Total Pageviews

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Sunday, May 25, 2014

बदलाव नहीं बदला लेने की इच्छा

बदलाव नहीं बदला लेने की इच्छा
भंवर मेघवंशी की आत्मकथा 'हिन्दू तालिबान'

बदलाव नहीं बदला लेने की इच्छा


हिन्दू तालिबान -20

भंवर मेघवंशी

मैं किसी भी तरीके से प्रतिशोध लेना चाहता था, इसके लिए किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार था। जैसा कि नीति कहती है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, इसलिए मैं उन तमाम लोगो से मिलने लगा, जिनको आर एस एस के लोग बुरे लोग बताते थे। अब मेरे परिचय क्षेत्र में सेकुलर विधर्मी सब आने लगे। मैं आगे हो कर उनसे परिचय बढ़ा रहा था। संघ में रहते हुए मेरे गिनती के मुसलमान ही परिचित थे, चूँकि मैं उन दिनों हास्य व्यंग्य के नाम पर घटिया किस्म की फूहड़ राजस्थानी कवितायेँ लिखता था और उन्हें सुनाने के लिए कवि सम्मेलनों में जाता था। इसलिए जमालुद्दीन जौहर, अजीज़ ज़ख्मी और एक मौलाना नौशाद आलम नामक मुसलमान मेरे जान पहचान के थे। एक और भी व्यक्ति थे वो ट्रेड यूनियन लीडर थे अल्लाउद्दीन बेदिल। वो भी कभी-कभार शेरो शायरी करते थे, इसलिए मुलाकातें हो जाया करती थीं। इनमे से नौशाद आलम मेरी उम्र के ही थे और कविता कहानी के अलावा भी उनसे बातें होती थी। इसलिए मैंने उनसे दोस्ती बनाने का निश्चय किया और उनसे मिलने निकल पड़ा…

नौशाद आलम मूलतः बिहारी थे और मेरे निकटवर्ती गाँव भगवानपुरा में एक मस्जिद की इमामत भी करते थे और मदरसे में पढ़ाते भी थे। गज़ले लिखना तो उनका शौक मात्र था। बाद के दिनों में वो गुलनगरी भीलवाड़ा की मस्जिद के इमाम बन गए। यह उन दिनों की बात है जब कि दूसरी कारसेवा भी हो चुकी थी और बाबरी मस्जिद तोड़ी जा चुकी थी। मुस्लिम मानस गुस्सा था,विशेष कर संघ परिवार के प्रति मुस्लिम युवाओं में भयंकर गुस्सा दिखलाई पड़ता था। तो उस तरह के गरमागरम माहौल में मैं एक दिन मौलाना नौशाद आलम से मिलने पहुंचा। थोड़ी झिझक तो थी, आज मैं एक मस्जिद से लगे मदरसे में बैठा था। इन मस्जिदों के तहखानों में असलाह छिपा कर रखे जाने की बातें संघ में रहते बहुत सुनी थीं। इसलिए थोड़ा सा भय भी था पर जब आ ही गया तो बात करके ही वापसी होनी थी। इसलिए रुके रहा। मदरसे से फ्री हो कर मौलाना साहब नमाज पढ़ने चले गए, लौटे तो बातचीत का सिलसिला चला। घंटों तक हुयी गुफ्तगू का कुल जमा सार सिर्फ यह था कि हमारा दुश्मन एक ही है इसलिए मिलकर उसकी खिलाफत की जाये। सहमति बनी एक संगठन दलित युवाओं का और एक मुस्लिम यूथ का बनाने की…

मैंने 'दलित एक्शन फ़ोर्स' बनायी जिससे दलित नौजवान जुड़ने थे और मौलाना नौशाद आलम ने मुसलमान युवाओं के लिए ' हैदर-ए-कर्रार इस्लामिक सेवक संघ' बनाया। मकसद था आर एस एस की कारगुजारियों का पर्दाफाश करना और जरुरत पड़ने पर सीधी कार्यवाही करके जवाब देना। इन संगठनों के बारे में जगह-जगह चर्चा शुरू की गयी, लोग जुड़ने भी लगे लेकिन हम कुछ भी कर पाते इससे पहले ही ख़ुफ़िया एजेंसियां को इन दोनों संगठनों की भनक लग गयी और सी आई डी तथा आई बी के अधिकारी और स्थानीय पुलिस हमारे पीछे पड़ गयी। हमारे द्वारा नव स्थापित दोनों ही संगठन अपने जन्म के साथ ही मर गए। हम कुछ भी नहीं कर पाए…लेकिन इस असफलता ने मुझे निराश और हताश नहीं किया। मेरा गुस्सा जरूर और बढ़ गया, मैंने हार मानने की जगह आरएसएस को चिढ़ाने के लिए धर्मपरिवर्तन कर लेने की तरकीब सोची ……..(जारी..)

-भंवर मेघवंशी की आत्मकथा 'हिन्दू तालिबान' का बीसवा अंश

दहकते अंगारे- दोस्त हो तो दौलतराज जैसा

न मैं ब्राह्मण बन सका और न ही वो इन्सान बनने को राज़ी हुए 

About The Author

भंवर मेघवंशी, लेखक स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
- See more at: http://www.hastakshep.com/hindi-literature/book-excerpts/2014/05/25/%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%87%e0%a4%9a#.U4IKsXKSxUM

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Tweeter

Blog Archive

Welcome Friends

Election 2008

MoneyControl Watch List

Google Finance Market Summary

Einstein Quote of the Day

Phone Arena

Computor

News Reel

Cricket

CNN

Google News

Al Jazeera

BBC

France 24

Market News

NASA

National Geographic

Wild Life

NBC

Sky TV