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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Monday, May 3, 2010

Mohalllive.com

[3 May 2010 | 2 Comments | ]
माता-पिता हिरासत में, दिल्‍ली के दोस्‍तों से होगी पूछताछ

घर घर में खाप

[03 May 2010 | Read Comments | ]

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संदीप कुमार ♦ कान खोलकर सुन लो खाप पंचायत के कायरों, तुम निरूपमा को मार सकते हो, प्यार को नहीं। निरूपमा को मारकर भाग सकते हो, बच नहीं सकते।

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खुदकुशी नहीं, कत्‍ल

[03 May 2010 | Read Comments | ]

Nirupama Pathak 160x93

डेस्‍क ♦ बिजनेस स्‍टैंडर्ड की पत्रकार निरुपमा पाठक ने खुदकुशी नहीं की थी। उसकी हत्‍या हुई है – पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब ये बात खुल कर सामने आ गयी है।

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डेस्‍क ♦ निरुपमा हत्‍याकांड में उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोडरमा के एसपी क्रांति कुमार ने कहा है कि इस मामले में निरुपमा के दिल्‍ली के दोस्‍तों से भी बात की जाएगी।
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क्‍या आप आईटी, बीपीओ, केपीओ या फिर टेलीकॉम इंडस्‍ट्री से जुड़े हैं? अगर हां और अपने दफ्तर का कोई दुख हमसे साझा (शेयर) करना चाहते हैं - तो कृपया हमें mohallalive@gmail.com पर मेल करें।आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

नज़रिया »

[3 May 2010 | No Comment | ]
मुसलमानों के फोन सुनती हैं खुफिया एजेंसियां

सलीम अख्तर सिद्दीकी ♦ मुसलमानों के लिए आंसू बहाने वाली सरकार की खुफिया एजेंसियों को मुसलमानों के चरित्र पर संदेह है। शायद इसीलिए वे मुसलमानों पर नजर रखने के लिए उनके फोन सुनती है। वह भी बगैर किसी इजाजत के। इस काम के लिए वह भारी भरकम रकम भी खर्च करती है। पिछले दिनों कुछ सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं के फोन टेप होने की खबरें आयी थीं। इन खबरों पर खूब हंगामा हुआ। इसे लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया गया। लेकिन सच किसी ने नहीं बताया। सच यह है कि फोन टेप करने के सिस्टम मुस्लिम बाहुल्य शहरों में लगाने के लिए खरीदे गये थे। यह बात नहीं भी खुलती अगर कुछ नेताओं के फोन टेप होने की बात सामने नहीं आयी होती।

uncategorized, मीडिया मंडी »

[3 May 2010 | No Comment | ]
निरुपमा की मां को पुलिस ने हिरासत में लिया

डेस्‍क ♦ पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद साफ हुई पत्रकार निरुपमा पाठक की हत्‍या से जुड़े मामले में उनकी मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पिता और भाई से भी पूछताछ की जा रही है। निरुपमा झारखंड के कोडरमा जिले में स्थित अपने घर में 29 अप्रैल को मृत पायी गयी थीं। वह कोडरमा 19 अप्रैल को पहुंची थीं और उन्हें 28 अप्रैल को दिल्ली के लिए रवाना होना लेकिन उसी दिन उनका आरक्षण (रेल) रद्द करा दिया गया था। 22 वर्षीय इस पत्रकार की हत्या की आशंका जतायी जा रही है। कोडरमा के पुलिस अधीक्षक जी क्रांति कुमार ने बताया, "हमने निरुपमा की मां सुधा देवी को गिरफ्तार कर लिया है और पिता और भाई से पूछताछ की जा रही है। सबूतों के आधार पर यह गिरफ्तारी की गयी है।"

मोहल्ला मुंबई, सिनेमा »

[3 May 2010 | 2 Comments | ]
चल रही है 'हाउसफुल', लेकिन क्‍यों और कितनी?

अब्राहम हिंदीवाला ♦ साजिद खान की ताजा फिल्‍म 'हाउसफुल' को अघाये व्‍यक्तियों की लतीफेबाजी के संदर्भ में देखने की जरूरत है। 'हाउसफुल' अघाये दर्शकों का सिनेमा है। वे हंस रहे हैं। बेचारे गरीब दर्शक को लगता है कि वे हंस रहे हैं तो हमें भी हंसना चाहिए, इसलिए वे भी हंस रहे हैं। पूछ लो कि क्‍यों हंस रहे हैं तो मुंह चियार कर अमीरों की तरफ सिर्फ इशारा कर देंगे और हो हो हो करने लगेंगे। 'हाउसफुल' के बारे में शोर किया जा रहा है कि जनवरी से बॉक्‍स आफिस पर फैले सन्‍नाटे को इस फिल्‍म ने खत्‍म कर दिया है। फिल्‍म चल रही है। चल तो रही है, लेकिन क्‍या सचमुच 'हाउसफुल' हाउसफुल है? नहीं जनाब… थिएटर खाली है और सोमवार से और भी ज्‍यादा सीट खाली मिलेंगी।

मीडिया मंडी, मोहल्ला दिल्ली »

[3 May 2010 | No Comment | ]
आकाशवाणी में कलाकारों को महीनों से भुगतान नहीं!

डेस्‍क ♦ एफएम सहित आकाशवाणी दिल्ली के विभिन्न चैनलों में काम करने वाले सैकड़ों उदघोषकों और कर्मियों में अधिकतर कलाकारों को पिछले ग्यारह महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। कुछ तो ऐसे भी हैं, जिन्हें इससे भी अधिक समय से पैसे नहीं मिले हैं। अपना रेडियो बचाओ अभियान का मानना है कि रेडियो के निजी चैनलों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से आकाशवाणी की स्थिति बदत्तर बनायी जा रही है। राजधानी में अपना रेडियो बचाओ अभियान में लगे श्रोताओं, कलाकारों व समाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि रेडियो की भी वैसी ही स्थिति बनायी जा रही है जैसा कि टेलीविजन के निजी चैनलों के लिए जगह बनाने के लिए वर्षों पूर्व दूरदर्शन की बनायी गयी थी।

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[3 May 2010 | Comments Off | ]

TheHinduCartoonWallStreet

मोहल्‍ला लंदन, शब्‍द संगत »

[2 May 2010 | 2 Comments | ]
हिंदी लेखकों का परदेसी संसार : कनाडा में तेजेंद्र शर्मा

सुमन कुमार घई ♦ तेजेंद्र शर्मा ने कथा यूके की इंग्लैंड के साहित्य जगत में भूमिका की चर्चा करते हुए संस्था से पहले और बाद की अवस्था की तुलना की। भारत से बाहर रह रहे लेखकों को "प्रवासी" लेखक के संबोधन पर भी उन्होंने आपत्ति जतायी। उन्होंने विदेशों में रहने वाले लेखकों को प्रोत्साहित किया कि वह "नॉस्टेलजिया" के दलदल से बाहर आकर स्थानीय सरोकारों से अपने को जोड़ें और स्थानीय परिप्रेक्ष्य में ही साहित्य सृजन करें। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा के कैनेडियन लेखक को प्रवासी लेखक या ऑस्ट्रेलिया के लेखक को प्रवासी लेखक इसी कारण से नहीं कहा जाता क्योंकि उनके लेखन में स्थानीय सरोकारों की प्रधानता रहती है।

मीडिया मंडी »

[2 May 2010 | 3 Comments | ]
हमार में ताला लगा, समझौता हुआ, अब कुछ ठीक है

डेस्‍क ♦ पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक एक मई को हमार कर्मियों ने हमार और फोकस में काम ठप कर दिया। लगभग 95 फीसदी कर्मचारियों ने एकजुट होकर इस काम रोको आंदोलन को सफल बनाया। चार महीने से बकाया वेतन और चैनल हेड की बदतमीजियों के खिलाफ कर्मचारियों ने ये कदम उठाया था। परेशान चेयमैन मतंग सिंह न्‍यूज रूम में आये, तो कर्मियों ने बात करने से इनकार कर दिया। सबने एक सुर में नारा लगाया : उदयचंद्रा महागंध। बाद में आग्रह करने पर एक समझौता वार्ता हुई। इसके तहत मतंग सिंह ने कर्मचारियों को ये भरोसा दिलाया कि मई आखिर तक उन्‍हें अप्रैल तक का वेतन दे दिया जाएगा और जून के पहले हफ्ते में मई का वेतन दिया जाएगा।

मीडिया मंडी, मोहल्ला दिल्ली »

[1 May 2010 | 10 Comments | ]
देश भर में फैले एफएम गोल्‍ड के श्रोताओ एक हो

विनीत कुमार ♦ 60 FM Gold के प्रजेंटरों को महीनों से पैसे नहीं मिले हैं। शिकायत पर वित्तीय अधिकारी की तरफ से जवाब मिला कि उनका पैसा कॉमनवेल्थ के लिए लगा दिया गया है। इस पर डिप्टी डायरेक्टर जेनरल राजकमल ने प्रजेंटरों को साफ कहा कि आपलोगों के लिए दो करोड़ रुपये अलग से जारी किये गये हैं और कॉमनवेल्थ से आपकी पेमेंट का कोई संबंध ही नहीं है। उस काम के लिए अलग से 25 करोड़ रुपये आकाशवाणी को दिये गये हैं। ऐसे में सवाल उठते हैं कि एक ही संस्थान को लेकर दो अलग-अलग वर्जन क्या कहते हैं?

बात मुलाक़ात, रिपोर्ताज »

[1 May 2010 | 10 Comments | ]
जहां रेशमा है, वहां सोंधी मिट्टी है और कला का अनंत है

अनुपमा ♦ रांची से पचास किलोमीटर दूर बुंडू में रह रही रेशमा दत्ता का नाम आज भले फाइन आर्ट्स की दुनिया में एक अनचीन्‍हा नाम है – पर इनकी सधी हुई उंगलियां मिट्टी में जान फूंक देती हैं। शांति निकेतन से फाइन आर्ट्रस में बैचलर की डिग्री, महाराजा सेगीराव से मास्टर की डिग्री व जापान से फेलोशिप करने के बाद रेशमा लौटकर सीधे अपने गांव बुंडू पहुंची थीं। इन उम्दा जगहों पर प्रशिक्षण लेने के बाद रेशमा के सामने कई विकल्‍प थे। वह कहीं भी जा सकती थीं। घर की आर्थिक हालत भी ऐसी थी कि इन्हें कहीं बाहर रहकर अपना काम करने में आर्थिक परेशानी नहीं आती लेकिन रेशमा ने अपने काम के लिए चुना तो अपने दादा की उस पुरानी लाह फैक्‍ट्री के खंडहर मकान को, जो एक तरीके से भूत बंगला ही हो चुका था।

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[1 May 2010 | 5 Comments | ]
निरुपमा पाठक की याद, IIMC में शोकसभा

निरुपमा के साथी ♦ भारतीय जनसंचार संस्थान के 2008-09 सत्र की रेडियो और टीवी पत्रकारिता की छात्रा और हमारी प्रिय साथी निरुपमा पाठक अब हमारे बीच नहीं है। निरुपमा की आकस्मिक मृत्यु से सभी दोस्त और जानने वाले सदमे में हैं। निरुपमा के यूं चले जाने के इस भारी दुख को बांटने और उसकी आत्मा की शांति के लिए हम एक शांति सभा आयोजित करने जा रहे हैं। यह सभा शनिवार यानि 1 मई को आईआईएमसी के प्रांगण में शाम 4:30 बजे रखी गयी है। आप सभी जानने वालों से अनुरोध है कि कुछ वक्त निकाल कर इस दुख की घड़ी में अपना साथ देने के लिए आएं। आपका इंतजार रहेगा…

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[30 Apr 2010 | One Comment | ]
शनिवारी चर्चा में आभासी दुनिया पर चखचख

डेस्‍क ♦ वर्चुअल मारामारी के इस दौर में भारत कितना उछल रहा है और भारत के लोग किस किस्‍म के शोर-शराबे में श‍ामिल हो रहे हैं – इस मसले डीडी न्‍यूज इस शनिवार की रात एक प्रोग्राम पेश कर रहा है। शनिवारी चर्चा। ये डीडी न्‍यूज का बहुत पुराना प्रोग्राम है, जो शनिवार की रात दस बजे से ग्‍यारह बजे तक और रविवार की सुबह ग्‍यारह बजे से 12 बजे तक दिखाया जाता है। इसकी एंकर होती हैं नीलम शर्मा। शनिवार, 1 मई को दिखायी जाने वाली शनिवारी चर्चा में इस बार छह गेस्‍ट हैं : लेखक सुधीश पचौरी, जानी मानी मॉडल अमनप्रीत वाही, फोन टैपिंग का भंडाफोड़ करने वाले युवा पत्रकार सैकत दत्ता, समाजशास्‍त्री संजय श्रीवास्‍तव, वकील पवन दुग्‍गल और मोहल्‍ला लाइव डॉट कॉम के अविनाश।

शब्‍द संगत »

[30 Apr 2010 | 2 Comments | ]

अंशुमाली रस्तोगी ♦ यह आज के समय का कायदा बन चुका है कि अगर आपके पास पहचान नहीं तो कुछ नहीं। मानते रहिए खुद को बड़ा और महान लेखक लेकिन जब तक यह दुनिया आपको आपकी पहचान के रूप में नहीं स्वीकारती आप बेकार हैं। आज अच्छा लेखक होने से कहीं ज्यादा जरूरी है, अच्छी पहचान का मालिक होना…



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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