कोल इंडिया के सारे रास्ते बंद हो गए! बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ ईंधन आपूर्ति करार पर दस्तखत करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से निर्देश जारी!
मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
कोल इंडिया के सारे रास्ते बंद हो गए!आखिर नवरत्न सरकारी कंपनी कोल इंडिया को निजी कंपनियों के हितों के मद्देनजर बलि का बकरा बना ही दिया गया। सरकार ने मंगलवार को कोल इंडिया लि. (सीआईएल) को बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ ईंधन आपूर्ति करार पर दस्तखत करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से निर्देश जारी किया। सीआईएल को इन समझौतों के तहत इन कंपनियों को कुल तय कोयले में से 80 फीसद की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को बिजली उत्पादकों के साथ 31 मार्च तक करार करने को कहा था, पर वह ऐसा करने में विफल रही। इसके बाद सरकार ने सख्ती दिखाते हुए यह कदम उठाया है।हालांकि, 80 फीसद प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहने की स्थिति में सीआईएल पर जुर्माने की महत्वपूर्ण धारा का मामला सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के निदेशक मंडल पर छोड़ दिया गया है।सरकार की इस पहल से विश्व की सबसे बड़ी कोयला कंपनी के शेयरधारक परेशान हो सकते हैं, लेकिन 30,000 मेगावॉट क्षमता की बिजली परियोजनाओं के लिए ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार इसे जरूरी मान रही है। कोल इंडिया के बोर्ड की 2 बार बैठक हो चुकी है और फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के मुताबिक राष्ट्रपति निर्देश की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दे दी गई है।श्रीप्रकाश जायसवाल को उम्मीद है कि 1-2 दिन में कोल इंडिया पावर कंपनियों के साथ करार करेगी। कोल इंडिया का बोर्ड एफएसए के पेनाल्टी क्लॉज पर फैसला लेगा।सरकार अपने एजंडे को लागू करने के मामले में किस हद तक सख्ती बरत सकती है, कोलइंडा.ा के मामले में राष्ट्रपति के दकल से यह साफ हो गया है।
इतनी बड़ी सार्वजनिक कंपनी के मामले में राष्ट्रपति का हस्ताक्षेप होना अपने आप में बड़ी बात है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति निर्देश के बाद अब कोल इंडिया को एफएसए करना ही होगा। कंपनी के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के क्लॉज 37 के तहत निर्देश जारी किया गया है। जल्द सरकार कोल इंडिया को पावर कंपनियों के साथ करार करने के लिए कहने वाली है। कंपनी ने पिछले सप्ताह हुई बोर्ड सदस्यों की बैठक के बाद बिजली कंपनियों के लिए ईंधन आपूर्ति अनुबंध (एफएसए) की कार्य योजना को मंजूरी दी थी। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोल इंडिया से कहा कि वह 80 फीसदी ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करे। टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा और अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी जैसे दिग्गज उद्योगपतियों के साथ जनवरी में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोल इंडिया के लिए 31 मार्च की समय सीमा निर्धारित की थी। इसके तहत कोल इंडिया को दिसंबर 2011 से पहले चालू सभी परियोजनाओं के लिए पूर्ण ईंधन आपूर्ति अनुबंध पर हस्ताक्षर करने थे। लेकिन कोल इंडिया इस समय सीमा का पालन नहीं कर सकी।उत्पादन में ऐतिहासिक गिरावट के मद्देनजर भारी जुर्माने के डर से कंपनी ने पिछले सप्ताह आनन फानन में निदेशक मंडल की 3 बैठक बुलाई और ईंधन आपूर्ति की कार्ययोजना को मंजूरी दी। कोल इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा निवेशक लंदन के द चिल्ड्रेन इन्वेस्टमेंट फंड (टीसीआई) ने निदेशक मंडल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी पहले ही दे दी है। टीसीआई का आरोप है कि सरकार के दबाव के कारण कंपनी अपने दायित्व के निर्वाह में विफल रही है।टीसीआई का कहना है कि निवेशकों के हित को अनदेखा करके सरकार कंपनी पर करार करने का दबाव बना रही है।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा, सरकार के पास कुछ आरक्षित अधिकार होते हैं। जब भी आपात स्थिति पैदा होती है उस अधिकार का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे ही हमें यह स्थिति दिखाई दी हमने इसका इस्तेमाल किया। इस वजह से यह निर्देश जारी किया गया है।उन्होंने कहा कि सीआईएल को बिजली उत्पादकों के साथ ईंधन आपूर्ति करार पर दस्तखत करने में दो-तीन दिन से अधिक नहीं लगेंगे।
जायसवाल ने कहा, जुर्माने के बारे में फैसला कोल इंडिया को करना है। उन्हें इसकी पूरी आजादी है।
सीआईएल के कुछ निदेशकों द्वारा जुर्माने को लेकर आपत्ति जताए जाने के मद्देनजर यह निर्देश आया है। यह संभवत: दूसरा मौका है जब सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की किसी कंपनी को इस तरह का निर्देश जारी किया है। इससे पहले 2005 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल इंडिया को राष्ट्रपति की ओर से निर्देश जारी किया था। उस समय गेल को दाहेज-उरान की 1,800 करोड़ रुपये की पाइपलाइन में एक विशेष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए यह निर्देश जारी किया था।
बिजली उत्पादक कंपनियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं विश्लेषकों का मानना है कि यदि सीआईएल ईंधन आपूर्ति करार को पूरा करने में सफल नहीं रहती है, तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सीआईएल का शेयर आज 0.65 प्रतिशत की बढ़त के साथ 342.75 रुपये पर बंद हुआ।
इस बीच कोल इंडिया के खिलाफ ब्रिटिश हेज फंड द चिल्ड्रेंस इनवेस्टमेंट फंड (टीसीआई) द्वारा हाल में की गई कार्रवाई के प्रति कोल इंडिया के छोटे, बड़े दोनों शेयरधारकों ने अपना समर्थन व्यक्त किया है। टीसीआई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि व्यक्तिगत और संस्थागत शेयरधारकों ने फंड के इस अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा है कि वह कम शेयर हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों के हित में है। कोल इंडिया का शेयरधारक टीसीआई लगातार फ्यलू सप्लाई एग्रीमेंट का विरोध कर रहा है। लेकिन सरकार ने टीसीआई की आपत्ति पर साफ कह दिया है कि निवेशक चाहें तो कंपनी में बने रह सकते हैं या उससे निकल भी सकते हैं।सरकार ने ये भी कहा है कि वो टीसीआई के दबाव में कोल इंडिया को करार करने से नहीं रोक सकती। इसके अलावा कोयला मंत्री ने ये भी साफ किया है कि कोयले की कीमत कोल इंडिया सरकार खुद तय करती है, सरकार इस बारे में कोई निर्देश नहीं देती। और न ही टीसीआई, कोल इंडिया पर कीमतों को बढ़ाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर जितना करने का दबाव डाल सकती है।
बिजनेस स्टैंटर्ट के मुताबिक कोल इंडिया में 700 शेयर रखने वाले शैलैंद्र मेहता ने टीसीआई को लिखे पत्र में कहा है, 'आपने जो कदम उठाया, उसके लिए धन्यवाद। मैं कोल इंडिया में 700 से अधिक शेयर रखता हूं। इस मामले में भारत सरकार की तानाशाही के आगे मैं अपने आप को असहाय महसूस कर रहा था।' मेहता के मुताबिक सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार सरकार को कोल इंडिया में 75 फीसदी से अधिक शेयर हिस्सेदारी नहीं रखनी चाहिए जो कि अन्य कंपनियों पर भी लागू होता है। टीसीआई के संचालित किए जाने वाले डब्ल्यूडब्ल्यू डॉट कोल4इंडिया डॉट कॉम के हवाले से मेहता ने कहा, 'उम्मीद है कि भारतीय कानून तेजी से निर्णय लेगी जिसे कि सरकार लेने में कामयाब नहीं हो पाई है।'
बिजनेस स्टैंटर्ट के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक कर्मा कैपिटल मैनेजमेंट की नंदिता अग्रवाल पार्कर ने बताया, 'हम आपकी स्थिति को पूरी तरह से समझ सकते हैं और आपकी कोशिशों को अपना पूरा समर्थन देते हैं। हमारा मानना है कि आपकी कार्रवाई से भारत में संस्थागत शेयरधारकों के लिए उदाहरण की तरह होगा। जिन्हें अतीत में असहमति की हालत में अपने निवेशकों के पक्ष में लडऩे के बजाए बाहर होना पड़ता था।' टीसीआई ने बताया कि कोल इंडिया में शेयर रखने वाले अन्य शेयरधारकों ने भी उसके साथ एकजुटता प्रदर्शित की है।
इस बीच देश में कोयला परियोजनाओं को जल्द पर्यावरण मंजूरी मिलने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। दरअसल, पर्यावरण मंत्रालय एक ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने पर काम कर रहा है जिससे कोयला परियोजनाओं को जल्द स्वीकृति मिल सकेगी। सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को कोयला उत्पादन बढ़ाने में आ रही मुश्किलों के मद्देनजर यह प्रस्तावित व्यवस्था बड़ी कारगर साबित हो सकती है। कोल इंडिया लिमिटेड ने कहा है कि खनन प्रस्तावों को पर्यावरण से जुड़ी मंजूरियां मिलने में हो रही काफी देरी होने के कारण 20 करोड़ टन कोयले का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। मालूम हो कि कोल इंडिया की 168 परियोजनाएं केंद्र एवं राज्य स्तरों पर पर्यावरण एवं वन मंजूरियां पाने का इंतजार कर रही हैं।
Total Pageviews
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
Unique
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
My Blog List
Hits
Tuesday, April 3, 2012
कोल इंडिया के सारे रास्ते बंद हो गए! बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ ईंधन आपूर्ति करार पर दस्तखत करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से निर्देश जारी!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg
Tweeter
issuesonline_worldwide
Visit Us
Traffic
Blog Archive
-
▼
2012
(5851)
-
▼
April
(829)
- देखना होगा कि ऐसे कटघरे कहाँ-कहाँ हैं?
- शेखर जोशी की अद्भुत प्रेम कहानी कोसी का घटवार
- टू जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सरकार के लिए गले की फां...
- Fwd: Hindimedia सिनेमा में साम्राज्यवाद विरोध का क...
- Fwd: [initiative-india] On this May Day / इस मजदूर...
- Fwd: Prabhat Ranjan shared a link: "वरिष्ठ पत्रकार...
- Aadhaar card fraud exposes registration process er...
- IMPORTANT REPORT: 16,000 people still living in 83...
- Madhu Limaye's 90th birthday celebrations & book r...
- EWS Admissions - Unaided Minority Schools exempted...
- Report of Convention Against Bathani Tola Aquittal...
- MUSLIM VISION- 37 Muslim specific Rural developmen...
- উচেছদ- প্রতিবাদে আবার সরব নোনাডাঙা
- উত্তপ্ত নোনাডাঙা, লাঠিচার্জ পুলিসের
- রবীন্দ্রনাথের `চার-অধ্যায়` আজকের গল্প জানালেন পরিচালক
- রাষ্ট্রপতি পদে সমর্থন নয় প্রণব-আনসারিকে, ঘোষণা বিজ...
- जश्न की सूरत और सीरत
- साइबर अपराध से निपटने के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत...
- राहुल ने कार्यकर्ताओं को निराशा से उठकर लोकसभा चुन...
- .अब सचिन, ऐश्वर्या के बाद ‘अखिलेश आम’ की बारी
- बेटी की हत्या के मामले में सलाखों के पीछे पहुंची न...
- ये भी मादरे हिंद की बेटी हैं...
- आईला ! नो राजनीति
- भूतेर भविष्यत् देखी क्या !
- मिलावट की गारंटी देते दुकानदार
- मजदूर वर्ग की नयी एकजुटता के लिए पहल करो !!
- अन्ना हजारे का मनोविज्ञान ——- एक ‘खारिज’ बूढ़े की त...
- आज फासिज्म की पराजय और जनता की विजय का महादिवस है -
- सब तो ठीक है, पर आप खुद क्या कर रहे हैं चेनॉय सेठ?
- हरिश्चंद्र की भूमिका मेरे रचनात्मक जीवन की उपलब्...
- प्लीज प्लीज … विकी डोनर अब तक नहीं देखी तो देख आइए!
- भूत के भविष्य में वर्तमान की नियति!
- Fwd: हस्तक्षेप.कॉम बोफोर्स दलाली कांड सच्चाई है और...
- शाह आलम बनें अमिताभ और रेखा बन जाये समरु बेगम!
- Fwd: 5 मई को लॉन्च होगा हिमाचल दस्तक, एनसीआर से एक...
- ppeal to raise NIBBUSS issues in the Houses of Par...
- 1 lakh seek justice for Manipur youth
- Mamata’s best day in office - Crackdown on trio wh...
- संकट यह विकराल है, कहां बैठे डबराल हैं! [ #Anantar ]
- हाशिया खींचना ठीक नहीं
- प्रेमचंद: अपने अपने राम
- असल दोषी कौन
- खेल नहीं तमाशा
- ‘एक रैंक एक पेंशन’ सिद्धांत पर सहमत है केंद्र
- राष्ट्रपति चुनाव को लेकर करूणानिधि से मिले एंटनी, ...
- हमने उन्हें जासूस समझा था… लेखक : अरुण कुकसाल :: अ...
- शराब को इस नजरिये से भी देखिये लेखक : शंम्भू राणा ...
- हमने तो ढोर डंगरों से अंग्रेजी सीखी! (09:21:05 PM)...
- स्टिंग, सीडी, साज़िश, सज़ा और सियासत
- शिक्षा अधिकार कानून के समझ मुश्किल भरी चुनौतियां
- अधिकारियों ने समाज कल्याण विभाग के १४१६ लाख रुपयो...
- सिनेमा में साम्राज्यवाद विरोध का कारपोरेट तात्पर्य!
- अपने रचे हुए को अपने भीतर जीते भी थे विद्यासागर नौ...
- ‘टाइम’ से नहीं लगाया जा सकता राजनेता की लोकप्रियता...
- सैंया भये कोतवाल
- बोफोर्स दलाली कांड सच्चाई है और बंगारू घूसकांड निर...
- ‘भारत माता रोती जाती निकल हजारों कोस गया’
- सिनेमा में साम्राज्यवाद विरोध का कारपोरेट तात्पर्य!
- Fwd: Prabhat Ranjan shared a link: "आज 'जनसत्ता' क...
- Fwd: वे जो कलक्टर नहीं बन सके
- Fwd: [Dalit Diary] http://www.dailypioneer.com/sun...
- वाशिंगटन से फिर सुधार मुहिम तेज करने के संकेत,अब द...
- Fwd: हस्तक्षेप.कॉम ये भी तो मादरे हिंद की बेटी है!
- Fwd: Prabhat Ranjan updated his status: "'शेखर: एक...
- Fwd: [Young india] Police lathi-charged and lobbed...
- Fwd: [11 मई 2012 को प्रोन्नति एवं ठेकेदारी में आरक...
- NAPM Demands Withdrawal of vindictive cases agains...
- High Court Bench restrains police from arresting l...
- The Spectre Of Fascism By Rohini Hensman
- MAHARASHTRA RTI RULES AMENDMENT passed by Assembly...
- More than one involved in Aadhaar scam: Cops
- Bill extends time limit for quota to SC/ST, OBCs i...
- Minister’s job at Writers’: Tell ‘what kind of wom...
- NGOs for clause exemption - Meghalaya groups conti...
- Fwd: UPDATE - harassment of one tribal man & his m...
- Bangaru Laxman sentenced to 4 years in jail for ac...
- बंगारू लक्ष्मण को चार साल की जेल
- रुश्दी की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने ...
- भ्रष्टाचार से कौन डरता है
- रामदेव ने किया आंदोलन के तीसरे चरण का ऐलान
- पदोन्नति में आरक्षण नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- पेट्रोलियम पदार्थों के दाम तर्कसंगत बनाने की जरुरत...
- डीएम की रिहाई के लिये मध्यस्थ पहुंचे जंगल
- फेसबुक का तोड़ भी आया इंटरनेट पर
- बाहरी दबाव का खेल, भाजपा कांग्रेस का मेल! आपकी बात...
- आतंकवाद के नाम हौव्वा खड़ा करके मुस्लिमों को बदना...
- सचिन को मोहरा बनाकर मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती...
- काश मैं बैठक की रिकॉर्डिंग कर लेता तो पूरा देश टीम...
- इस गांव की बेटियां बिकने के लिए मुंबई भेज दी जाती हैं
- अलेकेपन और धर्म का दंश : मेघा उर्फ महजबीं की दर्दन...
- Fwd: Prabhat Ranjan shared a link: "मूलतः डॉक्टर र...
- Fwd: Inauguration of Bhagwan Parshuram Community C...
- What if Parliamentary Panels report that castigate...
- Fwd: हस्तक्षेप.कॉम भारत विभाजन के अपराधी
- गार के दांत तोड़ने की पूरी तैयारी!
- Fwd: Hindimedia
- Fwd: Today's Exclusives - Pratibha Patil gives up ...
- ‘Biometrics are not as perfect as some politicians...
- Case under SC/ST Act against Amity staff-
- Dalit body wants sops for sweepers
-
▼
April
(829)


No comments:
Post a Comment