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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, June 29, 2013

बचाव कार्य पर सवाल, बचाई गई महिला अबतक लापता

बचाव कार्य पर सवाल, बचाई गई महिला अबतक लापता


अलीगढ़। यूपी के अलीगढ़ के जितेंद्र पिछले 13 दिनों से अपने माता-पिता की तलाश में खाक छान रहे हैं। 16 जून को केदारनाथ इलाके में मची तबाही के बाद से ही इनके माता-पिता गायब हैं। उसके बाद से ही जितेंद्र अपने घरवालों की तलाश में जुटे हैं। इस बीच 22 जून को उन्हें IBN7 पर उत्तराखंड में राहत और बचाव की ये तस्वीर दिखी, तस्वीर देखते ही जितेंद्र की आंखों में चमक आ गई।

बचाव कार्य पर सवाल, बचाई गई महिला अबतक लापता
जितेंद्र का कहना है कि IBN7 की तस्वीरों में जिस महिला को बचाया जा रहा है वो उनकी मां संतोष देवी हैं, ये तस्वीरें 22 जून को गौरीकुंड इलाके में ली गई थीं। तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि एनडीआरएफ के जवान संतोष देवी को सहारा देकर ला रहे हैं। संतोष देवी बुरी तरह थकी और जख्मी थीं, इसके बाद एनडीआरएफ के जवानों ने उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया और फिर रस्सी से बांध कर उन्हें ऊपर भेज दिया। इस काम में सेना के जवान भी एनडीआरएफ के जवानों की मदद कर रहे थे।




कई लोगों को इसी तरह गहरी खाई से निकालकर ऊपर पहुंचाया जा रहा था। संतोष देवी भी स्ट्रेचर के जरिए खाई से निकलकर ऊपर पहुंचीं, लेकिन इसके बाद वो कहां गईं किसी को खबर नहीं। हमारे कैमरे में कैद ये उनकी आखिरी तस्वीर है। गौरीकुंड इलाके में राहत और बचाव कार्य का जायज ले रही हमारी सहयोगी प्रियाली सुर ने संतोष देवी से बात भी की थी।

तस्वीरें बता रही हैं कि सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने संतोष देवी को सुरक्षित बचा लिया है उन्हें स्ट्रेचर पर लिटा कर सुरक्षित जगह भेजा गया, लेकिन 22 तारीख से आज तक उनका कोई अता-पता नहीं हैं। उत्तराखंड सरकार का दावा है कि 16 जून की त्रासदी के बाद जितने भी लोग केदारनाथ इलाके से सभी लोगों को निकाल लिया गया है ऐसे में सवाल ये कि अगर संतोष देवी को गौरीकुंड इलाके से निकाला जा चुका है तो वो अब तक कहां हैं। अगर उन्हें हेलीकॉप्टर से निकाला गया तो फिर उन्हें कहां उतारा गया। अगर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है तो इसकी जानकारी किसके पास है, सेना द्वारा बचाए गए लोगों की लिस्ट में संतोष देवी का नाम क्यों नहीं है। पीड़ितों की मदद के लिए शुरू की गई वेबसाइट पर उनका कोई रिकॉर्ड क्यों नहीं हैं।

उत्तराखंड सरकार का दावा है कि अब तक एक लाख से ज्यादा लोग बचाए जा चुके हैं और इनकी जानकारी उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर दर्ज है हकीकत जानने के लिए हमने राहत और बचाव के लिए बनाई गई उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर संतोष देवी की तलाश की। संतोष देवी के नाम से बचाई गई पांच महिलाओं के नाम मिले, लेकिन जब हमने अलीगढ़ की संतोष देवी की खोज करनी चाही तो इस नाम की कोई भी महिला हमें बचाए गए लेगों की लिस्ट में नहीं मिली।संतोष देवी अपने पति और पड़ोस के परिवार के साथ 7 जून को केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकली थीं। 15 जून को जब आखिरी बार उनकी अपने बेटे जितेंद्र से बात हुई तो उन्होंने कहा कि वो सबके साथ केदारनाथ मंदिर की ओर बढ़ रही हैं।

केदारनाथ इलाके में बरपे कुदरत के कहर के बाद से ही संतोष देवी, उनके पति और पड़ोसी लापता हैं। करीब 6 दिन बाद 22 जून को वो IBN7 के कैमरे में कैद तस्वीरों में नजर आईं, लेकिन इसके हफ्ते भर बाद भी उनका कोई अता-पता नहीं है ना तो किसी सरकारी लिस्ट में उनका नाम दर्ज है। ना ही बचाए गए लोगों की लिस्ट में उनकी कोई जानकारी है। मुमकिन है कि संतोष देवी जैसे ऐसे कई लोग होंगे, जिन्हें बचाया तो गया लेकिन फिर उन्हें बीच रास्ते में ही अपने हाल पर छोड़ दिया गया हो।


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