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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Monday, November 11, 2013

एक मुश्त दो लाख नब्वे हजार युवा हाथ बेकार আজ থেকে রাস্তায় থাকবে না গ্রিন পুলিস, চাকরির অনিশ্চয়তায় লক্ষাধিক যুবক-যুবতি

एक मुश्त दो लाख नब्वे हजार युवा हाथ बेकार

আজ থেকে রাস্তায় থাকবে না গ্রিন পুলিস, চাকরির অনিশ্চয়তায় লক্ষাধিক যুবক-যুবতি


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

महीने भर के लिए बंगाल में मां माटी मानुष की सरकार ने एक लाख पैंतालीस हजार युवाओं को बतौर ग्रीन पुलिस नियुक्त किया था।अक्तूबर की नौ तारीख को सिविक वालिन्टीयर या ग्रीन पुलिसकर्मी बतौर दैनिक 141 रुपये 81 पैसे के करार पर इन युवाओं को महीनेभर के लिए नौकरी मिली थी।अब राज्य सरकार ने उत्सवों के समापन पर इनके करार का नवीकरण करने से सिरे से इंकार कर दिया है और एक मुश्त दो लाख नब्वे हाजार युवा हाथ बेकार हो गये हैं।


महीनेभर के करार पर नियुक्ति के वक्त हालांकि सत्तादल के मंत्री नेता इन युवाओं से लाखों की तादाद में नौकरियां देने का वायदा करते रहे।


महीनेभर की इस परियोजना पर सरकारी खर्च 55 करोड़ हुए।इसीलिए आर्थिक बदहाली के मद्देनजर इस परियोजना कोआगे खींचना असंभव हो गया।


इसीतरह तदर्थ पुलिस कर्मियों की नियुक्तियां बड़े पैमाने पर माओवाद प्रभावित जंगल महल में भी हुई हैं। ग्रीन पुलिस के हश्र के मद्देनजर उन नौकरियों के भविष्य पर भी प्रश्न चिह्न लग गया है।सवाल उठ रहे हैं कि राजनीतिक कारमों से जो असंख्य नियुकितयां ठेके पर की जा रही हैं,उनके लिए लगातार भत्तेसमेत वेतन किस मद से खर्च करेगी सरकार।


अभी हाल में स्कूली शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति हेतु ली गयी परीक्षा में करीब सैंतालीस लाख युवाओं की फजीहत हुई लेकिन पचास हजार की भी नियुक्ति नहीं हो सकी। घोषित 46 हजार पदों में भी आरक्षित श्रेणी में योग्य प्रार्थी न मिलने से नियुक्ति नहीं हो पायी। लेकिन रोजाना सरकार लाखों को नौकरियां देने की कवायद में लगी है।एक के बाद एक परीक्षा ली जा रही है।पर नियुक्तियां हो नहीं रही है।


गौरतलब है कि  साल 2013 के अंत तक शिक्षा उद्योग में लगभग एक लाख रिक्तियां निकालने की घोषणा राज्य सरकार ने कर दी है। कोलकाता के राज्य शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में लगभग प्राथमिक शिक्षकों के लिए 35,000 रिक्तियां निकाली गयी हैं। वहीं सेकेंडरी स्कूल में 36,000 रिक्तियां निकाली जाएंगी। इसके अलावा बाकी रिक्तियां तृत्तीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में है।


बसु ने पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस परीक्षा के नतीजों की घोषणा करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विज्ञान विषय पढ़ाने के लिए प्रतिभाशाली उम्मीदवारों की काफी कमी है। पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस परीक्षा के लिए कुल 5.70 लाख उम्मीदवार बैठ थे लेकिन सिर्फ  36,590 ही इसको पास कर पाए। जबकि कुल रिक्तियां 46,416 थीं।


एक तरफ नौकरी केआश्वासन हैं तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल सरकार ने अक्तूबर में ही एक योजना शुरू की, जिसके अंतर्गत राज्य के बेरोजगार युवकों को 1500 रुपए की मासिक सहायता दी जाएगी।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'युवाश्री' योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि रोजगार कार्यालयों में एक लाख युवक लिस्टेड हैं, जिन्हें पहले चरण में प्रत्येक महीने यह राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बेरोजगारी भत्ता नहीं है, बल्कि उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए दी जाने वाली सहायता है। पश्चिम बंगाल में करीब एक करोड़ बेरोजगार हैं। राज्य की कुल आबादी आठ करोड़ है।


पूरे भारत में सबसे अधिक पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या पश्चिम बंगाल में ही है। इसे 34 साल की वाममोर्चा सरकार की "महत्वपूर्ण उपलब्धि" कहा जा सकता है। प. बंगाल में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगभग 64 लाख है। यह आंकड़ा केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने प्रस्तुत किया है। आंकड़ों के अनुसार 31 मई, 2010 तक प. बंगाल के रोजगार केन्द्रों में दर्ज किए गए बेराजगारों की संख्या 63 लाख 96 हजार 900 है। राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खडगे ने यह जानकारी दी है। उनके द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार सन् 2007 से 2009 तक पश्चिम बंगाल में कुछ 13,000 से कुछ कम बेरोजगारों को रोजगार मिला। सन् 2007 में 5,300, सन् 2008 में 5,100 एवं सन् 2009 में 2900 बेरोजगारों को नौकरी मिली। इसकी तुलना में बेरोजगारों को काम दिलवाने में बंगाल से बहुत आगे है गुजरात। मजदूरों की सरकार का दावा करने वाली प. बंगाल सरकार से एकदम अलग और लगातार विरोधियों के निशाने पर रहने वाली गुजरात सरकार की प्रशंसा तो अब हर कोई कर रहा है। केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के अनुसार गुजरात राज्य सरकार ने 2007 में 1 लाख 78 हजार 300, 2008 में 2 लाख 17 हजार 700 एवं 2009 में 1 लाख 53 हजार 500 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। द्रमुक के सांसद कानीमोजी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केन्द्रीय श्रममंत्री ने बताया कि पूरे देश के रोजगार केन्द्रों में नाम दर्ज कराने वाले बेरोजगारों की संख्या 3 करोड़ 78 लाख 86 हजार 500 है। प. बंगाल के बाद दूसरे नम्बर पर तमिलनाडु में 55 लाख 65 हजार, केरल में 42 लाख 75 हजार, महाराष्ट्र में 30 लाख 14 हजार 300, उत्तर प्रदेश में 20 लाख 18 हजार, मध्य प्रदेश में 19 लाख 46 हजार 100 और आन्ध्र प्रदेश में 19 लाख 4 हजार 700 बेरोजगार हैं।


लेकिन परिवर्तन राज में हालात सुधरे हैं,ैसा दावा भी नहीं किया जा सकता।


इसी बीच पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने फार्मेसिस्ट, नर्स और आईटीआई प्रशिक्षु के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन-पत्र आमंत्रित किए हैं. पात्र अभ्यर्थी 20 नवंबर 2013 को या उससे पूर्व ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

डब्ल्यूबीएसईडीसीएल पश्चिम बंगाल पॉवर रिफॉर्म स्कीम, 2007 के उपबंधों के अंतर्गत 1 अप्रैल 2007 को गठित की गयी थी. यह राज्य में 33 केवी या उससे कम लेवल पर पॉवर-वितरण के लिए उत्तरदायी है. राज्य-यूटिलिटी की उपभोक्ता-संख्या इस समय 68 लाख से अधिक की है.


महत्त्वपूर्ण तिथियाँ

•    ऑनलाइन आवेदन-फॉर्मों की आरंभिक तिथि : 29 अक्तूबर 2013

•    ऑनलाइन आवेदन-फॉर्मों की अंतिम तिथि : 20 नवंबर 2013

•    आवेदन-फॉर्म प्राप्त करने की अंतिम तिथि : 30 नवंबर 2013

•    लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश-पत्र डाउनलोड करने की तिथि : 12 दिसंबर 2013

•    लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश-पत्र डाउनलोड करने की तिथि : 22 दिसंबर 2013


रिक्तियों का विवरण

पद का नाम

•    फार्मेसिस्ट : 2 पद

•    नर्स : 6 पद

•    आईटीआई प्रशिक्षु : 490 पद

रिक्तियों की कुल संख्या : 498 पद


आयु-सीमा

•    फार्मेसिस्ट और आईटीआई प्रशिक्षु के पदों के लिए अभ्यर्थियों की आयु 1 जनवरी 2013 को 18-27 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

•    नर्स के पदों के लिए अभ्यर्थियों की आयु 1 जनवरी 2013 को 18-30 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

•    आयु में छूट नियमानुसार देय होगी.


शैक्षिक योग्यता

•    फार्मेसिस्ट : एआईसीटीई द्वारा मान्यताप्राप्त किसी संस्थान से फार्मेसी में डिप्लोमा.

•    नर्स : विज्ञान में हायर सेकेंडरी या समकक्ष और पश्चिम बंगाल सरकार स्वास्थ्य सेवा या एआईसीटीई से जनरल नर्सिंग मिडवाइफ में डिप्लोमा के साथ 2 वर्ष का कार्य-अनुभव.

•    आईटीआई प्रशिक्षु : 10वीं पास या समकक्ष और औद्योगिक प्रशिक्षण निदेशक, पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन किसी सरकारी आईटीआई से एनसीटीवीटी के अंतर्गत ट्रेड-सर्टिफिकेट.


आवेदन-शुल्क

•    सामान्य और ओबीसी श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवेदन-शुल्क के रूप में रु.250/- और पीएच अभ्यर्थियों को रु.150/- का भुगतान करना है.

•    शुल्क एक ट्रिप्लिकेट चालान के माध्यम से यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की किसी शाखा में जमा करना है.

•    डिमांड ड्राफ्ट/मनी ऑर्डर/पोस्टल ऑर्डर या भुगतान का कोई भी अन्य तरीका स्वीकार्य नहीं है.

•    एससी/एसटी और छूटप्राप्त श्रेणी के अभ्यर्थियों को शुल्क से छूट है.


वेतनमान

•    फार्मेसिस्ट : रु.6300-20200/- + जीपी रु.3600/-

•    लैब टेक्नीशियन : रु.6300-20200/- + जीपी रु..2600/-

•    स्टाफ नर्स : रु.6300-20200/- + जीपी रु..2600/-



चयन-प्रक्रिया

अभ्यर्थियों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा.


आवेदन कैसे करें

अभ्यर्थियों को आधिकारिक वेबसाइट : www.wbsedcl.in के माध्यम से 20 नवंबर 2013 से पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है. अन्य किसी तरीके से आवेदन-पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे.

ऑनलाइन भर्ती आवेदन-पत्र सबमिट करने के बाद अभ्यर्थियों को उसे डाउनलोड कर A-4 साइज पेपर पर उसका प्रिंट लेकर उसे निर्दिष्ट दस्तावेजों के साथ विज्ञापनदाता, पोस्ट बैग नं. 781, सर्कस एवेन्यू पोस्ट ऑफिस, कोलकाता – 700017 को 30 नवंबर 2013 से पूर्व भेजना आवश्यक है. जिस लिफाफे में फॉर्म भेजा जाए, अभ्यर्थियों को उस पर "________पद के लिए आवेदन" लिखना चाहिए.

 


আজ থেকে রাস্তায় থাকবে না গ্রিন পুলিস, চাকরির অনিশ্চয়তায় লক্ষাধিক যুবক-যুবতিতড়িঘরি চাকরি দিতে হবে। তাই নির্দিষ্ট পরীক্ষা ছাড়াই বিজ্ঞপ্তি দিয়ে গ্রিন পুলিস হিসাবে চাকরি দেওয়া হয়েছিল  লক্ষাধিক যুবক-যুবতীকে। মাত্র এক মাস চাকরির মেয়াদ। আজ সেই মেয়াদ ফুরোনোর শেষ দিন। সরকার ঠিক করেছে আর মেয়াদ বাড়ানো হবে না কারো। ফলে এক সঙ্গে এ রাজ্যে  চাকরি হারিয়ে অনিশ্চয়তার মুখে পড়লেন গ্রিন পুলিসের লক্ষাধিক যুবক-যুবতী।  


গত মাসের ৯ তারিখ স্বরাষ্ট্র দফতর বিজ্ঞপ্তি দিয়ে জানায় রাজ্যসরকার সিভিক ভলেন্টিয়ার্স ফোর্স বা গ্রিন পুলিস নিয়োগ করবে। সেই অনুযায়ী প্রতিটি জেলা পুলিস সুপারের কাছে নির্দেশ পৌঁছায় লোক নিয়োগের জন্য। নির্দেশ অনুসারে প্রতিটি জেলা মিলিয়ে ১ লক্ষ ৪৫ হাজার যুবক-যুবতীকে নিয়োগ করা হয়। দিনে ১৪১ টাকা ৮১ পয়সা দেওয়ার চুক্তি হয়।


চুক্তির মেয়াদ এক মাসের জন্য হলেও চাকরি দেবার পর শাসক দলের একাধিক নেতা মন্ত্রীরা বিভিন্ন প্রকাশ্য সভায়  লক্ষাধিক চাকরি দেবার দাবি করতে থাকেন। স্বাভাবিকভাবে কর্মরত ওই পুলিসরা ভাবতে থাকেন সম্ভবত তাদের এই চাকরির মেয়াদ বাড়ানো হবে। কিন্তু সে স্বপ্ন সত্যি হয়নি। সূত্রের খবর গোটা প্রকল্পের জন্য খরচ হয়েছিল ৫৫ কোটি টাকা। তাই তা আর চালানো সম্ভব হয়নি। প্রশ্ন উঠছে এক মাসের মেয়াদের এই চাকরি শুধুমাত্র জেলা পুলিশ সুপারের আবেদনের ভিত্তিতে কিভাবে সম্ভব হল। কেনই বা নেতা মন্ত্রীরা এই চাকরিগুলিকে কর্মসংস্থান বললেন। বিষয় যাই হোক না কেন একসঙ্গে এতজন একদিনে আবার অনিশ্চয়তার মুখে পড়ে গেলেন তা বলাই যেতে পারে।


टीवी चैनल 24 घंटा की बांग्ला न्यूज


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