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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Saturday, June 29, 2013

विज्ञान का इस्तेमाल यदि धर्म की दुकान चलाने के लिए होगा तो उसके भयंकर परिणाम होंगे और इसलिए आज समय आ गया है जब धर्म के इन बाज़ीगरो का पर्दाफास किया जाए और लोगो को आत्मा चिंतन और वैज्ञानिक चिंतन का रास्ता दिखाया जाए ताकि वे ऐसी दुर्घटनाओ का शिकार न बने.

केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिर असल में बौध विहार थे और केरल के नाम्बोदारी ब्राह्मण ने आकर ब्राह्मणवाद का झंडा उत्तराखंड में बुलंद किया। अब भगवन के उपासक यह कह रहे हैं की पूरा तांडव इसलिए हुआ क्योंकि धारी देवी का मंदिर तोडा गया। १६ जून को दोपहर में धारी देवी की मूर्ति को हटा दिया गया और अब ब्रह्मंवादियों के कुटिल नीति काम कर रही है। पहाड़ में तांडव में उनको अपनी आस्था की दुकान को फिर से सजाने का मौका मिल रहा है. यह सभी अपने कुकर्मो को छुपाने के लिए अब इतने बड़ी त्रासदी को भगवांन के कोप पर डाल रहे हैं . अशोक सिंघल, उमा भारती और अन्य बाबा, बहुदेवता अब कह रहे हैं के नास्तिको के कारण से ही शिव् नाराज़ हुए और इतनी बड़ी दुर्घटना हुइ। मुझे ख़ुशी हो रही है के नास्तिको में इतनी ताकत आ चुकी है के वो इतनी बड़ी क्रांतियाँ कर सकते हैं तो मैं चाहूँगा के वे और क्रांतियाँ करें क्योंकि मुझे तो लगता था के नास्तिक केवल बहसबाज़ी करते हैं कोई काम तो करते नहीं अब भारत के संतो के नेता और भूदेवता सरे प्रकोप के लिए नास्तिको को दोष दे रहे हैं तो मुझे ख़ुशी हो रही है. छात्तिश्गढ़ के माओवादी जो काम कई वर्षो की अपनी लड़ाई में नहीं कर पाए वो उत्तराखंड में नास्तिको के प्रकोप से एक ही दिन में हो गया। अब मैं एक बात कहना चाहता हूँ के यदि भगवान् नास्तिको से नाराज़ से तो उन्होंने नास्तिको को क्यों नहीं मारा। मरने वाले तो बेचारे भक्त लोग हैं जो केवल और केवल आस्था के नाम पर वहां गए थे और उन्हें न तो उत्तराखंड की पहाड़ियों से न ही उत्तराखंड के लोगो से कोई प्यार था वे तो अपनी मन्नत मनाने और आस्था प्रकट करने गए थे. अगर इनका भगवन इतना सशक्त है तो मैं चुनौती देता हूँ की अपनी लीला नास्तिको पे चलाये न बेचारे भक्तो को मार कर क्या मिला सिंघल साहेब? अगर भगवन अपने भक्तो की रक्षा नहीं कर सकता तो ऐसे भगवन की पूजा करके क्या प्राप्त होगा ? हकीकत यह है सिंघल साहेब, भगवन में आपकी दूकान है और जिस दिन लोगो को ज्ञान मिल गया आपकी दूकान बंद हो जायेगी। भगवान् से आप भारत की सत्ता को नियंत्रित करते हो और इसलिए जब लोगो ने आस्था का कमाल देख लिया है और देख लिया है के भगवान् नाम की इस चीज़ को इंसान ने ही अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए बनाया है तो आप लोग अलर्ट हो गए हो के कही इतनी बड़ी त्रासदी में लोगो की आस्था खत्म न हो जाये. हर एक त्रासदी में एक संकल्प होना चाहिए और यदि लोग समझदार होंगे तो उनकी आस्था वैज्ञानिक चिंतन में होगी और जो बाख गए हैं उन्हें भारतीय सेना का शुक्र गुजार होना चाहिए और उससे ज्यादा उन हेलिकोप्तेरो और आधुनिक मशीनों का जो सेना इस्तेमाल कर रही है . यह सभी आधुनिक यन्त्र शंकरजी ने नहीं भेजे अपितु हमारे वैज्ञानिक दिमाग की उपज है। विज्ञान का इस्तेमाल यदि धर्म की दुकान चलाने के लिए होगा तो उसके भयंकर परिणाम होंगे और इसलिए आज समय आ गया है जब धर्म के इन बाज़ीगरो का पर्दाफास किया जाए और लोगो को आत्मा चिंतन और वैज्ञानिक चिंतन का रास्ता दिखाया जाए ताकि वे ऐसी दुर्घटनाओ का शिकार न बने.

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