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THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

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Monday, July 2, 2012

Fwd: बिगडीं बेटी से ब्व़े बाबुं दुःख -व्यथा कथा



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From: Bhishma Kukreti <bckukreti@gmail.com>
Date: 2012/7/2
Subject: बिगडीं बेटी से ब्व़े बाबुं दुःख -व्यथा कथा
To: kumaoni garhwali <kumaoni-garhwali@yahoogroups.com>, arju <uttranchalkalasangam@googlegroups.com>, uttarakhandpravasi <uttarakhandpravasi@yahoogroups.com>, nirala utterakhand <niralautterakhand@gmail.com>, shilpkaar_of_uttaranchal <shilpkaar_of_Uttaranchal@yahoogroups.com>


                      बिगडीं बेटी से ब्व़े बाबुं दुःख
                          भीष्म कुकरेती
बिसेशुर - अरे पर ! मि कनाडा मा छौ त क्या ह्व़े ग्याई. अच्काल कनाडा बिटेन दुगड्ड मा आण मा कथगा घंटा लगदन ? फोन मा बतै दीन्दो त मि चौबीस घंटा मा टोरेन्टो से इख पौंची इ जान्दो.
परमेसुर- पण भैजि ! अब मि भरवस मा रौं कि आज ना भोळ ना परस्युं त सुधरी इ जाली !
यशोदा (परमेसुर घरवळी ) - पण सुंगरूं दगड़ मांगळ लगैक क्या हूंद !
बिशेसुर- ब्व़े तबि बुल्दी छे कि ए परमेसुर न पिछ्ल्वाड़ी क बाड़ी खयुं च . त्वे तैं टैम पर कुछ बि नि सुझदी. जब टैम थौ त तीन कुटद्वर छोड़िक ये गैर गदन दुगड्ड मा जगा ल्याई अर फिर बच्चा पढ़ाणो बच्चो तै कुटद्वर म किरायो पर मकान खूब ल्याई इन ना कि उखि कोटद्वार मा मकान ले लींद अर इख जाणि दीन्दी. बच्ची दगड मा रौंदी त त्वे तै वींक चाल चलन पता लग जांद . अब बीस सालू ह्व़े ग्याई वा.
सरवेसुर --.पण परमेसुर भैजि ! चलो बिसेशुर भैजी त कनाडा छ्या मि त इख दिल्ली मा छयो कि ना ? अब जब आपन फोन कार त कन ऐ गवां हम द्वी भाई ! अरे बेटी कैकी बि ह्वाओ तुमारि या मेरी सब्युं क बरोबर इ च .
यशोदा (परमेसुर क घरवळी ) - ह्यां बेटी क बबाल इनी करदा त फिर क्या हूंद? भली बात थुका छे जु हम डौंर बजै क धाई ध्यू लगान्दा
बिसेशुर - पण ब्वारी अब त बबाल नि बि होलू पर बेटी त अणबिवा इ रालि कि ना ?
सरवेसुर- भैजि या बात दिल्ली तलक पौंचलि त मेरी बारा सालै बेटी स्वीटी क बि अणभरवस ह्व़े जालि. कै बि छ्वारा न समणि नि आण .
यशोदा - ए सरवेसुर ! ह्यां बुन्याल बल उख दिल्ली मा त छ्वारो कमी थुका च इ ना सै क्वी त आलो स्वीटी क घिराण मा . मुस्किल त हमारि हुईं च इख उनि बि छ्वारो तादात कम च अर फिर ज़रा जरा कैरिक बात सबि जगा सौरी गे कि हमारि बेटी जौली कै ढंग की च.दुगड्ड अर कोट्द्वारा क हरेक नौनु तै पता च की जौली कै किस्मौ नौनी च . क्वी बि जौली क्या हमारो बि ध्वार नि आंदो.
सरवेसुर- भैजि गाँ ज़िना ?
यशोदा - काण्ड इ त लगीं छन की गाँ जिना बि जौली क बात सौर गे, फैली गे.
बिसेशुर - ये सरवेसुर! इन कौर तू जौली तै दिल्ली ली जा. उख कै तै बि पता नि होलू अर सैत च जौली उख सुदरि जालि
यशोदा - ना भै कखि तै सरवेसुरै बेटी स्वीटी बि जौली जन ह्वे जालि त लोक ब्वालल की हमन अपण बेटी सुदारणो बान द्युरो इख भ्याज अर द्विराणि क बेटी इ बिगाड़ द्याई
बिसेशुर - अच्छा ! डाक्टर म बि दिखाई ?
परमेसुर- हाँ एक ना पाँच छै डाकटरूं मा दिखै आल.
सरवेसुर- क्या बुलणा छन डाक्टर?
परमेसुर-ऊँन क्या बुलण ! सौब बुलणा छन कि फिकर करणै जरुरत नी च .बल या बात त नॉर्मल च. अर बुलणा छन बल जब तलक जौली क इच्छा नि होली उ कुछ नि कौर सकदन
यशोदा - हाँ ऊंक ले क्या जाणो च. मौ त मेरी होणि च बर्बाद. मी अब मुख दिखाण लैक बि नि छौं.
सरवेसुर- पण भाभी जी तुम त हमर कुटुम मा सबसे समजदार छंवां. हम त तुमि तै समजदार माणदवां . जब तुम तै पता चौली गे छौ त तुमन जौली तै समजाण छौ कि ना?
यशोदा- कनी लगाई मीन आग.
परमेसुर- हाँ जब वा बारा बरस की छे त ..तबी बिटेन ...
यशोदा- कति दै हमन समजाई. मेरी ब्व़े न समजाई. म्यार द्वी भुलों न कथगा समजाई
परमेसुर- हाँ जौली क मामा अर माम्युं न कथगा समजाई
यशोदा - पिछ्ला तीन सालुं से त वा रोज मेरी मार खाणि च. कबि मी मुठक्यान्द छौं . कबि थपड्यान्द छौं.
परमेसुर- एक दै त मीन गुस्सा मा मुछ्यळ न डामि दे .
बिसेशुर - इथगा ढीठ ह्व़े ग्याई हमारि जौली ?
सरवेसुर- पण दिख्याण मा त वा अणबुल्या नी च .
यशोदा- कन ज्यू जळदो म्यार ! जब मी दूसरों बेट्यूँ तैं स्याम दै दिखदु. अर एक हमारि च बुलणो बेटी ...कखि जोग मुक दिखाण लैक नि राख यीं कुलच्छणि न
परमेशुर- मीन त आस छोडि याल
यशोदा - मेरी दगड्याणि , पछ्याणक वळि जब अपण बेट्यु बारा छ्वीं लगांदन त क्या बीतदी मेरी जिकुड़ी मा. अर सौब औड़ -औडिक मेरी बेटी क बारा मा पुछ्दन . वैबरी त ज्यू बुल्यांद पट खड्यारि द्यूं यीं जौली तै. पन फिर जब नौ मैना क याद आन्द त फिर ..
ममता (सरवेसुरक घरवळी) - ये दीदि ! इन करदवां अब हम सौब समजौला.
यशोदा- अब तुमि लोगूँ सारु च .समजावा अर सैत च समजाण मा ऐ जावा.
बिसेशुर - अच्छा बुलाओ त सै जौली तै .
सरवेसुर- भाभी जी तुम बीच मा डांटिन ना.
ममता - ये बेटा जौली ! डार्लिंग जौली !
जौली- आंटी आन्द छौ जरा मी द मिस्टीक वैरिओर कु लास्ट पैरा पढ़णु छौं
बिसेशुर - ऊँ ऊँ .. यू उपन्यास त आध्यात्मिक च
ममता - बीस सालक उमर मा यू उपन्यास !
जौली - एस आंटी टेल मी . यू कॉल्ड मी ?
बिसेशुर - बेटा यि क्या सुणना छंवां हम?
जौली - बडा जी ! आईम अनअवेयर व्हट यू आर हियरिंग
यशोदा- जन बुल्यां तू द्वी सालक बच्ची छे ! समजिक बि बुलणि च बल व्हट दे आर हियरिंग व्हट दे आर लिसनिंग .
जौली - मोंम ! जु तीन तून-ताना दीणो बुलाई त मी जांदू छौं. उनि बि म्यार क्लब जाणो टैम ह्व़े ग्याई.
सरवेसुर- भाभी जी जरा तुम चुप राओ ना.
ममता - यू क्लब क्या च ?
जौली - आंटी ये क्लबौ नौ च - चेस्टीटि चेस्तिती फॉर ऑल एज
ममता - क्या क्लब ?
यशोदा- अरे ब्रह्मचर्य का नियम सिखान्दन ये क्लब मा
बिसेशुर - पण बेटा या उमर त तेरी डेटिंग पर जाणै क च
ममता- ए जौली जिठा जी ठीकी बुलणा छन या उमर त रोज स्याम दै बॉय फ्रेंडु दगड मौज करणै च
जौली - हाँ उख म्यार बि बॉय फ्रेंड छन.
यशोदा- हाँ छन पण सौब ब्रह्मचर्य कु पुजारी छन
जौली - बट व्ह्ट्स रोंग इन ओबेइंग ब्रह्मचर्य
सर्वेसुर - बेटा अच्काल कु जामाना मा क्वी जवान बेटी डेटिंग छोड़िक ब्रह्मचर्य क छ्वीं लगान्दी त भौत बदनामी होंद, बेटा!
ममता - अर इख दुगडा मा इ ना डिल्ली अर कनाडा मा बि हमारो परिवार की बडी बदनामी होली कि हमारी भतीजि अबि तलक ब्रह्मचारिण च
बिसेशुर - बेटा जब कनाडा मा इन्डियन सुणल कि तू अबि तलक ब्रह्मचारिण छे त इन्डियन सोसाइटी मा हमारि नाक कटि जालि. हमारो बणयूँ -बुणयूँ स्टेटस माटू मा मिल जालु
सर्वेसुर- बेटा तेरी उमर त डेटिंग पर जाणै च .हमन त अपणी स्वीटी तै अबि बिटेन नौनु दगड उठण बिठंळण गिजे याल अर वा बि अब बिगरौ से अपण बॉय फ्रेंडु बारा मा हम तै पूरो बिरतांत सुणान्दी.
यशोदा - याँ इख कम छन ! सी बगल कि कृष्णा मतबल क्रिस्टी तै देखी ल्याव्दी सुबेर एक बॉय फ्रेंड अर स्याम डै दुसर बॉय फ्रेंड. बॉय फ्रेंड त वा इन बदलिद लड़ जन बुल्यां फिरौक बदलणि ह्वाऊ अर समण्याकि मिस्टी त हर रोज अपण बॉय फ्रेंड क दगड इख दुगड्ड मा घुमणि रौंदी अर ऐत्वारो खुणि सुबेर बस से कोटद्वार हैंको बॉय फ्रेंडो घुमणो चलि जांदी. अर हम तै जळाणो बान जोर से धाई लगान्दी ," ममी आइ ऐम गोइंग टु विजिट माई न्यूअर बॉय फ्रेंड ऐट कोट्द्वारा'. अर मी ज्यू मारिक रै जान्दो . या खड़रींक त मई एक्सपीरियंस विद ब्रह्मचारी किताब मा बिज़ी रौंद .
जौली - अछा ! चचा ! तुम त अफु तै रेडिकल अर कम्पोज्ड थिंकर समजदवां. जरा ब्थाव्दी कि ब्रह्मचर्य पालन मा क्या कमी च ?
सर्वेसुर- ब्रह्मचर्य पालन मा कुछ कमी नी च बस समौ, जगा अर वर्ग या वर्ण को त खयाल करण इ चयेंद कि ना ?
जौली- कुज्याण ! ननी क टैम पर नौन्यु कुण पाबंदी छे छ्वारों तरफ द्याखो बि ना , ब्व़े क टैम पर नौन्यु कुणि पाबंदी छे बल छ्वारो दगड नी घुमो अर अब च कि दस दस बॉय फ्रेंड बणाओ. म्यरो इकास्टी क्लब मा अनुशासन भौत सख्त च . मी त क्लब जाणु छौं . स्याम दै आज मी बडा जी कुण शिकारो रसा आर कळेजि भूटण बणौल . मी अबि चल्दो छौं
यशोदा - कळेजि त तीन मेरी खै याल ...
सर्वेसुर- भैजी मै नि लगद जौली हमारी बात सूणलि ....
यशोदा - मतबल मेरी मवासी त घाम लगी कि ना स्या पचीस साल तक ब्रह्मचारिणि राली त फिर कुज्याण क्वी तैकू दगड ब्यौ बन्द करदो च कि ना . अब त अरेंज्ड मैरिज को ज़माना त रै नि गे कि झूट सच बोलिक ब्यौ करै लीन्दा . अब त काण्ड लगि गेन ये जमानो पर पैल साल छै मैना डेटिंग पर जाओ फिर कुछ दिन दगड़ी राओ अर तब जैक समज मा ऐ गे त ब्यौ कारो ...अब त अरेंज्ड मैरिज क्या हुंद क्वी नि जाणदो
ममता- दीदि ! स्याम दै जौली तै फिर समजौला
यशोदा- कुज्याण कुज्याण ..
Copyright@ Bhishma Kukreti 2/7/2012

--
 


Regards
B. C. Kukreti


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