सौ करोड़ का माल सौ रूपये में !
अपनी हरियाणा के प्रमुख महालेखाकार के मुताबिक़ वाड्रा के डीएलएफ से ज़मीन खरीदने और वापिस बेचने में 438 करोड़ रूपये का खेल हुआ। इस मुद्दे पे संसद ठप्प हुई और हरियाणा विधानसभा में भी खूब हंगामा हुआ। बदकिस्मती कांग्रेस की ये है कि प्रमुख महालेखाकार ओंकार नाथ का वो कुछ बिगाड़ नहीं सकती। लेकिन खुशकिस्मती ये राज्य के प्रमुख विपक्षी नेता ओम प्रकाश चौटाला जेल में हैं। नहीं तो सरकार आज शायद हरियाणा की सड़कों पे मुंह दिखाने की हालत में न होती।
मगर ऐसा भी नहीं है कि भ्रष्टाचार की बहती गंगा में हाथ सिर्फ राबर्ट वाड्रा ने ही धोये हैं। खेल तो कुछ इधर भी हुआ है। सरकार ने 11 करोड़ रूपये की लागत से एक स्कूल बनाया। बना के इसे एक संस्था को दे दिया। सिर्फ सौ रूपये सालाना किराए पे। बिना किसी ऐसी सरकारी स्कीम, किसी घोषणा, टेंडर, बोली या नोटिफिकेशन के। स्कूल बच्चों से डेढ़ से लेकर दो हज़ार रूपये तक फीस वसूलता है। स्कूल मुख्यमंत्री के शहर रोहतक में है। रोहतक जैसे शहर में साढ़े पांच एकड़ ज़मीन के साथ। जिस की कीमत ही सौ करोड़ से ऊपर होनी चाहिए। शिक्षा के नाम पर बिना किसी इम्तिहान के ऐसा नतीजा भला और किस के नसीब में है?
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