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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Wednesday, February 29, 2012

४जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की तैयारी में! दूध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है!

४जी स्पेक्ट्रम  की नीलामी की तैयारी में! दूध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है!


२जी मामले में टाटा टेली सुप्रीम कोर्ट की शरण में, थम नहीं रही जिदंबरम की मुश्किलें!

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास



२जी मामले में टाटा टेली सुप्रीम कोर्ट की शरण में, थम नहीं रही जिदंबरम की मुश्किलें! इस बीच सरकार ४जी स्पेक्ट्रम  की नीलामी की तैयारी में है। पर पहले ही २जी नीलामी के मामले में चोट खायी कंपनियों के लिए इसमें ज्यादा दिलचस्पी लेना नामुमकिन है। बाजार भी फूंक फूंक कर कदम उठाने के पक्ष में है।दूध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है!2जी मामले में वैसे तो सरकार सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग करने जा रही है,सरकार सुप्रीम कोर्ट से स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए 9 महीनों का और वक्त मांग सकती है। इसके लिए दूरसंचार विभाग सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देगा। टेलीकॉम मंत्री और वित्त मंत्री की बैठक के बाद सरकार ने इस ओर बढ़ने का फैसला किया है। 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 4 महीने का समय दिया है।क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज का आकलन है कि 2जी मोबाइल सेवा लाइसेंस रद्द किए जाने के निर्णय का असर संबंधित कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंकों पर पड़ेगा और उन्हें इसमें नुकसान होगा।

बार्सेलोना में  दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि सरकार इस साल के अंत तक चौथी पीढ़ी :4जी: की मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की संभावना तलाश रही है।उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार 2जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी के वास्ते योजनाओं को अंतिम रूप दे रही है। मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में दूरसंचार मंत्रालय द्वारा आयोजित 'इंडिया डे' कार्यक्रम में सिब्बल ने कहा, '' इस साल के अंत तक हम 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रहे हैं। यह हमारी इच्छा है। लोगों के साथ साझा करने को हमारे पास पर्याप्त स्पेक्ट्रम है।''उन्होंने कहा कि रक्षा सेवाओं से स्पेक्ट्रम खाली होने के बाद और 122 टूजी लाइसेंसों के रद्द होने से सरकार के पास पर्याप्त स्पेक्ट्रम होगा।


टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड ने उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व दूरसंचार मंत्री ए़ राजा के कार्यकाल में उसे आवंटित तीन सर्कल के 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द करने के फैसले की पुनरीक्षा याचिका दायर की है।पुनरीक्षा की यह याचिका उच्चतम न्यायालय के दो फरवरी के 2जी लाइसेंस रद्द करने के फैसले के करीब एक माह बाद दायर की गई है। इस फैसले में 2 सर्कल में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड समेत नौ दूरसंचार कंपनियों को दिए गए 122 लाइसेंस रद्द कर दिये गये।

टाटा टेली ने टेलीकॉम रेगुलेटर को लिखी चिट्ठी में कहा है कि स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए 3जी मॉडल को नहीं अपनाना चाहिए। वहीं 800 मेगाहर्टज, 900 मेगाहर्टज और 1,800 मेगाहर्टज के लिए अलग-अलग नीलामी करें। साथ ही स्पेक्टर्म शेयरिंग की इजाजत भी दी जाय।

इसके अलावा वीडियोकॉन भी पुनर्विचार याचिका दायर करने वाली है। वीडियोकॉन के सीएमडी, वेणुगोपाल धूत का कहना है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सीबीआई कंपनी को क्लीन चिट दे चुकी है।


सुप्रीम कोर्ट के 122 टेलिकॉम लाइसेंस रद्द करने के फैसले का असर करीब 10,000 नौकरियों पर पड़ सकता है। एक तरफ एतिसलात और एस टेल ने कंपनियों को बंद करने की घोषणा कर दी है। वहीं, दूसरी टेलीकॉम कंपनियां भी कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं।पिछले 1 साल भारती एयरटेल और टाटा टेलि पहले ही करीब 8,000 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं। नए लाइसेंस रद्द होने के बाद टाटा टेलि और आइडिया और छंटनी कर सकते हैं। टाटा टेलि के 3 और आइडिया के 9 सर्किल के लाइसेंस रद्द हुए हैं। हर सर्किल में इन कंपनियों के 100-150 कर्मचारी हैं। यानी मुश्किल जमी जमाई कंपनियों के कर्मचारियों को भी है।



सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद रूसी कंपनी सिस्तेमा ने भारत सरकार से अपने 3.1 अरब डॉलर का निवेश सुरक्षित करने की मांग की है। इसके साथ ही कंपनी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर करने की तैयारी में है।सिस्तेमा का भारत के श्याम ग्रुप के साथ सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज (एसएसटीएल) संयुक्त उद्यम है। जिसमें रूसी सरकार की भी 17.14 फीसदी की हिस्सेदारी है। एसएसटीएल के प्रेसिडेंट एवं सीईओ वसेवोलोद रोजानोव का कहना है कि कंपनी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ इस सप्ताह अपने 3.1 अरब डॉलर के निवेश को सुरक्षित करने के लिए पुनरीक्षण याचिका दायर करेगी। एसएसटीएल में सिस्तेमा की 56.68 फीसदी हिस्सेदारी है। रोजानोव ने कहा कि भारत और रूसी सरकार के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत ही सिस्तेमा ने निवेश किया है। इसके तहत यदि छह माह में विवाद का निपटारा नहीं हुआ तो वह भारत सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। कंपनी ने इस बाबत भारत सरकार को नोटिस भेजा है। भारत और रूस के बीच परस्पर निवेश को बढ़ावा देने के लिए 1996 में द्विपक्षीय निवेश समझौता हुआ था।




सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2008 के बाद जारी किए 2जी लाइसेंस खारिज किए जाने के आदेश दिया है। इसके बाद 11 टेलिकॉम कंपनियों के 122 2जी लाइसेंस रद्द हो गए हैं।



कंपनी ने इससे पहले कहा था कि उसने 2008 की लाइसेंस प्रक्रिया शुरू होने से 18 महीने पहले इन लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। अदालत ने निर्देश दिया था कि रेडियो वेव के लिए लाइसेंस नीलामी के जरिए बेचे जाएं। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और ए के गांगुली की पीठ ने टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, एतिसलात डी बी टेलीकॉम प्राईवेट लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस ग्रुप पर पांच करोड़ रुपए का भारी हर्जाना लगाया।



2जी मामले में केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। स्वयंसेवी संगठन सीपीआईएल ने चिदंबरम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सीपीआईएल चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट 2जी मामले में चिदंबरम की भूमिका जानने के लिए जांच करे।


2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस निरस्त करने के फैसले से सरकार को राजकोषीय घाटे पर बढ़ते दबाव से काफी हद तक राहत मिलेगी। उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2008 से पहले के 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों की दोबारा नीलामी के फैसले से 80,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है, जिससे वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को वित्त वर्ष 2012-13 के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमानित लक्ष्य के निर्धारण में काफी आसानी होगी।


ऐसा तब होने जा रहा है जब सरकार का जीडीपी की तुलना में 4.6 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल दिख रहा है और वित्त वर्ष 2012-13 के लिए वृद्धि की रफ्तार भी मंद रहने जा रही है। इसलिए मध्यावधि आंकड़ों में राजकोष की स्थिति को पटरी पर बनाए रखना मुश्किल काम दिख रहा है।


यदि 122 लाइसेंसों के निरस्त होने के बाद मिले स्पेक्ट्रम को दुबारा बेचा जाता है और इसे भी बीते साल हुई 3जी नीलामी जैसा ही समर्थन मिलता है तो इससे सरकार की झोली में 80,000 करोड़ रुपये आ सकते हैं।


इसमें से अगर सरकार को 10,000 करोड़ रुपये उन कंपनियों को लौटाने भी पड़ते हैं जिन्होंने वर्ष 2008 में स्पेक्ट्रम खरीदे थे, तब भी सरकार के पास खर्च करने के लिए 70,000 करोड़ रुपये बचेंगे। सरकार को उच्चतम न्यायालय द्वारा नई कंपनियों के पक्ष में फैसला देने पर ही रकम लौटानी पड़ेगी।


सीपीआईएल पी. चिदंबरम के खिलाफ कई ऐसे सबूत भी पेश करने को तैयार है जो पूर्व टेलीकॉम मंत्री को संकट में डाल सकता है। स्वयंसेवी संगठन के मुताबिक सबूतों के आधार पर 2जी मामले में चिदंबरम की भूमिका साफ हो जाएगी।


इसके अलावा सुब्रमणियम स्वामी ने भी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में ट्रायल कोर्ट के द्वारा चिदंबरम के खिलाफ याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी गई। सुब्रमणियम स्वामी का कहना था कि उनके सबूतों के आधार पर कोर्ट चिदंबरम के खिलाफ वॉरंट जारी कर सकता था।


टेलिकॉम विभाग ने 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी की तैयारी शुरू कर दी है। 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए टेलिकॉम विभाग ने 3 कमेटियों का गठन किया है। 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 3जी की तर्ज पर कराई जाएगी।


दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किए गए 122 लाइसेंस के 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए सरकार को 4 महीने का वक्त दिया है। टेलिकॉम विभाग ने नीलामी कराने के लिए कंपनी नियुक्त करने का काम शुरू कर दिया है। 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए गठित की गई 3 कमेटियां नीलामी के लिए बोलियां मंगाएंगी।

2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए गठित की गई 3 कमेटियों द्वारा ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) की शर्तें तय की जाएंगी। सीनियर डीडीजी निर्मला पिल्लई के अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। वहीं ट्राई के सुझावों की समीक्षा करने के लिए स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। दरअसल ट्राई को 2जी नीलामी के लिए गाइडलाइंस देनी हैं। ट्राई के सुझाव टेलिकॉम कमीशन के बाद ईजीओएम में भेजे जाएंगे।


टेलिकॉम विभाग द्वारा गठित कमिटियां ही नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की मात्रा तय करने वाली हैं। सरकार के पास 625 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मौजूद है। वहीं 122 लाइसेंस रद्द होने के चलते 211 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खाली हुआ है।


दूसरी तरफ जांच एजेंसी सीबीआई एयरसेल-मैक्सिस सौदे में धन के लेन-देन से जुड़े ब्यौरे की जांच के संबंध में जल्दी ही बरमुडा और ब्रिटेन को कानूनी आवेदन भेजेगी। इस सौदे में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन आरोपी हैं। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने आरोप लगाया कि मारन को मलेशियाई दूरसंचार कंपनी मैक्सिस से 547 करोड़ रुपए की रिश्वत मिली थी। मारन ने इस आरोप का खंडन किया है।


एजेंसी सूत्रों ने कहा कि धन के लेन-देन की जांच करते हुए जो कड़ियां हाथ लगी हैं उनके सूत्र कैरिबियाई द्वीप बरमुडा और ब्रिटेन तक गए हैं। इन स्थानों से धन भारतीय कंपनियों तक पहुंचाया गया।  


उन्होंने कहा कि एजेंसी ने मार्च के पहले सप्ताह में ब्रिटेन और बरमुडा को कानूनी आवदेन भेज सकती है। इसके अलावा सीबीआई अपनी पूर्व योजना के अनुसार मलेशिया और मारिशस को आवेदन भेजेगी।


सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने इससे पहले एयरसेल के मलेशियााई कंपनी मैक्सिस द्वारा अधिग्रहण के मामले में धन के लेन-देन के संबंध में अपनी जांच को मलेशिया और मारिशस तक केंद्रित कर रखा था।


मारन के अलावा सीबीआई ने उनके भाई कलानिधि मारन, सन टीवी के निदेशक और मैक्सिस कम्यूनिकेशन के अध्यक्ष टी आनंद कृष्ण, ऐस्ट्रो आल एशिया नेटवर्क और मैक्सिस के वरिष्ठ कार्यकारी राल्फ मार्शल और तीन कंपनियों को आरोपी बनाया है।



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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