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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Monday, February 13, 2012

राष्ट्रपति प्रतिभादेवी पटेल के पुत्र शक के घेरे में

राष्ट्रपति प्रतिभादेवी पटेल के पुत्र शक के घेरे में

मुंबई हवाईअड्डे परिसर से सटी झोपड़पट्टी पुनर्वास के नाम पर 10 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


महाराष्ट्र में जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हर राजनीतिक पार्टी नगर पालिका चुनावों में विजय पाने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही हैं।
राष्ट्रपति प्रतिभादेवी पटेल के पुत्र  विधायक रावसाहेब शेखावत  शक के घेरे में है। महाराष्ट्र में इस हफ्ते होने जा रहे नगरीय निकाय चुनावों से पहले अमरावती जिले में पुलिस ने नागपुर से एक कार में लाए जा रहे एक करोड़ रुपयों को यहां चेकिंग के दौरान बरामद किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने रविवार को यहां बताया कि सोमवार देर रात करीब 1:30 बजे यहां पंचवटी स्क्वायर इलाके में पुलिस नाकाबंदी पर नागपुर से आ रही एक फोर्ड कार की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान कार से एक करोड़ रुपये बरामद हुए। उन्होंने बताया कि इसके बाद कार के ड्राइवर और उसके एक साथी को हिरासत में ले लिया गया। अपुष्ट तौर पर ऐसा कहा जा रहा है कि कार नागपुर के एक मंत्री की है हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों ने किसी व्यक्ति या पार्टी का नाम नहीं लिया है।वाहन से 1 करोड़ रुपए नकद बरामद होने से सनसनी मच गयी। पुलिस ने यह रकम शनिवार रात 1 बजे के करीब पंचवटी चौक पर पकड़ी। रविवार की सुबह पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पकड़ी गयी फोर्ड एंडेवर क्रमांक एमएच 31-डीसी 4744 है। गाड़ी में आशीष माणिकराव बोधनकर व प्रकाश मसराम मौजूद थे।

पत्रकारों ने पुलिस आयुक्त से पूछा कि क्या यह गाड़ी कांग्रेस के राज्यमंत्री की है और पकड़े गये दो लोगों में एक राज्यमंत्री का पीए है। गाड़ी राज्य मंत्री की है या नहीं या गाड़ी में बैठा हुआ व्यक्ति राज्यमंत्री का पीए है या नहीं जांच चल रही है। प्राथमिक जांच से लगता है कि यह रकम मनपा चुनाव के लिए आयी है।


पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस प्रकरण की पूरी जानकारी मुख्य चुनाव आयोग को फैक्स द्वारा भेज दी गयी है। आयकर विभाग को भी जानकारी दे दी गयी है। वक्त आने पर इस मामले में विधायक रावसाहेब शेखावत से भी पूछताछ की जाएगी।जाहिर है कि मां का कद हासिल करने में  बेटे को अभी लंबा सफर तय करना है। अब तक उनका रिकार्ड ठीकठाक रहा है। पर मनपा चुनाव में वे विवाद के घेरे में आ ही गए। देखते हैं कि सियासी माहौल मनपा चुनाव खत्म होने तक क्या गुल खिलाता है। पर इस विवाद से निबटने में मां की राजनीतिक साख बेटे के काम जरूर आएगी, ऐसी उम्मीद है। अभी उनपर किसी ने हमलावर तेवर नहीं अपनाया है।हो सकता है कि रस्मी पूछताछ के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल जाएगा।


मालूम हो कि राष्ट्रपति पुत्र अमरावती से विधायक हैं और उनकी विधायकी का पूरा फायदा अमरावती जिले को रहा है। दो साल में उन्होंने जिले ​​में विकास के मद में ४५०० करोड़ रुपए की रकम का बंदोबस्त किया।अमरावती और विदर्भ में उनकी छवि तो फिलहाल विकासपुरूष की बनी हुी है और यद छवि टूटने के आसार कम ही है।


गौरतलब है कि राष्ट्रपति ​प्रतिभा  देवी पाटिल का महाराष्य्र की राजनीति से गहरा ताल्लुकात रहा है। इस तुलना में उनके बेटे  का प्रोफाइल कोई खास नहीं है पर विदर्भ की राजनीति में उनका अपना दबदबा है​।पाटिल ने २७ वर्ष की अवस्था में १९६२ में राजनीतिक जीवन का प्रारंभ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के भूतपूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव चौहान की देखरेख में प्रारंभ किया।१९६२ से १९८५ तक वे पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं। इस दौरान वर्ष १९६७ से १९७२ तक वह महाराष्ट्र सरकार में राज्यमंत्री और वर्ष १९७२ से१९७८ तक कैबिनेट मंत्री रहीं उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उन्होंने १९६७ से १९७२ तक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य, निषेध, पर्यटन, आवास और संसदीय कार्य, महाराष्‍ट्र सरकार में उप मंत्री पद पर कार्य किया। वे १९७२ से १९७४ तक महाराष्ट्र सरकार के समाज कल्‍याण विभाग, १९७४ से १९७५ तक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य और समाज कल्‍याण विभाग, १९७५-१९७६ तक पुनर्वास और सांस्‍कृतिक कार्य विभाग और १९७७ से १९७८ तक शिक्षा विभाग में कैबिनेट मंत्री के पद आसीन रहीं। लेकिन जब १९७९ में कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष में पहुँची तो प्रतिभा पाटिल लगभग एक वर्ष तक विपक्ष की नेता रहीं। १९८२ से १९८५ तक फिर वे महाराष्‍ट्र सरकार में शहरी विकास और आवास तथा १९८३-१९८५ तक नागरिक आपूर्ति और समाज कल्‍याण के विभागों में कैबिनेट मंत्री रहीं।१९८५ में वे राज्यसभा पहुँची और १९८६ में राज्यसभा की उप सभापति बनी। १८ नवम्‍बर १९८६ से ५ नवम्‍बर १९८८ तक वे सभापति, राज्‍य सभा भी रहीं। वे १९८६ से ८८ के बीच लाभ समिति की अध्‍यक्षा और सदस्‍य, व्‍यापार सलाहकार समिति, राज्‍य सभा भी रहीं। श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल प्रदेश कॉन्‍ग्रेस समिति महाराष्‍ट्र की अध्यक्षा(१९८८-१९९०), राष्‍ट्रीय शहरी सहकारी बैंक एवं ऋण संस्‍थाओं की निदेशक, भारतीय राष्‍ट्रीय सहकारी संघ की शासी परिषद की सदस्‍य रही हैं। १९८९-१९९० में वे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख बनीं। उन्‍हें वर्ष १९९१ में दसवीं लोक सभा (संसद के निचले सदन) के लिए निर्वाचित किया गया और उन्‍होंने १९९१ में अध्‍यक्षा, सदन समिति, लोक सभा के रूप में भी कार्य किया। श्रीमती पाटिल को ८ नवंबर २०४ को राजस्‍थान की राज्‍यपाल के रूप में नियुक्‍त किया गया। उन्‍होंने भारत के राष्‍ट्रपति पद पर निर्वाचन के लिए २२ जून २००७ को राज्‍यपाल के पद से इस्‍तीफा दे दिया।


दूसरी ओर भाजपा ने मुंबई हवाईअड्डे परिसर से सटी झोपड़पट्टी पुनर्वास के नाम पर 10 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। पार्टी के राष्ट्रीय नेता किरीट सोमैया के मुताबिक इस घोटाले में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सहित कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेताओं का भी हाथ है।यही नहीं, शिवसेना की प्रवक्ता डॉ. नीलम गोर्हे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में सत्ता मिलने के कारण उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी ने कुल 12,166 करोड़ 62 लाख रुपए के बारह घोटाले किए हैं। इसका जवाब उन्हें देना होगा।

मुंबई के करीब 40 प्रतिशत लोगों को झोपड़पट्टियों में रहना पड़ता है- यहां 67 लाख 20 हजार लोग झोपड़पट्टियों में रहते हैं, जो फिनलेण्ड की कुल आबादी से करीब डेढ़ गुना ज्यादा है। फिनलेण्ड की कुल आबादी करीब 50 लाख है, जो वहां के 384 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली है, जबकि मुंबई के 67 लाख 20 हजार झोपड़पट्टी रहवासियों के पास ऐसा सौभाग्य कहां है- यहां की 40 प्रतिशत आबादी के पास तो यहां की 14 प्रतिशत जमीन ही है, जो कि 140 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा नहीं हो सकती है।

शिवसेना-भाजपा-आरपीआई महागठबंधन ने राकांपा के भ्रष्ट कार्य का पंचनामा पुस्तिका का विमोचन किया है। इसमें राकांपा द्वारा किए गए घोटालों की जानकारी है। इस बारे में गोर्हे ने कहा कि पुणो मनपा में सत्ता देने की अपील उपमुख्यमंत्री द्वारा की जा रही है। सत्ता मिलने पर पवार क्या करते हैं यह लोगों को बताने के लिए पुस्तिका निकाली गई है। मुंबई को यह लोग सोने का अंडा देने वाली मुर्गी कहते हैं, तो पिंपरी-चिंचवड़ को सोने के अंडे देने वाली मुर्गियों का पोल्ट्री फार्म ही कहना पड़ेगा।

गौरतलब है कि  मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मुंबई में आचार संहिता लागू होने से पहले दो बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने 2004 से ठंडे बस्ते में पड़ी धारावी पुनर्विकास योजना को हरी झंडी देने के साथ ही मुंबई के विकास नियंत्रण नियमावली (डीसीआर) में जरूरत के अनुसार संशोधन करने का भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।ुंबई के धारावी एरिया को एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के नाम से जाना जाता है। कुछ साल पहले इस इलाके में स्लमडॉग मिलियनेयर फिल्म की शूटिंग हुई थी। जिसे ऑस्कर पुरस्कार मिला था। महाराष्ट्र सरकार ने करीब 63 सेक्टर में फैले इसी धारावी की झोपड़पट्टी के पुनर्विकास को 2004 में मंजूरी दी थी। धारावी पुनर्विकास योजना की विशेषता यह है कि राज्य सरकार ने यहां 4 एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) दिया हुआ है। इसके साथ ही इस योजना के तहत बनने वाले फ्लैट का कार्पेट एरिया 300 वर्ग फुट रहने वाला है। चूंकि धारावी झुग्गी-झोपड़ी वाला इलाका है। इसलिए सरकार ने पुनर्विकास के तहत बनने वाली इमारतों की देखभाल के लिए १क् वर्ष तक का कॉर्पस फंड जमा करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस निर्णय से म्हाडा द्वारा यहां के सेक्टर-५ में किये जाने वाले पुनर्विकास के काम में गति आयेगी।


सोमैया ने घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। रविवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि यह नया घोटाला पीपीपी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के नाम से किया गया है, जिसे चव्हाण के कार्यकाल में मंजूरी दी गई।


इसमें अपरोक्ष रूप से कृषि मंत्री शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, अहमद पटेल और विलासराव देशमुख जैसे केंद्रीय नेता शामिल हैं। सोमैया के मुताबिक हवाईअड्डे से सटी 200 एकड़ जमीन का आरक्षण बदलकर कमर्शियल जोन में कर दिया गया और जमीन की एफएसआई बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई।


एमएमआरडीए को जमीन का विशेष प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई जबकि प्लान बनाने का अधिकार महानगरपालिका को है। सारा खेल मुंबई हवाईअड्डा प्राधिकरण, महाराष्ट्र सरकार, एमएमआरडीए और निजी बिल्डर की सांठगांठ में रचा गया है। सोमैया ने बताया कि जमीन की बाजार में कीमत 10 हजार रुपए वर्गफुट है। लेकिन जमीन की अल्प कीमत दिखाकर सारा लेने देन हुआ। उन्होंने बताया कि घोटाले की शिकायत कैग,सीवीसी और लोकायुक्त से की जाएगी।



जैसे ही उपमुख्यमंत्री की पत्रपरिषद खत्म हुई, थोड़ी देर बाद ही पुलिस आयुक्त कार्यालय से पत्रकारों को पत्रपरिषद का निमंत्रण दिया गया।मनपा चुनावी सभा को संबोधित करने आए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक अन्य पत्रपरिषद में साफ कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक गाड़ी कांग्रेस के राज्यमंत्री की है।

पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने इस प्रकरण में जानकारी देते हुए कहा कि अभी-अभी हमें मुंबई कांग्रेस कमेटी के सरचिटणीस गणेश पाटिल के लेटरपैड पर लिखा पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमें लिखा है कि यह पैसे मनपा चुनाव में खड़े कांग्रेस के 87 उम्मीदवारों के लिए भेजे गये हैं। हर उम्मीदवारों को एक-एक लाख रुपए दिए जाने हैं।पत्रकारों को पुलिस आयुक्त ने बताया कि पत्र में लिखा है कि यह पैसे पार्टी फंड में भिजवाए गए हैं। पत्रकारों ने पूछा कि पत्र कितने बजे मिला? पुलिस आयुक्त ने कहा कि पत्र पर वक्त नहीं है। यह पत्र मुंबई कांग्रेस कमेटी से भेजा गया है। अब मानें या न मानें, यह आप जानें।

बाकी की रकम शहर कांग्रेस कमेटी के खर्च के लिए दी जाए। पुलिस आयुक्त के अनुसार यह पैसे शनिवार को राज्य के ऊर्जा मंत्री तथा नागपुर के पालकमंत्री राजेंद्र मुलक के निवासस्थान से गाड़ी में रखे गये थे। शनिवार को नगर में पकड़ी गयी गाड़ी सहित आशीष माणिकराव बोधनकर व प्रकाश मसराम को हिरासत में लिया गया था।

इनमें से आशीष माणिकराव बोधनकर राज्य मंत्री राजेंद्र मुलक का पीए बताया गया है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि पकड़ी गयी रकम ट्रेजरी में रखी जाएगी। इस प्रकरण में सोमवार को 155 नियम के तहत और अधिक जांच करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी जाएगी।




सुभाष घई के पीछे किसका हाथ


सोमैया ने बताया कि फिल्म निर्माता सुभाष घई की कंपनी मुक्ता आर्ट को जमीन देने का यह पहला मामला नहीं है। मुंबई से पहले दिल्ली व आंध्रप्रदेश में भी मुक्ता आर्ट को सस्ती दर पर जमीन आवंटित कराई जा चुकी है। जिन-जिन राज्यों में मुक्ता आर्ट को जमीन आवंटित की गई वहां कांग्रेस की सरकार रही है। घई को जमीन आवंटित करने के पीछे किसका हाथ है, इसका खुलासा होना चाहिए।


सोमैया के अनुसार आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी ने हैदराबाद के ऐतिहासिक गोलकुंडा किले के पास 20 एकड़ जमीन अल्प कीमत पर दी थी। दिल्ली के झाझर स्थित एनसीआर क्षेत्र में 20 एकड़ जमीन मुक्ता आर्ट को दी गई।


हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्रसिंह हुड्डा ने केवल 8 करोड़ रुपए में जमीन घई की कंपनी को आवंटित की थी। सोमैया के अनुसार गलत तरीके से दी गई तीन जमीनों में से दो जमीन आवंटन को उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। मुक्ता आर्ट को गोरेगांव फिल्म सिटी में 20 एकड़ जमीन कौड़ियों के भाव में देने के मामले में सोमैया ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से विलासराव देशमुख को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है।


श्री सोमैया के मुताबिक बेटे रितेश को फिल्म इंडस्ट्री में जमाने के लिए श्री देशमुख ने 66 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन केवल 3 करोड़ में मुक्ता आर्ट को दे दी। इसे लेकर बांबे हाईकोर्ट ने श्री देशमुख को फटकार लगाई है। श्री सोमैया ने मुंबई मेट्रो रेल, मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट, मीठी नदी, बांद्रा-नरिमन प्वाईंट सी लिंक, नवी मुंबई हवाईअड्डा, मुंबई-न्हावा शेवा सी लिंक और मुंबई गोवा महामार्ग को लेकर भी कांग्रेस-राकांपा के मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठाए।




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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