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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Thursday, June 28, 2012

संगमा ने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया


संगमा ने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया

Thursday, 28 June 2012 15:14

नयी दिल्ली, 28 जून (एजेंसी) संप्रग के प्रणव मुखर्जी के नामांकन पत्र भरने के कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रपति पद के भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। संगमा संसद भवन स्थित राज्यसभा महासचिव एवं राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी वी के अग्निहोत्री के कक्ष में अपना नामांकन पत्र भरने पहुंचे।
संगमा ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार अपराह्न ठीक 2.31 बजे अपना नामांकन भरा। इस अवसर पर उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी आदि मौजूद थे। 
संगमा के नामांकन का पहला सेट बीजद अध्यक्ष और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने निर्वाचन अधिकारी को सौंपा। संगमा के समर्थन में उपस्थित मुख्यमंत्रियों में पटनायक के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर आदि  उपस्थित थे।
इनके अलावा जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी और अन्नाद्रमुक के एम थांबिदुरई भी उपस्थित थे।
लोकसभा के अध्यक्ष रह चुके संगमा आठ बार इस सदन के लिए चुने गये हैं। इसके अलावा वह मेघालय के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 
राष्ट्रपति पद के लिए ट्राइबल फोरम आॅफ इंडिया के उम्मीदवार संगमा ने नामांकन भरने से पहले दावा किया कि आदिवासी नेता पार्टी लाइन से हटकर एकजुटता के साथ उनके समर्थन में खड़े हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों से आदिवासियों का समर्थन प्राप्त करती आ रही पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया।
उन्होंने कहा, ''अनेक राजनीतिक दलों ने हमारे :ट्राइबल फोरम आॅफ इंडिया के: अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। लेकिन जिस सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के साथ आदिवासी जुड़े हुए हैं, वह कांग्रेस है, जिसने आदिवासियों के मुद्दों का समर्थन नहीं किया। इस रवैये की प्रतिक्रिया उन्हें देखने को मिलेगी।''

संगमा ने दावा किया कि भारत के आदिवासी आज एक हैं और हम भविष्य में ऐसी आदिवासी एकता देखेंगे जो भारत में पहले कभी नहीं देखी गयी।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सांसदों और विधायकों से अनुरोध किया कि अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट दें। उन्होंने अपने पक्ष में क्रॉस..वोटिंग होने का दावा किया।
राष्ट्रपति पद के इस बार के चुनाव में एक दिलचस्प बात यह देखने को मिली कि सत्तारूढ़ गठबंधन संप्रग और विपक्षी गठजोड़ राजग, दोनों ही उम्मीदवारों को लेकर आपस में ही बंटे नजर आए।
संप्रग के प्रमुख घटक दल तृणमूल कांग्रेस ने मुखर्जी को समर्थन देने का अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है, वहीं राजग के दो प्रमुख घटक दल जदयू और शिवसेना ने संगमा के बजाय मुखर्जी को समर्थन दिया है।
इनमें से जदयू अध्यक्ष शरद यादव तो मुखर्जी के नामांकन पत्र के एक सेट में बकायदा प्रस्तावक भी हैं।
राष्ट्रपति पद के चुनाव लड़ने की इच्छा जताये जाने के बाद सबसे पहले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और ओड़िशा के मुख्यमंत्री पटनायक ने संगमा को समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके कुछ दिन बाद भाजपा ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की।
संगमा ने कहा, ''मैं उन सभी नेताओं के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने मुझे समर्थन जताया।''
उन्होंने पूर्वोत्तर की कई क्षेत्रीय पार्टियों के नाम गिनाये और उनके समर्थन का दावा किया।
संगमा ने कहा, ''मैंने अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मुलाकात की है। मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुलाकात बहुत अच्छी रही।''

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