Total Pageviews

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Saturday, November 30, 2013

कुणाल के बाद किसकी बारी,मंत्री सांसद किसी की भी हो सकती है गिरफ्तारी! কেউ টাকা তুলবেন না, দলের অন্দরে বার্তা দিলেন মমতা সারদা নিয়ে সল্টলেকে ধুন্ধুমার বিধানসভা বয়কট, রানি রাসমণি রোডে প্রতিবাদ সভা, কলকাতা জুড়ে থানা ঘেরাও, বিভিন্নভাবে প্রতিবাদে সরব বামেরা

कुणाल के बाद किसकी बारी,मंत्री सांसद किसी की भी हो सकती है गिरफ्तारी!


কেউ টাকা তুলবেন না, দলের অন্দরে বার্তা দিলেন মমতা

সারদা নিয়ে সল্টলেকে ধুন্ধুমার

বিধানসভা বয়কট, রানি রাসমণি রোডে প্রতিবাদ সভা, কলকাতা জুড়ে থানা ঘেরাও, বিভিন্নভাবে প্রতিবাদে সরব বামেরা


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


ममता बनर्जी ने शारदा फर्जीवाड़े मामले में उन्हें कुणाल घोष के खुलासे के बाद कटघरे में खड़ा करने की मुहिम का जवाब देना शुरु कर दिया है। अपनी छवि के बारे में अतिसजग दीदी इसे कतई बर्दाश्त नहीं करने वाली। खासकर आगामी लोकसभा चुनावों के बाद प्रधानमंत्रित्व की दावेदारी के मद्देनजर इस गोरखधंधे से बाहर निकलना बेहद जरुरी है।दीदी वामदलों और कांग्रेस पर कोई मेहरबानी नहीं करेंगी और निर्ममता से उनका सफाया करेंगी।पिछले लोकसभा चुनावों से अबतक हुए चुनावों के नतीजे बताते हैं कि अपने हक में समीकरण बदलने की महारत दीदी ने हासिल कर ली है।दीदी ने साफ भी कर दिया है कि तृणमूल कांग्रेसियों को वसूली की इजाजत नहीं है।कुमाल घोष का नाम लिये बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और पार्टी चिटफंड के पैसे से नहीं चलतीं।उन्होंन चिटफंड कारोबार का ठिकार फिर वाम शासन के मत्थ फोड़ दिया है।


शारदा फर्जीवाड़े के भंडाफोड़ के तुरंत बाद जिस आक्रामक अंदाज में दीदी ने दागी सांसदों, मंत्रियों, विधायकों और पार्टी नेताओं का मैदान में उतर कर बचाव करते हुए इस प्रकरण को रफा दफा करने की मुहिम चलायी,इसके मद्देनजर किसी के लिए यह अंदाजा लगाना ही मुश्किल था कि दीदी आखिरकार अपने प्रिय सांसद कुणाल घोष को जेल भेजने के लिए तैयार हो जायेंगी।गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य रहे कुणाल घोष को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में बीते माह पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।


पराया पाप अपने मत्थे ओढ़ने का काम दीदी नहीं करतीं। जाहिर है कि कुमाल के खुलासे से अगर मामला इसी तरह तुल पकड़ता रहे तो सीबीआई जांच हो या नहीं,यह तय है कि अभियुक्तों में अतिमहत्वपूर्ण सांसद या मंत्री किसी की भी इस सिलसिले में गिरफ्तारी हो सकती है,चाहे वह दीदी के कितने ही नजदीक क्यों न हो। सही मायने में सत्ता खेमे में अब खलबली इसी को लेकर है कि अब कुणाल के बाद किसकी बारी है।


अगर दीदी के अति घनिष्ठ और परिवर्तन हवा रचने वाले मीडिया महारथी कुमाल घोष बलि पर चढ़ाये जा सकते हैं,तो दूसरो पर सुर्खाव के पर नहीं लगे हैं कि दीदी सत्ता और पार्टी की कीमत पर उन्हें बख्शते हुए खुदकशी का विकल्प चुन लेंगी।इतनी भोली भी वह नहीं हैं।तृणमूल कांग्रेस से निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष भले ही गिरफ्तार हो चुके हों, पर अपने रिकॉर्डेड बयान के जरिये उन्होंने शारदा घोटाले में राज्य सरकार, खासकर मुख्यमंत्री व तृणमूल महासचिव मुकुल राय पर गंभीर आरोप लगाये हैं।अब जाहिर है कि तीर कमान से छूट चुका है और किसी न किसी की जान तो निकलनी ही है। कुणाल ने सरेआम दीदी के खिलाफ आरोप लगाये तो उनकी गिरफ्तारी हुई।ळेकिन अबकी दफा जरुरी नहीं कि किसी खुलासे के बाद ही कोई गिरफ्तारी हो और चापलूस वृंद वृंद संगीत गाते हुए चांदी काटते रहे और दीदी तमाशा बनती जाये।अपने रिकॉर्डेड बयान में कुणाल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन के कामकाज के संबंध में जानकारी थी।


कुमाल घोष को अदालत में गोपनीय बयान रिकार्ड कराने की इजाजत मिल गयी है,जिसके कानूनी नतीजे मां माटी मानुष की सरकारे के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं।पूरा मामला शतरंज केशह मात के खेल में तब्दील है।मात होने से पहले किस गोटी को कब खपाना है,कुल मिलाकर खेल यही है।


मजे की बात है कि  हजारों लोगों को चूना लगाने वाले शारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन ने कुमाल के बयानों के मद्देनजर दीदी का बचाव किया है और कहा है  कि समूह के मीडिया सीईओ कुणाल घोष ने जिन लोगों का नाम लिया है, उनका कंपनी से कोई संबंध नहीं रहा है।


सेन ने यहां जिला अदालत परिसर में संवाददाताओं से कहा, '' कुणाल ने जिन 14 लोगों का नाम लिया है, वे कभी भी शारदा समूह से जुड़े नहीं रहे हैं। ''


 सेन ने दावा किया कि 14 लोगों ने शारदा समूह से कभी भी कोई लाभ नहीं लिया क्योंकि वे इससे जुड़े नहीं हुए थे।उन्होंने आरोप लगाया कि घोष सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण लोगों का नाम ले रहे हैं। सेन को 23 अप्रैल को कश्मीर के सोनमर्ग में गिफ्तार किया गया था।



इसी बीच विधाननगर मोहोकुमा की एक अदालत ने शारदा ग्रुप चिट फंड घोटाले के आरोपी राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। न्यायाधीश और कुमार घोष ने मामले की सुनवाई के बाद कुणाल घोष को दो सप्ताह के लिये जेल भेजे जाने का आदेश दिया।इससे पहले वह पांच दिन से पुलिस रिमांड पर थे। कुणाल ने अदालत से कहा कि वह पिछले सात माह से मामले की जांच के दौरान पुलिस को सहयोग करते आ रहे हैं। इसलिए अब उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। लेकिन अदालत ने उनका अनुरोध ठुकराते हुए उन्हें आगामी 13 दिसंबर को अदालत में पेश किए जाने का पुलिस को आदेश दिया।


मालूम हो कि शारदा ग्रुप चिटफंड घोटाले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोपों से घिरती नजर आ रही हैं।वामदलों और कांग्रेस के साथ बंगाल भाजपा ने भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग लेकर मुहिम तेज कर दी है। कुछ ही दिन पहले इस मामले में गिरफ्तार तृणमूल सांसद कुणाल घोष ने ममता पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। टीएमसी के निलंबित सासंद कुणाल घोष ने गिरफ्तारी से पहले एक सीडी रिकॉर्ड की थी और उसी सीडी में ये दावा किया गया है। ममता बनर्जी को चिटफंड घोटाले की पूरी जानकारी थी फिर भी समय रहते उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।


सीडी में कुणाल ने ये भी दावा किया कि शारदा ग्रुप ने ममता को पीएम बनवाने के सपने दिखाए थे। कुणाल का आरोप है कि ममता इस चैनल का इस्तेमाल पीएम की दावेदारी के लिए करना चाहती थीं।

कुणाल घोष ने इस मसले पर तृणमूल के और भी कई दिग्गज मंत्रियों का नाम सीडी लिया। आपकों बता दें कि शारदा समूह ने अपनी चिटफंड योजनाओं के जरिए लोगों से 23 सौ करोड़ रूपये की ठगी की थी। इसके खिलाफ अप्रैल में कार्रवाई की गई थी। कुणाल घोष सारदा समूह की मीडिया शाखा के प्रमुख थे।


केंद्र ने राज्य सरकार को किया था आगाह

बागी सांसद ने गिरफ्तारी से पहले जो बयान मीडिया के लिए रिकार्ड कराया ,उसके मुताबिक ममता बनर्जी को केंद्र सरकार की ओर से आगाह करते हुए पत्र भी दिया गया था।लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें (कुणाल घोष को) सुदीप्त सेन के पास काम करने से नहीं रोका। सारी जानकारी होने पर भी उन्हें आगाह नहीं किया गया।


अपने बयान में कुणाल ने कहा है कि सुदीप्त सेन से तृणमूल कांग्रेस ने भरपूर फायदा उठाया। लाभ लेने वालों में बड़े नेताओं से लेकर समूची पार्टी है। कुणाल घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सांसद शुभेंदू अधिकारी ने कांथी में परियोजना के लिए सुदीप्त सेन से पैसे लिये थे। सुदीप्त ने बताया था कि शुभेंदू ने पहले ही तीन-साढ़े तीन करोड़ रुपये लिये हैं व वह और पैसे मांग रहे हैं। इसकी जानकारी उन्होंने (कुणाल) मुख्यमंत्री को दी तो मुख्यमंत्री ने सुदीप्त को और पैसे देने से मना किया।


लपेटे में कई नेता

परिवहन मंत्री मदन मित्र पर भी आरोपों के तीर छोड़ते हुए कुमाल का कहना था कि मदन मित्र ने सुदीप्त सेन का गुणगान सारधा के कार्यक्रमों में किया है। वह खुद तो मीडियाकर्मी होने के कारण शारदा के साथ जुड़े लेकिन मदन मित्र क्यों जुड़े। वह क्यों सुदीप्त का गुणगान करते रहे।


कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ भी शारदा का गुणगान करने वालों में शामिल थे।   पुरकायस्थ ने क्या खुद सुदीप्त की प्रशंसा की या किसी ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा?  दक्षिण कोलकाता के संगोष्ठी क्लब की एक पूजा के लिए 18-20 लाख रुपये का विज्ञापन किसके कहने पर सुदीप्त सेन ने दिया। यह जांच का विषय है।


मीडिया इकाई शुरू करने का मकसद

रोज वैली के गौतम कुंडू के साथ सुदीप्त सेन ने बैठक कर कहा था कि उन्हें मीडिया का शौक है।    


वह चाहते हैं कि देश भर में उनका मीडिया साम्राज्य रहे। एक बैठक में सुदीप्त ने कहा था कि ममता प्रधानमंत्री बनेंगी। ममता वहां मौजूद थीं। अंगरेजी, बांग्ला, हिंदी और उर्दू सहित कई भाषाओं में देश भर में अखबार प्रकाशित करने और चैनल शुरू करने की बात सुदीप्त ने कही. सारधा ने अपना समाचार पत्र, चैनल बनाया।


सबसे गंभीर आरोप तो यह है कि दो हजार करोड़ रुपये के सारधा समूह का 10 फीसदी पैसा भी यदि मीडिया में लगा यानी 200 करोड़ रुपये भी खर्च हुए तो उसका समूचा लाभ तृणमूल कांग्रेस को ही दिया गया। कुणाल का कहना था कि  तृणमूल को दो हजार करोड़ के शारदा समूह से फायदा हुआ।


कुणाल ने कहा कि तृणमूल महासचिव मुकुल राय के साथ सुदीप्त सेन की निजाम पैलेस में बैठक हुई। बैठक में रजत मजूमदार भी थे। मुकुल राय व पार्टी के आला नेतृत्व को सभी कुछ मालूम था।


कुणाल के मुताबिक मुकुल चाहते तो मामले की जांच में पूरा सहयोग कर सकते थे।कुणाल घोष ने कारोबारी आसिफ खान का भी नाम लिया है। उनका कहना था कि आसिफ खान भी जांच में सहायता कर सकते हैं। कुणाल का कहना था कि सारधा कांड में पुलिस की जांच में सहायता मुकुल राय, आसिफ खान, एस चक्रवर्ती, सोमेन बोस, तृणमूल सांसद सृंजय बोस, पूर्व सांसद टुटु बोस, सौमिक बोस, तृणमूल सांसद केडी सिंह, मतंग सिंह, परिवहन मंत्री मदन मित्र व रजत मजूमदार कर सकते हैं। उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि सुदीप्त सेन के अखबार आजाद हिंद व कलम अभी भी चल रहे हैं। इन्हें कौन  फाइनेंस कर रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। अतीत में कई अखबार बंद हुए लेकिन उन्हें तो खोलने की कोशिश नहीं की गयी। इन अखबारों को तृणमूल कांग्रेस या उनके करीबी मदद कर रहे हैं। वह वहां केवल नौकरी करने गये थे लेकिन उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।


कुणाल की शिकायत है कि पूरा फायदा लेने वाले बच गये। कहा जा रहा है कि कुछ छिपाया नहीं जायेगा लेकिन जो छिप रहे हैं वही यह बात कह रहे हैं। सुदीप्त सेन ने सीबीआइ को लिखे अपने पत्र के जरिये नाटक किया था। यदि उनके आइटी विभाग में गड़बड़ी थी तो उन्होंने कदम क्यों नहीं उठाया। अपने संबोधन में कुणाल घोष यह बार-बार कहते दिखे कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रहे केवल इतना कह रहे हैं कि मामले की जांच में उपरोक्त व्यक्ति सहायता कर सकते हैं। माना जा रहा है कि यही सीडी उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पहले ही सौंप दी है।


आंदोलन


राज्यसभा सांसद कुणाल घोष के खुलासे के बाद से अब तक सिर्फ विरोधी दल के नेता मीडिया के माध्यम से ही सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। परंतु, गुरुवार से शारदा कांड में कुणाल घोष द्वारा नाम लिए गए बाकी लोगों से पूछताछ व गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गया। विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के निकट विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ आंदोलनकारियों की धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में पुलिस ने सुजन चक्रवर्ती, सुनंद सान्याल समेत 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गए।जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।


सभी थानों के समक्ष शुक्रवार को वामदलों की ओर से प्रदर्शन भी किया गया। करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले की जांच व मुआवजा देने की प्रक्रिया पर ममता बनर्जी की सरकार की भूमिका पर वाम मोरचा ने कई सवाल उठाये हैं। राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने कहा कि घोटाला हजारों करोड़ का हुआ है, जबकि तृणमूल सरकार ने पीड़ितों के लिए 500 करोड़ रुपये मुआवजा की घोषणा की है। लेकिन मुआवजे की राशि कहां से और कैसे जुटायी गयी? जनता का पैसा जनता के बीच बांटा जा रहा है। आखिर सरकार घोटाला करनेवालों की संपत्ति जब्त करने की पहल क्यों नहीं कर रही, जनता क्या इन बातों को नहीं समझ रही? यदि तृणमूल सरकार ऐसा सोचती है, तो वह गलत है।


सरकार अपना रही उदासीन रवैया

विमान बसु ने आरोप लगाया कि इस घोटाले की जांच व मुआवजे की प्रक्रिया पर तृणमूल सरकार की भूमिका उदासीन है। बसु शुक्रवार को रानी रासमणि एवेन्यू में वाम मोरचा द्वारा आयोजित धरना-प्रदर्शन व विरोध सभा को संबोधित कर रहे थे। मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र, मोहम्मद सलीम, क्षिति गोस्वामी, रॉबिन देव, रेखा गोस्वामी समेत वाम मोरचा के अन्य नेता भी मौजूद थे।      


विधाननगर कांड की निंदा की : चिटफंड कंपनी में निवेश कर ठगी के शिकार बने लोगों और एजेंटों को लेकर गठित फोरम द्वारा सारधा चिटफंड कांड की जांच सीबीआइ से कराये जाने की मांग पर विधाननगर कमिश्नरेट के निकट प्रदर्शन व ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान पूर्व सांसद व माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती समेत बुद्धिजीवियों, शिक्षाविद् व अन्य दलों के नेताओं की हुई गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए विमान बसु ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार के सत्ता के दौरान लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है। विपक्षी दलों को दबाने का प्रयास तो किया ही जा रहा है। साथ ही विरोधी दलों के नेताओं पर झूठे मामले भी लगाये जा रहे हैं। आरोप के मुताबिक सत्तारूढ़ दल के इशारे पर पुलिस कार्य कर रही है।

अन्य आरोपियों से भी हो पूछताछ : शारदा चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआइ से कराये जाने की मांग दोहराने के साथ माकपा नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि शारदा मामले में कई नामों का खुलासा हुआ है, जिसमें कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों और सांसदों सहित शीर्ष स्तर के नेताओं के नाम शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की जांच में स्थानीय पुलिस और राज्य प्रशासन सही दिशा में नहीं जा रहे. मिश्र ने प्रश्न किया कि सीबीआइ जांच के बाद अगर कर्नाटक के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है या किसी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को जेल भेजा जा सकता है, तो इस मामले की सीबीआइजांच क्यों नहीं हो सकती? इस मामले में कई खुलासे होने बाकी हैं और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।


चिट फंड कंपनी में निवेश कर ठगी के शिकार लोगों व एजेंटों को लेकर गठित एक फोरम की ओर से विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन देने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस आंदोलन का नेतृत्व माकपा नेता व पूर्व सांसद सुजन चक्रवती, कभी परिवर्तन बुद्धिजीवी कहें जाने वाले शिक्षाविद् सुनंद सान्याल, असीम चटर्जी, समीर पुतटूंडू आदि प्रमुख थे। अपराह्न करीब तीन बजे जब जुलूस ज्ञापन देने के लिए पुलिस आयुक्त के दफ्तर के निकट पहुंचे तो पुलिस ने रोका। इसके बाद सुजन, सान्याल व अन्य नेता ज्ञापन देने के लिए कौन-कौन लोग जाएंगे इस का विचार करने लगे। आरोप है कि उसी वक्त अचानक भारी संख्या में पुलिस वाले आए और सभी को धक्का देकर बाहर निकालते हुए 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। विधाननगर के पुलिस उपायुक्त(मुख्यालय) सुब्रत बनर्जी का कहना है कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व अवैध घुसपैठ के मामले में सुजन, सुनंद समेत 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बनर्जी का कहना है कि बिना अनुमति यहां लोग वे आए थे। जबकि सुजन का कहना है कि अनुमति पहले ही ले ली गई थी।


इस घटना को लेकर काफी देर तक पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय व विधाननगर उत्तर थाने के निकट हो-हल्ला और आपाधापी मची रही। इस गिरफ्तारी व पुलिस की बदसलूकी के विरोध में वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने कहा कि महानगर के सभी थानों के समक्ष शुक्रवार को प्रदर्शन किया जाएगा और रानी रासमणि एवेन्यू में दोपहर 12.30 से लेकर शाम चार बजे तक धरना दिया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद सुनंद सान्याल ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले ममता उनका पांव छूती थी और अब उनकी पुलिस उन्हें लाठी मार रही है और गिरफ्तार किया है। माकपा नेता श्यामल चक्रवर्ती ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध को इस तरह से पुलिस ने कुचला है इसे लेकर मुकदमा करेंगे। क्योंकि, चोर को बाहर और साधुओं को बंद किया जा रहा है। सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ईमानदारी की प्रतीक हैं तो वह क्यों नहीं सीबीआइ जांच करा रही हैं। विधाननगर पुलिस मुख्य अभियुक्तों को बचा रही है।


कुणाल घोष के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की चेतावनी

तृणमूल कांग्रेस के सांसद शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने शारदा चिट फंड घोटाले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार पार्टी सांसद कुणाल घोष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुणाल द्वारा राजनीति से प्रेरित गढ़े हुए आरोप लगाने के कारण किया। घोष ने शनिवार को गिरफ्तारी के बाद एक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर 12 ऐसे व्यक्तियों के नाम उजागर किए, जो शारदा चिट फंड घोटाले में जांचकर्ताओं की मदद कर सकते हैं।


बाद में एक बांग्ला समाचार चैनल पर घोष ने सोशल साइट पर किया अपना दावा फिर से दोहराया और बताए गए व्यक्तियों के शारदा कंपनी से संबंध के बारे में ब्यौरा भी दिया।

अधिकारी ने घोष और समाचार चैनल के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी कर घोष को 7 दिनों के अंदर माफी मांगने के लिए कहा है। अधिकारी ने कहा कि यदि घोष माफी नहीं मांगते हैं तो वह उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, 'घोष के आरोप झूठे, गढ़े हुए और राजनीति प्रेरित हैं। उन्होंने ऐसा मुझसे दुर्भावना और ईर्ष्या रखने के कारण किया। अगर वह या उनका परिवार एक हफ्ते के अंदर माफी नहीं मांगता तो मैं कानूनी कार्रवाई का सहारा लूंगा और उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।'


বিধানসভা বয়কট, রানি রাসমণি রোডে প্রতিবাদ সভা, কলকাতা জুড়ে থানা ঘেরাও, বিভিন্নভাবে প্রতিবাদে সরব বামেরা


Kolkata

সারদা-কাণ্ডে সরকারের বিরোধীতায় আজ রাস্তায় এসএফআই, ডিওয়াইএফআই

http://zeenews.india.com/bengali/

বিধানসভা বয়কট, রানি রাসমণি রোডে প্রতিবাদ সভা, কলকাতা জুড়ে থানা ঘেরাও। সাম্প্রতিক জ্বলন্ত ইস্যুগুলিতে পথে নেমে প্রতিবাদে সরব হল বামেরা। রাজ্যের মানুষের আস্থা ফেরাতে বামেদের তরফে নেওয়া হয়েছে সর্বাত্মক আন্দোলনের কর্মসূচি। সারদা কেলেঙ্কারীর তদন্তের দাবি জানাতে গিয়ে বৃহস্পতিবার বিধাননগর কমিশারেটে আক্রান্ত হন শিক্ষাবিদ সুনন্দ সান্যাল, সিপিআইএম নেতা সুজন চক্রবর্তী, পিডিএস নেতা সমীর পূততুন্ড, কংগ্রেস নেতা সুখবিলাস বর্মারা। তাকে সামনে রেখেই গা ঝাড়া দিয়ে রাস্তায় নামতে চাইছে বামেরা। বৃহস্পতিবারই সে কথা স্পষ্ট করে দিয়েছিলেন বুদ্ধদেব ভট্টাচার্য, গৌতম দেবরা।


শুক্রবারই রানি রাসমণি রোড আর বিধানসভায় দেখা গেল সেই ছবি। আলোচনার দাবি খারিজ ও মুখ্যমন্ত্রীর বিরূপ মন্তব্যের প্রতিবাদে ওয়াক আউট করলেন বামেরা।


রানি রাসমণী রোডে বামফ্রন্টের বিক্ষোভ অবস্থানেও নেতাদের সুর যথেষ্ট চড়া।


শুক্রবার বিকেলে কলকাতার সমস্ত থানা ঘেরাও করে বামেরা।

সারদা ইস্যুতে আন্দোলনের ধার আরও বাড়াতে শনিবার বিকেলেই বিধাননগর কমিশনারেটে বিক্ষোভ দেখাবে বাম ছাত্র-যুব সংগঠনগুলি।


সেখানে আমন্ত্রণ জানানো হয়েছে বৃহস্পতিবার আক্রান্ত বিশিষ্টদের।


সারদা নিয়ে সল্টলেকে ধুন্ধুমার

এই সময়: সারদা কেলেঙ্কারির সিবিআই তদন্ত এবং ধৃত তৃণমূল সাংসদ কুণাল ঘোষ যে সমস্ত নেতা-মন্ত্রীর নাম করেছেন তাঁদের সবাইকে জিজ্ঞাসাবাদ করার দাবিতে বিধাননগর কমিশনারেটে ডেপুটেশন দিতে গিয়ে বৃহস্পতিবার পুলিশের হাতে আটক হলেন ২৪ জন৷ এঁদের মধ্যে যেমন ছিলেন সিপিএমের রাজ্য সম্পাদকমণ্ডলীর সদস্য সুজন চক্রবর্তী, তেমনই ছিলেন ২০১১-র আগে রাজ্যে পরিবর্তনপন্থী বুদ্ধিজীবী বলে পরিচিত শিক্ষাবিদ সুনন্দ সান্যাল, সিঙ্গুর-নন্দীগ্রাম পর্বে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের ছায়াসঙ্গী পিডিএস নেতা সমীর পুততুণ্ড এবং প্রাক্তন নকশাল নেতা অসীম চট্টোপাধ্যায়৷ পুলিশ তাঁদের ধাক্কা মেরে, টেনে-হিঁচড়ে বাসে তুলে বিধাননগর উত্তর থানায় নিয়ে যায় বলে অভিযোগ৷ সন্ধ্যায় অবশ্য এঁদের সকলকেই ছেড়ে দেওয়া হয়৷


২০০১ সালে দল ছেড়ে গিয়েছিলেন সিপিএমের দক্ষিণ ২৪ পরগনার তত্‍কালীন জেলা সম্পাদক সমীরবাবু৷ এ দিন তাঁকেই পাশে নিয়ে সিপিএমের বর্তমান জেলা সম্পাদক সুজনবাবু সাংবাদিকদের বলেন, 'যে নেতা-মন্ত্রীদের নাম কুণাল ঘোষ বলেছেন, তাঁদের সবাইকে ডেকে জিজ্ঞাসাবাদের দাবি জানাতে এসেছিলাম৷ পুলিশের বিরুদ্ধে আমাদের কোনও অভিযোগ নেই৷ আমাদের অভিযোগ, সরকার সারদা কেলেঙ্কারির নিরপেক্ষ তদন্ত করছে না৷ পুলিশ আমাদের নিঃশর্তে মুক্তি দিয়েছে৷ শনিবার ফের ডেপুটেশন দিতে আসব৷'


একই দাবিতে এ দিন ধর্মতলায় রানি রাসমণি অ্যাভিনিউয়ে প্রদেশ কংগ্রেস বিশাল জমায়েত করে৷ সেখানে আইন অমান্য করার কথা আগের দিনই ঘোষণা করেছিলেন প্রদেশ কংগ্রেস সভাপতি প্রদীপ ভট্টাচার্য৷ কিন্ত্ত শেষ পর্যন্ত তা না হওয়ায় দলের সাধারণ কর্মী-সমর্থকরা নেতাদের উপর ক্ষুব্ধ হয়ে ওঠেন৷ শুরু হয় নিজেদের মধ্যে ধাক্কাধাক্কি৷ পরে প্রদীপবাবু মাইকে ঘোষণা করেন, এত লোককে গ্রেপ্তার করার মতো পুলিশি ব্যবস্থা নেই৷ তাই আজ আইন অমান্য হবে না৷ তিনি বলেন, 'আমি কথা দিচ্ছি, ডিসেম্বর মাসের প্রথম দিকেই এখানে সব নেতাকে নিয়ে আইন অমান্য করব৷' তাতে দলীয় কর্মীরা শান্ত হন৷


বিধাননগর কমিশনারেটের ঘটনার তীব্র নিন্দা করেছে রাজ্যের সমস্ত বিরোধী রাজনৈতিক দল৷ ঘটনার প্রতিবাদে আজ শুক্রবার কলকাতার সব থানা ঘেরাও করবে বামফ্রন্ট৷ রাজ্য জুড়ে মিছিল করা হবে৷ আজই রাজ্য বামফ্রন্টের জরুরি বৈঠক ডাকা হয়েছে৷ আজ রানি রাসমণি অ্যাভিনিউয়ে মূল্যবৃদ্ধি সহ বিভিন্ন ইস্যুতে বামফ্রন্টের পূর্বনির্ধারিত অবস্থান বিক্ষোভেও উঠে আসবে ওই প্রসঙ্গ৷


কুণালবাবুর অভিযোগকে কেন্দ্র করে সারদা-কাণ্ডের সিবিআই তদন্তের দাবি ক্রমশই জোরালো হচ্ছে৷ সিপিএম এই ইস্যুতে অতীতের ছুত্‍মার্গ ছেড়ে কংগ্রেস, পিডিএস, নকশালপন্থী দলের সঙ্গে আন্দোলন করতেও দ্বিধা করছে না৷ এ দিনের বিধাননগর পুলিশ কমিশনারেট অভিযানই তার বড় প্রমাণ৷ কংগ্রেস বিধায়ক সুখবিলাস বর্মার পাশাপাশি দু'বছর আগেও মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের কট্টর সমর্থক সুনন্দ সান্যালও এই অভিযানে সামিল হন৷ এ দিনই বরাহনগরে সিপিএম-এর এক জনসভায় সারদা কেলেঙ্কারির সিবিআই তদন্ত দাবি করেন প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী বুদ্ধদেব ভট্টাচার্য৷ তিনি বলেন, 'সারদার নাম উচ্চারণ করতেও আমার খারাপ লাগে৷ একজন (কুণাল ঘোষ) জেলে রয়েছেন৷ তিনি বলছেন, সারদা-কাণ্ডে বহু নেতা-মন্ত্রী জড়িত৷ তা হলে তাঁরা কেন বাইরে থাকবেন? এই সরকার সিবিআই শুনলেই ভয় পায়৷ কারণ, সিবিআই তদন্ত হলেই সবাইকে টেনে বের করবে৷'


বিধাননগরে ঘটনার সূত্রপাত বিকেল তিনটে নাগাদ৷ 'চিটফান্ড সাফারার্স ইউনাইটেড ফোরাম' নামে একটি সংগঠনের তরফ থেকে সারদা কেলেঙ্কারির সিবিআই তদন্তের দাবিতে সল্টলেকের আমরি হাসপাতালের সামনে অটোয় করে প্রচার শুরু হয়৷ একে একে সেখানে হাজির হন সুনন্দবাবু, সুজনবাবু, সমীরবাবু, অসীমবাবু, সুখবিলাসবাবুরা৷ ছিলেন অনেক আমানতকারী এবং এজেন্টও৷ বিকেল ৩টে ২০ নাগাদ শ'দেড়েক মানুষের মিছিল শুরু হলে সুখবিলাসবাবু চলে যান৷ হাসপাতালের সামনে থেকে ইউ-টার্ন নিয়ে মিছিল কমিশনারেটের সামনে পৌঁছনো মাত্র কমিশনারেটের গেট বন্ধ করে দেন কতর্ব্যরত পুলিশকর্মীরা৷ সুজনবাবু ধাক্কা দিয়ে গেট খুলে ঢুকে পড়েন৷ পিছনে পিছনে ঢোকেন বাকিরা৷ অল্প সময়ের মধ্যেই তাঁরা পুলিশ কমিশনারের ঘরের সামনে পৌঁছে যান৷ স্লোগান ওঠে, 'চিটফান্ডের সরকার, আর নেই দরকার৷'


পরিস্থিতি বেগতিক দেখে কমিশনারের ঘরের সামনে পৌঁছে যান বিধাননগর কমিশনারেটের ডিসি (সদর) সুব্রত বন্দ্যোপাধ্যায়, এসিপি অভিষেক মোদী, বিধাননগর দক্ষিণ থানার আইসি সুরজিত্‍ দে-সহ পদস্থ পুলিশ কর্তারা৷ ডেপুটেশন জমা দেওয়া নিয়ে পুলিশ কর্তাদের সঙ্গে বিক্ষোভকারীদের কথা কাটাকাটি শুরু হয়৷ অসীমবাবু দাবি করেন, 'আমার সঙ্গে কমিশনারেটের কর্তাদের বুধবার কথা হয়েছে৷ আমরা অ্যাপয়েন্টমেন্ট নিয়ে ডেপুটেশন দিতে এসেছি৷' পুলিশের তরফে জানানো হয়, ডেপুটেশন দিতে দু'জনের বেশি যেতে পারবেন না৷ তর্কাতর্কি চলাকালীনই ধাক্কাধাক্কি, ঠেলাঠেলি শুরু হয়ে যায়৷ সিঁড়ির কাছে হুমড়ি খেয়ে মাটিতে পড়ে যান ৮১ বছরের বৃদ্ধ সুনন্দ সান্যাল৷ পুলিশ ফোন করে কমিশনারেটে বাস ডেকে পাঠায়৷ সুজনবাবু, সুনন্দবাবু-সহ ২৪ জনকে জোর করে ধাক্কা দিয়ে বাসে তুলে বিধাননগর উত্তর থানায় নিয়ে যায় পুলিশ৷ এ ব্যাপারে সুনন্দবাবুর প্রতিক্রিয়া, 'আমার ৮১ বছর বয়স৷ পুলিশ আমার সঙ্গে যে আচরণ করল, তাতে আমার আর কিছু বলার নেই৷'


ডিসি সদর সুব্রত বন্দ্যোপাধ্যায় জানান, কমিশনারেটে বিশৃঙ্খলা তৈরির জন্য তিন মহিলা-সহ ২৪ জনকে গ্রেপ্তার করা হয়েছে৷ বিধাননগর উত্তর থানায় সকলকে নিয়ে যাওয়ার পরেই ঘটনার প্রেক্ষাপট দ্রুত বদলাতে থাকে৷ খবর পেয়ে বিধাননগর উত্তর থানায় ছুটে আসেন সিপিএমের শ্যামল চক্রবর্তী, রবীন দেব ও রমলা চক্রবর্তী৷ আসেন প্রদেশ কংগ্রেস সভাপতি প্রদীপ ভট্টাচার্যও৷ শ্যামলবাবু বলেন, 'চোর জোচ্চোরদের সরকার চলছে৷ আমি এখনই পুলিশের বিরুদ্ধে মামলা করব৷' পুলিশের তরফে বলা হয়, সবাইকে পিআর বন্ডে জামিন নিতে হবে৷ কিন্ত্ত, সুজনবাবুরা জামিন নিতে অস্বীকার করেন৷ দফায় দফায় আলোচনার পর সন্ধ্যা সাতটা নাগাদ সকলকে ছেড়ে দেওয়া হয়৷ পরে সমীরবাবু বলেন, 'ডেপুটেশন দিতে চেয়েছিলাম৷ পুলিশ ব্যবস্থা করেনি৷ তাই অপ্রীতিকর অবস্থার সৃষ্টি হয়৷ পুলিশ আমাদের উপর লাঠিচার্জ করেছে৷ পুলিশ আমাদের ব্যক্তিগত জামিন নিতে বলেছিল৷ আমরা রাজি হইনি৷' সুজনবাবু জানান, তাঁরা শনিবার দুপুর দু'টোর সময় বিধাননগর কমিশনারেটে ফের ডেপুটেশন দিতে আসবেন৷


রাতে শ্যামলবাবু জানিয়েছেন, যেহেতু পুলিশ কাউকে গ্রেপ্তার করেনি, তাই পুলিশের বিরুদ্ধে কোনও এফআইআর দায়ের করা হচ্ছে না৷


কেউ টাকা তুলবেন না, দলের অন্দরে বার্তা দিলেন মমতা

এই সময়: সারদা কেলেঙ্কারি ও সাংসদ কুণাল ঘোষ গ্রেপ্তারের জেরে দলের ভাবমূর্তি পুনরুদ্ধারে আসরে নামলেন মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় স্বয়ং৷ অবৈধ অর্থে দল চালানোর যাবতীয় অভিযোগ খণ্ডন করে শুক্রবার তৃণমূলের বিশেষ সভায় তাঁর স্পষ্ট বক্তব্য, তৃণমূল কখনও বেআইনি লগ্নিকারীদের টাকায় চলেনি, ভবিষ্যতেও চলবে না৷ একই সঙ্গে দলের নেতাকর্মীদেরও সতর্কবার্তা দিয়েছেন তৃণমূলনেত্রী৷ তিনি বলেন, 'কাউকে টাকা দেবেন না, কেউ টাকা তুলবেন না৷'


পঞ্চায়েত ভোটের দোরগোড়ায় সারদা গোষ্ঠীর কীর্তিকলাপ ফাঁস হওয়ার পর আত্মপক্ষ সমর্থনে সারা রাজ্যে একের পর এক জনসভা করেছিলেন মমতা৷ বেআইনি অর্থলগ্নি সংস্থার মালিকদের সঙ্গে বাম নেতাদের ছবি দেখিয়েছিলেন গোটা বাংলাকে৷ লোকসভা ভোটের আগে সেই একই ইস্যুতে শাসকদলের বিরুদ্ধে পথে নেমে আন্দোলন জোরদার করেছে বিরোধীরা৷ এই পরিস্থিতিতে 'স্বচ্ছতা ও সততা'র ভাবমূর্তি রক্ষায় মমতাকেই আরও একবার ঝাঁপিয়ে পড়তে হল৷


শুক্রবার দলের সব জনপ্রতিনিধি এবং সাংগঠনিক নেতাকে ক্ষুদিরাম অনুশীলন কেন্দ্রে ডেকে মুখ্যমন্ত্রী এ দিন বুঝিয়ে দিলেন, হিসেব-বহির্ভূত এবং অবৈধ সংস্থার অর্থে দলকে পুষ্ট করার ঘোরতর বিরোধী তিনি৷ বেআইনি লগ্নি সংস্থাগুলির হোতাদের সংস্রব ত্যাগ করার নিদানও দিলেন নেতাদের৷ এ দিন তিনি বলেন, 'তৃণমূল প্রয়োজনে ভিক্ষা করে দল চালাতে প্রস্ত্তত৷ তবু এদের টাকায় দল চলে না, চলবে না৷' 'এদের' বলতে যে বেআইনি অর্থলগ্নি সংস্থার মালিকদেরই বুঝিয়েছেন, তা পরিষ্কার৷ কেন না, ঠিক তার আগেই মুখ্যমন্ত্রীকে বলতে শোনা গিয়েছে, 'কাশ্মীর থেকে অ্যারেস্ট করে এনেছি৷ কমিশন বসিয়েছি৷ আমানতকারীদের টাকাও ফেরত দিয়েছি৷'


কয়েক মাস আগে এই ক্ষুদিরাম অনুশীলন কেন্দ্রে দলের এমনই এক বর্ধিত সভায় সাংসদ কুণাল ঘোষের রক্ষাকবচ হয়ে দাঁড়িয়েছিলেন মমতা স্বয়ং৷ সিপিএম-কে উদ্দেশ্য করে সে দিন তিনি বলেছিলেন, 'কুণাল চোর? মুকুল চোর? মদন চোর? আর তোমরা সব সাধু!' গত ছ'মাসে ঘনিষ্ঠতার স্রোত উল্টো খাতে বয়েছে৷ নেতাদের মধ্যে বদলেছে পারস্পরিক সম্পর্কের সমীকরণও৷ তাই নাম না-করে এই প্রথম দলের ভিতরে এতটা স্পষ্ট ভাবে কুণালের প্রতিটি কথার জবাব দিলেন তৃণমূল নেত্রী৷ তিনি বলেন, 'তৃণমূল সম্পর্কে অনেকে বাজে কথা বলে৷ তাদের বোঝার ক্ষমতা নেই৷ অনেক কষ্ট করে দল চালাই৷ তেমন হলে হাতে লিখে, পোস্টার করে ভোটের খরচ তুলব৷'


তাঁর একদা ঘনিষ্ঠ সাংসদ কুণাল ঘোষ গ্রেপ্তার হওয়ার আগে গোপন সিডিতে যে সব কথাবার্তা বলেছেন, তার জের সুদূরপ্রসারী হতে পারে বলে আশঙ্কা তৃণমূল শীর্ষ নেতৃত্বের৷ এ দিন নিজের অবস্থান স্পষ্ট করে দলের হাজার তিনেক নেতার সামনে রাজ্য মন্ত্রিসভার গুরুত্বপূর্ণ সদস্য মদন মিত্রকেও ভত্‍র্‌সনা করেছেন মমতা৷ কুণালবাবুর সিডি প্রকাশের দিন এবং পরে আরও একবার একটি চ্যানেলে টেলিফোনে প্রতিক্রিয়া জানিয়েছিলেন পরিবহণমন্ত্রী৷ এবং সেটা দলের অনুমতি না-নিয়েই৷ কুণালকে মিথ্যা প্রমাণে হলদিয়ার সাংসদ শুভেন্দু অধিকারীও বিবৃতি দিয়েছিলেন৷ কিন্ত্ত দলকে জানিয়ে, সাংবাদিক বৈঠক ডেকে৷ সেই প্রসঙ্গেই মদনবাবুকে ধমক খেতে হল, শুভেন্দু পেলেন নেত্রীর প্রশংসা৷ সভায় তখন সবেমাত্র তৃণমূলনেত্রী 'সুখী সংসারে'র উপমা টেনে নেতাদের ঝগড়াঝাঁটি করতে নিষেধ করেছেন৷ আচমকা মদনবাবুর দিকে তাকিয়ে তিনি বলেন, 'আমি দেখলাম সিপিএমের চ্যানেলে একজন বিবৃতি দিয়ে দিল৷ কী দরকার ছিল? এ সব চলবে না৷ শুভেন্দুও তো বিবৃতি দিয়েছে৷ কিন্ত্ত ও কথা বলে বিবৃতি দিয়েছে৷'


লোকসভা ভোটের আগে কংগ্রেস ও সিপিএম হাতে হাত মিলিয়ে মমতার বিরুদ্ধে জনমত গড়তে রাস্তায় নেমেছে, হাতিয়ার করেছে লগ্নি-কেলেঙ্কারিতে তৃণমূলের 'ভূমিকা'কেই৷ হাতেগরম উদাহরণ সল্টলেকের ধর্নায় সুজন চক্রবতী, সুখবিলাস বর্মাদের একসুরে স্লোগান তোলা৷ তৃণমূলের আশঙ্কা, বিরোধীদের এমন জোটবদ্ধ বিক্ষোভ আন্দোলন আগামী দিনে আরও হবে৷ তাই মুখ্যমন্ত্রী আগেভাগেই সে আন্দোলনের গোড়ায় আঘাত করতে তত্‍পর৷ শুক্রবার দলীয় বৈঠকে একযোগে রাজ্যের বিগত সরকার ও কেন্দ্রকে কাঠগড়ায় তুলে বলেছেন, '৩৫ বছরে চিটফান্ডের বন্যা বইয়ে দিয়েছে৷ কেন্দ্র আইন পাশ করেনি৷ সেবি কী করছিল? যারা বড় বড় চোর, চোরের ঘরের মেসো, তারা ভাষণ দিয়ে বেড়াচ্ছে৷'


ফের সাত দিনের পুলিশ হেফাজতে কুণাল

এই সময় ডিজিটাল ডেস্ক: কুণাল ঘোষের সাত দিনের পুলিশ হেফাজতের নির্দেশ দিল হাওড়া সিজেএম আদালত। আপাতত তিনি ১৪ দিনের জেল হেফাজতে রয়েছেন।


শুক্রবারই পাঁচ দিনের পুলিশ হেফাজতের মেয়াদ শেষে বিধাননগর মহকুমা আদালতে তোলা হয়েছিল কুণাল ঘোষকে। ইলেকট্রনিক্স কমপ্লেক্স থানায় দায়ের ৩৪ নম্বর মামলায় তাঁকে ১৪ দিনের জেল হেফাজতের নির্দেশ দিয়েছিল আদালত। তার পরই শনিবার তাঁকে হাওড়া সিজেএম আদালতে তোলা হয়। সাঁতরাগাছি থানায় দায়ের চারটি মামলায় তাঁকে আদালতে তোলা হয়। সেখানে তাঁকে নিজের হেফাজতে নেওয়ার আবেদন পেশ করে হাওড়া পুলিশ কমিশনারেট। এদিন দুই পক্ষের আইনজীবীর সওয়াল-জবাব শেষে তাঁকে সাত দিনের পুলিশ হেফাজতের নির্দেশ দেয় হাওড়া সিজেএম আদালত।


কুণাল ঘোষের পুলিশ হেফাজতের নির্দেশ আসার পরই রাজ্য সরকারের বিরুদ্ধে অভিযোগের আঙুল তুলেছেন কুণাল ঘোষের আইনজীবী। অভিযোগ, কুণাল ঘোষ যাতে ম্যাজিস্ট্রেটের সামনে গোপন জবানবন্দি না-দিতে পারেন, সে জন্যই তাঁকে সাত দিনের পুলিশ হেফাজতে নেওয়া হয়েছে। উল্লেখ্য, ম্যাজিস্ট্রেটের সামনে গোপন জবানবন্দির আবেদন পেশ করেন কুণাল ঘোষ। বিধাননগর মহকুমা আদালত তাঁর গোপন জবানবন্দির আবেদনে মঞ্জুরিও দেয়। শনিবার বিধাননগর মহকুমা আদালতে সেই নির্দেশের ওপর স্থগিতাদেশের আর্জি জানায় রাজ্য সরকার। তবে সময় পেরিয়ে যাওয়ায় সেই আর্জি গৃহীত হয়নি আদালতে। সোমবার ফের আর্জি পেশ করবে রাজ্য। এ নিয়ে উচ্চ আদালতেও যেতে চায় রাজ্য সরকার। এর পরিপ্রেক্ষিতেই তাঁর আইনজীবীর অভিযোগ, কুণাল ঘোষ যাতে গোপন জবানবন্দি দিতে না-পারেন, তাই তাঁকে পুলিশ হেফাজতের নির্দেশ দেওয়া হয়েছে।


রাইটার্স পোড়ানোর চক্রান্ত, অভিযোগ স্বরাষ্ট্রসচিবের

এই সময়: রাইটার্স বিল্ডিংস পুড়িয়ে ফেলার চক্রান্ত করে ছড়ানো হয়েছে কেরোসিন৷ শুক্রবার সন্ধ্যায় রীতিমতো সাংবাদিক ডেকে এই অভিযোগ তুলে শোরগোল ফেলে দিলেন রাজ্যের স্বরাষ্ট্রসচিব বাসুদেব বন্দ্যোপাধ্যায়৷


এদিন মহাকরণের একটি ঘরে কেরোসিনের গন্ধ বেরোনোয় হুলুস্থুলু পড়ে যায় পুলিশ-প্রশাসনে৷ মেঝেতে কেরোসিন পড়েও থাকতে দেখা যায়৷ এর কিছু ক্ষণের মধ্যেই বাসুদেববাবু নবান্নে সাংবাদিক বৈঠক ডেকে চক্রান্তের অভিযোগ তুলে বলেন, রাইটার্স বিল্ডিংসকে পুড়িয়ে ফেলতেই কেরোসিন ছড়িয়ে রাখা হয়েছিল ওই ঘরে৷ কারা এই ষড়যন্ত্রে যুক্ত, তা খুঁজে বের করতে পুলিশকে নির্দেশ দেওয়া হয়েছে৷ কলকাতা পুলিশের গোয়েন্দা বিভাগ এই তদন্ত করবে বলে স্বরাষ্ট্রসচিব জানিয়েছেন৷ তাঁর দাবি, চক্রান্তকারীদের পুলিশ খুঁজে বের করবেই৷ আজ, শনিবারই ফরেন্সিক বিশেষজ্ঞরা ঘটনাস্থল পরিদর্শনে আসছেন৷ খতিয়ে দেখা হচ্ছে মহাকরণের সিসিটিভির ফুটেজও৷


ক্ষমতায় আসার পর মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়-সহ একাধিক মন্ত্রীর অভিযোগ ছিল, বামফ্রন্ট সরকার বিদায় নেওয়ার আগে বহু নথিপত্র পুড়িয়ে ফেলেছে৷ কিন্ত্ত রাইটার্স বিল্ডিংসের মতো গুরুত্বপূর্ণ সচিবালয় পুড়িয়ে ফেলার ষড়যন্ত্রের অভিযোগ এই প্রথম৷ স্বরাষ্ট্রসচিব জানিয়েছেন, যিনি পুলিশকে কেরোসিন পড়ে থাকার কথা প্রথম জানিয়েছেন, মুখ্যমন্ত্রী তাঁকে পুরস্কৃত করতে বলেছেন৷


মহাকরণের জি ব্লকের ছ'তলায় স্বরাষ্ট্র (রাজনৈতিক) দপ্তরের রেজিস্ট্রার অফ পাবলিকেশনের অফিস৷ রাজ্যে যত বই প্রকাশিত হয়, তার কপি এখানেই মজুত করা হয়৷ বিশেষ করে, বিতর্কিত বইগুলি নিষিদ্ধ করার আগে এখানেই পরীক্ষা করা হয়৷ এর পাশেই রয়েছে জলসম্পদ অনুসন্ধান দপ্তরের অফিস৷ বিকেল সাড়ে পাঁচটা নাগাদ টহলরত এক পুলিশ কনস্টেবল পাবলিকেশনের অফিস থেকে কেরোসিনের গন্ধ পান৷ দেখা যায়, মেঝেতে কেরোসিন তেল পড়ে রয়েছে৷ একটি চটের বস্তাও রয়েছে৷ তাতেও কেরোসিনের গন্ধ৷ সঙ্গে সঙ্গে ঘটনাটি পূর্ত দপ্তরের সচিব ও আধিকারিকদের নজরে আনে পুলিশ৷ পূর্ত দপ্তরের এক কর্তা অবশ্য জানিয়েছেন, জলসম্পদ অনুসন্ধান দপ্তরের এক ডেপুটি সেক্রেটারি প্রথম কেরোসিনের গন্ধ পান৷ তিনিই পুলিশকে খবর দেন৷ ছুটে আসেন কলকাতা পুলিশের অতিরিক্ত পুলিশ কমিশনার (চার) প্রদীপ চট্টোপাধ্যায়, ডিসি (সেন্ট্রাল) দেবেন্দ্র প্রকাশ সিং ও অগ্নিনির্বাপণ দপ্তরের ডিজি গোপাল ঘোষ৷ আসে দমকলও৷


নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা


আবাসন নগরীর ক্ষেত্রে এ বারে বেসরকারি সংস্থাগুলির জন্য জমির ঊর্ধ্বসীমা চব্বিশ একরে বেঁধে দিল সরকার। শুক্রবার বিধানসভায় ভূমি সংস্কার আইনের সংশোধনী এনে এই প্রস্তাব পাশ করেছে রাজ্য ভূমি সংস্কার দফতর। সেখানে এ-ও স্পষ্ট করে দেওয়া হয়েছে যে, একমাত্র সরকারি বা যৌথ প্রকল্পের ক্ষেত্রেই ঊর্ধ্বসীমায় ছাড় মিলবে। রাজ্য এ দিন সংশোধন করেছে ভূমি সংস্কার আইনের ১৪ জেড ধারাটি। জমির সিলিং বা ঊর্ধ্বসীমার সংক্রান্ত বিষয়টি মূলত রয়েছে ১৪ ওয়াই ধারায়। বাম আমলে সেই ধারার সংশোধন করে মিল, ফ্যাকট্রি, ওয়ার্কশপ ইত্যাদির সঙ্গে আবাসন নগরীকেও জুড়ে দেওয়া হয়। যার অর্থ ছিল, আবাসন নগরীর ক্ষেত্রেও চব্বিশ একরের থেকে বেশি জমি কেনার অনুমতি দিতে পারত সরকার। সবিস্তার...


*

সুড়ঙ্গপথে সুরক্ষার পাতাল-প্রবেশ


নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা


*ফোর্ট উইলিয়ামের সামনে রেড রোডে ১২ ফুটেরও বেশি লম্বা একটি সুড়ঙ্গ! বৃহস্পতিবার রাতে এর অস্তিত্ব প্রথম টের পায় ময়দান থানার পুলিশ। শুক্রবার সকাল থেকেই তৎপরতা শুরু হয় পুলিশ ও সেনাবাহিনীর। পুলিশই জানাচ্ছে, অত লম্বা সুড়ঙ্গ এক দিনে কাটা সম্ভব নয়। এলাকার সাধারণ নিরাপত্তার দায়িত্ব পুলিশের হলেও ময়দান সেনাবাহিনীর অধীন হওয়ায় সেখানে নিয়মিত নজরদারি ও টহল চালায় সেনাও। তাই কলকাতা পুলিশের নাকের ডগায়, সেনাবাহিনীর পূর্বাঞ্চলের সদর দফতরের সামনে 'পেশাদারি' দক্ষতায় কাটা এই সুড়ঙ্গ প্রশ্ন তুলেছে উভয়ের ভূমিকা নিয়েই। পুলিশ জানায়, বৃহস্পতিবার রাতে রেড রোড ধরে উত্তর থেকে দক্ষিণ দিকে যেতে বাঁ হাতে শ্যামাপ্রসাদ মুখোপাধ্যায়ের মূর্তির সামনে সন্দেহজনক পাঁচ যুবককে ঘোরাফেরা করতে দেখে সন্দেহ হয় টহলদার পুলিশের। সবিস্তার...
*

'সিপিএম মানে সর্বনাশ' সর্বত্র লেখাবেন মমতা


নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা


*সারদা-কাণ্ডে বিরোধীদের লাগাতার আক্রমণের জবাবে এ বার পাল্টা মুখ খুললেন মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। সাসপেন্ড হওয়া তৃণমূল সাংসদ কুণাল ঘোষ গ্রেফতারের পর থেকেই সিপিএম-সহ বিরোধীরা সারদা-কাণ্ড নিয়ে সিবিআই তদন্তের দাবিতে সরব হয়েছে। লোকসভা ভোটের প্রচারেও বিরোধীরা যে সারদা-কাণ্ডকে হাতিয়ার করবে, তা-ও স্পষ্ট। এই পরিস্থিতিতে পাল্টা আক্রমণের পথেই হাঁটলেন তৃণমূল নেত্রী। শুক্রবার ক্ষুদিরাম অনুশীলন কেন্দ্রে দলের কার্যকরী কমিটির বর্ধিত সভায় তাঁর স্পষ্ট মন্তব্য, "আমার দল চিট ফান্ডের টাকায় চলে না।" একই সঙ্গে এ ব্যাপারে বিরোধীদের প্রচার কী ভাবে ভোঁতা করতে হবে, দলের কর্মীদের সে পথও দেখিয়েছেন মমতা। তাঁর নির্দেশ, "সিপিএম মানে সর্বনাশ এটা সব জায়গায় লিখবেন।'' সবিস্তার...
*

হাওড়ার নতুন মেয়র হলেন রথীন


নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা


*সাধারণ মানুষকে সাহায্য করতে একটি গতিশীল প্রশাসন চান তিনি। পুরসভার সাহায্য চাইতে আসা কাউকে যেন আর দিনের পর দিন ঘুরতে না হয়। বিশেষ নজর দিতে চান সে দিকেও। দেখতে চান, কোনও মতেই যেন সাহায্যের পরিবর্তে কোনও নাগরিকের বিপদের কারণ না হয়ে ওঠে পুর-প্রশাসন। প্রশাসনিক স্তরের উন্নতি নিয়ে যাঁর এত ভাবনা, তিনি হলেন চিকিৎসক রথীন চক্রবর্তী। হাওড়া পুরসভার ২৮ নম্বর ওয়ার্ড থেকে বিজয়ী তৃণমূল-প্রার্থী এবং প্রয়াত হোমিওপ্যাথি চিকিৎসক ভোলানাথ চক্রবর্তীর পুত্র। শুক্রবার দুপুরে ক্ষুদিরাম অনুশীলন কেন্দ্রে দলীয় সভায় তৃণমূলনেত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় তাঁরই নাম ঘোষণা করেছেন হাওড়া পুরসভার নতুন মেয়র হিসেবে। চিকিৎসক হিসেবে ব্যস্ততা তো থাকবেই। তার পাশাপাশি কী ভাবে এই গুরুদায়িত্ব সামলাবেন তিনি? সবিস্তার...
*



*

অভিষেক খুনে দোষী সাব্যস্ত তিন বন্ধু


নিজস্ব সংবাদদাতা • শিলিগুড়ি


*ঘুমের ওষুধ-মেশানো বিয়ার খাইয়ে, গলা টিপে, উনিশ বছরের অভিষেক চাচানকে খুন করেছে তারই বন্ধুরা, এই অভিযোগে তোলপাড় হয়েছিল শিলিগুড়ি। ৫ বছর বিচারের পর অভিযুক্ত ছয় যুবকের তিনজনকে দোষী সাব্যস্ত করল আদালত। বাকিদের বেকসুর খালাস দেওয়া হয়েছে। শুক্রবার শিলিগুড়ি অতিরিক্ত জেলা ও দায়রা বিচারক (ফাস্ট কোর্ট) সৌম্যব্রত সরকার ওই রায় দেন। শনিবার সাজা ঘোষণা করা হবে। অভিষেক খুনের দায়ে দোষীরা হলেন সুরজিৎ দাস, রোমান সরকার এবং সহিদুর রহমান। এঁদের মধ্যে রোমান এবং সহিদুর ছিলেন ইঞ্জিনিয়ারিং কলেজে নিহত অভিষেকের সহপাঠী। সবিস্তার...

এই সংক্রান্ত অন্য খবর


• অভিষেকের মোবাইলই ধরিয়ে দিল খুনিদের


*

দলত্যাগের একমাত্র কারণ যে

উন্নয়ন, তা নিয়ে সংশয় দলেই


নির্মল বসু • বাদুড়িয়া


*কৃষ্ণনগরের পর বাদুড়িয়া। কংগ্রেস কাউন্সিলাররা তৃণমূলে যোগ দেওয়ায় বাদুড়িয়া পুরসভা এককভাবে দখল করল তৃণমূল। গত অক্টোবরে একই ভাবে নদিয়ার কৃষ্ণনগর পুরসভাতেও ক্ষমতা দখল করে তারা। কংগ্রেসের ১৪ জন কাউন্সিলার তৃণমূলে যোগ দেওয়ায় ২৪ আসনের ওই পুরসভায় একক সংখ্যগরিষ্ঠ দল হিসাবে তৃণমূলের দখলে আসে ২২টি আসন। ২টি আসন ছিল সমাজবাদী পার্টির। তাঁরাও যোগ দেন তৃণমূলে। একই ভাবে উত্তর ২৪ পরগনার বাদুড়িয়া পুরসভায় গত ২৫ নভেম্বর কংগ্রেসের ৭ জন কাউন্সিলার তৃণমূলে চলে যাওয়ায় ১৭ আসনের ওই পুরসভায় ১০টি আসন নিয়ে সংখ্যাগরিষ্ঠ দল হিসাবে ক্ষমতা দখল করে তৃণমূল। বাকি ৭টি আসন সিপিএমের। তৃণমূলে যাওয়ার ব্যাখ্যা হিসাবে কৃষ্ণনগরের কংগ্রেসী কাউন্সিলারদের ব্যাখ্যা ছিল উন্নয়ন না হওয়ার পাশাপাশি রাজনৈতিক চাপ। সবিস্তার...
*



*

কাজী নজরুলেই জুড়তে চায়

শিল্পাঞ্চলের বহু কলেজ


সুশান্ত বণিক • আসানসোল


*বিশ্ববিদ্যালয়ের মঞ্জুরি কমিশনের অনুমোদন এসে গিয়েছে হাতে। দু'টি প্রশাসনিক পদ তৈরি না হওয়ায় নানা কলেজকে অধীনে আনার প্রক্রিয়া এখনও শুরু হয়নি। তবে প্রয়োজনীয় প্রক্রিয়া সম্পূর্ণ হওয়ার পরে আসানসোলে কাজী নজরুল বিশ্ববিদ্যালয়ের অধীনস্ত হয়ে গেলে তাদের কাজকর্মের অনেক সুবিধা হয়ে যাবে বলে মনে করছেন আসানসোল-দুর্গাপুর শিল্পাঞ্চলের বেশ কিছু কলেজ কর্তৃপক্ষ। জুলাইয়ে নতুন পাঠ্যক্রম চালু হয়েছে এই বিশ্ববিদ্যালয়ের। রাজ্যের অনগ্রসর শ্রেণি কল্যাণ দফতরের একটি অব্যবহৃত তিনতলা ভবনে পঠনপাঠন শুরু হয়েছে। পড়ানো হচ্ছে বাংলা, ইংরেজি, ইতিহাস ও অঙ্ক। আপাতত আটটি শ্রেণিকক্ষ আছে। মোট ১২০ জন ছাত্রছাত্রী ভর্তি হয়েছেন। বিভিন্ন বিশ্ববিদ্যালয়ের অধীনস্ত কলেজগুলির অবসরপ্রাপ্ত শিক্ষকেরা এখানে পড়াচ্ছেন। সবিস্তার...
*

গড়াপেটা মিলিয়ে দিল ওয়েঙ্গার আর মোরিনহোকে


নিজস্ব প্রতিবেদন


*নতুন মোড় নিল ফুটবল বিশ্ব তোলপাড় করা ম্যাচ গড়াপেটা বিতর্ক। 'ন্যাশনাল ক্রাইম এজেন্সির'(এনসিএ) তদন্তের ভিত্তিতে গ্রেফতার দুই ব্যক্তিকে এ দিন কোর্টে পেশ করা হল। চান শঙ্করণ এবং কৃষ্ণা সাঞ্জে গণেশন নামক এই দু'জনের বিরুদ্ধে বুকিদের সঙ্গে যোগাযোগ করার অভিযোগ উঠেছে। শঙ্করণ ও গণেশন দু'জনকেই এ দিন স্ট্র্যাফোর্ডশায়ার আদালতে পেশ করা হয়। এনসিএর তদন্তে ফাঁস হয়েছে যে, শঙ্করণ ও গণেশন ম্যাঞ্চেস্টার থেকে ম্যাচ গড়াপেটার চক্রান্ত চালাতেন। বিভিন্ন দেশের বুকিদের সঙ্গে যোগাযোগ করে চলতি বছরের ১ নভেম্বর থেকে ২৬ নভেম্বর পর্যন্ত একাধিক ম্যাচ গড়াপেটা করেন তাঁরা। বিশেষ করে ফ্রান্স, বেলজিয়াম ও ইংল্যান্ডের নিচু ডিভিশনের ম্যাচ। এই দু'জনের মধ্যে গণেশনের ব্রিটিশ নাগরিকত্ব রয়েছে। সবিস্তার...

এক নজরে


*

• ভিআইপি রোডের পাশে সেজে উঠবে নয়ানজুলি


*
*

• মন্দিরে পুজো দিয়ে মেলায় গীতারা


*
*

• দক্ষিণ আফ্রিকার উইকেটেও

শামির ব্রহ্মাস্ত্র রিভার্স সুইং

*

• '২৪৮-এর আত্মবিশ্বাস

নিয়ে নামব'

http://www.anandabazar.com/







No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Tweeter

Blog Archive

Welcome Friends

Election 2008

MoneyControl Watch List

Google Finance Market Summary

Einstein Quote of the Day

Phone Arena

Computor

News Reel

Cricket

CNN

Google News

Al Jazeera

BBC

France 24

Market News

NASA

National Geographic

Wild Life

NBC

Sky TV