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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Monday, July 1, 2013

उत्तराखंड की तबाही पर बीजेपी और कांग्रेस में ट्विटर वॉर

उत्तराखंड की तबाही पर बीजेपी और कांग्रेस में ट्विटर वॉर

नवभारतटाइम्स.कॉम | Jul 1, 2013, 05.04PM IST

नई दिल्ली।। उत्तराखंड में कुदरत के कहर के 16 दिन बाद भी करीब 1000 लोग फंसे हुए हैं और तीन हजार लोगों का अता-पता नहीं है। इस बीच, इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने उत्तराखंड सरकार पर आपदा से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की है। इसके जवाब में सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने सवाल किया है कि दोनों सदनों में विपक्ष के नेता उत्तराखंड क्यों नहीं गए?

रविवार को भी बदरीनाथ से यात्रियों को निकालने का काम जारी रहा। इसके तहत कुल 1366 यात्री निकाले गए। हालांकि, बदरीनाथ में यात्रियों की संख्या को लेकर लगातार भ्रम की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को सरकार ने दावा किया था कि वहां पांच सौ यात्री हैं, जिन्हें रविवार को निकाल लिया जाएगा। रविवार को एक हजार से ज्यादा यात्रियों को निकालने के बाद चमोली के डीएम ने एसए मुरुगेशन ने बताया कि अभी वहां करीब तीन सौ यात्री फंसे हुए हैं, जबकि स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह संख्या एक हजार के आसपास है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि करीब 3000 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम कभी नहीं जान पाएंगे कि आपदा में कितने लोगों की मौत हुई।

सोमवार सुबह लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, 'दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपदा की घड़ी में उत्तराखंड की सरकार अपेक्षा पर खरी नहीं उतर पाई। ऐसी अकुशल और नकारा सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। दुर्भाग्य से केंद्र की सरकार भी अपेक्षित नेतृत्व नहीं दे पाई।' इसके जवाब में मनीष तिवारी ट्वीट किया कि दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं ने उत्तराखंड पीड़ितों के प्रति न तो कोई संवेदना जाहिर की और न ही दौरा किया। इस तरह की पार्टी कांग्रेस नेताओं के दौरों पर सवाल उठा रही है।

मनीष तिवारी के इस ट्वीट पर सुषमा स्वराज ने तुरंत जवाब दिया और कहा, 'हम इसलिए नहीं गए क्योंकि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि हमारे दौरों से बचाव कार्य प्रभावित होगा। उन्होंने यहां तक कहा था कि उनके समेत किसी को भी प्रभावित क्षेत्रों में लैंड करने की इजाजत नहीं है। हकीकत यह है कि मैंने गृह मंत्री से 18 जून को बात करके त्रासदी की भयावहता के बारे में बताया था और इस बारे में ट्वीट भी किया था।'

कांग्रेस के राजनीतिकरण के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब हम जवाबदेही की बात करते हैं, तो आप उसे राजनीति कहने लगते हैं। हम इसे ढाल बनाकर सरकार को अपनी नाकामी छिपाने का मौका नहीं देंगे। सरकार द्वारा एक लाख लोगों को निकाले जाने का श्रेय लेने पर सुषमा ने कहा, 'राहत अभियान सेना, एयरफोर्स और आईटीबीपी ने चलाया। इन लोगों ने अपनी जान पर खेलकर राहत अभियान चलाया। मैं उन्हें सलाम करती हूं।' लोकसभा में विपक्ष की नेता ने सवाल किया,'राज्य सरकार ने क्या किया? जिंदा लोग भूख से मर रहे हैं, मरे लोगों को लूटा जा रहा है और आप अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।'

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