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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Friday, August 30, 2013

सबकुछ मंहगा,रुपया गिरा,सोना उछला तो क्या,उपभोक्ता बंगाल कुछ भी हो जाये, बाजार में दौड़ेगा जरुर!

सबकुछ मंहगा,रुपया गिरा,सोना उछला तो क्या,उपभोक्ता बंगाल कुछ भी हो जाये, बाजार में दौड़ेगा जरुर!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



दुर्गोत्सव असल में पूजा कम.खरीददारी ज्यादा है। साड़ी, कपड़े,गहना,तमाम इलेक्ट्रानिक सामान,गेजेट, फर्नीचर,उपभोक्ता सामान,सौंदर्य प्रसाधन, बर्तन,गाड़ी बाड़ी खरीदने का मौसम यह।बाकी रुपये की गिरावट और सोने में उछाल से तबीयत जरा ढीली है। लेकिन पूजा के ढाक के बोल बज रहे हैं और काश भी फूलने लगे हैं। हवाओं में शीतल स्पर्श भी शरद का आवाहन कर रहा है।उपभोक्ता बंगाल कुछ भी हो जाये, बाजार में दौड़ेगा जरुर।महानगर व उपनगरों में दुर्गा पूजा का बाजार गरमाने लगा है। जन्माष्टमी की छुट्टी में भी महानगर की फुटपाथी दुकानों पर ग्राहकों की खासी भीड़ दिखी। लोगों ने वस्त्र समेत अन्य सामग्रियों की खरीदारी की।जो बाजार न पहुंचे, घरेलू विक्रेता.एजंटों और टीवी इंटरनेट मार्फत बाजार उनतक पहुंच रहा है।मर्द भी साड़ियों के कार्यक्रम देख रहे हैं।संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उठाये जा रहे सवालों पर बयान देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि हमारा मूलभूत ढांचा पहले की तरह मजबूत है और जो चुनौतियां सामने आ रही हैं उनसे निपटने में कोई दिककतें नहीं आयेंगी। सिंह ने कहा कि इन सभी चुनौतियों से जल्दी ही पार पा लिया जाएगा।देश को बरोसा हो गया और बंगाल पूजा बाजार में निष्णात।


तेल युद्ध,अशांति और मंहगाई बेलगाम

फिर तेल युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।फिर मध्येशिया में अशांति से चौपट होने वाली है दुनिया।बुरी खबर है कि संसद के सत्रावसान होते न होते तेल और रसोई गैस की कीमतों में इजाफा का सिलसिला शुऱु हो सकता है।परिवहन संकट गहरा सकता है।हड़ताल भी संभव है।वायदा बाजार के सटोरियों के कब्जे में है खादान्न और सब्जियों का बाजार। मुद्रास्फीति और मंहगाई बढ़ेगी।तमाम चीजें महंगी होंगी।रेलवे माल बाड़ा बढ़ाने जा रहा है,उसका भी असर होगाआयातित सामान डालर के हिसाब से तेज होंगे।सोना चांदी दोनों तेज होने से बाजार में सांड़ों और भालुओं के घमासान में आभूषण मेकिंग चार्ज में गोषित छूट के बावजूद मंहगे होंगे। महंगे होंगे कपड़े और ऊनी कपड़े भी। गाड़ी और प्रापर्टी बाजार जरुर ठंडा है।लेकिन आम ग्राहकों को किसी राहत की उम्मीद नहीं।


रुपये में गिरावट,सोने की उछाल


एक तरफ रुपये में लगातार गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बन हुआ है तो दूसरी तरफ सोना हर दिन नई ऊंचाईयों को छूता चला जा रहा है।रुपये में गिरावट और सोने की आपूर्ति बाधित होने के कारण सोने की कीमत में वृद्धि दर्ज की गई। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 68.75 के नए ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया। लगातार बारिश ने जोश थोड़ा ठंडा कर दिया है।महानगरों और उपनगरों में जमा हुआ जल अभी निकला नहीं है। बड़ी आबादी अभीतक जलबंदी है और मौसम का मिजाज अबूझ है।लेकिन बाजार सज चुके हैं। आनलाइन शापिंग तेज हैं।सड़कों और टीवी पर विज्ञापनों की महामारी है।


चढ़ते डॉलर और टूटते शेयर बाजारों से छिटके निवेशकों की डिमांड ने सोने को एक नई बुलंदी पर पहुंचा दी है। लेकिन स्पॉट मार्केट में सोने की किल्लत अब तक के सबसे बुरे दौर में पहुंच चुकी है। रोजाना करीब 200 किलोग्राम तक सोने की ट्रेडिंग करने वाले दिल्ली के होलसेल बुलियन बाजारों में पिछले एक महीने में कोई इम्पोर्ट नहीं हो सका है। त्योहारी सीजन के बीच स्टॉक की कमी ने ज्वैलर्स की नींद उड़ा दी है।


उपभोक्ता सामान


चालू त्योहारी सत्र में टिकाऊ उपभोक्ता सामान खरीदने वालों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है।ज्यादातर टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनियां ऊर्जा दक्षता रेटिंग नियमों में बदलावों और रुपये के अवमूल्यन से आने वाली अतिरिक्त लागत के प्रभाव को कम करने के लिए कीमतों में 5 फीसद की बढ़ोतरी करने जा रही हैं।


वोल्टास लिमिटेड और ब्लू स्टार ने पहले ही अपने एयर कंडीशनरों की कीमत बढ़ाने की योजना तैयार कर ली है जबकि पैनासोनिक और सोनी रुपये के उतार चढ़ाव पर निगाह रखे हैं।


ब्लू स्टार के एयर कंडीशनर एवं रेफ्रिजरेशन उत्पादों ग्रुप बी के कार्यकारी निदेशक और अध्यक्ष बी त्यागराजन ने बताया, 'टिकाऊ उपभोक्ता सामानों पर दोहरा दबाव है। एक है रुपये का अवमूल्यन और दूसरा एनर्जी रेटिंग नियमों में बदलाव।'उन्होंने कहा कि नये ऊर्जा सक्षमता रेटिंग नियमों के पालन से कंपनियों की लागत बढ़ेगी.

त्यागराजन ने कहा कि कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बना हुआ है और हमें बढ़ी हुई लागत का बोझ उपभोक्ता पर डालना होगा और कीमतों में पांच फीसद तक की वृद्धि करनी होगी।


इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए वोल्टास लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रदीप बक्शी ने कहा, 'नये स्टार रेटिंग मानदंड के लागू होने के बाद हम कीमत वृद्धि करने के लिए बाध्य होंगे। कीमतों में करीब तीन प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।


इसके अलावा रुपये के अवमूल्यन के कारण भी कंपनियों के मार्जिन पर दबाव है।'हालांकि कंपनियां अक्टूबर से नये स्टार रेटिंग मानदंड का अनुपालन करने वाले उत्पादों को लाने की योजना बना रही है ताकि नये मानदंड की ओर आसानी से जाया जा सके।


नाक का सवाल


पूजा में नाक ऊंची नीची करने की शाश्वत प्रतिद्वंद्विता की परंपरा है।लेन देन का सामाजिक पारिवारिक रिवाज है।हैसियत हो या न हो, शेटर बाजार में चाहे हो जितनी उछलकूद, चाहे सोना चालीस हजार पार हो जाये और रुपया गिरते गिरते सौ पार कर जाये,पूजा बाजार में कोई संकट कुछ नहीं है।


निवेश सिर्फ पूजा बाजार में


बंगाल में अगर निवेश कहीं होता है तो पूजा बाजार में।अन्यत्र नहीं।सारे पूजा पंडाल प्रायोजित।छोटा बड़ा फर्क नहीं पड़ता। शारदा भंडाफोड़ की वजह से चिटफंड कंपनियों का कारोबार ठंडा है और उपभोक्ता कंपनियों का बाजार गरम है।खान पान के अस्थाई दुकानदार बर्तन मांजकर तैयार हैं।


कलाकारखाने बंद,एक करोड़ बेरोजगार


पूजा विशेषांकों की तेज खपत के साथ पूजा बाजार की रौनक बहार है।बोलस का बेसब्र इंतजार है। नये उद्योग लग नहीं रहे हैं। पचपन हजार से ज्यादा कलकारखाने बंद हैं। एक करोड़ से ज्यादा युवा हाथ और दिमाग बेकार है। पर पूजा जुनून का क्या कहिये।


चायबागान,शिल्पांचल,जूट मिल और हुगली के आर पार


चायबागानों का श्मशानघाट हो या जूट मिलों का कब्रिस्तान, शिल्पांचल का माफिया अंचल हो या अवैध खनन इलाके,डूबे हुए खेत हों या जलमग्न गांव,हुगली के आर पार चौपट औद्योगिक डंप हो या माओवाद प्रभावित जंगल महल.पूजा बाजार सर्वत्र खिलने लगा है।सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हावड़ा के मंदिरतला इलाके में बेदखली का बादल छाया है।शिवपुर में भी हलचल है। एचआरबीसी के पास सुरक्षा इंतजामात जिंदगी कितनी कैद होगी,इसकी फिक्र है। फिर भी बाजार सर्वत्र सदाबहार है और लोग बाजार के शिकंजे में हैं।


जेबकतरों की बस्तियां


महानगरों और उपनगरों में जेबकतरा उठाईगिर गिरोहों की आयातित बस्तियां बस चुकी हैं।ट्रेन हो या बस या बाजार जेबें कटने के आसार पूरे हैं।बटुआ गायब होगा कहीं भी छुपा रुश्तम जैसा छुपा हो।सामान कहीं से भी उठ सकता है। जेबकतरों और उठाईगीर से बच भी जायें, तो खरीददारी में शह मात तय है। महिलाओं को मोल भाव की विशेषज्ञता है। लेकिन मोल भाव से कितना जेबें बचेंगी तय नहीं हैं। भारी छूट,मुफ्त उपहार और कूपन की घोषणाओं के साथ टैग बदल दिये गये हैं तदनुसार। दुर्गा पूजा बाजार में नकली नोटों से दुकानदार परेशान हैं। एक हजार व पांच सौ के नकली नोट तो पहले से ही बाजार में चल रहे थे। इन दिनों 100 रुपये के नकली नोट भी धड़ल्ले से चल रहे हैं।नकली नोट फिर बी पकड़े जा सकते हैं, पर नकली ब्रांडेड सामान की पहचान मुश्किल है।


नहीं बिक रहा सोना

वीकेंड पर गोल्ड के दाम में दो साल के सबसे बड़े उछाल ने जूलरी मार्केट में ट्रेड सेंटीमेंट बदल दिया है। गोल्ड के इम्पोर्ट पर तमाम बंदिशों और मौजूदा आर्थिक हालात के बीच जूलर्स का अनुमान है कि दिवाली से पहले ही यह 35,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू लेगा। हालांकि गोल्ड की इस बदली चाल से ट्रेडर्स को सेल्स गिरने और फेस्टिव सीजन का बिजनेस घटने की आशंका भी सताने लगी है। उनका कहना है कि अगर गोल्ड में यहां से 2-3 हजार की तेजी भी आती है तो कैजुअल बाईंग 25 से 30 फीसदी घटेगी।


सोने की कीमत अब भी 33000 रुपये के ऊपर बनी हुई हैं। लेकिन, छोटे निवेशकों को सोने की ऊंची कीमतों का सही फायदा नहीं मिल पा रहा है। ज्वैलर्स ग्राहकों से सोना खरीदने से कतरा रहे हैं। यही नहीं एमसीएक्स और ज्वैलरी शोरूम के दाम में 1300-1400 रुपये प्रति 10 ग्राम का अंतर भी है।दरअसल पिछले 1.5 महीने से सोने का इंपोर्ट बिलकुल ना के बराबर हो रहा है। साथ ही सोने का कारोबार भी लगातार गिर रहा है। अब अचानक सोने की कीमतों में आई तेजी से ज्वैलर्स कुछ सहमे हुए हैं। उन्हें डर है कि अगर सोने की कीमत अचानक गिर गईं, तो उनका क्या होगा। साथ ही ग्राहकों से खरीदा हुआ सोना वो किसे बेचे, क्योंकि रिटेल में ग्राहक नहीं हैं और एमसीएक्स से ज्वैलर्स का भरोसा उठ गया है।


सोने की कीमतों में आई हालिया तेजी का फायदा उठाने वालों की बढ़ी भीड़ से चिदंबरम को थोड़ी राहत मिली है, जो कि इस समय गिरते रुपए को लेकर खासे परेशान हैं। गोल्ड ट्रेडर्स का कहना है कि अगर सोने की कीमतें 35,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंचती हैं तो लोग और ज्यादा सोना बाजार में बेचेंगे। ऑल इंडिया जेम ऐंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन हरेश सोनी के मुताबिक, इससे पता चलता है कि सोना बढ़ते करेंट अकाउंट डेफिसिट के लिए दोषी नहीं है। वह बताते हैं, 'असल संकट करेंसी मार्केट में है।'


पीसी जूलर्स, पीपी जूलर्स, तनिष्क, गीतांजलि, अहाना जैसे टॉप जूलरी ब्रांडों से लेकर लोकल दुकानों ने अप्रैल से जुलाई के बीच गोल्ड की बिक्री में जबर्दस्त तेजी देखी थी। ऐसा गोल्ड के 25,500 से 28000 रुपए प्रति दस ग्राम के रेंज में होने के चलते हुआ, जो नवंबर 2012 के पीक रेट के मुकाबले 20 फीसदी तक डिस्काउंट पर था। हालांकि, इसी अवधि में आरबीआई और वित्तमंत्रालय ने गोल्ड के इम्पोर्ट पर लगाम कसनी शुरू की, जिसका असर अब बाजारों में गोल्ड स्टॉक की किल्लत के रूप में दिखने लगा है। जूलर्स का कहना है कि अब गोल्ड शायद ही 30,000 रुपए के नीचे का रुख करे।


खाद्यतेल मंहगा

कंज्यूमर्स पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है। एडिबल ऑयल 5-7 रुपए प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। कमजोर रुपए से इम्पोर्टेड पाम और सोयाबीन ऑयल महंगा हो गया है। मिडवेस्ट में सूखा मौसम से अमेरिका में सोयाबीन के प्रोडक्शन कम रहने की आशंका पैदा हो गई है। इससे इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन की कीमत बढ़ी है।


फॉर्च्यून ब्रांड ऑयल की कंपनी अदानी विल्मर ने गुरुवार को एडिबल ऑयल के दाम बढ़ा दिए। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आंग्शु मल्लिक ने कहा, 'हम प्रोडक्ट के दाम गुरुवार से बढ़ा रहे हैं। इंपोर्ट पर अब हमें ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। हमारे पास अब इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डालने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। ऑयल की सभी कैटेगरी में कीमत 5-7 रुपए लीटर तक बढ़ेगी। अगर आने वाले दिनों में डॉलर की तुलना में रुपए कमजोर बना रहता है, तो दाम में और बढ़ोतरी हो सकती है।'


इम्पोर्टेड पाम ऑयल की कीमत 10 दिन पहले 560 रुपए प्रति 10 किलोग्राम थी, जो अब रुपए के कमजोर होने से 610 रुपए हो गई है। इम्पोर्टेड रिफाइंड सोया ऑयल की कीमत 19 अगस्त के आस-पास 620 रुपए प्रति 10 किलोग्राम थी, जो अब 720 रुपए है।

रुचि सोया के प्रवक्ता ने कहा कि रुपए में गिरावट से उन्हें भी एडिबल ऑयल के दाम बढ़ाने होंगे। प्रवक्ता ने बताया, 'सभी प्रोडक्ट के दाम में 5-10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। हम अभी भी भारी-भरकम पाम ऑयल इनवेंटरी वाले इंडोनेशिया और मलेशिया के स्टॉक क्लीयर करने का इंतजार कर रहे हैं। इससे गिरते रुपए का असर कुछ हद तक कम करने में मदद मिलेगी।' ग्लोबल पाम ऑयल प्रोडक्शन में इंडोनेशिया और मलेशिया का सबसे अधिक योगदान है। ये दोनों देश मिलकर कुल ग्लोबल पाम ऑयल प्रोडक्शन में 85-90 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं।


अमेरिकी फूड कंपनी कारगिल ने भी एडिबल ऑयल के दाम बढ़ाने का इशारा किया है। कारगिल इंडिया के चेयरमैन सिराज चौधरी ने कहा, 'अगर रुपया कमजोर पड़ता है और इंटरनेशनल प्राइस में तेजी का रुख बना रहता है, तब हमें बोझ कंज्यूमर्स पर डालना होगा। अभी हम कितनी बढ़ोतरी करेंगे, यह बताना संभव नहीं है।'



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