात कर चुका है। इस व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के चार सदस्य शामिल हैं, और सभी रिपब्लिकन पार्टी से हैं।रिपोर्ट के अनुसार, आयोजकों ने भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय में इस दौरे के बारे में प्रचार किया था। यह दौरा एक राजनीतिक कार्रवाई समिति (पीएसी), नेशनल इंडियन अमेरिकी पब्लिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एनआईएपीपीआई) द्वारा प्रायोजित है, जिसकी स्थापना शिकागो के कारोबारी शलभ कुमार ने की है। प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्वकर्ता राजनीतिज्ञों में मर्लिन स्टुट्जमैन, सिंटिया वीडर्सपेन, कैथी रॉजर्स और एरोन स्कॉक शामिल हैं। एनआईएपीपीआई द्वारा इस यात्रा की तैयारी के सिलिसिले में वितरित किए गए एक निमंत्रण पत्र में कहा गया है कि यह अमेरिकी कारोबारियों के एक संभ्रांत समूह के लिए सीमित है।यह समूह अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी से मिल चुका है और उन्हें अमेरिका आने का निमंत्रण भी दे चुका है। इस व्यापक यात्रा कार्यक्रम में उदयपुर में लेक पैलेस में ठहराव, राज्य सरकार के अतिथि के तौर पर कर्नाटक का दौरा, ताज महल का भ्रमण, रणथम्भौर बाघ अभयारण्य का दौरा, जयपुर के रामबाग पैलेस में एक रात का प्रवास, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर भ्रमण और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शिरकत। साथ ही एक बॉलीवुड एक्स्ट्रा वेगेंजा भी शामिल है।

निमंत्रण में इन सभी सुविधाओं के लिए जो शुल्क तालिका दी गई है, वह इस प्रकार है : सात सितारा यात्रा (बिजनेस श्रेणी यात्रा, भारत में निजी एयर चार्टर) के लिए 16,000 डॉलर प्रति व्यक्ति। चार सितारा यात्रा (भारत में व्यापारिक यात्रा, जिसमें पैलेस का भ्रमण नहीं होगा) के लिए 10,000 डॉलर प्रति व्यक्ति, और इकॉनॉमी यात्रा (जिसमें सभी यात्रा खर्च और होटल खर्च व्यक्ति द्वारा वहन किया जाएगा) के लिए प्रति व्यक्ति 3,000 डॉलर।


एक और अमेरिकी चमत्कार में विपन्न भारत की तस्वीर में चमकते िइंडिया की झांकी है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। जानी मानी पत्रिका `टाइम` की ओर से जारी की गई दुनिया भर में वर्ष के प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में भारत से अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल किया गया है। वे अकेले भारतीय हैं जिनका नाम इस सूची में है। केजरीवाल के अलावा इस सूची में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, उनकी पत्नी मिशेल ओबामा और पाकिस्तान की मलाला युसुफजई का नाम शामिल है। इस सूची में दुनिया के 153 लोगों के नाम शामिल किए गए हैं जिनपर ऑनलाइन मतदान किया जा रहा है। इस मतदान के आधार पर 100 लोगों की सूची तैयार की जाएगी जिसे आगामी 18 अप्रैल को जारी किया जाएगा। खास बात यह है कि 12 अप्रैल तक चलने वाले इस ऑनलाइन वोटिंग में अरविंद केजरीवाल इस वक्त तीसरे नंबर पर बने हुए हैं। हालांकि इस बारे में बेमियादी अनशन पर बैठे केजरीवाल का कहना है, `मुझे इसकी कोई जानकारी नही हैं। मेरा मकसद किसी सूची में आना नहीं बल्कि लोगों के काम आना है।`


इसी के मध्य तीसरी बार भी प्रधानमंत्री बनने की संभावना से इंकार नहीं करने की ओर इशारा करने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को आज कांग्रेस के मंत्रियों ने बहुत महत्व नहीं दिया वहीं पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कह दिया कि लोगों की इच्छा है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें।


केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा, जिसका मतलब यह निकाला जाए कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं। शुक्ला ने कहा, 'मेरे विचार से वह एक केंद्रित सवाल का जवाब दे रहे थे। और उन्होंने कहा क्या है? उन्होंने केवल इतना कहा कि जब पुल आएगा तो हम फैसला करेंगे कि उसे कैसे पार किया जाए।' उन्होंने कहा कि मीडिया प्रधानमंत्री सिंह के बयान को अलग तरह से पेश कर रहा है।


सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री एक 'काल्पनिक' प्रश्न का उत्तर दे रहे थे और उनके बयान की अनावश्यक व्याख्या करना जरूरी नहीं है। तिवारी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने जो कहा, उसमें कुछ जोड़ने या घटाने की जरूरत नहीं है। वह एक काल्पनिक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे और प्रधानमंत्री के बयान की अनावश्यक रूप से व्याख्या करना जरूरी नहीं है।'


कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, 'प्रधानमंत्री का बयान बहुत स्पष्ट है। इस पर किसी सफाई की जरूरत नहीं है और 2014 तक मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री हैं।' उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद नवनिर्वाचित पार्टी सांसद और कांग्रेस नेतृत्व फैसला करेगा कि प्रधानमंत्री कौन होगा। अल्वी ने यह भी कहा, 'कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की दिली इच्छा है कि राहुलजी प्रधानमंत्री होने चाहिए।'


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