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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Sunday, June 19, 2016

Bhaskar Upreti Bhaskar Upreti's Profile Photo यहाँ तो कैराना ही कैराना है..आओ तो तुम्हारी चल पड़ेगी

Bhaskar Upreti
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यहाँ तो कैराना ही कैराना है..आओ तो तुम्हारी चल पड़ेगी

कैराना पर विकास के बिल से बाहर आ गए हिन्दू-गृह मंत्री राजनाथ सिंह से देहरादून के पत्रकारों ने ठीक ही पूछा- साब हमारे राज्य में पहाड़ के सैकड़ों गाँव खाली हो गए, उस पर क्यों नहीं कुछ करते? आज से नहीं 1980 में भाजपा के बनने से ही यह सिलसिला शुरू हो गया था. जो यहाँ से बाहर गए हैं वे जल, जंगल, जमीन, जानवर और शुद्ध वायु छोड़कर गए हैं. यहाँ तक कि शिशु मंदिरों के देशभक्त आचार्य तक पहाड़ों से भाग गए. उन साब को पिथौरागढ़ लौटाओ जो उधमसिंह नगर के सांसद बन गए हैं. हिन्दू नववर्ष का पोस्ट कार्ड भेजने वाले उस दाड़ीवान को लौटाओ जो आजकल लालकुंवा में खूंटा गाड़े बैठा है. उन साब को कर्णप्रयाग को लौटाओ जो हरिद्वार के सांसद हो गए हैं. उन साब को भी वापस लौटाओ जो कानपुर के सांसद होकर गत ख़राब कर रहे हैं. कोटद्वार के उस बिगडैल लौंडे को भी वापस करो, जो योगी बनकर गोरखपुर की फिजा ख़राब कर रहा. 
भारतवर्ष, आपके गृह मंत्री बनने से पहले से और आपके गृह-मंत्री न रहने के बाद भी यहाँ के दूरस्थ गांवों से कश्मीर और उत्तरपूर्व की सीमाओं पर गए सैनिकों के हाथ में सुरक्षित है. लेकिन उन युवकों को वापस दे दो जो पांच हज़ार की पगार के लिए 'मेक इन इंडिया' के भंवर में फंस गए हैं. या अपने बाग़-बगीचे, खेत-खलिहान, आडू-प्लम, हिसालू-किल्मड़, बुरांश-काफल छोड़ 'स्किल इंडिया' में भरमाये हैं. 
ये सब के सब हिन्दू हैं साब...देश से प्यार करने के चक्कर में ही हिन्दू बन गए थे. आप पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए क्यों झेंप गए? आपको मालूम नहीं केरल से आकर शंकराचार्य ने यहीं के पहाड़ों से हिन्दू धर्म का पुनरुद्धार किया था. 
बस मिलम गाँव को लौटा दो जहाँ के कम-हिन्दू, अधिक-बौद्ध लोगों ने भारत सरकार का भरोसा किया था, चीन के साथ सदियों से 'वर्ल्ड ट्रेड' करने वाला यह एतिहासिक गाँव वीरान पड़ा है. गौरा देवी के गाँव के लोगों को वापस लौटा दो जो पेड़ों को बचाने निकल पड़े थे. आज तक नहीं लौटे हैं. 
हिंदू- गृह मंत्री को इत्तिला होना चाहिए, पहाड़ से हिंदू-जनता ही नहीं, उनके देवता-लोकदेवता-ग्रामदेवता भी मैदानों को पलायन कर चुके हैं. पता नहीं किस दिन बोर होकर वहां से बदरी-केदार भी चल पड़ें. और वहां चीनी ड्रेगन देवता अपना योग-ध्यान शुरू कर दे. 
सोचना..सोचकर देखना..यहाँ कैराना ही कैराना हैं..तुम्हारी चल पड़ेगी...


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