Total Pageviews

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Sunday, April 1, 2012

अग्नि परीक्षा में खरे उतरकर बहुगुणा ने कायम की अपनी धाक

अग्नि परीक्षा में खरे उतरकर बहुगुणा ने कायम की अपनी धाक

Sunday, 01 April 2012 13:16

देहरादून, एक अप्रैल (एजेंसी) उत्तराखंड के हालिया विधानसभा चुनावों के बाद सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री पद तक के अपने सफर के हर पड़ाव पर अग्नि परीक्षाओं में खरे उतरकर राज्य में अपना वर्चस्व कायम करने में कामयाब रहे ।  
राज्य के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के पहले नेतृत्व के सवाल पर बहुगुणा के नाम को कोई खास तवज्जो नहीं दी जाती थी । केंद्रीय मंत्री हरीश रावत सहित कुछ और नेता मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल दिखाई दे रहे थे । लेकिन बहुगुणा अपने कुशल नेतृत्व और पार्टी आलाकमान के प्रति अपनी निष्ठा के बूते मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो गए ।  
विश्लेषकों की मानें तो बहुगुणा ने जब मुख्यमंत्री पद संभाला तो ऐसा लग रहा था कि वह इस सरकार को कुशल नेतृत्व नहीं दे पाएंगे पर उन्होंने बड़ी ही सूझबूझ से न सिर्फ अपनी पार्टी के नेताओं को नतमस्तक होने पर मजबूर कर दिया बल्कि एक के बाद एक अग्नि परीक्षाओं में भी खरे उतरकर विपक्षी भाजपा के सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया । 
भाजपा के विधायक तथा नेता जहां कुछ दिन पहले तक यह कहते हुये अघा नहीं रहे थे कि बहुगुणा के पास विधानसभा में अपेक्षित बहुमत नहीं है और जिस दिन गुप्त मतदान हो जाए उन्हें अपनी स्थिति समझ में आ जाएगी । लेकिन अब राज्य सभा के लिये कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र सिंह माहरा के विजयी होने के बाद उन नेताओं की जुबान पर ताला लग गया है । 
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव महर्षि ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि बहुगुणा अपने सरल और सौम्य स्वभाव के कारण इतने लोकप्रिय हो गये कि कांग्रेसजनों ने बिना किसी भेदभाव के उनका समर्थन किया और इसी वजह से वह एक के बाद एक कड़े इम्तिहानों में कामयाब भी हुए ।  
उन्होंने कहा कि बहुगुणा के सरल स्वभाव की वजह से विपक्षी भाजपा के भी कई नेता उनकी तारीफ करते हैं । 
बहुगुणा रिश्ते में भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी के भाई हैं । 
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बहुगुणा पहली अग्नि परीक्षा से उस वक्त गुजरे जब राज्य विधान सभा अध्यक्ष का चुनाव होना था । भाजपा को इसमें पूरी उम्मीद थी कि बहुगुणा के विरोधी खेमे के विधायक या तो 'क्रॉस वोटिंग' कर सकते हैं या गैरहाजिर रहकर उन्हें झटका दे सकते हैं । इसी उम्मीद से भाजपा ने विधान सभा अध्यक्ष पद के लिए अपने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर को मैदान मे उतार दिया था । हालांकि, कपूर को जबर्दस्त मात मिली और कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल ने बहुमत हासिल कर जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की ।   

विधानसभा में कांग्रेस के 32, भाजपा के 31, बसपा के तीन, उत्तराखंड क्रांति दल के एक तथा तीन निर्दलीय विधायक हैं । राज्यपाल ने एक विधायक को मनोनीत भी किया है । 
राज्य की सत्ता गंवाने वाली भाजपा ने जब मुख्यमंत्री पर विधान सभा में विश्वासमत हासिल करने का दबाव बढ़ाया तो बहुगुणा ने बिना किसी हिचकिचाहट के पिछले दिनों विधान सभा में एक वाक्य का प्रस्ताव पेश कर विपक्षियों को भी चौंका दिया तथा उस प्रस्ताव पर प्रत्यक्ष रूप से वोटिंग करा अपना बहुमत साबित कर दिया जिसके विरोध में भाजपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया था । 
सदन में विपक्षी सदस्य गुप्त मतदान की मांग कर रहे थे । उन्हें यह उम्मीद थी कि यदि गुप्त मतदान हो जाएगा तो बहुगुणा के कथित विरोधी खेमे के विधायक मुख्यमंत्री को झटका दे सकते हैं लेकिन इस परीक्षा में भी बहुगुणा पूरे खरे उतरे तथा उनके पक्ष में 39 विधायकों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन दिया तथा उनकी सरकार द्वारा पेश किये गये लेखानुदान को भी पारित कर दिया । 
बहुगुणा ने सबसे महत्वपूर्ण अग्निपरीक्षा उस समय पास की जब राज्यसभा के लिये हुये चुनाव में गुप्त मतदान के जरिये 39 विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार महेन्द्र सिंह माहरा को अपना मत दिया जबकि भाजपा
उम्मीदवार अनिल गोयल को मात्र 31 मत ही मिले तथा उनकों आठ वोटों से पराजय का मुंह देखना पडा । 
भाजपा ने इस चुनाव में गुप्त मतदान के चलते क्रास वोटिंग के साथ बसपा और निर्दलीयों के वोट की भी उम्मीद की थी लेकिन उनकी आस धरी की धरी रह गयी । मुख्यमंत्री के तौर पर बहुगुणा ने विपक्ष 
की उम्मीदों को धराशायी कर अपना वर्चस्व स्थापित कर दिया ।

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Tweeter

Blog Archive

Welcome Friends

Election 2008

MoneyControl Watch List

Google Finance Market Summary

Einstein Quote of the Day

Phone Arena

Computor

News Reel

Cricket

CNN

Google News

Al Jazeera

BBC

France 24

Market News

NASA

National Geographic

Wild Life

NBC

Sky TV