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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Friday, February 24, 2012

खुदरा निवेशकों की वापसी से बाजार बम बम! (11:20:41 PM) 24, Feb, 2012, Friday

खुदरा निवेशकों की वापसी से बाजार बम बम!
(11:20:41 PM) 24, Feb, 2012, Friday

http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/146348/1/23

खुदरा निवेशकों की वापसी से बाजार बम बम!
(11:20:41 PM) 24, Feb, 2012, Friday

सुर्ख़ियो में
जी-20 के वित्त मंत्रियों की मेक्सिको में बैठक
रिजर्व बैंक से मांगी 11 हजार करोड की साख सीमा
भारत पहला गैर ओईसीडी देश बना
दूरसंचार विभाग की दलील खारिज
सेंसेक्स में 67 अंकों की गिरावट
अजित सिंह का किंगफिशर का लाइसेंस रद्द करने से इंकार
सैमसंग ने बेचे 2 करोड़ गैलेक्सी एस2 स्मार्टफोन
एचपी की बिक्री एवं लाभ में कमी
शेयर बाजारों में मामूली गिरावट

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

खुदरा निवेशकों की वापसी से बाजार बम बम!समझा जाता है कि बजट पूर्व प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से सुधार प्रक्रिया तेज होने से खुदरा निवेशकों को खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजी के​ ​ अबाध प्रवाह का आश्वासन मिल गया है। आइपीओ में रिटेल निवेशकों का अभिदान [सब्सक्रिप्शन] 24 गुना हुआ है। आवेदकों ने कुल मिलाकर लगभग 35,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के लिए बोली लगाई है।पर पर घटक दलों के विरोध और सर पर चुनाव की मजबूरी से  खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजी का  फैसला लंबित हो गया। अब चुनाव खत्म है।औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग [डीआइपीपी] ने मल्टीब्रांड खुदरा [रिटेल] क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने संबंधी प्रस्ताव दिया था।उद्योग जगत और वित्त मंत्री दोनों सख्त मौद्रिक नीतियों से परेशान है पर अब उम्मीद है कि प्रणव के बयानों के बाद रिजर्व बैंक ब्याज​ ​ दरों में अवश्य कटौती करेगा। संसद के बजट सत्र में आर्थिक विकास दर में सुधार के लिए रियायतों का पिटारा खुलने की उम्मीद है। कोल इंडिया की कीमत पर बिजली कंपनियों को कोयला आपूर्ति की गारंटी मिल गयी है। ओएनजीसी की हिस्सेदारी नीलामी पर चढ़ाने के फैसले से विनिवेश की गति तेज होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर दूसरी पीढी के सुधारों की उम्मीद से बाजार में रौनक है, जिससे खुदरा निवेशकों का मनोबल बढ़ा है।हालांकि अभी जो सुधार दिख रहे हैं वे सिर्फ पहली पीढी के सुधार हैं, जो उद्योग और शहरकेंद्रित हैं। इन सुधारों की शुरुआत के समय ही कहा गया था कि जल्दी ही दूसरी पीढी के सुधार किए जाएंगे और अर्थव्यवस्था को मानवीय रूप दिया जाएगा।

 गौरतलब है किसरकार अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर को मौजूदा सात फीसदी के स्तर से उठा कर 7.5 से 8 फीसदी तक ले जाने के हर संभव प्रयास करेगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने विकास में तेजी पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को यह भरोसा दिलाया।इसके विपरीत  प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने 31 मार्च को समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश की इकॉनमी ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने की संभावना जताई है, जो इस माह के शुरुआती आकलन 6.9 फीसदी से थोड़ी अधिक है। परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने बुधवार को कहा कि कृषि और निर्माण क्षेत्र में भी बढ़ोतरी दर इस माह की शुरुआत में पेश किए गए केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आकलन से ऊंची रहने की संभावना है।मुखर्जी 16 मार्च को लोकसभा में पेश होने वाले बजट में 2012-13 के बजट में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने वाले कदमों की घोषणा कर सकते हैं। चालू खाता घाटा बढ़ने को लेकर पीएमईएसी की आशंका का हवाला देते हुए मुखर्जी ने कहा ''चालू खाता घाटा चिंता का विषय है। मुझे लगता है कि हम इसका प्रबंधन कर सकेंगे।'' उन्होंने कहा ''हमारे निर्यातित वस्तुओं की सूची और गंतव्य में विविधता आ रही है इसलिए निर्यात को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।प्रधानमंत्री के आर्थिक विचारक ने अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए सरकार को कई कड़े कदम उठाने की सलाह दी है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने तेजी से बढ़ रहे चालू खाता घाटे पर काबू पाने के लिए सरकार को उत्पाद शुल्क व सेवा कर में दो फीसदी बढ़ोतरी, डीजल का मूल्य विनियंत्रित करने और सब्सिडी पर हो रहे खर्च में कटौती करने की सलाह दी है। 


शेयर बाजारों के में अनिश्चितता वाला माहौल जारी रहने और सुधार की कोई गुंजाइश नजर नहीं आने के चलते इक्विटी म्युचुअल फंडों के जरिए शेयर बाजारों में पैसा लगाने वाले खुदरा निवेशक तेजी से मैदान छोड़ रहे थे। 

शेयर बाजार पिछले तीन दिनों से भले ही गिरावट का शिकार हो, लेकिन प्राइमरी बाजार ने इन्हीं तीन दिनों में अपनी ताकत दिखा दी है।  वैश्विक बाजारों में मजबूत रूख के बीच संस्थागत और खुदरा निवेशकों की लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुक्रवार को लगभग 72 अंक की तेजी से खुला। प्राथमिक शेयर बाजार में धूम मचाने वाले एमसीएक्स के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को प्रस्तुत शेयरों की संख्या का कुल 53.67 गुना अधिक अभिदान मिला।किसी भारतीय एक्सचेंज द्वारा लाया जाने वाला यह पहला सार्वजनिक निर्गम है जो शुक्रवार शाम बंद हो गया। जनवरी, 2008 में रिलायंस पावर द्वारा लाए गए सार्वजनिक निर्गम के बाद यह अब तक के सबसे जबरदस्त आईपीओ के रूप में उभरा है। इश्यू में निवेश के आवेदनों की संख्या इतना अधिक थी कि बैंकरों को अतिरिक्त समय की अनुमति लेनी पड़ी। मालूम हो कि  रिलायंस पावर के इश्यू के बाद से ही रिटेल निवेशक प्राइमरी बाजार से करीब-करीब गायब थे। यहां तक कि निवेशकों के इस वर्ग ने सरकारी कंपनियों के पब्लिक इश्यू में भी खास दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। जहां पब्लिक इश्यू जारी किए जाते हैं, उस बाजार को प्राइमरी बाजार कहते हैं। वहीं, इश्यू के सूचीबद्ध होने के बाद इनकी खरीद शेयर बाजार में होती है, जिसे सेकेंडरी बाजार कहा जाता है। अमीर निवेशकों यानी एचएनआइ में 150.35 और संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में 49.12 गुना अभिदान मिला। इन दोनों तरह के निवेशकों ने करीब 29,600 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के लिए बोली लगाई है। एमसीएक्स का आइपीओ के जरिए 663 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। कंपनी ने कुल 64.27 लाख शेयरों की पेशकश की है।

इससे पहले एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स ने पिछले साल जुलाई में पहली सार्वजनिक पेशकश के जरिये 1,200 करोड़ रुपये जुटाए थे और इसके बाद एमसीएक्स का आईपीओ सबसे बड़ा है।हालांकि पिछले कई महीनों से आईपीओ बाजार में सुस्ती रही है। 2011 में कंपनियों ने 32,000 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के आईपीओ रद्द किए। एमसीएक्स के सार्वजनिक निर्गम में मौजूदा शेयरधारकों (इसकी मुख्य प्रवर्तक फाइनैंशियल टेक्रोलॉजी सहित)द्वारा बिक्री की पेशकश की गई है। इन्होंने 64 लाख शेयरों की बिक्री का पेशकश कर रहे हैं।

 
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 72.38 अंक या 0.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,150.88 अंक पर खुला। पिछले दो सत्रों में इसमें 350 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी थी।
 
इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 21.70 अंक की बढ़त के साथ 5,505.00 अंक पर खुला। कारोबारियों के अनुसार वैश्विक स्तर पर मजबूत रूख के बीच संस्थागत और खुदरा निवेशकों की लिवाली से बाजार में शुरूआती तेजी दर्ज की गयी।

आज शाम बंद हुए इस निर्गम में खुदरा निवेशकों के वर्ग में करीब 23 गुना, एचएनआई वर्ग में 150.35 गुना और संस्थागत निवेशकों की ओर से 49.12 गुना अभिदान मिला और इन निवेशकों ने करीब 29,600 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के लिए बोली लगाई है। निवेश बैंकरों ने कहा कि खुदरा निवेशकों द्वारा आईपीओ को करीब 23 गुना अभिदान प्राप्त हुआ। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) का आईपीओ के जरिए 663 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।

ज्यादातर ब्रोकिंग फर्मों ने इसमें आवेदन की सलाह दी थी। भारत में कमोडिटी फ्यूचर बाजार में एमसीएक्स के दबदबे पर भी सबकी नजर है। कमोडिटी फ्यूचर बाजार में एमसीएक्स की बाजार हिस्सेदारी 87.4% है। साल 2009-11 के दौरान एमसीएक्स के कारोबार में सालाना औसतन 46.5% की बढ़त रही है। इसका एबिटा मार्जिन 70.1% और शुद्ध लाभ मार्जिन 46.5% है।  एंजल ब्रोकिंग ने कहा है कि आने वाले समय में एमसीएक्स की ग्रोथ को लेकर हमें काफी उम्मीद है।

शुरूआत में ही कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स का आईपीओ जबर्दस्त हिट हुआ है। मंगलवार को एमसीएक्स का आईपीओ क्यूआईपी और एंकर निवेशकों के लिए खुला था और महज एक दिन में उनका हिस्सा पचास गुना सब्सक्राइब हो गया है। 

ब्लैकरॉक, डाएश बैंक और कुवैत इंवेस्टमेंट को 93 करोड़ रुपये के शेयर अलॉट हुए हैं। एमसीएक्स के आईपीओ में रिटेल निवेशक आज से पैसा डाल सकेंगे। इसका प्राइस बैंड 860 से 1032 रुपये रखा गया है। और यह 24 फरवरी को बंद हो जाएगा। 
 
एमसीएक्स ने कुल 64.27 लाख शेयरों की पेशकश की है। एंकर निवेशकों को लगभग 100 करोड़ रुपये के 9 लाख शेयर पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। इस निर्गम के लिए आवेदन मूल्य 860 से 1032 रुपए प्रति शेयर रखा गया था। इस एक्सचेंज के प्रवर्तकों में फाइनेंशियल टेक्नोलाजी (एफटीआईएल) अभी 31.2 प्रतिशत शेयर के साथ सबसे बड़ी भागीदार है। आईपीओ के बाद कंपनी का शेयर 26 प्रतिशत पर आ जाएगा।

मल्टी कमोडिटी एक्चेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) के कई वरिष्ठ अधिकारीकरोड़पति बनने वाले हैं।  आईपीओ में कंपनी कर्मचारियों के लिए 2.50 लाख शेयर रखे गए थे। लेकिन आवेदन कुल 44,034 शेयरों के ही आ पाए। दिक्कत यह हुई कि कंपनी ने हिसाब लगाकर प्रत्येक कर्मचारी के लिए 192 शेयर रखे थे। लेकिन 192 शेयरों को लेने के लिए करीब 1.98 लाख रुपए लगाने पड़ते। और, कंपनी के बहुत सारे कर्मचारियों की ऐसी स्थिति नहीं है कि वे एकमुश्त इस तरह दो लाख रुपए निकाल पाते।

कंपनी ने कुछ बैंकों से कर्मचारियों को आईपीओ के लिए कर्ज दिलाने का भी इंतजाम किया था। लेकिन बहुत सारे कर्मचारियों को 14 फीसदी ब्याज पर आईपीओ के लिए उधार लेना जमा नहीं। इन हालात में उन्होंने अपनी क्षमता के मुताबिक आईपीओ में निवेश तो किया है। लेकिन बहुत कम कर्मचारी हैं जिन्होंने पूरे के पूरे 192 शेयरों का आवेदन डाला है। वैसे, इसका फायदा यह हुआ है कि कर्मचारियों के हिस्से से बचे करीब 2.06 लाख शेयर अब रिटेल निवेशकों को मिल जाएंगे।


 इस बीच मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआइ की अनुमति पर विपक्षी दलों के विरोध का सामना कर रही सरकार इसकी जोरदार वकालत में जुट गई है। इसे सही ठहराते हुए शनिवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर सोच समझकर ही फैसला लिया गया है। नई नीति 'अलग एवं भिन्न' है। इससे छोटे व्यापारियों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा।

एमसीएक्स ने 64,27,378 करोड़ इक्विटी शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा था जिनमें 9,26,606 शेयरों आवंटन मंगलवार को प्रति शेयर 1,032 रुपये पर 12 एंकर इन्वेस्टर को किया गया था। 

एंकर इन्वेस्टर में कुवैत के सॉवरिन वेल्थ फंड और इन्वेस्टमेंट मैंनेजमेंट कंपनी वेलिंग्टन मैंनेजमेंट सहित कई म्युचुअल फंड और वित्तीय निवेशक जैसे ब्लैकरॉक ग्लोबल, डॉयचे सिक्योरिटीज, टाटा एआईजी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, अकेसिया आदि शामिल हैं। एंकर इन्वेस्टर खरीदारी प्रति शेयर 1,032 रुपये पर कर रहे हैं। निर्गम 24 फरवरी को बंद हो जाएगा।

आईपीओ के बाद एमसीएक्स देश में पहला सूचीबद्ध स्टॉक एक्सचेंज हो जाएगा। 31 दिसंबर 2011 को समाप्त हुए नौ महीने की अवधि के दौरान एमसीएक्स की कुल आय 474 करोड़ रुपये रही जबकि शुद्ध मुनाफा 220 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। यह देखते हुए कि कंपनी मूल्य दायरे के ऊपरी सिरे पर 5,200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्यांकन प्राप्त होने की उम्मीद कर रही है, यह सालाना आधार पर पिछले साल के शुद्ध मुनाफे करीब 18 गुना पीई मल्टीपल चाह रही है।

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