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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Thursday, February 21, 2013

Fwd: Rihai Manch press note on IPS Singhal's arrest in Ishrat Jahan fake encounter case



---------- Forwarded message ----------
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2013/2/21
Subject: Rihai Manch press note on IPS Singhal's arrest in Ishrat Jahan fake encounter case
To: Rajeev <media.rajeev@gmail.com>


RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
________________________________________________________________

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में एसीपी सिंघल की गिरफ्तारी स्वागत
योग्य- रिहाई मंच
मायावती और राहुल गांधी पर आतंकी हमले के नाम पर किए गए फर्जी मुठभेड़ और
गिरफ्तारियों की हो सीबीआई जांच- रिहाई मंच

लखनऊ 21 फरवरी 2013/ रिहाई मंच ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ में आरोपी
एसीपी जीएल सिंघल की गिरफ्तारी का स्वागत करते हुए इसे न्याय की दिशा में
एक महत्वपूर्ण उपलब्धी बताई है।

रिहाई मंच द्वारा जारी विज्ञप्ती में रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि यह गिरफ्तारी आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों की
हत्या करने वाली नरेन्द्र मोदी सरकार के मुंह पर जोरदार तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यदि न्याय प्रणाली इस मसले पर ठीक से काम करे तो वह दिन
दूर नहीं जब मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं
बल्कि इसी मामले में सलाखों के पीछे होंगे।

रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि इस घटना से
यह साफ हो जाता है कि राजनीतिज्ञों पर कथित हमले के नाम पर किए गए तमाम
एनकाउंटर फर्जी हैं तथा ये हत्याएं राजनीतिक लाभ के लिए की जाती हैं। ऐसे
में यह जरुरी हो जाता है कि उन तमाम घटनाओं की सीबीआई से जांच करवाई जाए
जिसमें राजनेताओं पर आतंकवादी हमले के नाम पर मुस्लिम युवकों का कत्ल
किया गया है या उन्हें जेलों में सड़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके
तहत यूपी में 2007 में राहुल गांधी पर हमलें के नाम पर दो यवकों को आतंकी
कह पकड़ा गया तो वहीं दिसंबर 2007 में तत्तकालीन मुख्यमंत्री मायावती की
हत्या करने की साजिश के नाम पर चिनहट में कश्मीर से शाल बेचने आए दो
युवकों की हत्या कर दी गई थी। उस दौर के मीडिया रिपोर्टाें में भी यह बात
आई थी कि जब तत्कालीन एडीजी बृजलाल से पत्रकारों ने पूछा कि चिनहट में
एनकाउंर कैसे हुआ तो बृजलाल ने कहा कि मारे गए युवकों के मोबाइल
सर्विलांस पर थे जिसके जरिए उन्हें ट्रेस किया गया था, तो वहीं जब एक
पत्रकार ने यह सवाल किया कि मारे गए दोनों युवकों के पास से कोई मोबाइल
जब्ती नहीं हुई तो बृजलाल ने सवाल टाल दिया। ऐसे में तत्कालीन एडीजी
कानून व्यवस्था बृजलाल समेत इन दोनों अभियानों में शामिल पुलिस कर्मियों
को जांच के दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं चूंकि
राजनीतिक कारकों से होती हैं जो सिर्फ अफसरशाही के इशारे पर नहीं हो
सकतीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी का नेतृत्व  इसमें शामिल रहता है। इसलिए
राहुल गांधी और मायावती को भी जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि
आतंकवाद से लड़ने के नाम पर राजनेताओं और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बने
इस आतंकवादी गठजोड़ का खुलासा हो सके।

द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
प्रवक्ता रिहाई मंच
______________________________________________________________
Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon East, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
        Email- rihaimanchindia@gmail.com

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